बिटकॉइन के फायदे क्या है

Invest in Bitcoin or not: आधी कीमत के करीब मिल रहा बिटकॉइन, अब पैसे लगाना फायदे का सौदा है या नहीं, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट!
Invest in Bitcoin or not: वित्त सचिव टीवी सोमनाथ तो यहां तक कह चुके हैं कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी (Investment In Bitcoin) को कभी लीगल नहीं किया जाएगा। बजट में क्रिप्टोकरंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है और 1 फीसदी टीडीएस भी लगाया है। अब लोग इस चीज को लेकर कनफ्यूज हो रहे हैं कि सरकार क्या चाह रही है? क्रिप्टो में निवेश करना चाहिए या नहीं, इसे लेकर भी लोग कनफ्यूज हो रहे हैं। आइए बताते हैं कि एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
Invest in Bitcoin or not: आधी कीमत के करीब मिल रहा बिटकॉइन, अब पैसे लगाना फायदे का सौदा है या नहीं, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट!
क्रिप्टो पर टैक्स लगाने से निवेशक खुश!
बजट में क्रिप्टोकरंसी पर जो 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है, उससे भले ही अब निवेशकों की जेब में कम रकम जाएगी, लेकिन वह खुश हैं। इसकी वजह ये है कि उन्हें लगता है कि सरकार आने वाले वक्त में क्रिप्टो को लीगल कर सकती है। यहां तक कि बजट के दिन तमाम क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्ट्रेशन की संख्या में 30-50 फीसदी तक का उछाल देखा गया। अभी तक बहुत से लोग इस डर से क्रिप्टो में पैसे नहीं लगा रहे थे कि कहीं सरकार ने इसे बैन कर दिया तो उनके सारे पैसे ना डूब जाएं। अब लोगों के सामने ये बात साफ है कि इससे हुई कमाई पर टैक्स चुकाना होगा, अभी इसे बैन नहीं किया जा रहा।
सस्ती हुई क्रिप्टोकरंसी, क्या करना चाहिए?
अभी देखें तो क्रिप्टोकरंसी की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से लगभग आधी के करीब हैं। ऐसे में लोग ये जानना चाह रहे हैं कि क्या इस वक्त निवेश करना सही रहेगा? यहां एक बात समझनी होगी क्रिप्टोकरंसी में कीमत गिरने का मतलब ये नहीं है कि वह सस्ता हो गया है या उसमें निवेश के मौके बन गए हैं। बिटकॉइन के फायदे क्या है कीमत गिरने का मतलब दरअसल ये है कि अब वह और महंगा पड़ सकता है। इसकी वजह है कि इसके बारे में सिवाय कीमत के और कोई जानकारी नहीं होती।
तो अब क्रिप्टो में निवेश करें या नहीं?
अगर बात शेयर बाजार की करें तो वहां शेयर यानी कंपनी की पूरी जानकारी होती है। उसे फायदा हो रहा है या घाटा हो रहा है या कितनी कमाई हो रही है समेत तमाम जानकारियां आपको पता होती हैं। शेयर में जब कीमत गिरती है तो निवेश के मौके बनते हैं, लेकिन क्रिप्टो में कीमत के अलावा और कुछ नहीं पता तो ये कहा नहीं जा सकता कि कीमत गिरने पर निवेश फायदा देगा या नुकसान की वजह बनेगा। वहीं इस बात की चिंता को भी अभी दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि आने वाले वक्त में सरकार इस पर बैन नहीं लगाएगी या कोई दूसरा सख्त एक्शन नहीं लेगी। तो क्रिप्टो में निवेश से पहले इसके फायदे नुकसान समझ लें, तभी निवेश करें।
समझिए क्रिप्टोकरंसी पर कैसे लगेगा टैक्स?
