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डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं

डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं
डेब्ट फंड मे किया गया निवेश डेट इंस्टु्रमेंट मे किया जाता है जो टैक्स फ्रि होता है। परंतु इस फंड पर जो लाभ मिलता है उसमे भी आपको टैक्स मे छुट मिलती है.

Debt fund (डेब्ट फंड) क्या है

Debt fund (डेब्ट फंड) क्या है ? डेब्ट फंड डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं के क्या फायदे है ?

Debt fund (डेब्ट फंड) क्या है

म्यूच्युअल फंड स्कीम कई तरह की होती है, जिनके अपने नियम और निवेश के तरिके होते है। म्यूच्युअल फंड स्कीम अलग-अलग लक्ष्य के आधार पर चुने जाते है। डेब्ट म्यूच्युअल फंड स्कीम इन्ही स्कीम मे से एक है। यह स्कीम अन्य स्किम की तुलना मे बहुत कम जोखिम वाली होती है। आइये जानते है debt fund (डेब्ट फंड) क्या है? डेब्ट फंड के क्या फायदे है?

Debt fund (डेब्ट फंड) क्या है ?

डेब्ट फंड वह डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं म्यूच्युअल फंड होते है जो कि निश्चित आय वाले उपकरण (इंस्ट्रुमेंट) मे निवेश करते है। यह इंस्ट्रुमेंट सरकारी बांड, कारर्पोरेट डेट सेक्योरिटी और मुद्रा बाजर के उपकरण होते है। डेब्ट फंड को आय फंड या बांड फंड भी कहा जाता है। डेब्ट फंड इक्विटी फंड से कम जोखिम भरे होते है। इसमे पारंपरिक निवेश के मुकाबले थोडा ज्यादा रिर्टन मिल जाता है। इस लिये जो लोग बैंक मे फिक्स डिपाजीट या अन्य सेविंग को चुनना चाहते है उनके लिये यह अच्छा साबित हो सकता है.

म्यूच्युअल फंड मे सभी लोग निवेश करना चाहते है परंतु उसके फायदो के बारे मे पता नही होने से हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है। और निवेशक दुविधा मे होता है कि किस स्कीम मे निवेश करे। अइये जानते है डेब्ट म्यूच्युअल फंड के फायदे जिससे आपको निवेश मे आसानी होगी ओर आप अपनेने निवेश के लक्ष्य के अनुसार निवेश कर पायेगें.

डेब्ट फण्ड के प्रकार (Types of Debt Funds)

अन्य म्यूच्युअल फंड की तरह ही डेट फंड के की अलग-अलग प्रकार है जो निवेश के अधार पर एक दुसरे से भिन्न है. डेब्ट फण्ड के प्रकार (Types of Debt Funds) निम्नलिखित है

डायनामिक बांड फण्ड (Dynamic Bond Fund)

यह फण्ड बदलती हुई ब्याज दरो के अनुसार अपने पोर्टफोलियो मे परिवर्तन करता रहता है। ताकि निवेशक को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इस डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं फंड का मेच्योरिटी का समय ब्याज दर के आधार पर बदलता रहता है। इसका पोर्टफोलियो अस्थिर रहता डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं है.

इनकम फण्ड (Income Fund)

इनकम फंड ब्याज दर के आधार पर अपना पोर्टफोलियो बनाते है और इस प्रकार के फंड की मेच्योरिटी अवधी अधिक होती है। यह डायनामिक फंड की तुलना स्थिर पोर्टफोलियो वाला डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं होता है.

लिक्विड फण्ड (Liquid Fund)

लिक्विड फंड को डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं मनी मार्केट फंड भी कहा जाता है। इस फंड का अधिकांश हिस्सा कम समय के लिये निवेश किया जाता है जिससे की अधिक लिक्विडीटी मिल सके। यह फंड सेविंग अकाउंट से बेहतर निर्टन दे ता है जिससे कई लोगो की पहली पंसद यह फंड होता है.

ईटीएफ के बारे में यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब

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  1. ईटीएफ क्‍या है?
    एक्‍सचेंज डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ शेयर बाजार में लिस्‍ट और ट्रेड होने वाले फंड हैं. न्यू फंड ऑफर यानी एनएफओ की अवधि के दौरान फंड हाउस से खरीदने के लिए ये उपलब्‍ध होते हैं. एनएफओ के बाद फंड की यूनिटें शेयर बाजार पर लिस्‍ट होती हैं. फिर इन्‍हें वहां से खरीदा और बेचा जा सकता है.
  2. ईटीएफ के कितने प्रकार होते हैं?डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं
    इंडेक्‍स फंडों की तरह ईटीएफ अमूमन किसी खास मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इनका प्रदर्शन उस इंडेक्‍स जैसा होता है. यह इंडेक्स निफ्टी ईटीएफ जैसा शेयर मार्केट इंडेक्‍स हो सकता है या गोल्‍ड ईटीएफ जैसा कमोडिटी इंडेक्स या बॉन्‍ड ईटीएफ के तौर पर बॉन्‍ड मार्केट. एसेट मैनेजमेंट कंपनी ईटीएफ लॉन्‍च करती हैं. इन्‍हें किसी अन्‍य म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम की तरह ही पेश किया जाता है.
  3. ईटीएफ में निवेश के लिए क्‍या शर्त है?
    ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट के साथ ट्रेडिंग अकाउंट का होना जरूरी है. कोई व्यक्ति 3-इन-1 अकाउंट खोलने का भी विकल्प चुन सकता है. इसमें बैंक अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की सुविधा मिलती है. इस तरह आप ज्यादा कुशलता के साथ एक ही जगह अपने निवेश को मैनेज कर पाते हैं. इस अकाउंट को खोलने के लिए एक फॉर्म भरना पड़ता है. साथ ही केवाईसी दस्तावेज भी जमा करने पड़ते हैं.
  4. ईटीएफ में निवेश का क्‍या तरीका है?
    कारोबारी घंटों के दौरान ईटीएफ की मनचाही यूनिटें खरीदकर निवेश किया जा सकता है. निवेशक अपने ब्रोकर को निवेश का इंस्‍ट्रक्‍शन दे सकते हैं या ब्रोकर की ओर से उपलब्‍ध कराए जाने वाले ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल कर निवेश कर सकते हैं.
  5. ईटीएफ कैसे काम करते हैं?
    जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं. ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है. यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है.
  6. ईटीएफ का रिटर्न कैसा होता है?
    ईटीएफ के पोर्टफोलियो में तमाम तरह की प्रतिभूतियां होती हैं. इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है.
  7. ईटीएफ में कैसे होती है खरीद-बिक्री?
    ईटीएफ की पेशकश पहले एनएफओ के रूप में होती है. फिर ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं. एनएफओ किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की नई स्कीम होती है. इसके जरिये कोई म्यूचुअल फंड कंपनी शेयरों, सरकारी बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने के लिए निवेशकों से पैसे जुटाती है. ट्रेडिंग पोर्टल या स्टॉक ब्रोकर के डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं जरिये शेयर बाजार पर ईटीएफ की खरीद-फरोख्त होती है.
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