स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है

Swing Trader किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड, शेयर कि कीमत में उतार-चढ़ाव, ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करता है। आमतौर पर swing traders लार्ज-कैप शेयरों यानी कि उन शेयरों पर विश्लेषण करते हैं जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है | What is swing trading
स्विंग ट्रेडिंग क्या है- शेयर मार्केट के अंदर ट्रेडिंग करने की कई सारी स्टाइल है लेकिन इनमें से सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग को कहा जाता है स्विंग ट्रेडिंग क्या है यह ट्रेडिंग करने के लिए ऐसी रणनीति है जिसमें किसी शेयर को खरीदने के 1 दिन बाद या फिर कुछ दिनों के भीतर भी बेच दिया जाता है इसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं ।
यदि आप शेयर मार्केट में मैं नए है और ट्रेडिंग करने का मन बना रहे हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग की बजाए स्विंग ट्रेडिंग का रास्ता अपना सकते हैं इस लेख में आपको स्विंग ट्रेडिंग क्या है, स्विंग ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें, इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है और स्विंग ट्रेडिंग के क्या फायदे और नुकसान है आदि ऐसे कई सारे सवालों के ऊपर बात करने वाले हैं तो कृपया करके आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपकी स्विंग ट्रेडिंग के प्रति भावना क्लियर हो जाए
स्विंग ट्रेडिंग क्या है – what is swing trading
जब आप किसी कंपनी के शेयर को 24 घंटे या फिर इससे ज्यादा के लिए होल्ड करके रखते हैं उसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं शेयर मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है काम करने वाले कई सारे लोग इंट्राडे ट्रेडिंग और लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट से ज्यादा स्विंग ट्रेडिंग को पसंद करते हैं क्योंकि यहां पर व्यक्ति को मैं तो कम फोड़ने ही ज्यादा समय का इंतजार करना पड़ता है स्विंग ट्रेडिंग के अंदर व्यक्ति को 24 घंटे या कुछ दिनों के भीतर ही 10% से 15% या इससे ज्यादा का रिटर्न देखने को मिल जाता है
शेयर मार्केट मैं किसी भी तरह की ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना अति आवश्यक है क्योंकि यहीं पर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को रखा जाता है इसके बाद आप नीचे दिए गए तरीकों को अपनाकर स्विंग ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते हैं
(1) टेक्निकल एनालिसिस – technical analysis
आपको यह पता लगाना होगा कि कौन सा शेयर किस जगह से सपोर्ट और रजिस्टेंस ले रहा है इसके अलावा कौन सा शेयर ट्रेंड लाइन को तोड़ रहा है या फिर उसको टच कर रहा है आदि ऐसे सभी टेक्निकल एनालिसिस के फैक्टर आपको अपना कर देखने हैं
यदि आप चाहो तो जिस शेयर का आप टेक्निकल एनालिसिस कर रहे हो उसका फंडामेंटल एनालिसिस भी कर लेना चाहिए क्योंकि इससे पता चल जाता है कि कंपनी का अगला रिजल्ट कैसा होगा कंपनी कितना grow कर रही है इसके अलावा वह कंपनी की नई रणनीतियों के ऊपर कार्य कर रही है आदि देसी कई सारी बातें आपको फंडामेंटल एनालिसिस के अंदर देखने की आवश्यकता होती है
इनके साथ ही आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस के साथ चैनल, फिबोनाची रिट्रेसमेंट, मूविंग एवरेज और बॉलिंगर बैड जैसे कई सारे टेक्निकल एनालिसिस के तरीके अपनाकर एक अच्छे शेयर का चुनाव कर सकते हैं
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? | Swing Trading in Hindi
आसान भाषा में कहें तो स्विंग ट्रेडिंग में एक से अधिक ट्रेडिंग सत्र में मध्यम या छोटी अवधि के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है है, लेकिन आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग में ये होल्डिंग पीरियड कई हफ्तों या कुछ महीनों से अधिक नहीं होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग का टारगेट कम समय में शेयर का प्राइस बढ़ने पर प्रॉफिट बुक कर लाभ कमाना है। स्विंग ट्रेडिंग में कुछ ट्रेडर काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले स्टॉक की तलाश करते हैं, तो कुछ स्टेबल रहने वाले स्टॉक को सेलेक्ट करते हैं लेकिन दोनों ही कंडीशन में टारगेट अल्प अवधि में प्रॉफिट बुक कर लाभ कमाना ही होता है।
एक अच्छा स्विंग ट्रेडर किसी स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है एक स्टॉक से बहुत ज्यादा प्रॉफिट की उम्मीद नहीं रखता बल्कि छोटे प्रॉफिट को बुक कर अपने दुसरे स्टॉक की तलाश शुरू कर देता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए अच्छे स्टॉक का चयन कैसे करें?
