आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं?

BPSC Assistant Director Exam: रिवाइज्ड शेड्यूल जारी, यहां देखें कब होगी परीक्षा
BPSC Assistant Director Admit Card/Revised Schedule 2022: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर लिखित प्रतियोगी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड / रिवाइज्ड परीक्षा शेड्यूल के बारे में एक शॉर्ट नोटिस जारी किया है। रिवाइज्ड शेड्यूल के अनुसार आयोग 26 नवंबर 2022 से लिखित परीक्षा आयोजित करेगा।
वे सभी उम्मीदवार जिन्हें असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर पद के लिए लिखित परीक्षा में उपस्थित होना है, वे bpsc.bih.nic.in की आधिकारिक वेबसाइट से BPSC रिवाइज्ड शेड्यूल डाउनलोड कर सकते हैं।
जारी शॉर्ट नोटिस के अनुसार असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर पद के लिए लिखित परीक्षा 26/27/28 नवंबर 2022 को दो सीटिंग में आयोजित की जाएगी।
हिंदी प्रीसिस राइटिंग एंड ट्रांसलेशन फ्रॉम हिंदी-इंग्लिश एंड वायस वर्सा और इंग्लिश निबंध और प्रिसिस राइटिंग सहित लैंग्वेज पेपर की परीक्षा 26 नवंबर 2022 को होगी।
करंट अफेयर्स और जर्नलिज्म एंड एडिटिंग की थ्योरी के लिए लिखित परीक्षा 27 नवंबर 2022 को आयोजित की जाएगी। पब्लिक रिलेशन और मॉर्डम कम्यूनिकेशन मीडियम के महत्व सहित विषय की परीक्षा 28 नवंबर 2022 को आयोजित की जाएगी।
असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर लिखित प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र परीक्षा की तारीख से एक सप्ताह पहले जारी करेगा। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक पर अपनी लॉगिन क्रेडेंशियल प्रदान करने के बाद इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
BPSC Assistant Director Admit Card/Revised Schedule 2022: ऐसे करें डाउनलोड
स्टेप 1- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in. पर जा सकते हैं।
स्टेप 2- होम पेज पर ‘Examination Program: Assistant Director-cum-District Public Relation Officer Written Competitive Examination. (Advt. No. 02/2021)’ लिंक पर क्लिक करना होगा।
अन्ना से थप्पड़ खाने को तैयार CM केजरीवाल, बताई नाराजगी की वजह
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने सामाजिक कार्यकर्ता और अपने ‘गुरु’ अन्ना हजारे (Anna Hazare) से जुड़ी बड़ी बात का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि वो अपने गुरु का बहुत सम्मान करते हैं और उनसे थप्पड़ तक खाने को तैयार हैं।
दरअसल, दिल्ली में कथित शराब घोटाले पर अन्ना हजारे (Anna Hazare) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) से नाराज हैं। केजरीवाल Chief Minister Arvind Kejriwalने अन्ना की नाराजगी की वजह भाजपा को बताते हुए कहा कि हजारे भोले आदमी हैं और उनका कान भरा जा रहा है। आप संयोजक ने कई बार दोहराया कि अन्ना अच्छे आदमी है और उनके प्रति मन में बहुत सम्मान है।
हाल ही में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में आप संयोजक Chief Minister Arvind Kejriwal ने भगवान में अपना विश्वास जाहिर करते हुए कहा कि 2010 तक इस देश के अंदर अरविंद केजरीवाल को कोई नहीं जानता था। कौन था केजरीवाल। अचानक इतना बड़ा अन्ना आंदोलन हो गया। अचानक एक पार्टी बन गई। अचानक वह पार्टी सत्ता में आ गई। अचानक वह पार्टी दूसरे राज्य में भी सत्ता में आ गई। मैंने पिछले जन्म में कुछ बहुत पुण्य किए होंगे कि भगवान का इतना आशीर्वाद मिल रहा है। यह मेरे प्रयासों से नहीं हो रहा है, यह कुछ तो दैवीय शक्ति है जिसकी कृपा मुझ पर बनी है।
