विकल्प ट्रेड

विकल्प ट्रेड

विकल्प ट्रेड
Petrol-Diesel Price Today: आज ही टंकी करा लीजिए फुल! कल से पेट्रोल-डीजल पर फूट सकता है महंगाई बम
डिजिटल करंसी हो सकता है विकल्प?
डॉलर के एक विकल्प की तरह सीबीडीसी यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी को देखा जा सकता है। हालांकि, इसमें चीन एक रिस्क की तरह उभर कर सामने आ सकता है। भारत समेत कुछ देश डिजिटल करंसी लाने का एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं और चीन ई-युआव के जरिए इस रेस में सबसे आगे है। हालांकि, आगे का रास्ता और चुनौती भरा हो सकता है, क्योंकि सवाल ये उठता है कि आखिर किस डिजिटल करंसी को डॉलर की तरह एक माध्यम के तौर पर चुना जाएगा, ताकि ग्लोबल ट्रेड किए जा सकें। सेंट्रल बैंक ऑफ हांगकांग और थाईलैंड एक ज्वाइंट वेंचर इथेनॉन-लियॉनरॉक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, ताकि सेटलमेंट सिस्टम के लिएक ब्लॉकचेन तकनीक बनाई जा सके। वहीं बहुत ही कम देश ऐसे होंगे जो डॉलर के उस विकल्प वाले सेटलमेंट सिस्टम का हिस्सा बनना चाहेंगे, जिस पर चीन का सबसे अधिक प्रभाव हो। अमेरिका के रिस्क से निकल कर चीन के रिस्क में जाना मतलब कुएं से खाई में जाने जैसा हो सकता है।

Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्‍छी लिक्विडिटी की सुविधा भी

Liquid ETF: अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं तो लिक्विड ईटीएफ आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है. आइए, समझते हैं इसके फायदे

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)

Liquid ETF: क्‍या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्‍या तर्क है. जब कोई स्‍टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्‍टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्‍याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्‍यक्ति ने आपने स्‍टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्‍टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्‍टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्‍छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.

Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?

एक स्‍टॉक मार्केट इंवेस्‍टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्‍त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्‍याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्‍योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्‍ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.

किस लिक्विड ईटीएफ का करें चयन?

लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्‍सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के ल‌िक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया विकल्प ट्रेड जा सकता है.

लिक्विड ईटीएफ अर्जित रिटर्न अपेक्षाकृत ज्‍यादा स्थिर होते हैं क्योंकि इस तरह की शॉर्ट-टर्म डेट सिक्योरिटीज लंबी अवधि की तुलना में कीमत में उतार-चढ़ाव की संभावना कम होती है. इसके अलावा, किसी भी कम समय में इन लिक्विड ईटीएफ यूनट्सि को हाजिर बाजार में स्वतंत्र रूप से बेचा जा सकता है और इसे आसानी से कैश कराया जा सकता है. इसके अलावा, लिक्विड ईटीएफ यूनिट्स की खरीद या बिक्री पर कोई सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) नहीं लगता है. यदि आप एक आम निवेशक हैं जो सोच रहे हैं कि कम समय के लिए पूंजी कहां लगाएं और पारंपरिक निवेश विकल्प से बेहतर रिटर्न मिले तो एक लिक्विड ईटीएफ इसके लिए बेहतर साबित हो सकता है.

News Reels

Published at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST) Tags: Mutual Funds Liquid ETF Overnight Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Russia Dollar Reserves Freeze: रूस के डॉलर रिजर्व पर लगे बैन ने उठाया बड़ा सवाल, जानिए क्यों ये फैसला हर देश को टेंशन दे रहा है!