एक स्विंग ट्रेडर के तौर पर आपको ये बिल्कुल साफ़ होना चाहिए कि आपको कितने प्रतिशत प्रॉफिट के बाद निकल जाना है, 4 से 15% का प्रॉफिट स्विंग ट्रेडिंग के लिए पर्याप्त है लेकिन ट्रेड लेने से पहले आपको ध्यान रखना है कि आपको केवल ऐसे स्टॉक का चयन करना है जिसका फंडामेंटल स्ट्रांग हो।
आपको स्विंग ट्रेड लेने से पहले रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो को भी ध्यान में रखना होगा। जैसे मान लीजिए आपने कोई ट्रेड लिया जिसमें हर शेयर में आप ज्यादा से ज्यादा 100 रुपए का रिस्क लें सकते हैं और कम से कम प्रति शेयर 300 रुपए के प्रॉफिट स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है के बाद ही आप पोजीशन से एग्जिट लेंगें। 100 रुपए का रिस्क लेकर केवल 75 रुपए का प्रॉफिट लेकर निकल जाना बिल्कुल भी बुद्धिमानी नहीं है। आप चाहे तो टोटल इन्वेस्ट किए गए Amount के परसेंटेज के आधार पर भी रिस्क और रिवॉर्ड तय कर सकते हैं। यानी तब आपका रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो 1:3 का होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
- स्विंग ट्रेडिंग में आपको कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
- कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
- स्टॉक में एंट्री लेने के लिए उसके गिरने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
- स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभवना कम होती है।
- यह एक लेस स्ट्रेस यानी कम तनाव वाली ट्रेडिंग है।
- अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो भी इसे Try कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
- शार्ट टर्म में एग्जिट लेने के कारण आपको बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पता है।
- स्टॉक से जुडी रोजाना आने वाली हर छोटी बड़ी खबर से शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव आता है।
- एक दिन से ज्यादा होल्ड करने के कारण शेयर में गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
- डे ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक में बने रहने में प्रॉब्लम आती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच का अंतर (Swing trading vs Day trading) आमतौर पर होल्डिंग टाइम का है। स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर कम से कम एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर को होल्ड किया जाता है, जबकि डे ट्रेडिंग में बाजार बंद होने से पहले पोजीशन को क्लोज करना होता हैं।
क्योंकि हमें स्विंग ट्रेडिंग में एक दिन से ज्यादा के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है इसलिए हमें गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या हैं इसके फायदे
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
स्विंग स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे क्या है? - Advantages Of Swing Trading In Hindi
अन्य ट्रेडिंग प्रकार की तरह swing trading के भी कुछ फायदे और नुकसान होते है। आइए पहले स्विंग ट्रेडिंग के advantages जानते हैं।
1. स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कुछ दिनों या कुछ हफ्ते तक होल्ड किया जाता है। इसलिए Intraday के मुकाबले लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है।
2. Swing Trading, ट्रेडर्स को बाजार के sideways होने पर एक अच्छा रिटर्न देता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग उन लोगो के लिए सबसे अच्छा है जो जॉब या बिज़नेस करते हैं। यानी कि स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम किया जा सकता है।
4. Intraday के मुकाबले, स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम होता है।
5. स्विंग ट्रेडिंग में छोटे छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।
6. Intraday के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग आसान होती हैं। आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? - Disadvantages Of Swing Trading In Hindi
1. स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहेता है।
2. मार्केट का अगर किसी तरह से अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी नुकसान हो सकता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क शामिल रहता है।
4. डे ट्रेडिंग के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग में रिटर्न्स कम मिलता है।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है? - Swing Trading Strategy In Hindi
अभी तक आपने स्विंग ट्रेडिंग के बारे में बारीकी से अध्ययन किया है। अब हम आपको swing trading के को कैसे किया जाता है इसे करने के लिए कौन कौन सी strategy को आप सीख सकते हैं। इसके बारे में जानकारी दूंगा। स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है तो फिर आइए जानते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटजी बनाने के लिए ट्रेडर्स कई प्रकार के इंडिकेटर्स और चार्ट पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं। उनमें से कुछ पॉपुलर चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर के बारे में नीचे बताया गया है।
Chart Patterns
- Head & Shoulder Patterns
- Cup & Handle Patterns
- Candlestick Patterns
- Triangle Patterns
- Double Top & Double Bottom Patterns
- Flag Patterns
- Triple Top & Triple Bottom Patterns
Indicators
- Simple Moving Average
- Exponential Moving Average
- Bollinger Band
- RSI (Relative Strength Index)
- MACD (Moving Average Convergence Divergence)
- Moving Average Crossover
- Pivot Support & Resistance
- Fibonacci Retracement
- VWAP (Volume Weighted Average Price)
- Stochastics
- SuperTrend
Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है?
1. Swing Trading में अधिक फायदा या नुकसान होने की संभावना रहती है। यह स्ट्रेटजी स्विंग ट्रेडर्स को intraday में होने वाले उथल पुथल से दूर स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है रखती है।
2. स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ट्रेडर्स का बढ़े ट्रेड पर ध्यान केंद्रित करती है।
3. ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपको बाजार में एंट्री और पोजिशन को square off करने का सही समय बताने की कोशिश करता है।
4. टेक्निकल पर आधारित होने के कारण आप स्पष्ट निर्णय ले सकते हैं।
स्वींग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग का अर्थ है जब हम किसी कंपनी के शेयर को कम दाम में ख़रीदते है और जैसे ही उस कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ जाता है तो हम उसे बेच कर प्रॉफिट बना लेते है। इस में दो दिन भी लग सकते है और एक महीना भी लग सकता है। स्वींग ट्रेडिंग करने से हमे लोस्स कम हो सकता है क्योंकि इस में हम शेयर को ज्यादा टाइम तक होल्ड कर के नहीं रखते।
जैसे ही कोई शेयर का प्राइस कम होता है तो हम उस शेयर को खरीद लेते है और जब दो दिन बाद उस का प्राइस बढ़ गया तो हम उसे बेच देते है।
ऐसे ही हम कितने ही शेयर खरीदते और बेचते रहते है। जिस से हमें कम रिस्क ले करअच्छा प्रॉफिट बना लेते है। जब हम किसी कंपनी के शेयर कम प्राइस पर खरीदते है और जैसे ही उस का प्राइस बढ़ जाये उसे बेच देते है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है।
स्वींग ट्रेडिंग कैसे करते है
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए हमारे पास डी -मैट अकाउंट होना चाहिए, तभी हम स्विंग ट्रेडिंग में निवेश कर सकते है। उसके बाद स्वींग ट्रेडिंग करने के लिए हम एक अच्छी कंपनी को ढूंढ़ते है। फिर हम उस के बारे में थोड़ी रिसर्च करते है। ऐसी कंपनियों के शेयर का प्राइस बहुत जल्द कम और ज्यादा हो जाता है।
फिर जैसे ही उस कंपनी का प्राइस कम होता है हम उसे खरीद लेते है और जैसे ही हमे लगता है की हमे उस से 5 % प्रॉफिट हो सकता है तो हम उसे बेच देते है।
स्वींग ट्रेडिंग से हमे कई फायदे भी हो सकते है और नुकसान भी हो सकता यह आप के ऊपर निर्भर होता है कि आप कोन सी कंपनी के शेयर खरीद रहे हो।
स्वींग ट्रेडींग के हमे क्या क्या फायदे हो सकते है
1.रिस्क कम होना
स्वींग ट्रेडिंग में निवेश करना कम रिस्क वाला काम होता है क्योंकि हम इस में शेयर को ज्यादा दिन तक होल्ड कर के नहीं रखते। इस में हम किसी कंपनी के कम प्राइस वाले शेयर स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है को खरीद लेते है और जैसे ही हमे उस से थोड़ा सा प्रॉफिट हो हम उसे बेच कर किसी और कंपनी के शेयर को खरीद लेते है।
2.बिगनर्स के लिए
बिगनर्स के लिए स्वींग ट्रेडिंग में निवेश करना काफी फायदेमंद रहता है।
3.ज्यादा एनलाइसिस नहीं करनी पड़ती
स्वींग ट्रेडिंग हमे हमे किसी कंपनी की ज्यादा एनलाइसिस नहीं करनी पड़ती हम उस कंपनी के बारे में प्रमुख बाते जान कर उस में निवेश कर सकते है। जिस कंपनी के शेयर का प्राइस कम और ज्यादा होता रहे हम उस में स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है। इस के लिए हमे ज्यादा जाँच पड़ताल करने की भी जरूरत नहीं है।
4.कम समय में प्रॉफिट बनाना
स्वींग ट्रेडिंग में हम हम समय में भी प्रॉफिट बना सकते है। इस में हम कम दाम में शेयर खरीद कर जैसे प्राइस थोड़ा सा भी बड़े हम उसे बेच कर उस से प्रॉफिट बना लेते है। इस लिए स्विंग ट्रेडिंग में हम कम समय में भी निवेश कर सकते है।
स्विंग ट्रेडिंग से हमे कैसे नुकसान हो सकता है
1.धीरज रखना
स्वींग ट्रेडिंग में निवेश करते समय हमे धीरज रखना होता है, जब शेयर का प्राइस बड़े हमे उसे तभी बेचना चाहिए। अगर आप स्विंग ट्रेडिंग में निवेश करते समय धीरज नहीं रखते तो इस से आप को नुकसान भी हो सकता है।
2.ओवरनाइट रिस्क
अगर आप स्विंग ट्रेडिंग में किसी कंपनी के शेयर खरीदते है और अगली रात ही अगर भारत बंद हो जाता है तो आप की कंपनी के शेयर के प्राइस बहुत कम हो सकते है। स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है लेकिन शेयर का प्राइस बढ़ने के लिए आप को इंतजार करना चाहिए।
3.सही तरीके के एनलाइसिस करना
आप को स्वींग ट्रेडिंग करने से पहले कंपनी की कुछ प्रमुख चीजों पर एनलाइसिस कर लेना चाहिए। आप को पता होना चाहिए कि एक अच्छी कंपनी कोन सी हो सकती है।
4.ज्यादा समय की आवश्यकता
स्विंग ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए आप को स्विंग ट्रेडिंग को ज्यादा समय देना होगा। इस में आप को कंपनी के ऊपर बहुत ज्यादा नजर रखनी पड़ती है। इस के लिए आप के पास अधिक समय होना चाहिए। अगर आप के पास स्विंग ट्रेडिंग के लिए अधिक समय नहीं है तो फिर आप को इस में निवेश नहीं करना चाहिए।