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अन्ना का नाम लिए जाने के बाद केजरीवाल से पूछा गया कि अब क्यों बुजुर्ग आंदोलनकारी उनसे व्यथित रहते हैं। केजरीवाल ने कहा, ”कई राजनीतिक दल… अन्ना जी की मैं बहुत इज्जत करता हूं। वह बहुत भोले आदमी हैं, बहुत अच्छे आदमी हैं। लेकिन ये पुरानी पार्टी जाकर मेरे खिलाफ उनके कान भरती रहती है। यह कांग्रेस के जमाने से चला आ रहा है जब अन्ना आंदोलन हुआ था। तब यह कांग्रेस किया करती थी अब भाजपा वाले करते हैं। उलटा सीधा बोलते हैं तो… नहीं तो अन्ना बहुत अच्छे आदमी हैं मैं उनकी इज्जत करता हूं। जो मर्जी बोलें मेरे खिलाफ, मुझे कभी गिला शिकवा नहीं होता। वह किसी दिन बुलाकर मुझे चार थप्पड़ भी मार देंगे। वह भी सर माथे पर।’
विदित हो कि आम आदमी पार्टी अन्ना हजारे की अगुआई में दिल्ली में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की ही उपज है। आंदोलन के बाद केजरीवाल की अगुआई में राजनीतिक दल बनाने का ऐलान किया गया। हालांकि, अन्ना इसके लिए सहमत नहीं थे और वह कभी भी ‘आप’ से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नहीं जुड़े। हाल ही में शराब घोटाले के आरोपों के बीच अन्ना हजारे ने केजरीवाल के नाम खत लिखा था और कहा था कि वह सत्ता के नशे में डूब गए हैं।
BPSC Assistant Director Exam: रिवाइज्ड शेड्यूल जारी, यहां देखें कब होगी परीक्षा
हिन्दुस्तान 21 घंटे पहले लाइव हिन्दुस्तान टीम
BPSC Assistant Director Admit Card/Revised Schedule 2022: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर लिखित प्रतियोगी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड / रिवाइज्ड परीक्षा शेड्यूल के बारे में एक शॉर्ट नोटिस जारी किया है। रिवाइज्ड शेड्यूल के अनुसार आयोग 26 नवंबर 2022 से लिखित परीक्षा आयोजित करेगा।
वे सभी उम्मीदवार जिन्हें असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर पद के लिए लिखित परीक्षा में उपस्थित होना है, वे bpsc.bih.nic.in की आधिकारिक वेबसाइट से BPSC रिवाइज्ड शेड्यूल डाउनलोड कर सकते हैं।
जारी शॉर्ट नोटिस के अनुसार असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर पद के लिए लिखित परीक्षा 26/27/28 नवंबर 2022 को दो सीटिंग में आयोजित की जाएगी।
हिंदी प्रीसिस राइटिंग एंड ट्रांसलेशन फ्रॉम हिंदी-इंग्लिश एंड वायस वर्सा और इंग्लिश निबंध और प्रिसिस राइटिंग सहित लैंग्वेज पेपर की परीक्षा 26 नवंबर 2022 को होगी।
करंट अफेयर्स और जर्नलिज्म एंड एडिटिंग की थ्योरी के लिए लिखित परीक्षा 27 नवंबर 2022 को आयोजित की जाएगी। पब्लिक रिलेशन और मॉर्डम कम्यूनिकेशन मीडियम के महत्व सहित विषय की परीक्षा 28 नवंबर 2022 को आयोजित की जाएगी।
असिस्टेंट डायरेक्टर कम डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर लिखित प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र परीक्षा की तारीख से एक सप्ताह पहले जारी करेगा। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक पर अपनी लॉगिन क्रेडेंशियल प्रदान करने के बाद इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
BPSC Assistant Director Admit Card/Revised Schedule 2022: ऐसे करें डाउनलोड
स्टेप 1- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in. पर जा सकते हैं।
स्टेप 2- होम पेज पर ‘Examination Program: Assistant Director-cum-District Public Relation Officer Written Competitive Examination. (Advt. No. 02/2021)’ लिंक पर क्लिक करना होगा।
शराब से होती थी दिन की शुरुआत, आर्मी से 8 बार रिजेक्ट हुए थे ‘बिग बॉस’ की आवाज विजय विक्रम सिंह
ठीक नहीं थी विजय विक्रम की आर्थिक स्थिति
विक्रम का जन्म कानपुर के लोवर मिडिल क्लास फैमिली में हुआ। यहीं से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। हालांकि जब ये दुनिया में आए तो परिवार सम्पन्न था लेकिन पिता के व्यापार में कुछ ऐसी परिस्थितियां आईं कि पैसे चले गए। हालांकि पढ़ाई-लिखाई में परिवार ने कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने विक्रम को अच्छे स्कूल में पढ़ाया। विक्रम ने भी मन लगन से स्कूल किया और फिर कॉमर्स में ग्रेजुएशन।
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फौज में जाना चाहते थे विजय विक्रम
विक्रम की शुरुआत से ही इच्छा थी कि वह फौज में जाएं। एक आर्मी ऑफिसर बनें। उनके दादाजी इसके लिए उनको काफी प्रोत्साहित भी करते थे। नाम के आगे उन्होंने ब्रिगेडियर तक जोड़ दिया था। ऐसे में उनके जहन में यही था कि आगे चलकर उनको फौज में जाना है। इन्होंने प्रयास भी उसी तरफ किए। ग्रेजुएशन के साथ-साथ इन्होंने कम्बाइन्ड डिफेंस का एग्जाम भी दिया। रिटेन क्लीयर किया और इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। पांच दिन चलने वाले SSB इंटरव्यू में विक्रम पहले ही दिन रिजेक्ट हो गए। मतलब 17-18 साल से जो सपने पाले हुए थे वो एक मिनट में टूटकर बिखर गए।
चार साल में आठ बार रिजेक्ट हुए थे विजय विक्रम
आर्मी में सेलेक्शन न होने की वजह से विक्रम पूरी तरह से बिखर गए थे। इसका ही नतीजा था कि उन्होंने 18 साल की उम्र में पहली बार शराब पी। गम की आड़ में की गई गलती उनकी यहीं से लत बन गई थी। खैर। इन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अगले 4 साल में 7 बार और रिजेक्शन झेला। वह SSB क्लियर ही नहीं कर पा रहे थे। कुल मिलाकर वह 8 बार रिजेक्ट हुए। और सभी ने उनको थोड़ो-थोड़ा करके अंदर से तोड़ना शुरू कर दिया।
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विजय विक्रम को हो गई थी गंभीर बीमारी
विक्रम को इस रिजेक्शन ने शराब की तरफ ढकेल दिया था। 24 साल की उम्र तक ऐसी हालत हो गई थी कि वह अपने दिन की शुरुआत ही शराब से करते थे। हालांकि वह घर नहीं बैठे। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्याल ये MBA की पढ़ाई की। अच्छा सेलेक्शन हुआ। नौकरी भी की। लेकिन शराब की लत नहीं छूटी। वह लत बढ़ती गई। नतीजन 2005 में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उनके पेट में अचनाक असहनीय दर्द शुरू हो गया। उनको जब मध्य प्रदेश के सतना के एक अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने बताया कि इन्हें सीवियर एक्यूट पेनक्रिएटाइटिस विद रीनल फेलियर हो गया है।
विजय के बचने के सिर्फ 15 पर्सेंट थी गुंजाइश
सतना से उनको लखनऊ PGI रेफर किया गया। वहां जिस डॉक्टर ने उनको एग्जामिन किया। उसने उनकी मां से ये कह दिया कि इनके कुछ मुख्य अंग काम नहीं कर रहे हैं। फेफड़े में 70 पर्सेंट पानी भर गया है। किडनी काम नहीं कर रही और लिवर भी काम नहीं कर रहा। बचने का जो चांस है वो 15 पर्सेंट है। अगर आप कहें तो हम इनका इलाज करें नहीं तो ये पैसे की बर्बादी है। लेकिन इनकी मां ने डॉक्टर से ये कहा- आप अपना काम करिए और हम अपना काम करेंगे। हालांकि उस दौरान आर्थिक स्थिति सही नहीं थी।
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मरते-मरते बचे थे विजय विक्रम
विक्रम सिंह ने अस्पताल में 30-35 दिन गुजारे और यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई। क्योंकि उनके बचने के चांसेस बहुत कम थे। इस दौरान उनको निमोनिया भी हो गया था। वह मौत के मुंह से टक से बाहर आए थे। हालांकि सब ठीक हुआ। उन्होंने आत्ममंथन किया कि वह क्या कर रहे हैं। परिवार को सफर करते हुए देखा। उनकी दुर्गति देखी उन 35 दिनों में। फिर डॉक्टर ने कहा कि उनकी किडनी काम कर रही है। फिर लिवर भी काम करने लगा। दो-ढाई महीने बाद डिस्चार्ज किया गया।
विजय विक्रम की बदल गई पूरी लाइफ
अस्पताल के इन दिनों एक ऐसा वाकया हुआ, जिससे उनकी लाइफ बदल गई। दरअसल, जब वह अस्पताल में थे तो 30 दिन बाद वह मां-पापा का सहारा लेकर खिड़की के पास गए। इस दौरान सूरज की रोशनी देखकर उनको ऐसा लगा कि ये नई लाइफ की रोशनी है। उस दिन उनको एहसास हुआ कि वह अपनी छोटी सी गलती की सजा खुद को और परिवार को दे रहे थे। विक्रम की यहां से सोच बदली। उन्हें लाइफ में सब पॉजिटिव दिखाई देने लगा।
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ऐसे बने विजय वॉइस ओवर आर्टिस्ट
विक्रम जब अपनी सरकारी नौकरी के लिए मुंबई आए तो किसी ने उनसे कहा उनकी आवाज अच्छी है, इस पर काम करिए। लेकिन उन्होंने कहा कि वह गाना नहीं गा सकते हैं। हालांकि उनको इस समय तक पता नहीं था कि आवाज के साथ क्या-क्या किया जा सकता है। फिर उस शख्स ने बताया कि वॉइस ओवर नाम का एक करियर है, जिसमें वह जा सकते हैं। क्योंकि उनकी आवाज बहुत अच्छी है। इसके बाद विक्रम ने खुद पर काम किया। आवाज को तराशा। बिजनेस साइड को समझा। फिर 2009 में अपना सेट करियर छोड़कर इस लाइन में आ गए। इसमें उनकी पत्नी ने खासा मदद की। हौसला बढ़ाया।
इन फिल्मों-सीरीज में विजय विक्रम ने किया काम
वह वॉइस ओवर आर्टिस्ट के साथ-साथ एक्टर भी बनें। 2018 से एक्टिंग शुरू की। मनोज बाजपेयी की आई ‘फैमिली मैन’ के दोनों में वह नजर आए। ‘मिर्जापुर 2’, ‘स्पेशल ऑप्स’ जैसी चर्चित सीरीज में भी वह दिखाई दिए थे। और साढ़े महीने बिग बॉस की आवाज बने ही रहते हैं।
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ठीक नहीं थी विजय विक्रम की आर्थिक स्थिति
विक्रम का जन्म कानपुर के लोवर मिडिल क्लास फैमिली में हुआ। यहीं से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं? की। हालांकि जब ये दुनिया में आए तो परिवार सम्पन्न था लेकिन पिता के व्यापार में कुछ ऐसी परिस्थितियां आईं कि पैसे चले गए। हालांकि पढ़ाई-लिखाई में परिवार ने कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने विक्रम को अच्छे स्कूल में पढ़ाया। विक्रम ने भी मन लगन से स्कूल किया और फिर कॉमर्स में ग्रेजुएशन।
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फौज में जाना चाहते थे विजय विक्रम
विक्रम की शुरुआत से ही इच्छा थी कि वह फौज में जाएं। एक आर्मी ऑफिसर बनें। उनके दादाजी इसके लिए उनको काफी प्रोत्साहित भी करते थे। नाम के आगे उन्होंने ब्रिगेडियर तक जोड़ दिया था। ऐसे में उनके जहन में यही था कि आगे चलकर उनको फौज में जाना है। इन्होंने प्रयास भी उसी तरफ किए। ग्रेजुएशन के साथ-साथ इन्होंने कम्बाइन्ड डिफेंस का एग्जाम भी दिया। रिटेन क्लीयर किया और इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। पांच दिन चलने वाले SSB इंटरव्यू में विक्रम पहले ही दिन रिजेक्ट हो गए। मतलब 17-18 साल से जो सपने पाले हुए थे वो एक मिनट में टूटकर बिखर गए।
चार साल में आठ बार रिजेक्ट हुए थे विजय विक्रम
आर्मी में सेलेक्शन न होने की वजह से विक्रम पूरी तरह से बिखर गए थे। इसका ही नतीजा था कि उन्होंने 18 साल की उम्र में पहली बार शराब पी। गम की आड़ में की गई गलती उनकी यहीं से लत बन गई थी। खैर। इन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अगले 4 साल में 7 बार और रिजेक्शन झेला। वह SSB क्लियर ही नहीं कर पा रहे थे। कुल मिलाकर वह 8 बार रिजेक्ट हुए। और सभी ने उनको थोड़ो-थोड़ा करके अंदर से तोड़ना शुरू कर दिया।
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विजय विक्रम को हो गई थी गंभीर बीमारी
विक्रम को इस रिजेक्शन ने शराब की तरफ ढकेल दिया था। 24 साल की उम्र तक ऐसी हालत हो गई थी कि वह अपने दिन की शुरुआत ही शराब से करते थे। हालांकि वह घर नहीं बैठे। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्याल ये MBA की पढ़ाई की। अच्छा सेलेक्शन हुआ। नौकरी भी की। लेकिन शराब की लत नहीं छूटी। वह लत बढ़ती गई। नतीजन 2005 में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उनके पेट में अचनाक असहनीय दर्द शुरू हो गया। उनको जब मध्य प्रदेश के सतना के एक अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने बताया कि इन्हें सीवियर एक्यूट पेनक्रिएटाइटिस विद रीनल फेलियर हो गया है।
विजय के बचने के सिर्फ 15 पर्सेंट थी गुंजाइश
सतना से उनको लखनऊ PGI रेफर किया गया। वहां जिस डॉक्टर ने उनको एग्जामिन किया। उसने उनकी मां से ये कह दिया कि इनके कुछ मुख्य अंग काम नहीं कर रहे हैं। फेफड़े में 70 पर्सेंट पानी भर गया है। किडनी काम नहीं कर रही और लिवर भी काम नहीं कर रहा। बचने का जो चांस है वो 15 पर्सेंट है। अगर आप कहें तो हम इनका इलाज करें नहीं तो ये पैसे की बर्बादी है। लेकिन इनकी मां ने डॉक्टर से ये कहा- आप अपना काम करिए और हम अपना काम करेंगे। हालांकि उस दौरान आर्थिक स्थिति सही नहीं थी।
Opinion: शाना बनने के चक्कर में बिग बॉस ने 16वें सीजन की कर डाली ऐसी की तैसी, ये 5 बातें चीखकर दे रही सबूत
मरते-मरते बचे थे विजय विक्रम
विक्रम सिंह ने अस्पताल में 30-35 दिन गुजारे और यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई। क्योंकि उनके बचने के चांसेस बहुत कम थे। इस दौरान उनको निमोनिया भी हो गया था। वह मौत के मुंह से टक से बाहर आए थे। हालांकि सब ठीक हुआ। उन्होंने आत्ममंथन किया कि वह क्या कर रहे हैं। परिवार को सफर करते हुए देखा। उनकी दुर्गति देखी उन 35 दिनों में। फिर डॉक्टर ने कहा कि उनकी किडनी काम कर रही है। फिर लिवर भी काम करने लगा। दो-ढाई महीने बाद डिस्चार्ज किया गया।
विजय विक्रम की बदल गई पूरी लाइफ
अस्पताल के इन दिनों एक ऐसा वाकया हुआ, जिससे उनकी लाइफ बदल गई। दरअसल, जब वह अस्पताल में थे तो 30 दिन बाद वह मां-पापा का सहारा लेकर खिड़की के पास गए। इस दौरान सूरज की रोशनी देखकर उनको ऐसा लगा कि ये नई लाइफ की रोशनी है। उस दिन उनको एहसास हुआ कि वह अपनी छोटी सी गलती की सजा खुद को और परिवार को दे रहे थे। विक्रम की यहां से सोच बदली। उन्हें लाइफ में सब पॉजिटिव दिखाई देने लगा।
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ऐसे बने विजय वॉइस ओवर आर्टिस्ट
विक्रम जब अपनी सरकारी नौकरी के लिए मुंबई आए तो किसी ने उनसे कहा उनकी आवाज अच्छी है, इस पर काम करिए। लेकिन उन्होंने कहा कि वह गाना नहीं गा सकते हैं। हालांकि उनको इस समय तक पता नहीं था कि आवाज के साथ क्या-क्या किया जा सकता है। फिर उस शख्स ने बताया कि वॉइस ओवर नाम का एक करियर है, जिसमें वह जा सकते हैं। क्योंकि उनकी आवाज बहुत अच्छी है। इसके बाद विक्रम ने खुद पर काम किया। आवाज को तराशा। बिजनेस साइड को समझा। फिर 2009 में अपना सेट करियर छोड़कर इस लाइन में आ गए। इसमें उनकी पत्नी ने खासा मदद की। हौसला बढ़ाया।
इन फिल्मों-सीरीज में विजय विक्रम ने किया काम
वह वॉइस ओवर आर्टिस्ट के साथ-साथ एक्टर भी बनें। 2018 से एक्टिंग शुरू की। मनोज बाजपेयी की आई ‘फैमिली मैन’ के दोनों में वह नजर आए। ‘मिर्जापुर 2’, ‘स्पेशल ऑप्स’ जैसी चर्चित सीरीज में भी वह दिखाई दिए थे। और साढ़े महीने बिग बॉस की आवाज बने ही रहते हैं।