Russia Dollar Reserves Freez: हर देश की करंसी अलग-अलग होती है, लेकिन दुनिया में ट्रेड करने के लिए किसी एक करंसी की जरूरत थी, जो डॉलर से पूरी होती है। यह वजह है कि हर देश डॉलर में फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व रखता है, ताकि ग्लोबल ट्रेडिंग की जा सके। अमेरिका ने रूस के डॉलर रिजर्व को फ्रीज कर दिया है, जो ये सवाल उठाता है कि अब किस देश का नंबर लगेगा? ऐसे में जरूरत है कि अब ग्लोबल ट्रेडिंग के लिए डॉलर के किसी विकल्प की तलाश की जाए।

forex

हाइलाइट्स

  • हर देश की करंसी अलग-अलग होती है, लेकिन दुनिया में ट्रेड करने के लिए किसी एक करंसी की जरूरत थी, जो डॉलर से पूरी होती है
  • यह वजह है कि हर देश डॉलर में फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व रखता है, ताकि ग्लोबल ट्रेडिंग की जा सके
  • अमेरिका ने रूस के डॉलर रिजर्व को फ्रीज कर दिया है, जो ये सवाल उठाता है कि अब किस देश का नंबर लगेगा?
  • ऐसे में जरूरत है कि अब ग्लोबल ट्रेडिंग के लिए डॉलर के किसी विकल्प की तलाश की जाए

बिटकॉइन विकल्प ट्रेड नहीं ले सकता है डॉलर की जगह
अब एक बड़ा सवाल है कि क्या डॉलर की जगह बिटकॉइन ले सकता है? वैसे तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी से बहुत सारे ट्रांजेक्शन आसान हो सकते हैं, लेकिन इसे किसी देश की तरफ से जारी नहीं किया जाता तो ऐसे में यह डॉलर की जगह नहीं ले सकता है। बिटकॉइन को बिना विकल्प ट्रेड किसी बैंकिंग सिस्टम के ही इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है और ट्रांजेक्शन की जा सकती हैं। वहीं अधिकतर क्रिप्टोकरंसी में भारी उतार-चढ़ाव आता है। ऐसे में अगर कोई देश इस माध्यम में फॉरेक्स रखता है तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। एक ग्लोबल क्रॉस बॉर्डर पेमेंट्स फर्म रिपल (Ripple) के अनुसार हर मिनट करीब 2 लाख डॉलर की ट्रांजेक्शन बिटकॉइन से रूबल में की जाती हैं।

Petrol-Diesel Price Today: आज ही टंकी करा लीजिए फुल! कल से पेट्रोल-डीजल पर फूट सकता है महंगाई बम
डिजिटल करंसी हो सकता है विकल्प?
डॉलर के एक विकल्प की तरह सीबीडीसी यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी को देखा जा सकता है। हालांकि, इसमें चीन एक रिस्क की तरह उभर कर सामने आ सकता है। भारत समेत कुछ देश डिजिटल करंसी लाने का एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं और चीन ई-युआव के जरिए इस रेस में सबसे आगे है। हालांकि, आगे का रास्ता और चुनौती भरा हो सकता है, क्योंकि सवाल ये उठता है कि आखिर किस डिजिटल करंसी को डॉलर की तरह एक माध्यम के तौर पर चुना जाएगा, ताकि ग्लोबल ट्रेड किए जा सकें। सेंट्रल बैंक ऑफ हांगकांग और थाईलैंड एक ज्वाइंट वेंचर इथेनॉन-लियॉनरॉक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, ताकि सेटलमेंट सिस्टम के लिएक ब्लॉकचेन तकनीक बनाई जा सके। वहीं बहुत ही कम देश ऐसे होंगे जो डॉलर के उस विकल्प वाले सेटलमेंट सिस्टम का हिस्सा बनना चाहेंगे, जिस पर चीन का सबसे अधिक प्रभाव हो। अमेरिका के रिस्क से निकल कर चीन के रिस्क में जाना मतलब कुएं से खाई में जाने जैसा हो सकता है।

करंसी का बास्केट हो सकता है विकल्प
अगर देखा जाए तो कई देशों की करंसी का एक बास्केट इस समस्या का समाधान हो सकता है। ऐसा सिस्टम बनाने के लिए कई देशों को साथ आना होगा और मल्टीलेट्रल सेटअप बनाना होगा, जैसे आज के वक्त में ग्लोबल ट्रेड रूल्स के लिए डब्ल्यूटीओ यानी विश्व व्यापार संगठन है। हाल में हुई घटनाओं से दुनिया डॉलर में फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व रखने को लेकर थोड़ी चिंतित हुई है और अब एक नए फाइनेंशियल सिस्टम पर काम करने की जरूरत है, जिसके जरिए ग्लोबल ट्रेडिंग आसान हो सके।

