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धन का प्रबंधन

धन का प्रबंधन

निवेश प्रबंधन और धन प्रबंधन के बीच अंतर; वेल्थ मैनेजमेंट बनाम इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट

Passive vs Active Fund Management: What's the Difference? Index Funds & Mutual Funds Explained

विषयसूची:

निवेश प्रबंधन बनाम धन प्रबंधन

बीच में महत्वपूर्ण अंतर निवेश प्रबंधन और धन प्रबंधन यह है कि निवेश प्रबंधन पेशेवर परिसंपत्ति प्रबंधन के लिए एक सामान्य शब्द है, विशेष रूप से शेयरों और बांडों सहित प्रतिभूतियों के लिए, जबकि धन प्रबंधन एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें इसके एक हिस्से के रूप में निवेश प्रबंधन शामिल है। निवेश प्रबंधन मूलतः प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री से संबंधित है, जिससे निवेशकों के लिए अधिकतम लाभ मिल सकता है। इसके विपरीत, धन प्रबंधन पेशेवर प्रकार की एक ऐसी सेवा है जो निवेश सलाह, वित्तीय और कर सेवाओं, संगठनात्मक या व्यक्तिगत भलाई के लिए कानूनी और संपत्ति योजना सेवाओं जैसी सेवाओं का एक संयोजन लाता है। निवेश प्रबंधन और धन प्रबंधन के बीच महत्वपूर्ण अंतर हैं, लेकिन मुख्य अंतर प्रत्येक योजना द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाओं के स्तर में है।

निवेश प्रबंधन क्या है?

लाभ और लाभ प्राप्त करने जैसे विभिन्न निवेश लक्ष्यों को पूरा करने के उद्देश्य से लोग विभिन्न उपकरणों में निवेश करते हैं निवेश प्रबंधन एक पेशेवर सेवा है जिसमें व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों जैसे पेंशन फंड, बीमा कंपनियों, निगमों आदि के लिए प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री जैसे बांड, शेयर, रियल एस्टेट आदि की सलाह उपलब्ध कराने में शामिल है। निवेश प्रबंधन में विभिन्न गतिविधियों जैसे वित्तीय विवरणों का विश्लेषण, स्टॉक या परिसंपत्तियों का चयन, निवेश योजनाएं लागू करना और निवेश की निरंतर निगरानी शामिल है।

धन प्रबंधन क्या है?

वेल्थ मैनेजमेंट धन प्रबंधन पेशेवरों द्वारा प्रदान की जाने वाली एक प्रकार की सेवा है जो कि निवेश प्रबंधन से परे है। निवेश सलाहकार सेवाएं प्रदान करने के अलावा, धन प्रबंधन एक शुल्क के लिए खुदरा बैंकिंग, संपत्ति योजना, वित्तीय और कर सेवाओं, कानूनी संसाधनों आदि को समन्वयित करने सहित अपने ग्राहकों के लिए अलग-अलग सेवाओं से संबंधित है।

इन दो अवधारणाओं की तुलना करते समय, कोई निवेश प्रबंधन और धन प्रबंधन के बीच कुछ समानताएं देख सकता है। दोनों अवधारणाओं के मुख्य उद्देश्यों से निवेश से इष्टतम लाभ प्राप्त करने या अन्यथा उनके ग्राहकों के लिए सलाह प्रदान करना है।

निवेश प्रबंधन और धन प्रबंधन के बीच अंतर क्या है?

• प्रदान किए गए वित्तीय सेवाओं के निवेश प्रबंधन स्तर में केवल निवेश, पोर्टफोलियो या परिसंपत्ति प्रबंधन के लिए सीमित है। धन प्रबंधन निवेश प्रबंधन सहित सभी संबंधित क्षेत्रों को कवर करने के लिए व्यापक वित्तीय नियोजन सेवाएं प्रदान करता है

निवेश प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य निवेश से उत्पन्न वित्तीय लाभप्रदता का अनुकूलन करना है। धन प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के नेट वर्थ को अधिकतम करना है।

• निवेश प्रबंधन में सेवा प्रदाता और ग्राहक के बीच के संबंध सीमित हैं। वेल्थ मैनेजमेंट में दो पक्षों, धन प्रबंधन टीम और क्लाइंट के बीच एक मजबूत संबंध है जो ग्राहक की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को मानता है।

• निवेश प्रबंधन में प्रदान की गई सेवाओं की सीमा वित्तीय पहलू तक ही सीमित है। वेल्थ मैनेजमेंट में सेवाओं की श्रेणी प्रदान की गयी ग्राहकों के वित्तीय और साथ ही जीवन शैली पहलुओं को भी शामिल किया गया है।

निवेश प्रबंधन बनाम धन प्रबंधन सारांश

निवेश प्रबंधन और धन प्रबंधन दो प्रकार के पेशेवर सेवा प्रदाता हैं निवेश प्रबंधन के तहत, पेशेवर विभिन्न सिक्योरिटीज खरीदने और बेचने के लिए निवेश सलाहकार सेवाएं प्रदान करते हैं। दूसरी ओर, धन प्रबंधन में सेवा प्रदाता वित्तीय सलाहकारों के अलावा वित्तीय और कर सेवाओं, कानूनी और संपत्ति योजना सेवाओं जैसी कई सेवाएं प्रदान करने के लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए, उनके मुवक्किल के लिए प्रदान की जाने धन का प्रबंधन वाली सेवाओं का स्तर अलग-अलग है, जहां निवेश प्रबंधन केवल निवेश के पहलुओं पर विचार करता है, जबकि धन प्रबंधन उन सभी गतिविधियों को समझता है जो एक विशेष व्यक्ति के लिए धन बनाते हैं।

एसेट मैनेजमेंट और निवेश प्रबंधन के बीच अंतर; संपत्ति प्रबंधन बनाम निवेश प्रबंधन

संपत्ति प्रबंधन और निवेश प्रबंधन के बीच अंतर क्या है - निवेश प्रबंधन ट्रेडिंग स्टॉक और बांड से संबंधित है . पोर्टफोलियो रणनीति .

एसेट मैनेजमेंट और इनवेस्टमेंट बैंकिंग के बीच अंतर; एसेट मैनेजमेंट बनाम इनवेस्टमेंट बैंकिंग

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संपत्ति प्रबंधन और धन प्रबंधन के बीच अंतर क्या है - धन प्रबंधन परिप्रेक्ष्य में काफी व्यापक है और इसमें परिसंपत्ति प्रबंधन सेवाएं शामिल हैं

पैसे के लिए साहस धन प्रबंधन धन जीत जीत वित्त पृष्ठभूमि

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धन का प्रबंधन: धन से जुड़े तनाव से निपटने के लिए बेहतर योजना बनाएं, जानें इसके सरल सूत्र

पिछले कुछ महीनों में खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर डीज़ल-पेट्रोल सहित ज़रूरत से जुड़े तक़रीबन हर सामान के दाम बढ़ चुके हैं। बच्चों की फीस भी डेढ़ गुना हो गई है। दूसरी तरफ़, नौकरियों पर संकट है और आय सीमित हो चली है। इससे सिर्फ़ जेब पर असर नहीं पड़ रहा, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। कोविड और युद्ध जैसी वैश्विक परिस्थितियों के चलते दुनियाभर में यही स्थिति है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे में 87 फ़ीसदी लोगों ने अपने जीवन में मुद्रास्फीति यानी पैसे की क़ीमत घटने को तनाव की मुख्य वजहों में से एक बताया है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, न्यूयॉर्क के डायर वर्गीस कहते हैं कि आमतौर पर पैसा सुरक्षा के समान होता है। धन एक निश्चित स्तर की राहत और आर्थिक सुरक्षा देता है। किसी आपातकालीन स्थिति में पैसा आपको हिम्मत भी देता है और जीवनस्तर भी इस पर ही निर्भर रहता है। इसलिए धन से जुड़े तनाव से निपटने के लिए एक बेहतर योजना के साथ धन प्रबंधन करने की आवश्यकता है। जानें इसके सरल सूत्र-

पर्स में न रखें ज़्यादा पैसे

यूपीआई और ऑनलाइन बैंकिंग की बदौलत आज बैंक में जमा पैसे को ज़रूरत के हिसाब से निकालने की सुविधा हमारे पास हर वक़्त है, इसलिए अपने पर्स में बहुत ज़्यादा पैसे नहीं रखने चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि हमारे पास जितना ज़्यादा कैश होता है, उतनी ही रफ़्तार से वह ख़र्च हो जाता है। इसलिए पर्स में सिर्फ़ अपनी ज़रूरत के हिसाब से ही पैसे रखें।

. लेकिन पेमेंट ऐप्स से हर बैंक अकाउंट को न जोड़ें। पहले जिस तरह बटुए में पैसे रखकर ख़र्च किए जाते थे, आजकल वह काम सिर्फ़ मोबाइल में मौजूद पेमेंट ऐप्स के माध्यम से हो जाता है। इस तरह भुगतान की सुविधा हर छोटी-बड़ी दुकान पर मौजूद होती है। इसका लाभ लेना चाहिए लेकिन इससे जुड़ी ग़लतियों से बचते हुए। अपने फोन में हर अकाउंट को पेमेंट या मनी ऐप्स से न जोड़ें। आपका हर बैंक अकाउंट यदि इन पेमेंट एप्स से जुड़ा होगा तो आप किसी भी अकाउंट से ख़र्च कर सकेंगे। इससे ख़र्च का हिसाब नहीं रह जाएगा और बचत के पैसे उड़ने की संभावना बढ़ेगी। यूपीआई के माध्यम से होने वाले ख़र्च को सीमित करने के लिए अपने किसी एक बैंक अकाउंट का उपयोग ही इन पेमेंट ऐप्स के ज़रिए करना चाहिए।

लिखें हर दिन का हिसाब

मोबाइल में ऐप इस्तेमाल करने के दौर में भले ही यह बात पुरातनपंथी लगे, लेकिन अपनी फाइनेंशियल डायरी मेंटेन करना हर दिन काम आता है। दिनभर में ख़र्च ह़ुए पैसों का हिसाब-किताब प्रतिदिन डायरी में नोट करें। ऐसा करने से आपके पास हर दिन के ख़र्च का ब्योरा होगा। इसके चलते आप सटीक रूप से जान पाएंगे कि आपका पैसा कहां जा रहा है और किन जगहों पर ज़्यादा ख़र्च हो रहा है। इससे समय रहते अतिरिक्त हुए ख़र्च को लेकर सतर्क होंगे और महीने के बचे दिनों के लिए अपनी योजना में बदलाव कर सकेंगे।

समझदारी से करें ख़रीदारी

अलग लिफ़ाफ़े बनाएं.

हर घर में दूध, फल-सब्ज़ी, लॉन्ड्री समेत हर महीने के कुछ छोटे-छोटे अनिवार्य ख़र्च होते हैं। आप अपनी ज़रूरत के अनुमान से इन ख़र्चों के लिए हर महीने अलग-अलग लिफ़ाफ़े बनाकर उनमें पैसे रख सकते हैं। महीने के अंत में इन लिफ़ाफ़ों में बचे पैसों को बचत के लिए बनाए गए फंड में जमा कर सकते हैं। इस तरह ख़र्च के पैसे अलग-अलग फंड में बांटकर रखने से बेहिसाब ख़र्च नहीं होगा और मुमकिन है कुछ पैसे बच भी जाएं।

प्राथमिकता तय करके ही ख़रीदें.

एक निजी कंपनी में कार्यरत नेहा के साथ अक्सर ऐसा होता है कि किसी सेल या स्टोर में चल रहे ख़ास ऑफ़र को देखकर वह ख़ुद को ख़रीदारी से रोक नहीं पाती है। हालांकि बाद में बिल देखकर उसे तनाव होता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए ध्यान रखिए कि जो भी ख़रीदारी करनी है उसके बारे में सोच लें कि क्या वाक़ई ख़रीदने की ‘ज़रूरत’ है या आपको वह सिर्फ़ ‘चाहिए’? इनके बीच के अंतर काे पहचानकर निर्णय करें। अगर कुछ ख़रीदने की ज़रूरत है, तो उसे सीधे लेने के बजाय पैसे जोड़कर लेने का प्रयास करें। इससे न केवल आप बचत करना सीखेंगे, बल्कि इस तरह की ख़रीदारी आपको ख़ुशी भी देगी।

व्यस्त समय में ख़रीदारी करें.

ऐसा अक्सर होता है कि जब हम किसी सुपर मार्केट या स्टोर में जाते हैं तो जो ज़रूरी नहीं होता वह सामान भी ख़रीद लाते हैं। इसलिए हम ख़रीदारी के पहले सूची बना लें। साथ ही इस तरह की ख़रीदारी तब करें जब समय कम हो, इससे वापसी की जल्दी रहेगी और आप फटाफट सिर्फ़ वही सामान ख़रीदेंगे जिसकी ज़रूरत है। यूं ही घूम-घूमकर अनावश्यक चीज़ें नहीं ख़रीदेंगे।

अलग-अलग हों बैंक खाते

यदि आपके पास तीन बैंक अकाउंट हैं. एक जिसमें आय आती है और उसके अलावा दो अतिरिक्त बैंक अकाउंट हैं तो आप महीने के ख़र्च के पैसे को एक अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। बचत के लिए िनकाले गए पैसों को तीसरे बैंक अकाउंट में जमा कर सकते हैं। आय, व्यय और बचत के पैसों को अलग-अलग रखने से भी घरेलू अर्थव्यवस्था की तस्वीर साफ़ रहती है और हाथ रोककर ख़र्च करने व बचत बढ़ाने में मदद मिलती है।

धन के साथ मन का भी ख़्याल

बचत करें मगर ख़ुशी में कटौती न करें. कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मेगन मेककॉय कहते हैं, आप किसलिए बचत कर रहे हैं, सीमित बजट के साथ आपको कौन-सी ज़रूरतों पर ख़र्च करने की आवश्यकता है, इस सबकी सूची बनाएं, लेकिन उन वस्तुओं को इसमें बनाए रखने की कोशिश करें जो आपको ख़ुशी देती हैं।

परिवार के सदस्यों से चर्चा करें।

किसी भी चीज़ को देखने का हर व्यक्ति का अपना नज़रिया अौर उस पर काम करने की अपनी योजना होती है। इसलिए वित्तीय स्थिति के बारे में परिवार से इस तरह सहानुभूतिपूर्वक चर्चा करनी चाहिए जिससे किसी नतीजे पर पहुंचने में मदद मिल सके। घर के सदस्यों से आपसी चर्चा करके धन प्रबंधन करेंगे तो किसी की ज़रूरतों में ज़बरदस्ती कटौती नहीं होगी और हर सदस्य अपने-अपने ख़र्च कम करने के बारे में विचार कर सकेगा। इससे हर सदस्य के सामने आय-व्यय को लेकर स्पष्टता रहेगी, पारिवारिक तनाव नहीं होगा और सबका ध्यान बचत पर केंद्रित होगा।

बनाएं एक आपात फंड

हर महीने की आय में से बचत का कुछ भाग आपातकालीन फंड के रूप में रखें। यह पैसा किसी अचानक आई परिस्थिति में आपके बहुत काम आएगा। चाहे किसी फंक्शन में जाना हो, अचानक इलाज कराने की नौबत हो, कमाई कम या बंद हो गई हो अथवा कोई और तात्कालिक ज़रूरत हो- ऐसे वक़्त में थोड़ा-थोड़ा करके एकत्र किया हुआ यह धन काम आएगा। ध्यान रहे, यह फंड कम से कम इतना हो कि आपके घर ख़र्च को तीन से छह महीने तक चला सके। साथ ही किसी आपातकालीन स्थिति में आपकी मदद कर सके। आपातकालीन फंड होने से आपको इमरजेंसी का तनाव नहीं होगा और मन में सुकून बना रहेगा।

शादी की तयारी दौरान इन मूल्यवान धन प्रबंधन को याद रखे

निश्चित रूप से, आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि शादी समारोह के लिए सभी व्यवस्थाएं सही तथा यादगार हों। लेकिन यह भी याद रखें कि रिश्ते की स्थिति में जब आप एक से दो हो जाते हैं तो इस बदलाव का असर आपके व्यक्तिगत वित्त पर धन का प्रबंधन झलकता है ।

इससे पहले कि आप बारीकियों में जाएं, पैसे के प्रति एक-दूसरे के इस दृष्टिकोण को समझना आवश्यक है कि --- आपके लिए धन का क्या अर्थ है। वित्तीय लक्ष्यों की चर्चा करें कि आप दोनों की कल्पना / इच्छा है और उन लक्ष्यों को पूरा करने का इरादा ज्ञात रखते। साथ ही, एक यथार्थवादी आकलन के लिए अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति का और देनदारियों के बारे में संज्ञान लें (आपको क्या और कितना देना है); ताकि भविष्य में, आर्थिक गतिविधिया मतभेद का कारण न बने ।

guide to FASTag

प्रारंभ में, बच्चे नहीं होने और दोहरी आय (यह मानते हुए कि आप दोनों कमाते हैं) के साथ, उन खर्चों के बारे में भी बात करें जिन्हें आप संयुक्त धन का प्रबंधन धन का प्रबंधन रूप से साझा करेंगे। यह समझना महत्वपूर्ण है कि आप दोनों जीवन में कुछ बड़े और महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों को कैसे पूरा करेंगे, जैसे कि घर खरीदना, बच्चे की भविष्यकालीन ज़रूरतें (शिक्षा और शादी का खर्च), सेवानिवृत्ति, आदि।

अपने तथा अपने जोड़ीदार के धन प्रबंध रचते हुए, निम्न बातों का ध्यान रखें ।

  • अत्यधिक फिजूलखर्ची पर नज़र रखें, अपने खर्च करने की आदतों पर नज़र रखें, अपने व्यक्तिगत वित्त पर नियंत्रण रखें और अपने वित्तीय भविष्य की सुरक्षा करें।
  • एक बचत खाता व्यक्तिगत वित्त का प्रबंधन करने का आधार है। इसलिए, चाहे आपकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो, आप कोई भी काम करते हों या कहीं भी निवास करते हों, आपके पास एक बचत खाता होना चाहिए। इसके धन का प्रबंधन अतिरिक्त शादीशुदा जोड़ों के लिए कम से कम एक संयुक्त खाता होना चाहिए।
  • विशेष बचत खातों को कुछ उद्देश्यों के लिए सौंपा जा सकता है: जैसे बिलों का भुगतान धन का प्रबंधन करने के लिए, आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए, निवेश की जरूरतों आदि।
  • उत्पादक निवेश साधन चुने - सिर्फ बचत पर निर्भर होना समझदारी नहीं; पर्याप्त धन साधने के लये विविध निवेश यंत्रों का उपयोग करें । परन्तु यह याद रखे की आपके मेहनत से अर्जित धन को बढ़ाने वाले तरीकों में विवेकपूर्ण निवेश करने की आवश्यकता है, ताकि आप उच्च प्रतिफल अर्जित करें, प्रभावी ढंग से दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को मद्दे नज़र रख वित्तीय सुरक्षा प्रबंध करें।
  • निवेश दौरान अपनी आयु, जोखिम निति, निवेश उद्देश्य, वित्तीय लक्ष्य औ तथा समय-सीमा निर्धारित करें, तद्पश्च्यात निवेश मार्ग चुनते हैं।
  • चूँकि निवेश एक व्यक्तिवादी निर्णय है, इसलिए, जो अन्य करते हैं, उसका आँख बंद करके पालन न करें। अपनी वित्तीय भलाई के लिए धन निर्माण का प्रयास करते समय एक वैयक्तिक दृष्टिकोण का पालन करें।
  • विविधीकरण और परिसंपत्ति आवंटन के दृष्टिकोण से, फिक्स्ड और सुरक्षित रिटर्न के लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में कुछ धन रखना फायदेमंद है। जब आप एफडी का कार्यकाल चुनते हैं, तो अपने आकस्मिक खर्चों पर विचार करें, जिससे समय से पहले निकासी से बचा जा सके।
  • आप व्यवस्थित रूप से धन का निर्माण करने के लिए रिकरिंग डिपॉज़िट (आरडी) सुविधा का भी विचार कर सकते हैं, बशर्ते आप उसके निवेश किस्त और समय मापदंडो से अनुकूल हो । एक्सिस बैंक के साथ आप मात्र मासिक 500 रुपए के षुल्क पे ऑनलाइन आर डी खोल सकते हैं।
  • अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों के लिए, आप म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की विभिन्न श्रेणियां हैं - इक्विटी, डेट, हाइब्रिड, सॉल्यूशन-ओरिएंटेड, और प्रत्येक श्रेणी की विभिन्न उप-श्रेणियां। हर प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम का अपना विशिष्ट निवेश उद्देश्य और रणनीति होती है। इसलिए, अपने व्यापक निवेश उद्देश्य और वित्तीय लक्ष्य/लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए विवेकपूर्ण रूप से म्यूचुअल फंड योजनाओं का चयन करें। अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही म्युचुअल फंड चुनने के लिए आप वित्तीय सलाहकार से सलाह ले।
  • अपने लिए सर्वोत्तम बीमा लें - जब बीमा की बात आती है, तो आपका उद्देश्य जोखिम की क्षतिपूर्ति होना चाहिए, जिससे आपके आश्रितों को किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के होते वित्तीय नुकसान से बचाया जा सके। एक विवेकपूर्ण / वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निर्णय लिए अपने वित्तीय ज़रूरतों का आकलन कर एक इष्टतम जीवन बीमा कवर खरीदना महत्वपूर्ण है । जीवन बीमा कवर की आवश्यकता का अनुमान लगाने के लिए एक्सिस बैंक के जीवन बीमा कैलकुलेटर का उपयोग करें।
  • आकस्मिक खर्चों के लिए योजना तैयार रखें जीवन कई जोखिमों और खर्च जैसे कि रोज़गार हानि, बीमारी, चिकित्सा व्यय, प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अप्रत्याशित व्यय (घर, कार की मरम्मत) के आधीन हैं और इससे आपकी बचत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इस प्रकार के आकस्मिक खर्चों के लिए रखे गए पैसों को बचाये रखना बीमा से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
  • आपका एमरजेंसी फंड नियमित मासिक अपरिहार्य खर्च के छह महीने तक का होना चाहिए। साथ ही, यदि आपके और आपके परिवार के सदस्यों का मेडिकल इतिहास है, तो चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए अतिरिक्त 5% -10% प्रबंधित रख्खे ।
  • अलग -अलग बचत बैंक खाते / एक जमा सावधि या ओवरनाइट लिक्विड फण्ड अपने धन को नियोजित करना आकस्मिक योजना उद्देश्य के लिए उपयुक्त विकल्प हैं। इस लक्ष्य में आर्थिक कमी होने पर आप पर्सनल लोन की भी विचार कर सकते हैं।

एक्सिस बैंक मैक्स लाइफ इन्शुरन्स और एल आय सी के सहयोग संग आपकी सेवा में विभिन्न बिमा योजनाए प्रदान करता हैं। बिमा योजनाओ पर अधिक जानकारी पाने के लिए यहाँ क्लिक करें।

सूचना: यह लेख केवल निदेशन के उद्देश्य के लिए है। इस लेख में व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं और बंधक नहीं कि एक्सिस बैंक लिमिटेड और उसके कर्मचारियों के विचार भी हों। एक्सिस बैंक लिमिटेड और / या लेखक सामग्री और सूचना के आधार पर पाठक द्वारा किए गए किसी भी वित्तीय निर्णय की प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष नुकसान या देयता के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार धन का प्रबंधन से परामर्श करें।

पैसे के लिए साहस धन प्रबंधन धन जीत जीत वित्त पृष्ठभूमि

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