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Dividend क्या होता है

Dividend क्या होता है

डिविडेंड पर कैसे लगता है टैक्स?

विदेशी कंपनी से प्राप्त डिविडेंड निवेशकों के लिए टैक्सेबल होता है.

डिविडेंड पर कैसे लगता है टैक्स?

2. किसी वित्त वर्ष में घरेलू कंपनी से मिले 10 लाख रुपये तक के डिविडेंड पर टैक्स से छूट मिलती है. यानी निवेशक को इस पर टैक्स नहीं देना पड़ता है.

3. किसी विदेशी कंपनी को अपने शेयरधारकों को दिए गए डिविडेंड पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाती है.

4. वहीं, विदेशी कंपनी से प्राप्त डिविडेंड निवेशकों के लिए टैक्सेबल होता है. इसे 'अन्य स्रोतों से आय' के तहत लिया जाता है. इस पर लागू दरों के अनुसार टैक्स वसूला जाता है.

5. म्यूचुअल फंडों से मिला डिविडेंड निवेशकों के लिए टैक्स फ्री है. लेकिन, उन्हें डेट फंडों के लिए 25 फीसदी की दर से डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (29.12 फीसदी सरचार्ज और सेस के साथ ) देना पड़ता है. इक्विटी फंडों के लिए यह 10 फीसदी (11.64 फीसदी सरचार्ज और सेस सहित) है.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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Dividend क्या है और ये कितने प्रकार के होते है – Dividend Kya Hota Hai

dividend kya hota hai

Dividend Kya Hota Hai शयद की ऐसा कोई हो जिसे की Reward मिले और वो न ले सीधा सा जवाब है Reward हर कोई को पसंद होता है इसलिए आज हम ऐसे की एक reward के बारे में जानेंगे जो की शेयर मार्किट से रेलेटेड टर्म है Dividend यानि लाभांश एक ऐसा रिवॉर्ड है जो कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को देती है ये कई प्रकार से जारी किये जाते है इसलिए आज के आर्टिकल में हम जानेंगे की डिविडेंड क्या है या फिर Dividend Kya Hota Hai और ये कैसे मिलता है Dividend कितने प्रकार का होता है और डिविडेंड जुडी सभी जानकारी देने वाले है तो चलिए शुरू करते है |

डिविडेंड क्या होता है – Dividend Meaning In hindi

Dividend यानि लाभांश जिसका अर्थ होता है लाभ में अंश जो कंपनी अपने मुनाफे से थोड़ा सा हिस्सा कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को देती है जिसे की Dividend यानि लाभांश कहते है डिविडेंड कई तरीके से कंपनी के द्वारा जारी किया जाता है जैसे कैश पेमेंट , स्टॉक्स या फिर किसी और फॉर्म में ये डिविडेंड उस कंपनी के नेट प्रॉफिट होता है जो कंपनी अपने शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है जब आपके पास डिविडेंट पे करने वाले शेयर होते है तो आपको प्रॉफिट मिलता है कंपनी के अल्वा कई म्यूच्यूअल फण्ड और एक्सचेंज ट्रेड फण्ड (ETF) भी डिविडेंड देती है आप आपको समझ आ गया होगा की Dividend Kya Hota Hai और आप आगे जानते है की शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या है |

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है ?

जब कंपनी के सारे खर्चे कवर हो जाते है और सभी तरह के टेक्स और बाकि बचे देनदारी हटाकर बचे हुए फायदा का कुछ हिस्सा अपने शेयर धारको को देती Dividend क्या होता है है ये डिविडेंड सभी शेयर होल्डर्स के पास रखे गए उनके शेयर के हिसाब से दिया जाता है जैसे की मान लीजिये TCS की कंपनी ने डिविडेंड देने का निर्णय लिया है की वो 1 शेयर पर 20 रूपये डिविडेंड देंगे और आपके पास 100 शेयर है तो आपको 100 x 20 = 2000 रूपये का TCS के द्वारा डिविडेंड मिलेगा |

डिविडेंड जरुरी क्यों होते है

डिविडेंट इन्वेस्टर को ये मैसेज देते है डिविडेंड देने वाली कंपनी में स्टेबल cash flow है और वो प्रॉफिट भी जेनेरेट कर रही है जैसे इन्वेस्टर को फेट उस कंपनी में बढ़ता है और इन्वेस्टर का फेट ही तो कंपनी के प्रोग्रेस में हेल्प करता है इसलिए डिविडेंट इतने जरुरी होते है

सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी – Top dividend Company

सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी की बात की जाये तो इसमें ज्यादातर स्टैब्लिश कंपनी ही शामिल होती है जिन्हे ज्यादा फायदा होता है और कंपनी रेगुलर बैसेस पर डिविडेंट दिया करती है

dividend kya hota hai

अकसर ज्यादातर कंपनी इस इंडस्ट्री में आती है जैसे

  • Basic Material
  • Oil And Gas
  • Banks & Finance

डिविडेंड की महत्वपूर्ण तारीख

आइये जानते है की डिविडेंट की इम्पोर्टेन्ट डेट के बारे में जिसके बारे में आपको भी पता होना चाहिए

Announcement Date

अनाउंसमेंट डेट वह डेट होती हैं जिस दिन कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स shareholders को डिविडेंड देने की घोषणा करते हैं इस तारीख को डिविडेंट दिया जायेगा

Ex- Dividend Date

एक्स डिविडेंट डेट पर डिविडेंड एलिजिबिलिटी expire हो जाती है एक्स – डिविडेंड date Record Date से 3 दिन अगर आपको किसी कंपनी का डिविडेंड प्राप्त करना है तो आपको उसके एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयर खरीदने होंगे तभी आपको डिविडेंड प्राप्त होगा |

Record Date

रिकॉर्ड डेट के जरिये कंपनी को ये पता चलता है की कौन से शेयर होल्डर डिविडेंड प्राप्त करने के योग्य है |

Payment Date

पेमेंट डेट पर कंपनी इन्वेस्टर के अकाउंट में मनी क्रेडिट कर देती है |

डिविडेंट कितने प्रकार के होते है – Types of Dividend in hindi

डिविडेंड क्या होता है ये तो अपने जान लिया और अब जानते है की डिविडेंट कितने प्रकार के होते है

1 . Cash dividend

ये सबसे कॉमन डिविडेंड टाइप होता है जिसमे कंपनी शेयर होल्डर के ब्रोकेग अकाउंट में डायरेक्ट कॅश पेमेंट कर देती है

2 . Stock Dividend

इस टाइप में कंपनी कॅश देने के बजाए स्टॉक के एडिशनल शेयर के रूप में पे करती है |

3 . Dividend Reinvestment Programs ( DRIPS)

DRIPS की बात की जाये तो इस तरह के डिविडेंड टाइप में इन्वेस्टर डिस्काउंट पर कंपनी के स्टॉक में डिविडेंट को री इन्वेस्ट कर सकते है \

4 . Special Dividend

इस डिविडेंट की बात की जाये तो ये एक्स्ट्रा डिविडेंट यानि One time dividend पेमेंट्स होते है इन्हे regular dividend भी कहा जाता है ये डिविडेंड तब मिलते है जब कंपनी के पास unexpected cash होता है ये regular कंपनी डिविडेंट से अलग होते है क्युकी रेगुलर डिविडेंट तो रेगुलर इंटरवल्स पर रिकल होते है जबकि स्पेशल डिविडेंट एक ही बार जाता है और ये कैश अमाउंट भी रेगुलर डिविडेंट से ज्यादा हो सकते है |

5 . Preferred Dividend

प्रिफर्ड स्टॉक्स ऐसे स्टॉक होते है जो स्टॉक की तरह कम काम करते है और बांड की तरह ज्यादा होते है और प्रिफर्ड स्टॉक पर मिलने वाले डिविडेंड जनरली फिक्स्ड होते है जबकि कॉमन स्टॉक पर मिलने वाले डिविडेंड यूज़ली क्वार्टरली पे किये जाते है |

निष्कर्ष

तो आज के आर्टिकल में हमने जाना की dividend Kya Hota Hai या फिर Dividend Kya Hai और कितने प्रकार का होता है ये जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दे और सोशल मीडिया पर भी जरूर शेयर करे |

निवासी और अनिवासी शेयरधारकों के लिए शेयरों से लाभांश आय पर कर | Taxation on dividend income from shares

शेयरों से होने वाली लाभांश आय पर आप कितना कर देते हैं?

  • Date : 08/10/2021
  • Read: 4 mins Rating : -->
  • Read in English: How much tax do you pay on dividend income from shares?

निवासी और अनिवासी शेयरधारकों के लिए लाभांश आय पर अलग-अलग कर लगाया जाता है।

शेयरों से होने वाली लाभांश आय पर आप कितना कर देते हैं?

एक निवेशक के रूप में आप निश्चित रूप से समय-समय पर अपने शेयरों पर लाभांश आय Dividend क्या होता है प्राप्त कर रहे होंगे। वित्त अधिनियम 2020 के तहत कर व्यवस्था में बदलाव के कारण 1 अप्रैल 2020 से शेयरधारक के हाथों में इस लाभांश आय को कर योग्य बनाया गया है।

पहले, लाभांश जारी करने वाली कंपनी द्वारा लाभांश पर कर का भुगतान लाभांश वितरण कर (डीडीटी) के रूप में 20.56% की दर से किया जाता था, जबकि शेयरधारकों के लिए लाभांश आय करमुक्त थी।

संशोधन ने लाभांश कराधान की पुरानी प्रणाली को फिर से शुरू किया है, जिसमें शेयरधारकों द्वारा करदेयता को पूरा किया जाना है जबकि कंपनी को लाभांश घोषित करने के लिए उसकी करदेयता को रोकना है।

घरेलू शेयरधारकों के लिए लाभांश पर कर दायित्व

निवासी शेयरधारक अगर निवेशित शेयरों से लाभांश आय प्राप्त करते हैं तो उनको उनपर लागू आयकर स्लैब के हिसाब से 'अन्य आय' के तहत कर देना होता है, भले ही उनकी लाभांश आय कितनी भी क्यों ना हो। इसके अलावा, आईटी अधिनियम की धारा 194 के तहत, एक वित्त वर्ष में लाभांश आय 5000 रुपये से अधिक होने पर स्रोत पर कर (टीडीएस) 10% पर काटा जाता है।

हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को हुई तबाही को देखते हुए 14.05.2020 और 31.03.2021 के बीच भुगतान किए गए लाभांश के लिए टीडीएस की दर 10% के बजाय 7.5% की गई है।

यदि स्टॉक को व्यापारिक उद्देश्यों के लिए रखा जाता है, तो लाभांश को 'व्यावसायिक आय' के रूप में माना जाता है और उसके हिसाब से कर लगाया जाता है। ऐसे मामलों में, निर्धारिती लाभांश आय अर्जित करने के लिए किए गए खर्चों के एवज में कटौती का दावा भी कर सकता है, जैसे कि ऋण पर ब्याज, संग्रह शुल्क आदि। हालांकि, दावा कुल लाभांश आय के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए।

अनिवासी भारतीयों के लिए लाभांश पर कर के मायने

गैर-निवासियों के रूप में वर्गीकृत निवेशकों से आईटी अधिनियम की धारा 195 के अनुसार 20% से अधिक अधिभार और 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर की दर से कर नहीं लिया जाएगा। 50 लाख रुपये तक की लाभांश आय के लिए अधिभार शून्य है और 5 करोड़ रुपये से अधिक लाभांश आय के लिए अधिक से अधिक 15% तक अधिभार लिया जा सकता है।

इसलिए लागू कर की दर कुल आय और अधिभार की लागू दर के आधार पर गैर-निवासियों के लिए 20.8 प्रतिशत और 28.5% के बीच होगी। अगर निवेशक को डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) का लाभ मिलता है तो टैक्स की कम दर लागू हो सकती है।

इस तरह के लाभों का दावा करने के लिए अनिवासी शेयरधारकों को टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट, उस देश की सरकार द्वारा सत्यापित फॉर्म 10 एफ जैसे दस्तावेज देने पड़ सकते हैं जहां निर्धारिती निवासी है। साथ ही ऐसे शेयरधारकों को एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा। कर की लागू दर डीटीएए में उल्लिखित है और भारत में कर रिटर्न दाखिल करके निर्धारिती द्वारा दावा करना होगा।

आईटी अधिनियम की धारा 196सी/196डी के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए डीटीएए लाभ उपलब्ध नहीं है और उनसे प्राप्त लाभांश पर 20% की दर से कर नहीं लिया जाएगा।

ध्यान देने लायक अन्य बातें

लेखांकन: ध्यान रहे कि अंतरिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जब शेयरधारक उसे प्राप्त करता है जबकि अंतिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जिस वर्ष इसे घोषित, वितरित या भुगतान किया जाता है और उसमें से जो भी पहले हो।

पैन प्रस्तुत करना: सुनिश्चित करें कि आपका पैन विवरण लाभांश जारी करने वाली कंपनी के साथ पंजीकृत है। पैन नहीं देने पर टीडीएस की लागू दर दोगुनी होकर 20% हो जाती Dividend क्या होता है है।

टीडीएस: यदि कोई कर रोक दिया गया है (5,000 रुपये से अधिक के लाभांश के लिए), तो उसका विवरण आपके वार्षिक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट यानी फॉर्म 26एएस में दिखाई देगा।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टैक्स रिटर्न दिसंबर Dividend क्या होता है 2021 के अंत तक दाखिल किया जाना है और स्टॉक या म्युचुअल फंड से आप सभी को लाभांश आय का हिसाब देना होगा। अनुपालन में आसानी के लिए आप अपने आयकर फॉर्म में पूर्व-भरे हुए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त सभी लाभांश आय का विवरण प्राप्त कर सकते हैं। इसे आईटी पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।

एक निवेशक के रूप में आप निश्चित रूप से समय-समय पर अपने शेयरों पर लाभांश आय प्राप्त कर रहे होंगे। वित्त अधिनियम 2020 के तहत कर व्यवस्था में बदलाव के कारण 1 अप्रैल 2020 से शेयरधारक के हाथों में इस लाभांश आय को कर योग्य बनाया गया है।

पहले, लाभांश जारी करने वाली कंपनी द्वारा लाभांश पर कर का भुगतान लाभांश वितरण कर (डीडीटी) के रूप में 20.56% की दर से किया जाता था, जबकि शेयरधारकों के लिए लाभांश आय करमुक्त थी।

संशोधन ने लाभांश कराधान की पुरानी प्रणाली को फिर से शुरू किया है, जिसमें शेयरधारकों द्वारा करदेयता को पूरा किया जाना है जबकि कंपनी को लाभांश घोषित करने के लिए उसकी करदेयता को रोकना है।

घरेलू शेयरधारकों के लिए लाभांश पर कर दायित्व

निवासी शेयरधारक अगर निवेशित शेयरों से लाभांश आय प्राप्त करते हैं तो उनको उनपर लागू आयकर स्लैब के हिसाब से 'अन्य आय' के तहत कर देना होता है, भले ही उनकी लाभांश आय कितनी भी क्यों ना हो। इसके अलावा, आईटी अधिनियम की धारा 194 के तहत, एक वित्त वर्ष में लाभांश आय 5000 रुपये से अधिक होने पर स्रोत पर कर (टीडीएस) 10% पर काटा जाता है।

हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को हुई तबाही को देखते हुए 14.05.2020 और 31.03.2021 के बीच भुगतान किए गए लाभांश के लिए टीडीएस की दर 10% के बजाय 7.5% की गई है।

यदि स्टॉक को व्यापारिक उद्देश्यों के लिए रखा जाता है, तो लाभांश को 'व्यावसायिक आय' के रूप में माना जाता है और उसके हिसाब Dividend क्या होता है से कर लगाया जाता है। ऐसे मामलों में, निर्धारिती लाभांश आय अर्जित करने के लिए किए गए खर्चों के एवज में कटौती का दावा भी कर सकता है, जैसे कि ऋण पर ब्याज, संग्रह शुल्क आदि। हालांकि, दावा कुल लाभांश आय के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए।

अनिवासी भारतीयों के लिए लाभांश पर कर के मायने

गैर-निवासियों के रूप में वर्गीकृत निवेशकों से आईटी अधिनियम की धारा 195 के अनुसार 20% से अधिक अधिभार और 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर की दर से कर नहीं लिया जाएगा। 50 लाख रुपये तक की लाभांश आय के लिए अधिभार शून्य है और 5 करोड़ रुपये से अधिक लाभांश आय के लिए अधिक से अधिक 15% तक अधिभार लिया जा सकता है।

इसलिए लागू कर की दर कुल आय और अधिभार की लागू दर के आधार पर गैर-निवासियों के लिए 20.8 प्रतिशत और 28.5% के बीच होगी। अगर निवेशक को डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) का लाभ मिलता है तो टैक्स की कम दर लागू हो सकती है।

इस तरह के लाभों का दावा करने के लिए अनिवासी शेयरधारकों को टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट, उस देश की सरकार द्वारा सत्यापित फॉर्म 10 एफ जैसे दस्तावेज देने पड़ Dividend क्या होता है Dividend क्या होता है सकते हैं जहां निर्धारिती निवासी है। साथ ही ऐसे शेयरधारकों को एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा। कर की लागू दर डीटीएए में उल्लिखित है और भारत में कर रिटर्न दाखिल करके निर्धारिती द्वारा दावा करना होगा।

आईटी अधिनियम की धारा 196सी/196डी के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए डीटीएए लाभ उपलब्ध नहीं है और उनसे प्राप्त लाभांश पर 20% की दर से कर नहीं लिया जाएगा।

ध्यान देने लायक अन्य बातें

लेखांकन: ध्यान रहे कि अंतरिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जब शेयरधारक उसे प्राप्त करता है जबकि अंतिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जिस वर्ष इसे घोषित, वितरित या भुगतान किया जाता है और उसमें से जो भी पहले हो।

पैन प्रस्तुत करना: सुनिश्चित करें कि आपका पैन विवरण लाभांश जारी करने वाली कंपनी के साथ पंजीकृत है। पैन नहीं देने पर टीडीएस की लागू दर दोगुनी होकर 20% हो जाती है।

टीडीएस: यदि कोई कर रोक दिया गया है (5,000 रुपये से अधिक के लाभांश के लिए), तो उसका विवरण आपके वार्षिक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट यानी फॉर्म 26एएस में दिखाई देगा।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टैक्स रिटर्न दिसंबर 2021 के अंत तक दाखिल किया जाना है और स्टॉक या म्युचुअल फंड से आप सभी को लाभांश आय का हिसाब देना होगा। अनुपालन में आसानी के लिए आप अपने आयकर फॉर्म में पूर्व-भरे हुए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त सभी लाभांश आय का विवरण प्राप्त कर सकते हैं। इसे आईटी पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।

पर्सनल फाइनेंस: म्यूचुअल फंड में रिटर्न पाने के मिलते हैं 2 ऑप्शन, यहां जानें ग्रोथ और डिविडेंड में कौन-सा विकल्प आपके लिए रहेगा सही

ग्रोथ ऑप्शन में पैसा लगातार स्कीम में ही रहता है - Dainik Bhaskar

अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो इससे पहले आपका इस स्कीम के बारे में सही से जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि स्कीम में निवेश करने से पहले आपको तय कर लेना चाहिए कि स्कीम से फायदा पाने के लिए आपको कौन सा ऑप्शन चुनना है। निवेशकों को म्यूचुअल फंड में दो तरह के ऑप्शन मिलते हैं। इनमें पहला है ग्रोथ और दूसरा है डिविडेंड पे आउट (डिविडेंड)। जहां ग्रोथ ऑप्शन में पैसा लगातार स्कीम में रहता है, वहीं डिविडेंड ऑप्शन में कंपनियां समय-समय पर लाभांश के रूप में फायदा बांटती रहती हैं। हम आपको इनके बारे में बता रहे हैं।

ग्रोथ ऑप्शन क्या है?
यह ऑप्शन चुनने का मतलब है कि आपकी स्कीम पर मिलने वाला डिविडेंड ( लाभांश) आपको नहीं मिलता। ये फायदा आपको तभी मिलेगा जब आप अपनी यूनिट्स रिडीम करते हैं। यानी उन्हें बेचते हैं। इसका फायदा यह है कि इस विकल्प में आपका निवेश बढ़ता रहता है।

इसे उदाहरण से समझें
उदाहरण के लिए अगर आपने 10 रुपए एनएवी की दर से म्यूचुअल फंड की 1000 यूनिट्स खरीदी है और आप इसे दो साल बाद 15 रुपए की एनएवी पर बेचते हैं तो 5 हजार रुपए इस निवेश पर आपका रिटर्न हुआ। यानी आपको 5000 रुपए का फायदा होगा।

किसे चुनना चाहिए ये ऑप्शन?
लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों के लिए ये ऑप्शन सही रहता है। क्योंकि इसमें रिटर्न पर बार-बार कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं देना पड़ता। इसके अलावा जब आप ग्रोथ ऑप्शन चुनते हैं तो बीच में पैसा न निकालने के कारण लंबी अवधि में रिटर्न बढ़ जाता है। इसमें निवेशक को कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है। इसलिए यह विकल्प उन निवेशकों के लिए सही है, जिन्हें अपने निवेश पर नियमित आय नहीं चाहिए। जो निवेशक पैसे पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं उन्हें ग्रोथ ऑप्शन चुनना चाहिए।

डिविडेंड पे आउट ऑप्शन क्या है?
डिविडेंड ऑप्शन में निवेशक को म्यूचुअल फंड हाउस समय-समय पर डिविडेंड का भुगतान करती है। ये फंड हाउस के ऊपर है कि वो अपने शेयरधारकों को कब और कितना फायदा देती है।

किसके लिए सही है ये विकल्प
यह विकल्प ऐसे निवेशकों के लिए सही है, जो छोटी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड की स्कीम में पैसा लगाना चाहते हैं। इसके अलावा जिन्हें नियमित आय की जरूरत होती है उनके लिए ये ऑप्शन सही है। हालांकि इस स्कीम में आपके पैसे की वैल्यू ग्रोथ ऑप्शन की तुलना में कम बढ़ती है। क्योंकि इसमें आपको कंपाउंडिंग का फायदा उतना नहीं मिलता है, जितना ग्रोथ ऑप्शन चुनने पर मिलता है।

कब मिलता है डिविडेंड?
डिविडेंड तब दिया जाता है जब कंपनियों को फायदा होता है और वो अपने निवेशकों को अपना मुनाफा बांटना चाहती है। इसका कोई समय या नियम नहीं है कि कब और कितना दिया जाएगा। ये कंपनी के ऊपर है कि वो अपने शेयरधारकों को कब और कितना फायदा देती है।

डिविडेंड में मिलता है री-इन्वेस्ट का ऑप्शन
डिविडेंड में निवेशक को डिविडेंड री-इन्वेस्ट का ऑप्शन भी मिलता है। इसमें निवेशक को ग्रोथ और डिविडेंड दोनों का ही फायदा मिलता है। इसमें डिविडेंड की रकम निवेशक की जेब में नहीं जाती है। उसके बदले निवेशक को यूनिट्स आवंटित कर दी जाती है।

LIC IPO: निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई की कवायद, सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने कर ली ये तैयारी

डिविडेंड या लाभांश दरअसल, किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को मुनाफे का वितरण होता है। जब कोई कंपनी लाभ या सरप्लस कमाती है, तो वह शेयरधारकों को लाभांश के रूप में लाभ के अनुपात का भुगतान करती है।

एलआईसी आईपीओ

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ ने भले ही निवेशकों को निराश किया हो, लेकिन उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की तैयारी अब कंपनी ने कर ली है। एलआईसी की ओर से मंगलवार को कहा गया कि उसका बोर्ड डिविडेंड देने पर विचार करेगा। हालांकि, इसके बारे में पूरा खुलासा 30 मई जारी होने वाले पहले तिमाही परिणामों में होगा।

बता दें एलआईसी आईपीओ के बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी पहले तिमाही परिणामों का खुलासा करेगी। इसी बैठक में डिविडेंड देने पर भी विचार किया जाएगा। जाहिर है कि कंपनी ने जो योजना तैयार की है उसके जरिए उन लोगों को कमाई का मौका मिलेगा, जिन्हें आईपीओ ने घाटा पहुंचाया है। इस संबंध में आई एक रिपोर्ट में बताया गया कि स्टॉक मार्केट को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा है कि वह 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही और वर्ष (2021-22) के लिए वित्तीय परिणामों पर चर्चा के साथ ही डिविडेंड के भुगतान को लेकर Dividend क्या होता है एलान करेगी।

डिविडेंड या लाभांश दरअसल, किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को मुनाफे का वितरण होता है। जब कोई कंपनी लाभ या सरप्लस कमाती है, तो वह शेयरधारकों को लाभांश के रूप में लाभ के अनुपात का भुगतान करती है। गौरतलब है कि मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कंपनी का शेयर करीब तेजी के साथ 824.80 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, इस बढ़त के बाद भी यह इश्यू प्राइस 949 रुपये से करीब 13 प्रतिशत की गिरावट में है। कंपनी के बाजार पूंजीकरण की बात करें तो यह 5,24,626.93 करोड़ रुपये है। आईपीओ लिस्ट होने से पहले कंपनी की वैल्यू छह लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी।

एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ था, जो कि चार मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और नौ मई को बंद हुआ था। इसने बाजार से 20,557 करोड़ रुपये कमाए थे। बता दें कि एलआईसी के आईपीओ को 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। इसके बाद कंपनी के शेयर 17 मई को अपने निर्धारित इश्यू प्राइस से करीब नौ फीसदी डिस्काउंट पर शेयर बाजार में लिस्ट हुए थे। आईपीओ में 16.2 करोड़ इक्विटी शेयर बिक्री के लिए रखे गए थे, जिसके मुकाबले 47.83 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां मिली थीं।

विस्तार

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ ने भले ही निवेशकों को निराश किया हो, लेकिन उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की तैयारी अब कंपनी ने कर ली है। एलआईसी की ओर से मंगलवार को कहा गया कि उसका बोर्ड डिविडेंड देने पर विचार करेगा। हालांकि, इसके बारे में पूरा खुलासा 30 मई जारी होने वाले पहले तिमाही परिणामों में होगा।

बता दें एलआईसी आईपीओ के बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी पहले तिमाही परिणामों का खुलासा करेगी। इसी बैठक में डिविडेंड देने पर भी विचार किया जाएगा। जाहिर है कि कंपनी ने जो योजना तैयार की है उसके जरिए उन लोगों को कमाई का मौका मिलेगा, जिन्हें आईपीओ ने घाटा पहुंचाया है। इस संबंध में आई एक रिपोर्ट में बताया गया कि स्टॉक मार्केट को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा है कि वह 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही और वर्ष (2021-22) के लिए वित्तीय परिणामों पर चर्चा के साथ ही डिविडेंड के भुगतान को लेकर एलान करेगी।

डिविडेंड या लाभांश दरअसल, किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को मुनाफे का वितरण होता है। जब कोई कंपनी लाभ या सरप्लस कमाती है, तो वह शेयरधारकों को लाभांश के रूप में लाभ के अनुपात का भुगतान करती है। गौरतलब है कि मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कंपनी का शेयर करीब तेजी के साथ 824.80 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, इस बढ़त के बाद भी यह इश्यू प्राइस 949 रुपये से करीब 13 प्रतिशत की गिरावट में है। कंपनी के बाजार पूंजीकरण की बात करें तो यह 5,24,626.93 करोड़ रुपये है। आईपीओ लिस्ट होने से पहले कंपनी की वैल्यू छह लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी।

एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ था, जो कि चार मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और नौ मई को बंद हुआ था। इसने बाजार से 20,557 करोड़ रुपये कमाए थे। बता दें कि एलआईसी के आईपीओ को 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। इसके बाद कंपनी के शेयर 17 मई को अपने निर्धारित इश्यू प्राइस से करीब नौ फीसदी डिस्काउंट पर शेयर बाजार में लिस्ट हुए थे। आईपीओ में 16.2 करोड़ इक्विटी शेयर बिक्री के लिए रखे गए थे, जिसके मुकाबले 47.83 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां मिली थीं।

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