क्रिप्टोकरंसी से हुई कमाई पर बजट में टैक्स और टीडीएस लगाया गया है। अगर आप क्रिप्टोकरंसी से मुनाफा कमाते हैं तो उस पर आपको 30 फीसदी टैक्स सरकार को चुकाना होगा। वहीं क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस भी लगेगा, जिससे सरकार को ये ट्रैक करने में आसानी होगी कि क्रिप्टो की दुनिया से आपने कितनी कमाई की है। यानी अगर आप भी क्रिप्टो में पैसा लगाते हैं तो अब आप हर वक्त सरकार की नजर में रहेंगे। क्रिप्टो पर टैक्स को लेकर एक खास बात यह है कि आपकी कमाई पर तो 30 फीसदी टैक्स लगेगा, लेकिन नुकसान पूरा आपको ही झेलना होगा।
Cryptocurrency Mining: क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग और कैसे करती है काम, क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने से पहले इसे जरूर समझ लें
Cryptocurrency Mining: जब भी क्रिप्टोकरंसी की बात आती है तो कई मुश्किल से टर्म सुनने को मिलते हैं, जैसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology), क्रिप्टोकरंसी माइनिंग (Bitcoin Mining)। अक्सर लोग इन्हें जाने बगैर ही क्रिप्टोकरंसी में निवेश (Investment in Cryptocurrency) करने लग जाते हैं, लेकिन आप जहां पैसे लगा रहे हैं, आपको ये पता होना जरूरी है कि वहां काम कैसे होता है। इनके बारे में जानकर आप ये समझ पाएंगे कि आखिर क्रिप्टो में पैसे लगाना सुरक्षित है भी या नहीं।
Cryptocurrency Mining: क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग और कैसे करती है काम, क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने से पहले इसे जरूर समझ लें
क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग?
माइनिंग का नाम सुनते ही सबसे पहले सोने, हीरे या कोयले की खुदाई का ख्याल मन में आता है। क्रिप्टो माइनिंग या बिटकॉइन माइनिंग का मतलब पजल्स को सॉल्व करके नई बिटकॉइन बनाना है। चलिए थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं। जिस तरह हम किसी को पैसे भेजने को लिए कोई ट्रांजेक्शन करते हैं तो वह पहले बैंक के पास जाती है और फिर बैंक उसे वैलिडेट कर के आगे भेजता है। क्रिप्टोकरंसी के मामले में कॉइन भेजने वाले उसे रिसीव करने वाले के बीच में बैंक जैसा कुछ नहीं होता है, बल्कि सिर्फ कंप्यूटर्स होते हैं। इन कंप्यूटर्स को कुछ लोग चलाते हैं, जिसके जरिए हर ट्रांजेक्शन वैलिडेट होती है। उनकी इस मेहनत के बदले उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। इसे ही बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। अन्य क्रिप्टोकरंसी में भी इसी तरह माइनिंग होती है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को भी आसान भाषा में समझें
जब कोई शख्स किसी दूसरे शख्स को क्रिप्टोकरंसी भेजता है, तो वह ट्रांजेक्शन कंप्यूटर्स के पास जाती है। इनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन को वेलिडेट किया जाता है और इन्हें डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में शामिल किया जाता है। यह सारी ट्रांजेक्शन एक ब्लॉक में दर्ज होती हैं और इस ब्लॉक की साइज करीब 1 एमबी की होती है। जब एक ब्लॉक भर जाता है तो उसे ब्लॉक कर के नया ब्लॉक बनाया जाता है और नए ब्लॉक को पहले वाले ब्लॉक से जोड़ा जाता है। यह सारे ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, जिससे एक चेन सी बन जाती है। इसी वजह से इसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा जाता है।
माइनर्स निभाते हैं अहम भूमिका
डिजिटल करेंसी की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को आसानी से मैनिपुलेट किया जा सकता है। यही वजह है बिटकॉइन के फायदे क्या है कि बिटकॉइन के डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की अनुमति है। इस तरह यह सुनिश्चित करना माइनर्स का काम है कि नेटवर्क पर डबल स्पेंडिंग न हो। इसी वजह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, जिसमें पूरी चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर जानकारी मौजूद होती है, जिससे यह तकनीक बेहद सुरक्षित बन जाती है।
यूं होती है माइनिंग से कमाई
नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए माइनर्स को इनाम के तौर पर नए कॉइन दिए जाते हैं। चूंकि डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर्स में कोई केंद्रीय अथॉरिटी नहीं है, इसलिए ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए माइनिंग प्रोसेस बहुत अहम है। केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की इजाजत है। इसके लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) consensus protocol बनाया गया है। PoW नेटवर्क को बाहरी हमलों से भी बचाता है।
एडवांस मशीनों की होती है जरूरत
क्रिप्टो माइनिंग एक तरह से बहुमूल्य धातुओं की माइनिंग की तरह है। जिस तरह सोना, चांदी या हीरे को निकाला जाता है, उसी तरह क्रिप्टो माइनर्स सर्कुलेशन में नए कॉइन रिलीज करते हैं। इसके लिए ऐसी मशीनों को काम पर लगाया जाता है जो गणित के जटिल समीकरणों को सुलझाते हैं। इन समीकरणों की जटिलता लगातार बढ़ती ही जा रही है। समय के साथ-साथ माइनर्स ने PoW को सुलझाने के लिए ज्यादा एडवांस्ड मशीनों को लगाया है। माइनर्स के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसी की कमी भी बढ़ी है।
कौन कर सकता है माइनिंग?
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए ऐसे कम्प्यूटर चाहिए, जिनमें जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिक इक्वेशंस को सॉल्व करने के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर हो। बिटकॉइन के शुरुआती दिनों में इसे होम कम्प्यूटर से एक सिंपल सीपीयू चिप से माइन किया जा सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। आज इसके लिए स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसे चौबीसों घंटे भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्शन के साथ जोड़े रखना पड़ता है। हर क्रिप्टो माइनर के लिए ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर होना जरूरी है।
क्या आप भी Bitcoin में निवेश करने का बना रहे प्लान, तो जानिए यहां क्या करें.
क्या आप भी बिटकॉइन में पैसा लगाने का सोच रहे हैं. अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर ये बिटकॉइन क्या है और इसमें कैसे ट्रेडिंग होती है.
- News18Hindi
- Last Updated : February 09, 2021, 13:42 IST
नई दिल्ली: क्या आप भी बिटकॉइन (Bitcoin) में पैसा लगाने का सोच रहे हैं… अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर ये बिटकॉइन क्या है और इसमें कैसे ट्रेडिंग होती है. इन दिनों ये दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके रिटर्न ने निवेशकों को हैरान कर दिया है, लेकिन इसमें जिस तरह का रिटर्न मिलता है रिस्क भी उसी हिसाब से होता है.
साल 2017 में, बिटकॉइन के फायदे क्या है दिल्ली के 37 साल के राहुल मिश्रा ने अपने कार्यालय के सहयोगियों को देखकर बिटकॉइन में निवेश किया. बता दें उस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन की कीमत पहले ही 65,000 रुपये से बढ़कर 3.61 लाख रुपये हो गई थी. हर महीने, वह 25,000 रुपये का निवेश करते रहे. उन्होंने अपनी चल रही म्यूचुअल फंड व्यवस्थित निवेश योजनाओं को बिटकॉइन में बदल दिया था.
बता दें उसके ठीक छह महीने बाद, उन्हें एक झटका लगा. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग का एक परिपत्र जारी किया. इसने आरबीआई द्वारा विनियमित सभी कानूनी संस्थाओं को निर्देश दिया कि वे आभासी मुद्राओं का सौदा न करें या क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले किसी व्यक्ति या व्यवसाय को सेवाएं प्रदान न करें. इससे निवेशक घबरा गए. भारत में बिटकॉइन की कीमत दुर्घटनाग्रस्त हो गई. सात दिनों के अंदर, इसकी कीमत 5.2 लाख रुपये प्रति बिटकॉइन के उच्च स्तर से गिरकर 3.07 लाख रुपये हो गई. नोटबंदी से पहले 1.50 लाख रुपये के बिटकॉइन में उनका अपना निवेश 30,000 रुपये तक गिर गया था.
क्या होता है बिटकॉइन?
यह एक किस्म का डिजिटल या वर्चुअल टोकन होता है, जिसे काफी जटिल एल्गोरिदम को हल कर हासिल किया जाता. इस विख्यात क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांसफर आसानी से मुफ्त में एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में संभव है.
बिटकॉइन कैसे करता है काम?
अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है. इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी संभाल कर रख सकते हैं. आपको बता दें बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं.
कई बार होता है भारी उतार-चढ़ाव
बिटकॉइन में कई बार भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. बता दें पिछले 5 सालों में बिटकॉइन करीब 40 से 50 फीसदी तक गिर गया है. साथ ही साल 2013 में बिटकॉइन की कीमत 233 डॉलर पर पहुंच गई थी और फिर अचानक गिरकर 67 डॉलर पर आ सकती है.
भारत में कहां से खरीद सकते है बिटकॉइन?
भारत में बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त के लिए 11 ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं. इसमें उनोकॉइन, जेबपे, कॉइनसिक्योर, कॉइनमामा, लोकलबिटकॉइन और बिटकॉइन एटीएम जैसे नाम शमिल हैं.
कहां होता है बिटकॉइन का इस्तेमाल?
आपको बता दें इंडिया में आप फ्लिपकार्ट, अमेजन और मेकमायट्रिप जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां बिटकॉइन उपभोक्ताओं के लिए वाउचर प्रोग्राम चलाती है, लेकिन बिटकॉइन को स्वीकार नहीं करती है. इसके लिए एक्सचेंज बिटकॉइन को सामान्य करेंसी में बदलते हैं.
इसमें करना चाहिए निवेश या नहीं
आपको बता दें खुदरा निवेशकों को बिटकॉइन से बचना चाहिए. फाइनेंशियल एजुकेटर और फिनसफे इंडिया के संस्थापक मृणाल अग्रवाल ने बिटकॉइन में निवेश को जुए के बराबर बताया है. वह कहती हैं कि ”यहां कोई अंडरलाइंग संपत्ति नहीं है, यह अन-रेगुलेटिड है. इसके अलावा मूल्य की खोज अप्रत्याशित है तो इससे दूर रहो.’
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क्या है बिटकॉइन ? क्या है इसके फायदे
बिटकॉइन के बारे में जाने पूरी जानकारी
क्या है बिटकॉइन
क्या है इसके फायदे
क्या है बिटकॉइन के उपयोग
Bitcoin : भले ही कोई व्यक्ति Cryptocurrency के बारे में ना जनता हो लेकिन Bitcoin के बारे में सभी जानते हैं. Bitcoin एक प्रकार की क्रीप्टो करेंसी या फिर कहा जाए तो दुनिया की पहली सफल क्रीप्टो करेंसी है जो ब्लॉकचैन प्रणाली पर काम करती हैं.बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है जिसे न तो देखा जा सकता है और ना ही छुआ जा सकता है लेकिन इसके उपयोग किया जा सकता हैं, इसे खरीदा जा सकता है और बेचा भी जा सकता हैं.बिटकॉइन के डेबिट और क्रेडिट के ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड ब्लॉकचैन पर सेव होते है जो कि एक ओपन-सोर्स बुक मानी जा सकती हैं.
आज सभी को ये जानना है की आख़िर बिटकॉइन में निवेश कैसे करें? Crypto Currency एक नया शेयर बाजार बनता जा रहा हैं. क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचैन आधारित डिजिटल करेंसी होती है जिसकी वैल्यू घटती बढ़ती रहती हैं. जिस तरह से सोने की कीमत कम ज्यादा होती रहती है उसी तरह क्रिप्टो करेंसी की भी मांग और उपलब्धता के अनुसार कीमत बदलती रहती हैं.वर्तमान में बाजार में सैकड़ों क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं लेकिन इनमे से सबसे लोकप्रिय Bitcoin ही हैं. बिटकॉइन का आविष्कार 2009 में हुआ था. ब्लॉकचैन प्रणाली का आविष्कार भी 2009 में ही किया गया था. Bitcoin वर्तमान में सबसे महंगी और सबसे सुरक्षित क्रिप्टोकरेंसी हैं. वैसे तो क्रीप्टो करेंसी को कई देशों में ban किया हुआ है लेकिन अगर आप भारत मे रहते हो तो इसमे निवेश करने से डरने की जरूरत नहीं. लेकिन Bitcoin की एक खास बात यह हैं कि इसे खरीदा ही नही कमाया भी जा सकता हैं.सरल भाषा मे अगर Bitcoin को समझा जाए तो इसे Digital Currency कहा जा सकता हैं जिसे ऑनलाइन वालेट्स के माध्यम से ट्रांसफर किया जा सकता हैं, उपयोग किया जा सकता है, खर्चा जा सकता हैं.Bitcoin का उपयोग आप बिलकुल ऑनलाइन वॉलेट जैसे कि PayTm और PhonePe में मौजूद पैसो की तरह कर सकते हो
बिटकॉइन के उपयोग
बिटकॉइन के जरिये ऑनलाइन शॉपिंग जा सकती हैं.पूरी दुनिया मे कही भी और किसी भी काम के लिए पेमेंट की जा सकती हैं.बिटकॉइन को बेचकर पारम्परिक मुद्रा यानी कि डॉलर बिटकॉइन के फायदे क्या है या रुपया प्राय किया जा सकता हैं. आजकल बिटकॉइन के जरिये वालेट्स की सहायता से मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज आदि सब कुछ किया जा सकता हैं.
बिटकॉइन के लाभ
बिटकॉइन के इकलौता और सबसे बड़ा लाभ यही हैं कि इसकी वैल्यू अस्थिर हैं. बिटकॉइन की कीमत कुछ सालों पहले तक इसकी कीमत कुछ हजार रुपये थी और आज एक बिटकॉइन 20 लाख रूपये से भी ज़्यादा हैं. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी ने मिलकर एक तरह से एक नया शेयर बाजार पैदा किया है जिसमें निवेश करके काफी बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है.
बिटकॉइन के लाभ और उपयोग
बिटकोइन का उत्पादन कम्प्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली ‘Mining’ से किया जाता हैं. माइनिंग करने वाले लोग माइनर्स कहलाते हैं. माइनर्स विशिष्ट हार्डवेयर का उपयोग करके कई तरह की लेन-देन को पूरा करते हैं और नेटवर्क को सुरक्षित बनाने का काम करते हैं. यहाँ पे आप बिटकॉइन कैसे बेचें की जानकारी प्राप्त कर सकते है. इसके लिए उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं. बिटकॉइन की तुलना सोने से की जा सकती हैं. वैसे तो यह सोने से भी ज्यादा महंगा हैं लेकिन सोने की तरह ही इसकी कीमत भी घटती बढ़ती रहती हैं. बिटकॉइन के कई उपयोग और लाभ हैं.
क्या है बिटकॉइन, कैसे काम करती है और कितनी सुरक्षित है, यहां मिलेगा जवाब
दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में बिटकॉइन के फायदे क्या है स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि बिटकॉइन के फायदे क्या है इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।
कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये सत्यापित किया जाता है।
इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.
चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।
क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन बिटकॉइन के फायदे क्या है का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था।
बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।
दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।
कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये सत्यापित किया जाता है।
इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.
चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।
क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था।
बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।