(लेखक ASK Wealth Advisors के मैनेजिंग पार्टनर और सीआईओ हैं। यह विचार निजी हैं।)

ट्रेड, फोरेक्स एवं धनप्रेषण

बैंक ऑफ बड़ौदा, सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकों में से एक है, जिसकी 19 देशों और पांच महाद्वीपों(उत्तरी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया) में मजबूत वैश्विक उपस्थिति के साथ 8000 से अधिक शाखाओं का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क है. बैंक अपनी 200 से अधिक फोरेक्स नामित शाखाओं के माध्यम से कारोबार और वित्त सेवाएं उपलब्ध कराता है, जिसमें व्यापारिक लेनदेन के लिए विशिष्ट शाखाएं, कॉर्पोरेट वित्तीय सेवा शाखाएं (सीएफएस), अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शाखाएं (आईबीबी), लघु और मध्यम उद्यम(एसएमई)शाखाएं और गिफ्ट सिटी, गांधीनगर, गुजरात में आईएफएससी बैंकिंग यूनिट शामिल हैं.बंगलौर और अहमदाबाद में इसका केंद्रीकृत व्यापार और फोरेक्स परिचालन केंद्र तथा पूर्णतया विकसित डेरिवेटिव डेस्क समेत अत्याधुनिक डीलिंग रूम है.

निर्यात

बैंक ऑफ बड़ौदा ओवरसीज खरीदार द्वारा खोले गए सभी मुक्त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्राओं वाले एलसी की सूचना प्रदान करके भारतीय निर्यातकों को सुविधा उपलब्ध कराता है. बॉब विदेशी बैंकों द्वारा जारी एलसी में पुष्टिकरण को भी शामिल करता है तथा अनुपालन प्रस्तुत किए जाने पर भुगतान का आश्वासन देता है

बड़ौदा इंस्टा स्मार्ट ट्रेड

  • डैशबोर्ड का उपयोग करना आसान
  • लेनदेन स्थिति की लाइव ट्रैकिंग

हेजिंग

नोस्‍ट्रो विवरण

एफएक्स रिटेल

Need Assistance?

कॉलबैक अनुरोध

कृपया यह विवरण भरें, ताकि हम आपको वापस कॉल कर सकें और आपकी सहायता कर सकें.

Thank you [Name] for showing interest in Bank of Baroda. Your details has been recorded and our executive will contact you soon.

शाखाएं

हमारे बारे में
शेयरधारक कॉर्नर
ग्राहक खंड
मीडिया सेंटर
कैलकुलेटर
संसाधन
अन्य लिंक
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

Thank you ! We have received your subscription request.

हमारे साथ जुड़ें
बैंक ऑफ बड़ौदा ग्रुप

वेबसाइटों का समूह

  • बॉब वित्तीय सॉल्यूशंस लिमिटेड
  • बॉब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड
  • नैनीताल बैंक लिमिटेड
  • इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • इंडिया इंफ्रा डेब्ट लिमिटेड
  • बड़ौदा बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड
  • बड़ौदा ग्लोबल शेयर्ड सर्विसेज लिमिटेड
  • बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक
  • बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक
  • बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक

विदेशी शाखाएं

कॉपीराइट © 2022 बैंक ऑफ बड़ौदा. सर्वाधिकार सुरक्षित

इस प्रक्रिया में आपके पास निम्नलिखित का होना आवश्यक है

  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • आधार संख्या के साथ पंजीकृत परिचालनगत मोबाइल नंबर
  • वैध ई मेल आईडी
  • इंटरनेट, कैमरा/वेबकैम और माइक्रोफ़ोन से इनेबल मोबाइल/डिवाइस
  • खाता खोलने के लिए प्रयोग में लाए गए डिवाइस का ब्राउज़र लोकेशन इनेबल करें. (सेटिंग >> सर्च सेटिंग में लोकेशन टाइप करें >> साइट सेटिंग >> लोकेशन >> अनुमति प्रदान करें) और संकेत मिलने पर अनुमति प्रदान करें.
  • यह खाता 18 वर्ष व इससे अधिक आयु के निवासी भारतीय व्यक्तियों (जिनका कोई राजनीतिक एक्सपोजर नहीं) हो द्वारा खोला जा सकता है.
  • यह सुविधा वैसे ग्राहकों के लिए है जिनका बैंक में कोई खाता नहीं है
  • आपको अच्छे नेटवर्क तथा प्रकाशयुक्त क्षेत्र में होना चाहिए

क्या आप इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं

Pension Saarthi

You are being redirected to the Pension Saarthi web portal

Do you want to proceed ?

Add this website to home screen

Are you Bank of Baroda Customer?

This is to inform you that by clicking on continue, you will be leaving our website and entering the website/Microsite operated by Insurance tie up partner. This link is provided on our Bank’s website for customer convenience and Bank of Baroda does not own or control of this website, and is not responsible for its contents. The Website/Microsite is fully owned & Maintained by Insurance tie up partner.

The use of any of the Insurance’s tie up partners website is subject to the terms of use and other terms and guidelines, if any, contained within tie up partners website.

Thank you for visiting www.bankofbaroda.in

We use cookies (and similar tools) to enhance your experience on our website. To learn more on our cookie policy, Privacy Policy and Terms & Conditions please click here. By continuing to browse this website, you consent to our use of cookies and agree to the Privacy Policy and Terms & Conditions.

नहीं चलेगी Dollar की दादागिरी, रुपये में होगा इंटरनेशनल ट्रेड, भारत को होंगे ये फायदे!

कई जानकार ये भी बता रहे हैं कि बदली वैश्विक परिस्थितियों में कई देश रुपये को स्वीकार करना पसंद करेंगे. खासकर रूस पर हाल में लगे प्रतिबंध के बाद देशों को आभास हुआ है कि डॉलर पर निर्भरता कितनी खतरनाक साबित हो सकती है और इस कारण दुनिया भर में इसके विकल्प तलाशे जा रहे हैं.

भारत को होंगे कई फायदे (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2022,
  • (अपडेटेड 12 जुलाई 2022, 9:58 AM IST)
  • अब रुपये में भी होगा इंटरनेशनल ट्रेड
  • पूरी दुनिया में बढ़ेगा रुपये का महत्व

बदलते वैश्विक घटनाक्रमों (Global Events) के चलते भारत का व्यापार घाटा (India Trade Deficit) नियंत्रण करना मुश्किल हो रहा है. इस कारण रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने एक ऐसा कदम उठाने का ऐलान किया है, जिसकी मांग कई अर्थशास्त्री (Economists) लंबे समय से कर रहे थे. सेंट्रल बैंक ने अंतत: तय कर लिया कि अब इंटरनेशनल ट्रेड का सेटलमेंट (International Trade Settlement) रुपये में भी होगा. जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक के इस कदम से जहां एक ओर डॉलर पर भारत की निर्भरता (Dollar Dependence) कम होगी, वहीं दूसरी ओर यह व्यापार घाटे को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.

कई सालों से चल रही थी इस व्यवस्था की चर्चा

रिजर्व बैंक ने सोमवार को शाम में एक परिपत्र जारी किया. उसमें बताया गया कि अब विकल्प ट्रेड रुपये में इनवॉयस बनाने, पेमेंट करने और आयात-निर्यात का सेटलमेंट करने की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है. बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक का यह कदम ट्रेड सेटलमेंट की करेंसी के तौर पर रुपये को बढ़ावा देने वाला साबित होगा. इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए रुपये का इस्तेमाल करना लंबे समय से चर्चा के केंद्र में रहा है. हालांकि हर बार बात यहां अटक जाती थी कि आयात और निर्यात के सेटलमेंट के लिए रुपये को किस हद तक स्वीकार किया जाएगा. हालांकि अभी रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से जारी लड़ाई तथा करेंट अकाउंट के घाटे (CAD) ने रिजर्व बैंक को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर दिया.

सम्बंधित ख़बरें

Dollar के आगे रुपया पस्त, क्या अब 80 को करेगा पार? आप पर होगा ये असर
रुपया गिरा, महंगाई बढ़ी. 100 दिन के रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत पर असर
RBI ने झोंक दिए डॉलर फिर भी नहीं संभल पाया रुपया! बना ये नया रिकॉर्ड
अब तक 10 बार ही मजबूत हुआ रुपया, समझें इसकी चाल का गणित
छुट्टियों की भरमार, दिसंबर में इतने दिन बैंक रहेंगे बंद

सम्बंधित ख़बरें

इस तरह होगा रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड

रिजर्व बैंक ने इस फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि यह वैश्विक व्यापार (Global Trade) को बढ़ावा देने और भारतीय रुपये में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को सपोर्ट करने के लिए उठाया गया कदम है. इस व्यवस्था को अमल में लाने से पहले मंजूरी प्राप्त डीलर बैंकों को रिजर्व बैंक के फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट से पूर्व अनुमति लेने की जरूरत होगी. इस व्यवस्था के तहत दो देशों की मुद्रा की विनिमय दर बाजार पर निर्भर रह सकती है. जो भारतीय आयातक इस व्यवस्था के तहत आयात करेंगे, उन्हें रुपये में भुगतान करना होगा. रुपये में प्राप्त भुगतान पार्टनर कंट्री के संबंधित बैंक के स्पेशल वॉस्ट्रो अकाउंट में जमा होगा. वहीं जो भारतीय निर्यातक इस व्यवस्था को अपनाएंगे, वे भी पार्टनर कंट्री के संबंधित बैंक के स्पेशल वॉस्ट्रो अकाउंट में रुपये में ही भुगतान लेंगे.

इन फैक्टर्स ने रिजर्व बैंक को किया मजबूर

आपको बता दें कि कच्चा तेल समेत अन्य ग्लोबल कमॉडिटीज की कीमतों में हालिया समय में तेजी आई है. खासकर भारत के तेल आयात का बिल (Oil Import Bill) गंभीर तरीके से बढ़ा है. इसने भारत के चालू खाता घाटे को चिंताजनक स्तर पर पहुंचा दिया है. अभी ऐसी आशंका है कि 2022-23 में भारत का चालू खाता घाटा बजट के अनुमान के डबल से भी ज्यादा होकर 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. यह चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) ऐसे समय बढ़ रहा है, जब दुनिया भर में ब्याज दर बढ़ने लगे हैं. भारत में भी रिजर्व बैंक महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ा रहा है. इससे सरकार के लिए चालू खाता घाटे की भरपाई करना महंगा होता जा रहा है. दूसरी ओर दुनिया भर में बढ़ती ब्याज दरों के चलते विदेशी निवेशक (FPI) भारतीय बाजार को छोड़कर जा रहे हैं.

बदले हालात में रुपये को होगा फायदा

जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक के इस नए कदम की सफलता पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि कितने पार्टनर देश रुपये में भुगतान को स्वीकार करते हैं. चूंकि रिजर्व बैंक ने कहा है कि पार्टनर देश की करेंसी और रुपये की विनिमय दर बाजार पर निर्भर रह सकती है, लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब अमुक देश के साथ भारत का ठीक-ठाक व्यापार हो. हालांकि दूसरी ओर कई जानकार ये भी बता रहे हैं कि बदली वैश्विक परिस्थितियों में कई देश रुपये को स्वीकार करना पसंद करेंगे. खासकर रूस पर हाल में लगे प्रतिबंध विकल्प ट्रेड के बाद देशों को आभास हुआ है कि डॉलर पर निर्भरता कितनी खतरनाक साबित हो सकती है और इस कारण दुनिया भर में इसके विकल्प तलाशे जा रहे हैं.

रेटिंग: 4.59
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 216
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *