IPO क्या होता है

LIC IPO में क्या लिस्टिंग के बाद आपको फटाफट प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए?
इस इश्यू को लेकर इनवेस्टर्स में जिस तरह का उत्साह दिखा, उससे लगता है कि ज्यादातर इस आईपीओ में लिस्टिंग गेंस के लिए इनवेस्ट कर रहे हैं
LIC का मेगा IPO 9 मई को बंद हो गया। 17 मई को यह स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट होगा। क्या आपने इस इश्यू में फटाफट मुनाफा कमाने के लिए इनवेस्ट किया है या आप लॉन्ग टर्म इनवेस्टर हैं? यह सवाल आपको खुद से जरूर पूछ लेना चाहिए। दरअसल, इस इश्यू को लेकर इनवेस्टर्स में जिस तरह का उत्साह दिखा, उससे लगता है कि ज्यादातर इस आईपीओ में लिस्टिंग गेंस के लिए इनवेस्ट कर रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ऐसा इश्यू है, जो दोनों तरह के इनवेस्टमेंट के लिए सही है। फटाफट मुनाफा बुक करना ठीक रहेगा या लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट सही रहेगा, यह फैसला आपको करना होगा। अगर आपके पास ऐसा पैसा है, जिसे आप कुछ साल तक शेयरों में रख सकते हैं तो फिर एलआईसी का शेयर आपको निराश नहीं करेगा। अगर आप पैसे को लंबे समय तक ब्लॉक नहीं करना चाहते हैं तो आप फटाफट प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
एक प्रमुख फंड मैनेजर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "सरकार ने एलआईसी की वैल्यूएशन घटाई है। इससे यह आईपीओ अट्रैक्टिव हो गया। कंपनी की बुनियादी स्थिति मजबूत है। ग्रोथ की भी अच्छी संभावना है। तीन से चार साल में यह शेयर बहुत अच्छा रिटर्न दे सकता है। अभी कई ऐसे मोर्चे हैं, जहां एलआईसी की स्थिति कमजोर है। कंपनी वहां अपनी स्थिति मजबूत कर प्रॉफिट कमाने की अपनी क्षमता में बढ़ोतरी कर सकती है।"
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अगर आप फटाफट प्रॉफिट बुक करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं। यह शेयर 17 मई को लिस्ट हो रहा है। ग्रे मार्केट में शेयर प्राइस को देखने से थोड़ी लिस्टिंग गेंस की उम्मीद दिख रही है। ग्रे मार्केट में इस शेयर का प्रीमियम अब बहुत घट गया है। अभी ग्रे मार्केट में इस पर प्रति शेयर 16 रुपये का प्रीमियम चल रहा है।
अगर यह शेयर 16 रुपये के प्रीमियम के साथ लिस्ट होता है तो इनवेस्टर्स को थोड़ी लिस्टिंग गेंस हो सकती है। अगर किसी इनवेस्टर ने रिटेल कैटेगरी में बोली लगाई है और उसे एक लॉट यानी 15 शेयर तक एलॉट होते हैं तो उसका कुल प्रॉफिट 915 रुपये (15X61) होगा। इस कैलकुलेशन में प्रति शेयर 45 रुपये का डिस्काउंट जोड़ा गया है। 45 रुपये डिस्काउंट के बाद आपको कट-ऑफ प्राइस 904 रुपये होगा। इसी तरह पॉलिसीहोल्डर्स को इससे ज्यादा प्रॉफिट होगा, क्योंकि उसे प्रति शेयर 60 IPO क्या होता है रुपये डिस्काउंट मिला है।
यह अनुमान ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर पर चल रहे प्रीमियम के आधार पर लगाया गया है। अगर शेयर ज्यादा प्रीमियम के साथ लिस्ट होता है तो आपका प्रॉफिट बढ़ जाएगा। अगर अगले 4-6 दिन में स्टॉक मार्केट की स्थिति सुधरती है तो अच्छी लिस्टिंग की उम्मीद की जा सकती है।
IPO in Hindi – आईपीओ क्या है ,आईपीओ में कैसे करें निवेश?
IPO (Initial Public Offering) में निवेश कर मुनाफ़ा कमाना किसे पसंद नहीं है. पर क्या हम सही आईपीओ में अपने पैसे को निवेश कर रहे है ? इस बात को समझना ज्यादा जरूरी है. अक्सर कम्पनियाँ अपना आईपीओ जारी कर पैसा जुटाने का प्रयास करती हैं ताकि मुनाफ़ा कमा सकें या फिर कंपनी को जब अतिरिक्त पूँजी की आवश्यकता होती है तो वह अपना IPO जारी करती है.
कई बार सरकार विनिवेश की नीति के तहत भी आईपीओ लाती है. ऐसे में किसी सरकारी कंपनी में कुछ हिस्सेदारी शेयरों के जरिए लोगों को बेची जाती है. इसलिए अपना पैसा किसी भी कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें.
IPO IPO क्या होता है क्या है What is IPO
IPO के जरिए कंपनियां अपनी पूँजी जुटाती हैं. आईपीओ का मतलब होता है इनिशियल पब्लिक ऑफर. आईपीओ को पब्लिक इशू भी कहते हैं. Initial Public Offering जब भी कंपनियां अपने कॉमन स्टॉक या शेयर पहली बार बाजार में जनता के लिए जारी करती हैं. तो उसे IPO लाना कहा जाता है. किसी भी कंपनी द्वारा जारी आईपीओ में निवेश करने के पहले उसे कंपनी की पूरी जानकारी ले कर ही अपना पैसा निवेश करना चाहिए ताकि IPO के जरिये आप पैसा कमा सकें.
क्यों लाती है कम्पनी आईपीओ
IPO अक्सर नई कंपनियों द्वारा अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए जारी किया जाता है. जब IPO क्या होता है किस कंपनी के पास पैसों की कमी हो तो अक्सर वो कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO के माध्यम से पैसा जुटाना का प्रयास करती हैं.
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ऐसे करें आईपीओ में निवेश
हमेशा मुनाफ़ा घाटे के साथ और घाटा मुनाफ़े के साथ जुड़ा होता है. इसलिए आईपीओ में निवेश करने से पहले किसी अच्छे कर सलाहकार से या सालों से आईपीओ का काम देखने वाले ब्रोकर की सलाह के बाद जिस कम्पनी को आप निवेश के लिए चुन रहे हों, उसकी तुलना अन्य आईपीओ लाने वाली कम्पनियों से कर लें. साथ ही IPO की कीमत और कंपनी की भी पूरी जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें.
IPO में निवेश का फायदा
आईपीओ में निवेशक की तरफ से लगाई गई पूंजी सीधे कंपनी के पास जाती है. वैसे सही मायने में तो विनिवेश के मामले में IPO से हासिल रकम सरकार के पास जाती है, जब इन शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाती है तो शेयर की खरीद और बेच से होने वाला नुकसान और मुनाफा उस शेयर धारक को मिलता है.
आईपीओ और निवेश
आईपीओ में निवेश नुकसान का सौदा भी हो सकता है क्योंकि जब कोई भी कंपनी अपना IPO बाजार में जारी करती है तो उस कंपनी के IPO में निवेश करने वाले के पास कंपनी के पर्याप्त आंकड़े नहीं होते हैं और अक्सर कम्पनियां जब अस्थिरता के दौर से गुजरती हैं, उस दौरान कम्पनी IPO जारी करती हैं ताकि बाजार में बने रहें. ऐसे में बिना आकड़ों के किसी निवेशक के लिए यह तय करना कठिन होता है कि उस कंपनी का शेयर भविष्य में फायदेमंद होगा या नहीं.
कैसे तय होती है कीमत
कोई भी कंपनी का IPO फिक्स्ड प्राइस या बुक बिल्डिंग इन दो तरीकों से पूरा हो सकता है। फिक्स्ड प्राइस में जिस कीमत पर शेयर पेश किए जाते हैं, वह पहले से तय होती है और बुक बिल्डिंग प्रक्रिया में शेयरों के लिए कीमत का दायरा तय होता है, जिसके लिए निवेशकों को अपनी बोली लगानी होती है। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।
सेबी और आईपीओ
SEBI आईपीओ लाने वाली कंपनियों के लिए एक सरकारी नियामक है. यह IPO IPO क्या होता है लाने वाली कंपनी से नियमों का कड़ाई से पालन करवाती हैं. इसलिए कम्पनी हर तरह की जानकारी SEBI को देने के लिए बाध्य होती हैं.
कंपनी द्वारा सेबी को दी गयी जानकारियों की और कम्पनी की IPO क्या होता है सेबी जाँच करवाती है ताकि निवेशको के हितों की और उसके पैसों की रक्षा हो सके. सेबी के नियम सख्त होने की वजह से ही निवेशक IPO में पैसा लगाते हैं. निवेशको के हितों की रक्षा के लिए समय-समय पर इसके नियम बदलते रहते हैं.
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दोस्तों क्या आप जानते हैं IPO क्या होता है? हमने बहुत बार IPO के बारे में सुना होगा. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं की IPO Kya Hai. जो लोग शेयर मार्केट में अपनी रुचि रखते हैं उनको IPO के बारे में जरूर मालूम होगा. बहुत से लोग शेयर मार्केट में अपनी पूंजी को लगाना चाहते हैं और वहां से IPO क्या होता है मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं. तो अगर आप मार्केट से बहुत जल्द मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको IPO के बारे में जानना बहुत जरूरी है. इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप को समझये गे की IPO क्या है? (What is IPO).
What is IPO ? (IPO Full Form)
IPO का मतलब होता है Initial Public Offering (इनिशियल पब्लिक ऑफर). जब भी कोई कंपनी शेयर मार्केट में (NSE / BSE) अपने आपको लिस्ट कराती है. तो वह IPO - Initial Public Offering निकालती है. IPO की सहायता से वह मार्केट से पैसा इकट्ठा करती है. उदाहरण के लिए मान लीजिए आपकी एक कंपनी है. ABCD Limited. इस कंपनी को आप शेयर मार्केट में लिस्ट कराना चाहते हैं. तो इस कंपनी में आप IPO - Initial Public Offering के रूप में एक बड़ी मात्रा में शेयर निकालते हैं. जैसे हम शेयर मार्केट से जाकर शेयर IPO क्या होता है खरीद सकते हैं. उसी तरह IPO में भी पैसा लगाया जाता है. IPO - Initial Public Offering में जैसे मान लीजिए एक Lot की Cost ₹15000 है. और इन ₹15000 में आपको ₹15000 वैल्यू के शेयर दिए जाएंगे. मान लीजिए अगर उस कंपनी के 1 शेयर की वैल्यू ₹500 रखी गई है. तो आपको 30 शेयर मिल जाएंगे.
IPO - Initial Public Offering को एक Example की सहायता से समझते हैं.
मान लीजिए अगर आपने एक शेयर ₹20 का खरीदा. जिस दिन वह शेयर मार्केट में लिस्ट होगा उस दिन उसकी वैल्यू ₹25 है ₹30 या ₹40 तक भी जा सकती है. और आप आसानी से उसे बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. IPO का प्रोसेस क्या है जब भी कोई कंपनी आईपीओ लाना चाहती है. तो वह एक Fund Organizer को Hire करती है. जिसे हम इन्वेस्टमेंट बैंक भी कह सकते हैं. इसे आप इस तरीके से समझ सकते हैं कि जितने भी बैंक है जैसे HDFC Bank या आ ICICI Bank. इन का काम मार्केट में आईपीओ लाना भी होता है. यह दूसरी कंपनियों की आईपीओ लाने में सहायता करते हैं. और एक मर्चेंट की तरह काम करते हैं. इसके बाद वह बैंक सारा फाइलिंग प्रोसेस करता है. फाइलिंग प्रोसेस करने का मतलब यह है कि उस कंपनी का सभी लीगल एक्टिविटी start होती है. आईपीओ लाने के लिए अंडरराइटर के साथ-साथ बैंक अपना पूरा effort लगाता है. ताकि वह कंपनी के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड मार्केट से उठा सके और इसका फायदा उस मर्चेंट यानी बैंक को भी मिलता है. लेकिन कोई भी बैंक इतनी बड़ी है जिम्मेदारी लेने से पहले कंपनी के बारे में बहुत सारी है रिसर्च करता है. जैसे कंपनी का बिजनेस क्या है. कंपनी मैं क्या Risk है. कंपनी के ऊपर कोई कर्जा है या नहीं.
लेकिन IPO में पैसा लगाने से पहले आपको एक Demat Account खुलवाना होता है. ताकि आप आसानी से किसी भी IPO में पैसा लगा सके.
क्या है IPO | IPO क्या है? यह कैसे काम करता है? क्या है इसका उद्देश्य? | What is IPO |
LIC का IPO आज, आप शेयर ख़रीद रहे हैं तो इसे पढ़िए
शेयर बाज़ार की हर गिरावट को थामने के लिए भारत सरकार जिस एलआइसी पर भरोसा करती थी. उसी एलआइसी का आइपीओ आ रहा है और हर ख़ास ओ आम के लिए मौक़ा है कि वो अब इस कंपनी का मालिक, भागीदार या शेयर होल्डर बन जाए जो इस देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है नहीं, भरोसे का सबसे बड़ा प्रतीक भी है.
एलआइसी का प्रतीक चिन्ह यानी लोगो है दो हाथ, तेज़ हवा से दिए को बचाने की मुद्रा में आसपास आधे बंधे और आधे खुले हुए दो हाथ. और उसके नीचे लिखा है - योगक्षेमं वहाम्यहम्!
यह जीवन बीमा निगम का सूत्र वाक्य है. हालांकि अब ज्यादा मशहूर टैग लाइन है - ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी. लेकिन आज भी एलआइसी के लोगो के नीचे आप यह पुराना सूत्र वाक्य लिखा पा सकते हैं. यह गीता के एक श्लोक का हिस्सा है.
गीता के रूप में योगेश्वर कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया उसके नवें अध्याय में से यह छोटा सा हिस्सा जिसने भी जीवन बीमा निगम के लिए चुना उसकी तारीफ़ करनी चाहिए. इसका अर्थ है कि मैं तुम्हारी पूरी कुशलता का ज़िम्मा लेता हूँ. यानी आपकी पूरी चिंता का बोझ मैं उठा लूंगा. जो तुम्हारे पास है उसकी रक्षा करूंगा और जो नहीं है वो तुम्हें दिलवाऊंगा.
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सबकी नज़रें एलआईसी आइपीओ पर
भारत में करोड़ों लोग एलआइसी पर ऐसा ही भरोसा करते आए हैं. 1956 में देश में बीमा कारोबार का राष्ट्रीयकरण हुआ और लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा का पूरा कारोबार समेटकर एलआइसी के हवाले किया गया. तब से ही भारत में जीवन बीमा का मतलब एलआइसी ही होता रहा है. बहुत से लोग बोलचाल में कहते भी हैं कि एलआइसी करवा लिया. यानी बीमा करवा लिया.
लेकिन इस वक़्त एलआइसी का मतलब शेयर बाज़ार और सरकार के लिए कुछ और ही है. और शेयर बाज़ार से जुड़े या जुड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए भी. फिर भले ही वो इन्वेस्टमेंट की जर्नी नई शुरू करने वाले हों या फिर बरसों से शेयर बाज़ार में जमे हुए पुराने खिलाड़ी.
सब इंतज़ार में हैं, देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआइसी यानी भारतीय जीवन बीमा निगम के आइपीओ के. और अब यह इंतज़ार खत्म हो रहा है. हालांकि जितना इंतज़ार हुआ, उसके मुक़ाबले फल उतना मीठा नहीं है.
एलआइसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी होने के साथ ही देश के सबसे बड़े ज़मींदारों में से भी एक है. देश के हर बड़े छोटे शहर में इसके पास प्राइम प्रॉपर्टी है. पैसा भी इतना है कि यह शेयर बाज़ार को चढ़ाने और गिराने का दम रखती है.
जेफ्रीज़ ने कुछ समय पहले एक रिसर्च नोट निकाला, जिसके हिसाब से लिस्टिंग के बाद एलआइसी की कुल हैसियत 261 अरब डॉलर के क़रीब हो सकती है. सरकार कह चुकी थी कि वो इसका पाँच से 10 पर्सेंट हिस्सा ही बेचने के लिए आइपीओ ला सकती है.
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26 अरब डॉलर के शेयर
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10 पर्सेंट भी बिका तो वह 26 अरब डॉलर यानी क़रीब एक लाख 92 हज़ार करोड़ रुपए का इशू होता.
हालांकि, यह बात साफ़ हो चुकी थी कि सरकार एक बार में एलआइसी का पाँच पर्सेंट से ज़्यादा हिस्सा नहीं बेच पाएगी. पांच पर्सेंट का मतलब भी था कि सरकार एलआइसी के 31 करोड़ 72 हज़ार तक शेयर बाज़ार में बेचने के लिए उतारेगी.
इन शेयरों का भाव क्या रखा जाता है, इससे तय होता है कि सरकार को इससे कितना पैसा मिलेगा.
लेकिन तब अनुमान IPO क्या होता है लग रहे थे कि यह रक़म 50 हज़ार करोड़ से एक लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है. मगर अब यह सारे अनुमान बेमानी हो चुके हैं. कंपनी का सिर्फ़ साढ़े तीन पर्सेंट हिस्सा बिक्री के लिए आ रहा है और उससे भी सरकार कुल मिलाकर बीस हज़ार 500 करोड़ रुपए से कुछ ऊपर रकम जुटाने की तैयारी में है.
साफ है कि पुराने सारे अनुमानों के मुक़ाबले यह रक़म बहुत कम है और इसका सीधा मतलब तो यही है कि सरकार एलआइसी की हिस्सेदारी काफ़ी सस्ते में बेच रही है. आख़िर सरकार ऐसा क्यों कर रही है?
इसका सीधा जवाब देना तो मुश्किल है लेकिन इतना साफ़ है कि सरकार अब इस मामले को टालने के मूड में नहीं है. जब पहली बार एलआइसी में हिस्सेदारी बेचने का एलान हुआ, तब से अब तक काफ़ी समय बीत चुका है और अब कोरोना संकट और यूक्रेन युद्ध की वजह से एक बार फिर शेयर बाज़ार की परिस्थितियां डांवाडोल सी लग रही हैं.
ऐसे में सरकार के पास दो रास्ते थे. या तो इस इशू को टाल दे और अच्छे दिन आने का इंतज़ार करे. या फिर आइपीओ का आकार और क़ीमत वगैरह ऐसे तय करे कि निवेशकों को दोबारा सोचने की ज़रूरत न रह जाए. शायद यही वजह है कि सरकार ने इस आइपीओ का आकार पाँच पर्सेंट से भी घटाकर साढ़े तीन पर्सेंट पर पहुँचा दिया.
क्या सस्ते में शेयर बेच रही है सरकार
सरकार इससे जितनी रक़म जुटाना चाहती थी अब उससे आधे से भी कम पैसा ही उसे मिल पाएगा. लेकिन इसका मतलब क्या यह नहीं है कि वो कंपनी के शेयर सस्ते में बेच रही है और इसका मतलब यह भी हुआ कि यह एक मौक़ा है, अच्छे शेयर सस्ते में पाने का?
एंकर इन्वेस्टरों के लिए एलआइसी का आइपीओ दो मई को शुरू हो चुका है और ज़रूरत से दो गुना यानी लगभग तेरह हज़ार करोड़ रुपए तक की अर्जियां एंकर इन्वेस्टरों से आ चुकी हैं.
बाक़ी बचे शेयरों में एलआइसी के पॉलिसीधारकों के लिए दो करोड़ 20 लाख शेयर और एलआइसी के कर्मचारियों के लिए 15 लाख शेयरों का कोटा अलग रखा गया है.
जबकि रीटेल निवेशकों के लिए कुल कोटा लगभग 6.91 करोड़ शेयरों का है. पॉलिसीधारकों में जबर्दस्त उत्साह है और ख़बर है कि 6.48 करोड़ पॉलिसी धारकों ने अपनी पॉलिसी पैन कार्ड से जुड़वा ली हैं.
अगर इनमें से आधे भी आइपीओ में एक लॉट यानी पंद्रह शेयरों के लिए एप्लीकेशन लगाते हैं तो 48 करोड़ से ज्यादा शेयरों के लिए अर्जी लग चुकी होंगी जबकि आइपीओ का कुल आकार ही 22 करोड़ शेयरों से कुछ ऊपर का है.
इसके बावजूद बाज़ार में यह आशंका जताई जा रही है कि रीटेल में तो जितने लोग भी अर्जी लगाएंगे उनको शेयर मिलने लगभग तय ही हैं. इसका दूसरा मतलब यह है कि ऐसे में लिस्टिंग के वक़्त भाव बढ़ने की या तगड़ा फ़ायदा होने की गुंजाइश लगभग नहीं है.
इसका अर्थ यह क़तई नहीं है कि एलआइसी का शेयर ख़रीदने लायक नहीं है. बल्कि यह कि एलआइसी के आइपीओ में अर्ज़ी लगाने से पहले सोच समझकर फ़ैसला करना ज़रूरी है ताकि अगर शेयर मिल जाएं तो आपको पक्का पता हो कि आपको इनका करना क्या है और कितने समय इन्हें अपने पास ही रखना है.
IPO क्या है | आईपीओ कैसे खरीदें | A to Z जानकारी
नमस्कार प्रिय पाठक स्वागत है आपका आज के इस लेख में, क्या आपको नहीं पता कि आईपीओ क्या होता है, इसका मतलब है कि आप शेयर मार्केट में नए है तो चलिए आज के इस लेख में हम आपको आईपीओ क्या है, आईपीओ कैसे खरीदे और बेचे, आईपीओ के फायदे और नुकसान और आईपीओ से संबंधित सारी जानकारी आपको आज इस लेख में हम देने वाले हैं तो कृपया आप इस लेख को अंत तक जरूर करें
IPO क्या है
जब भी किसी कंपनी को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए पैसों की आवश्यकता पड़ती है तो वह सबसे पहले बड़े बड़े निवेशकों के IPO क्या होता है पास जाती है लेकिन फिर भी कंपनी को और पैसों की आवश्यकता पड़ती है तो वह शेयर मार्केट में अपना आईपीओ लेकर आती है आईपीओ का मतलब होता है ( Initial public offering )
आईपीओ के माध्यम से कंपनी शेयर मार्केट में अपनी हिस्सेदारी को बेचती है और इसके बदले जो भी पैसा आता है उस पैसे से अपने बिजनेस को आगे बढ़ाती है
जब कोई कंपनी शेयर मार्केट में आईपीओ के माध्यम से जो हिस्सेदारी IPO क्या होता है बेचती है है है उसे बड़े-बड़े इंस्टिट्यूट, म्यूचल फंड और रिटेल इन्वेस्टर खरीदते हैं
Ipo कैसे खरीदें और बेचे जाते हैं
जब कोई भी कंपनी अपना आईपीओ लेकर आती है तो लोगों का इसको खरीदने का समय 3 दिन का होता है इस आईपीओ को आप अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमेट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीद सकते हैं आपको किसी भी कंपनी के आईपीओ में एक बोली लगानी पड़ती है
जो कि इतनी मुश्किल नहीं है जितना आप सोच रहे हैं अब आपको अगले 7 दिन के भीतर एक उस कंपनी के माध्यम से अलॉटमेंट का नोटिफिकेशन मिल जाएगा कि क्या कंपनी ने आपको शेयर अलॉट किए हैं या IPO क्या होता है नहीं अगर किए हैं
तो यह शेयर कंपनी की लिस्टिंग के दिन आपके डीमेट अकाउंट में आ जाएंगे और अगर नहीं मिले हैं तो आपके अकाउंट से जो भी पैसा ब्लॉक हुआ था वह वापस आपके अकाउंट में अनब्लॉक हो जाएगा
आईपीओ कैसे काम करता है
जब कोई कंपनी शेयर मार्केट में आने के लिए अपना आईपीओ लेकर आती है तो इस पूरे प्रोसेस को पूरा होने में 10 दिन का समय लगता है
पहले 3 दिनों तक सभी बड़े और छोटे निवेशकों को इस कंपनी में पैसा लगाने का मौका मिलता है 3 दिन बाद आप इस कंपनी के अंदर पैसा नहीं लगा सकते हैं फिर अगले 7 दिनों के भीतर कंपनी यह डिसाइड करती है कि किस व्यक्ति को शेयर देने हैं और किसको नहीं देने हैं
क्योंकि प्रिय पाठक ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आपने जिस कंपनी के आईपीओ को खरीदा है वह आपको मिलेगा ही मिलेगा ऐसा नहीं होता है अब 7 दिन के अंदर आपको पता चल जाता है कि कंपनी ने आप को शेयर दिए हैं या नहीं दिए हैं अगर आपको शेयर मिल गया है
तो अगले 3 दिनों के अंदर मतलब दसवे दिन कंपनी शेयर मार्केट के एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाएगी अब आप यहां से अपने शहर को दे सकते हैं इस तरीके से आईटीओ काम करता है
आईपीओ के फायदे और नुकसान
आईपीओ के फायदे
यदि आपने किसी अच्छी कंपनी के आईपीओ में निवेश किया है तो कई बार यह है आशा बनी रहती है कि वह कंपनी जिस दिन शेयर मार्केट में लिस्ट होगी तब अच्छे दामों पर लिस्ट होती है
जिसके कारण आपको बहुत कम समय में बहुत ज्यादा मुनाफा देखने को मिल सकता है
आप आईपीओ के माध्यम से कम समय में अपने पैसे को डबल कर सकते हैं
आईपीओ के नुकसान
प्रिय पाठक पाठक कई बार ऐसा होता है कि आप जिस कंपनी के आईपीओ को खरीदते हैं अरे कंपनी जिस दिन शेयर मार्केट में लिस्ट होती है
उस दिन वह जिस प्राइस पर आप ने खरीदा उससे नीचे लिस्ट होती है जिसके कारण आपको नुकसान उठाना पड़ता कता है
आईपीओ के अंदर कम समय में पैसे बनाने के चक्कर में कई बार लोगों को बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है
निष्कर्ष – Conclusion
आज के इस लेख में आपने सीखा कि आईपीओ क्या है आईपीओ को कैसे खरीदा और बेचा जाता है आईपीओ खरीदते समय आपको क्या फायदे व नुकसान हो सकते हैं इसके साथ ही हमने आईपीओ से संबंधित आपको संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है
यदि आपका इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल यह सुझाव है तो आप में हमारे साथ कमेंट बॉक्स में साझा कर सकते हैं इस लेख को अंतत पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद