Bitcoin को करेंसी का दर्जा?

भारत में क्रिप्टो को करेंसी नहीं, एसेट्स के तौर पर मिल सकती है मान्यता! क्रिप्टो से नहीं कर पायेंगे पेमेंट
LagatarDesk : केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए सरकार रेग्युलेटरी मेकैनिज्म को अंतिम रूप दे रही है. दरअसल सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है जिसमें इसे करेंसी यानी मुद्रा की मान्यता नहीं मिलेगी. बल्कि इसे ऐसेट यानी संपत्ति के रूप में भारत में मान्यता मिल सकती है. बता दें कि यदि क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के रूप में मान्यता नहीं मिली तो इसे ट्रांजेक्शन और पेमेंट के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा. लेकिन इसे शेयर, बॉन्ड या गोल्ड की तरह असेट क्लास के अंतर्गत रखा जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी के लिए रूपरेखा कर लिया गया है तैयार
माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय और कानून मंत्रालय ने इसके लिए रूपरेखा तैयार कर लिया है. सरकार जो कानून लेकर आयेगी उसमें क्रिप्टो ट्रेडिंग की मान्यता होगी. खबरों की मानें तो 29 नवंबर से शुरू होने वाले सदन के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं देगी. बल्कि इसे बॉन्ड, गोल्ड और शेयर की तरह असेट क्लास के अंतर्गत रखा जा सकता है. इसके अलावा सरकार क्रिप्टो कानून में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाली कमाई पर टैक्स संबंधी नियम लागू कर सकती है.
सेबी कर सकता है क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट
सूत्रों की मानें तो क्रिप्टो कानून को लेकर डिटेलिंग पर काम जारी है. यह अगले 2-3 सप्ताह में पूरा कर लिया जायेगा. क्रिप्टोकरेंसी को सेबी रेग्युलेट कर सकता है. हालांकि इस संबंध में आखिरी फैसला नहीं लिया गया है. इसे कौन रेग्युलेट करेगा इस पर चर्चा जारी है.
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पीएम मोदी की अहम बैठक में बैन नहीं करने पर सबकी सहमति
बता दें कि पिछले सप्ताह शनिवार को खुद पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग की थी. इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता को ध्यान में रखकर सरकार के ज्यादातर प्रतिनिधियों ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन नहीं लगाने की सलाह दी है. बैठक में उपस्थित लोगों का कहना था कि यह एक टेक्नोलॉजी का एडवांसमेंट है. ऐसे में डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने के खिलाफ है आरबीआई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बात करें तो वो डिजिटल करेंसी के खिलाफ है और इसे बैन करने की मांग कर रहा है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता को लेकर सवाल खड़े किये हैं. शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी के खतरों को लेकर निवेशकों को आगाह किया है. उन्होंने फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिहाज से क्रिप्टोकरेंसी को एक बहुत ही गंभीर चिंता का विषय बताया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी लॉन्ग टर्म में देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है. एक रेगुलेटर के तौर पर आरबीआई के सामने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह की चुनौतियां हैं.
Is Cryptocurrency Legal In India | सुप्रीम कोर्ट ने कहा – केंद्र सरकार करे स्पष्ट कि, क्रिप्टो करेंसी वैध है या नहीं; क्या है पूरा मामला जाने
Is Cryptocurrency Legal In India: भारत सरकार में डिजिटल एसेट्स पर 30 कर लगाने की घोषणा। कर लगने के साथ-साथ कुछ संदेह दूर हुए हैं तो कुछ और नए संदेहों का जन्म भी हुआ है। हॉल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह क्रिप्टो करेंसी पर अपना रुख साफ करे।
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अजय भरद्वाज और अन्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी जिसमे उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की है।
अजय भरद्वाज और अन्य के मामले की सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मौखित टिप्पणी में कहा, केंद्र सरकार यह बताए कि, क्या क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन में लेन – देन करना देश में क़ानूनी है या फिर गैर क़ानूनी।
क्रिप्टो करेंसी क़ानूनी है या फिर गैर क़ानूनी यह टिप्पणी अजय भारद्वाज और अन्य के बिटकॉइन लेन – देन घोटाले के मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने किया है।
Is Cryptocurrency Legal In India
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सरकार द्वारा डिजिटल एसेट पर 30 फीसदी का कर लगाने की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद से एक बात तो स्पष्ट थी कि क्रिप्टो करेंसी को भारत में प्रतिबंधित नहीं किया जायेगा। लेकिन, सरकार ने 30 कर की घोषणा तो की मगर यह बिलकुल नहीं कहा की क्रिप्टो करेंसी को वह वैधानिकता (Is Cryptocurrency Legal In India) का जमा पहना रहे हैं।
इसका मतलब साफ है की भारत में कोई भी व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड तो कर सकता है पर उस करेंसी को देश में लीगल टेंडर नहीं मन जायेगा। सरकार के कई उच्च अधिकारीयों ने भी यह कई बार स्पष्ट की है कि, देश में करेंसी का दर्जा सिर्फ उसे ही प्रदान किया जाता है जिसे रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया गया है बाकी किसी भी करेंसी को करेंसी नहीं माना जा सकता है।
क्या था मामला
एक मामले की सुनवाई के दौरान जब सरकार तथा प्रवर्तन निदेशालय की और से ASG (Additional Solicitor General) ऐश्वर्य भाटी जी ने कहा की जाँच में अभियुक्त सहयोग नहीं कर रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री सूर्यकान्त जी ने कहा की केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी पर अपना मत स्पष्ट करे की क्या क्रिप्टो करेंसी का लेन – देन देश में क़ानूनी (Is Cryptocurrency Legal In India) है या फिर गैरकानूनी। बिटकॉइन भी एक क्रिप्टो करेंसी है।
भाटी जी ने क्या कहा
जस्टिस श्री सूर्यकान्त जी के सवाल पर ऐश्वर्य भाटी जी ने कहा कि, क्रिप्टो करेंसी लीगल है या नहीं सरकार इस पर अपना मत स्पष्ट करेगी, मगर यह मामला बिटकॉइन की वैधनिकता (Is Cryptocurrency Legal In India) का नहीं है बल्कि अभियुक्त द्वारा बिटकॉइन निवेश पर अधिक लाभ का लालच देकर ठगने का है। जिसके कारण देश में हजारों लोगों कस बिटकॉइन में पैसा डूब गया है।
यह घोटाला किसी पोंजी स्कीम घोटाले जैसा ही है। भाटी जी ने आगे बताया की अभियुक्त के खिलाफ पुरे देश में अलग-अलग जगहों पर 47 FIR भी दर्ज हैं। यह घोटाला 87 हजार बिटकॉइन का है जिनकी कीमत लगभग 20 हजार करोड़ रुपए है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट की सूर्यकान्त जी की पीठ ने सुनवाई के बाद आदेश दिया की अभियुक्त को जब भी परवर्तन निदेशालय बुलाएगा उसे पेश होना पड़ेगा और Bitcoin को करेंसी का दर्जा? अभियुक्त जाँच में सहयोग करे। सुप्रीम कोर्ट ने जाँच अधिकारी को 4 सप्ताह में नई स्टेटस की रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए। बिटकॉइन घोटाले मामले में 4 सप्ताह बाद सुनवाई होनी है।
भारतीय डिजिटल रूपी
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया जल्द ही एक डिजिटल करेंसी लांच करेगा जिसकी घोषणा बजट 2022-23 में की गयी थी। वित्त मंत्री जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि, रिज़र्व बैंक के द्वारा जारी की गई करेंसी के अलावा किसी भी करेंसी को करेंसी नहीं माना जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा की देश में करेंसी उसे ही माना जा सकता है जो रिज़र्व बैंक के फ्रेमवर्क में आती हैं। इससे यह साफ है की देश में क्रिप्टोकरेंसी को अभी सरकार द्वारा वैधानिकता (Is Cryptocurrency Legal In India) दर्जा नहीं दिया गया है।
इस देश में Bitcoin हुआ आधिकारिक करेंसी घोषित, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश
सेंट्रल अमेरिकी देश El Salvador मंगलवार को दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जहां क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को लीगल टेंडर या आधिकारिक करेंसी का दर्जा दे दिया गया है। अल सल्वाडोर ने कुछ महीने पहले ही अपने इस इरादे की जानकारी दे दी थी।
इस देश के राष्ट्रपति नईब बुकेले Bitcoin को करेंसी का दर्जा? की सरकार ने बिटकॉइन को आधिकारिक दर्जा देने का कदम तब उठाया है, जब इसे लेकर वहां की जनता में बहुत भरोसा नहीं है और अंतरराष्ट्रीय मंच से उपभोक्ताओं के लिए जोखिमों का हवाला दिया जा रहा है। बुकेले की सरकार का दावा है कि इस कदम से कई देशवासियों की पहली बार बैंक सेवाओं तक पहुंच बनेगी। वहीं विदेशों से हर साल घर भेजे जाने वाले रेमिटेंस फंड पर 400 मिलियन डॉलर की फीस की बचत होगी।
नईब बुकेले ने सोमवार को ट्विटर पर एक ट्वीट में कहा था कि, “कल इतिहास में पहली बार सारी दुनिया की नजरें अल सल्वाडोर पर होंगी। यह बिटकॉइन की वजह से हो रहा है।” उन्होंने एक ट्वीट में जानकारी दी कि उनकी सरकार ने अपने पहले 400 बिटकॉइन खरीद लिए हैं। उन्होंने और भी कॉइन्स खरीदे जाने की बात की। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ऐप Gemini के मुताबिक, ये 400 बिटकॉइन 21 मिलियन डॉलर की वैल्यू पर ट्रेड कर रहे थे।
जून में अल सल्वाडोर की संसद ने एक कानून पारित किया था, जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि अब क्रिप्टो मनी भी लीगल टेंडर होगा और वस्तु या सेवाओं के लिए इसे भी वैसे ही इस्तेमाल किया जा सकेगा, जैसे कि यूएस डॉलर का होता है। बुकेले सरकार का यह महत्वाकांक्षी बिल कांग्रेस में पेश किए जाने के 24 घंटे के भीतर ही अप्रूव हो गया था।
बिटकाॅइन से नहीं है किसी भी मुद्रा को नुकसान (Bitcoin is Not Harmful For Any Currency)
बिटकॉइन से किसी देश की मुद्रा को कितना नुकसान?
जब से बिटकॉइन बना है तब से यह मुद्दा भी सामने आने लगा है कि क्या बिटकॉइन किसी देश की स्थानीय मुद्रा की जगह ले सकता है? क्या आने वाले समय में बिटकॉइन इतना मजबूत हो जाएगा की सभी देशों की मुद्रा को Bitcoin को करेंसी का दर्जा? खत्म कर देगा?
इस विषय को गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि जैसे जैसे बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो के साथ क्रिप्टो क्षेत्र आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके बारे में गलत जानकारी भी भ्रम पैदा कर रही हैं। पिछले कुछ समय में कई देशों ने अलग अलग तरीके से अपने देश में बिटकॉइन को मान्यता दी है। किसी देश में आप बिटकॉइन से टैक्स Bitcoin को करेंसी का दर्जा? दे सकते हैं, कई देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो से खरीदारी कर सकते हैं। केवल एक देश ऐसा है जिसने बिटकॉइन को अपनी अधिकारिक मुद्रा होने का दर्जा दिया है और इसका नाम है एल सल्वाडोर। कुछ देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है और कुछ जगहों की सरकार इस विषय पर अभी विचार कर रही है।
बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
इस विषय में सबसे पहले समझने वाली बात है कि ‘बिटकॉइन और मुद्रा में’ क्या फर्क है? बिटकॉइन एक विकेन्द्रीयकृत तकनीक पर आधारित है और इसका नियंत्रण किसी एक व्यक्ति या समुदाय के हाथ में नहीं है! बिटकॉइन की कार्य प्रणाली पहले से ही निर्धारित कोडिंग पर चलती है और इसे बदला नहीं जा सकता और न ही इस से छेड़छाड़ की जा सकती है। बिटकॉइन की मात्रा को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता।
इसके विपरीत हर देश की मुद्रा पर वहां की सरकार का नियंत्रण होता है और मुद्रा से सम्बंधित सभी निर्णय उस देश की सरकार लेती है। स्थानीय मुद्रा का नियंत्रण सरकार के हाथ में होने के कारण वह इसके विषय में समय समय पर कानून बनाती रहती है और जरुरत पड़ने पर मुद्रा की मात्रा को बढ़ाया जाता है।सरकार चाहे तो कभी भी अपने देश की मुद्रा को बंद कर सकती है। अगर आपके पास बिटकॉइन है तो आप 100% उसके मालिक हैं लेकिन मुद्रा पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण हम मुद्रा का इस्तेमाल तो कर सकते हैं लेकिन हम उसके मालिक नहीं बन सकते।
मुद्रा और बिटकॉइन के इस्तेमाल में फर्क
बिटकॉइन पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है और इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर का होना अनिवार्य है। इन दो सुविधाओं के बिना बिटकॉइन का लेनदेन संभव नहीं है। अगर हम मुद्रा की बात करें तो यहाँ पर कई तरीके हैं लेनदेन को मुद्रा से पूरा करने के। अगर इंटरनेट और फ़ोन है तो एप्लीकेशन के द्वारा इसका लेनदेन किया जा सकता है लेकिन अगर यह सुविधाएं नहीं है तब भी कैश लेनदेन किया जा सकता है। कैश लेनदेन की एक समस्या है कि इस से सीमित मात्रा में ही लेनदेन किया जा सकता है और इसका दायरा सीमित है यानि जहां आप हैं वहीं लेनदेन कर सकते हैं किसी और जगह नहीं। बिटकॉइन से असीमित लेनदेन किया जा सकता है और कही भी लेनदेन कि कीमत को चुकाया जा सकता है। इसके इलावा बैंक भी चेक द्वारा लेनदेन को पूरा करने कि सुविधा देते हैं। बिटकॉइन कि कीमत स्थिर नहीं है इस लिए बिटकॉइन से खरीदारी करने और बेचने वाले को फायदा और नुकसान दोनों कि सम्भावनाएं है लेकिन मुद्रा कि कीमत स्थिर है इस लिए मुद्रा के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है।
बिटकॉइन से खरीद कितनी आसान
जैसा हमने पहले बताया कि बिटकॉइन के लिए फ़ोन या कंप्यूटर के साथ साथ इंटरनेट भी जरुरी है और इसका इस्तेमाल करने के लिए एक हद तक शिक्षा कि भी जरुरत है। आज भी दुनिया की बहुत बड़ी आबादी तक फ़ोन और इंटरनेट कि सुविधा नहीं पहुंच पाई है, ऐसी जगहों पर बिटकॉइन या क्रिप्टो का इस्तेमाल मुश्किल है। बिटकॉइन से लेनदेन के मामले में सबसे बड़ा मुद्दा है इसकी कीमत में होने वाले उतर चढ़ाव और इसकी ट्रांजक्शन फीस। अगर किसी वस्तु कि कीमत 100 डॉलर निर्धारित कर दी जाए और बिटकॉइन से यह कीमत दी जाए तो सबसे पहले तो यह कीमत देने वाले को अगर एक डॉलर भी फीस देनी पड़े तो यह 1% महंगा हो जाएगा। इसके बाद अगर बिटकॉइन की कीमत नीचे आ जाए तो बेचने वाले को नुकसान Bitcoin को करेंसी का दर्जा? होगा और कीमत ऊपर चली जाए तो खरीदार को लगेगा कि उसको नुकसान हो गया। जैसे 10000 बिटकॉइन से दो पिज़्ज़ा खरीदने वाला आज सोच रहा होगा। जैसे जैसे बिटकॉइन कि माइनिंग बढ़ती जाएगी वैसे वैसे कीमत के साथ साथ इसकी फीस भी बढ़ती जाएगी और बिटकॉइन से खरीदारी कम व्यावहारिक रह जाएगी।
बिटकॉइन की ट्रांजक्शन का देर के पूरा होना भी एक बड़ी समस्या है। अगर कोई लेनदेन बिटकॉइन से किया जा रहा है तो यह तब तक पूरा नहीं होगा जब तक बिटकॉइन उस व्यक्ति के एकाउंट में नहीं आ जाता जिसने इसके बदले में कोई सुविधा दी है या कोई वस्तु दी है। आमतौर पर दुकानों, मॉल, रेलवे टिकट काऊंटर, हवाई अड्डे जैसी सार्वजनिक जगहों पर लम्बी लाइन लगी होती है और ऐसे में अगर लेनदेन जल्द पूरा Bitcoin को करेंसी का दर्जा? न हो तो इस से बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी। इसका समाधान क्रिप्टो के कई प्रोजेक्ट निकल रहे हैं जहां पर ट्रांजक्शन बहुत तेज़ है और फीस भी बहुत ही कम है। इन बातों को देखें तो बिटकॉइन से लेनदेन थोड़ा मुश्किल ही लगता है।
अभी बिटकॉइन और क्रिप्टो को बहुत सारी समस्याओं को खत्म करना जरुरी है फिर हम यह कह सकते हैं कि क्रिप्टो से लेनदेन संभव हो सकता है। आज दुनिया के कई देश अपनी खुद की CBDC ला रहे हैं और यह लेनदेन को और आसान बनाएगी। अगर हम सभी मुद्दों को देखें तो अंत में हम यह कह सकते हैं कि बिटकॉइन से किसी भी देश की मुद्रा को कोई खतरा नहीं है और न ही भविष्य में कभी ऐसा हो सकता है। बिटकॉइन एक तकनीक है जो सभी नियंत्रणों से आजाद है और इसी लिए लोग यहाँ पर अपने निवेश को सुरक्षित समझते हैं। बिटकॉइन से एक हद तक कुछ सेवाओं या वस्तुओं का लेनदेन संभव है लेकिन सभी सुविधाओं के लिए बिटकॉइन और क्रिप्टो का इस्तेमाल कम व्यवाहरिक है।
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अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
Bitcoin, Ethereum या NFTs आदि को भारत में कभी नहीं मिल सकती कानूनी वैधता: फाइनेंस सेक्रेटरी
Bitcoin will never become legal tender in India?: हाल ही में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2022 पेश करते हुए भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया है।
इस ऐलान के बाद से ही ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि शायद टैक्स के दायरे में लाए जाने के बाद डिजिटल एसेट्स में सबसे अहम मानी जाने वाली Bitcoin, Ethereum आदि क्रिप्टोकरेंसियों तथा NFTs को भारत में क़ानूनी वैधता प्रदान कर दी जाए।
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लेकिन ये चर्चा ज़ोर पकड़ती, इसके पहले ही अब देश के वित्त सचिव, टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने बुधवार को एक बड़ा बयान दिया।
असल में ANI से बात करते हुए सोमनाथन ने कहा कि दुनिया भर में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जाएगा।
Bitcoin, Ethereum will never become legal tenders in India: Finance Secretary
सोमनाथन ने अपने इस बड़े बयान में साफ़ तौर पर कहा कि क्रिप्टो एसेट्स को सरकार की तरफ से कोई मंजूरी नहीं मिली है और इसके दाम अभी भी निजी ढंग से ही सेट किए जाते हैं।
भारत के वित्त सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा;
“Bitcoin, Ethereum या NFTs देश में कभी भी वैध मुद्रा के रूप में घोषित नहीं होंगे। क्रिप्टो एसेट्स एक ऐसी संपत्ति होती हैं, जिनकी क़ीमतें दो लोगों के बीच तय की जाती हैं।”
“मैं ये नहीं कह रहा हूं कि बिटकॉइन या एथेरियम अवैध है, लेकिन यह फ़िलहाल वैध भी नहीं है। मैं इतना कह सकता हूं कि अगर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आगामी समय में किसी प्रकार का रेगुलेशन पेश किया जाता है, तो उसमें भी इसको क़ानूनी मुद्रा का दर्जा नहीं मिलेगा।”
वैसे अपने इस बयान को तर्क के साथ जोड़ते हुए वित्त सचिव ने कहा कि मान लीजिए आप सोना खरीदें, हीरा खरीदें या क्रिप्टो खरीदें, इन तमाम चीज़ों की क़ीमतों को भारत सरकार कभी भी ऑथराइज या गारंटी के साथ तय नहीं करती है।
ज़ाहिर है सरकार कई बार ये साफ़ कर चुकी है कि क्रिप्टो में निवेश से अगर किसी को भी घाटा होता है तो सरकार उसकी जवाबदेह नहीं मानी जाएगी।
पर इसी दौरान आपको याद दिला दें बजट 2022 में ही वित्त मंत्री ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा डिजिटल रुपए को पेश करने की बात कही थी।
और इसको लेकर भी वित्त सचिव ने वक्तव्य दिया। वित्त सचिव सोमनाथन की मानें तो
“RBI की ओर से पेश की जाने वाली डिजिटल रुपय करेंसी कभी डिफॉल्ट नहीं होगी। डिजिटल रुपी (Digital Rupee) एक मुद्रा के रूप में RBI का ही माना जाएगा, बस वो पूरी तरह से डिजिटल होगा।”
उन्होंने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक की आगामी डिजिटल रूपी (Digital Rupee) करेंसी भारत में पूरी तरह से एक लीगल टेंडर यानि वैध करेंसी के तौर पर मानी जाएगी।
इस बीच क्रिप्टोकरेंसी की कमाई पर लगे 30% के टैक्स को लेकर उन्होंने कहा;
“ऐसा नहीं है कि ये नियम सिर्फ़ क्रिप्टो के लिए विशेष रूप से बनाया गया है। मौजूदा समय में देश में सभी स्पेकुलेटिव इनकम के लिए ये नियम है।
“उदाहरण के तौर पर अगर कोई हॉर्स रेसिंग करता है तो उसे कमाई का 30% टैक्स के तौर पर देना होगा। किसी भी स्पेकुलेटिव ट्रांजैक्शन पर पहले से ही देश में 30% टैक्स लगता रहा है, बस अब क्रिप्टो को भी इसके दायरे में लाया गया है।”