कॉमर्स का इतिहास

Ecommerce in Hindi
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ई-कॉमर्स क्या है अगर आप जानना चाहते हैं, तो हम आपको कहना चाहेंगे की आप बिलकुल सही पोस्ट पर है. क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको ई-कॉमर्स की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. यह आर्टीकल ई-कॉमर्स क्या है, और इसके फायदे-नुक्सान के बारे में है. हम उम्मीद करते है, आपके मन में e-commerce से जुड़े जो भी सवाल हैं, उन सबका जवाब आपके इस पोस्ट में ज़रूर मिल जाए. दोस्तों ई-कॉमर्स के बारे में आप जो कुछ भी जानना चाहते है, वो सब हमने इस पोस्ट में बिल्कुल सरल व आसान शब्दों में बताया है, तो चलिए ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम सीधे देखते हैं, की ई-कॉमर्स क्या है, और कैसे काम करता है? दोस्तों ई-कॉमर्स की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस लेख को आखिर तक पड़े।
आज के समय में हर कोई ऑनलाइन Shopping कर रहा है, जैसा की हम जानते है, ऑनलाइन शॉपिंग करने से Time और Money दोनों की बचत होती है. हम उम्मीद करते है, आपने भी कभी न कभी ऑनलाइन shopping की होगी. दोस्तों इसके लिए आपने Flipkart या Amazon Myntra जैसी वेबसाइट से सामान ख़रीदा होगा. आपको ये जानकर ख़ुशी होगी की आपने जब भी, ऑनलाइन Transection किया, तो आप भी E-Commerce का हिस्सा बन गए. तो आइये जानते है, की E-Commerce क्या है और यह कैसे हमारी ज़िन्दगी हो आसान बना रहा है.
E-commerce क्या है-और कैसे काम करता है?
E-commerce इंटरनेट जैसे बड़े electronic network पर व्यापार करने का एक बहुत ही प्रसिद्ध तरीका है. अगर हम इसे और सरल शब्दों कहे तो इंटरनेट की की वर्चुअल दुनिया पर अपनी सर्विस, या सेवा प्रदान करना को, ही ई-कॉमर्स कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बात दे की इन सेवाओं के अंतर्गत इंटरनेट पर किसी भी तरह के सामान को खरीदना और बेचना, और सामान मार्केटिंग करना, सामान को पते पर डिलीवर करना, ऑनलाइन बिल pay करना, ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी करना, ऑनलाइन बैंकिंग करना आदि आते हैं, उदाहरण के लिए यदि आप वर्तमान समय की कुछ बहुत ही चर्चित और मशहूर कंपनियों जैसे Amazon, फ्लिपकार्ट, Alibaba आदि को देखे तो, इन सब प्लेटफार्म पर कुछ सेलर्स अपने सामान को बेचते हैं, वहीँ ग्राहक इस तरह की वेबसाइट पर जाकर अपनी ज़रूरतों के सामान को आसानी से खरीद लेता है. इससे ग्राहक के Time और money दोनों की बचत होती है. दोस्तों सामान के अलावा, भी अब कई E-commerce कम्पनियाँ अलग-अलग तरह की सुविधा प्रदान कर रही हैं।
जैसा की हमने ऊपर भी आपको बताया है, की Internet के माध्यम से उद्योग करने को ही ई-कॉमर्स या Electronic Commerce कहा जाता हैं. E-commerce शब्द “Electronic Commerce” का संक्षिप्त रूप है. इसकी शुरुआत सन 1960 में हुई थी, उस समय दुनिया भरकी बहुत सी कंपनियों ने Internet के फीचर Electronic डाटा इंटरचेंज की मदद से बिज़नेस डाक्यूमेंट्स को दूसरी कंपनियों के साथ शेयर करना शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे Internet के मैदान मैं और भी बड़ी-बड़ी कंपनियों ने उतरना शुरू कर दिया जिसे Ebay और Amazon Jabong आदि इन कंपनियों ने इस क्षेत्र में एक अलग तरह की क्रांति लाई।
Internet की मदद से व्यवसाय करना ही ई-कॉमर्स कहलाता है. दोस्तों इस की सहायता से सामान को खरीदा और बेचा जा सकता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप से data और money दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच स्थानांतरित होता रहता है, इसको अगर हम और सरल शब्दों में कहें, तो यह ऑनलाइन खरीदारी है, इसकी मदद से आप अपनी जरुरत के सामान को घर पर बेठ कर आसानी के साथ खरीद और बेच सकते है. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की Internet पर मौजूद गेम्स, वीडियो, ई-बुक्स, सर्च, डोमेन नेम सर्विस, ई-लर्निंग या ई-शिक्षा ये सब E-commerce के अन्तर्गत आता है, E-commerce को आप ऐसी भी समझ सकते है. वो सभी क्षेत्र जिनके माध्यम से ग्राहकों को facilities देकर उनसे आर्थिक लाभ कमाया जाता है, और ऐसे क्षेत्र जिसमें हम सीधे धन का आदान-प्रदान ना कर विज्ञापन के माध्यम से आर्थिक लाभ कमाते है, ई-कॉमर्स के अन्तर्गत आते हैं. Internet पर किसी भी सामान को ख़रीदना और बेचना E-commerce के सबसे लोकप्रिय उदाहरणों में से एक है।
ई-कॉमर्स का इतिहास - History of e-commerce in Hindi?
इसकी शुरुवात 1960 के दशक से शुरू होती थी, यह वो समय था जब पहली बार कुछ Business में अन्य कंपनियों के साथ बिज़नेस Document को शेयर करने के लिए Electronic Data Interchange का उपयोग करना शुरू कर दिया किया था. दोस्तों सन 1979 में, American National Standards Institute ने ASC X12 को इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से Document को share करने के व्यवसायों के लिए एक universal ladder के रूप में developed किया था.
1979 के दशक को E-commerce की हिस्ट्री का स्वर्ण कल माना जाता है यही से E-commerce नीव राखी गई थी. अगर हम बात करे E-commerce की हिस्ट्री की तो इसकी शुरुवात में eBay और Amazon का बहुत बड़ा योगदान है, जैसा की हम जानते है. Electronic transaction को शुरू करने वाली ये सबसे पहली इंटरनेट कंपनियों में से है, eBay और Amazon का उदय 1990 के दशक में हुवा था. इसके उदय होने से ही E-commerce उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव देखने में सामने आये।
Michael Aldrich ने E-Commerce की शुरुआत सन 1979 में की थी, आपकी जानकारी के लिए बता दे की उस समय उन्होंने अपने TV को telephone लाइन की सहायता से कंप्यूटर से कनेक्ट किया था, दोस्तों ये बिलकुल भी E-Commerce जैसा नहीं लगता है, लेकिन यही सच है की बिना shop पर जाए Online shopping करने का idea यही से शुरू हुआ था, या Online shopping करने के idea ने यही से जन्म लिया था, जैसा की हम जानते है 1979 के दशक में कंप्यूटर का इस्तेमाल हजारो लोगों में से कोई एक व्यक्ति ही करता था तब एक आम आदमी के पास कंप्यूटर नहीं होते थे, लेकिन Bill Gates और Steve Jobs ने कंप्यूटर की जरुरत को महसूस किया और उन्होने आम लोगों तक इसको पहुंचने की ठानी और Bill Gates और Steve Jobs ने कंप्यूटर को घर-घर तक पहुंचने कॉमर्स का इतिहास में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
बिना कंप्यूटर के ई-कॉमर्स का इस्तेमाल करना बहुत ही मुश्किल काम था, सन 1994 में Jeff Bezos ने पहले E-Commerce स्टोर Amazon के नाम से शुरू किया, Amazon उस समय Online किताबे बेचने का काम करता था, दोस्तों पहले साल में Amazon ने लगभग 10 लाख से भी ज्यादा किताबे Online बेच डाली, धीरे धीरे लोगों के बीच में इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और कुछ ही समय में Amazon सबसे ज़्यादा पॉपुलर E-Commerce स्टोर गया, आज के समय यह हर सामान बेच रहा है, Paypal वर्ष 1998 में आया और इसने Online पेमेंट करना आसान बना दिया।
ई-कॉमर्स के प्रकार - Types of E-Commerce in Hindi?
E-Commerce भी काफी तरह की होती, आइये इन सबके बारे में एक एक करके जानते है −
वाणिज्य का इतिहास: मवेशी से बिटकॉइन तक
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यह पृष्ठ मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था। अभी आप एक मशीनी अनुवादित संस्करण हिंदी में देख रहे हैं।
एक पल के लिए ई-कॉमर्स के बारे में भूल जाओ! ज़्नुम बीसी में अपने परिवार को बढ़ाने के लिए भूमि के एक टुकड़े के लिए अपने बेशकीमती मवेशियों के व्यापार की कल्पना करें। इस तरह यह वापस किया गया था। लड़का कितनी बार बदल गया है अब 7000 में पहले एटीएम के बारे में सोचें, और लोगों के लिए जादुई मशीन तक चलना कितना उल्लेखनीय था, जो कुछ बटन क्लिक के बाद भौतिक नकदी को उगल देता है।
का इतिहास ई-कॉमर्स वास्तव में आश्चर्यजनक है, इसलिए हमने एक और आधुनिक चमत्कार का उपयोग करके 11,000 सेकंड में 30 वर्षों की एक कहानी संकलित की: जीआईएफ GIF। नीचे एक नज़र डालें और पूर्ण इन्फोग्राफिक के लिए नीचे स्क्रॉल करें।
वाणिज्यिक लेन-देन का इतिहास
यह सब उन सरल (अभी तक बदबूदार मैं कल्पना कर सकता हूं) मवेशी व्यापार के साथ शुरू हुआ। तब लोगों को एहसास होने लगा कि छोटा tokenजैसे कौड़ी के गोले, धातु की कौड़ी और चांदी के सिक्के देर से ईसा पूर्व में व्यापार करने के लिए कुछ अधिक व्यावहारिक थे।
806 AC में पेपर मुद्रा को पहली बार देखा गया था, लेकिन इससे पहले चमड़े के पैसे को दबाया नहीं गया था और वस्तुओं और सेवाओं के लिए कारोबार किया गया था। एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहां पैसा हमारे वर्तमान दिन पर्स और पर्स के समान सामग्री के साथ बनाया गया था।
गोल्ड स्टैंडर्ड, XNUMX में, सीमाओं को तोड़ दिया, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में विभिन्न सोने की भीड़ बढ़ गई। यह पागलपन 1821 में समाप्त हो गया, और पहला क्रेडिट कार्ड पॉप अप हुआ, जो डिजिटल लेनदेन के आधार पर अंततः बाजार में बदल जाएगा।
जैसा कि हम नीचे चर्चा करेंगे, पिज्जा हट ऑनलाइन स्टोर को पहले ऑनलाइन लेनदेन में से एक के रूप में जाना जाता है, और इसने ईबे, अमेज़ॅन, पेपाल, बिटकॉइन और जैसी कंपनियों के लिए पूरे 90 और 2000 के दशक में चार्ज का नेतृत्व किया। Square.
पहला ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म का माइलस्टोन
बहुत पहले ईकॉमर्स लेनदेन क्या था? विशेषज्ञ सटीक उदाहरण के बारे में तर्क देते हैं जिसमें कोई वस्तु या सेवा नेट पर कीमत के लिए बेची गई थी, लेकिन अधिकांश इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह दवा उद्योग से उपजी है।
के अनुसार गार्जियन1970s में स्टैनफोर्ड के छात्र मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अन्य छात्रों को मारिजुआना का एक बैग बेचने के लिए अर्पानेट खातों और स्कूल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रयोगशाला का उपयोग करके कानून से आगे रहे।
खाता जॉन मार्कऑफ की पुस्तक से आता है डॉरमाउस ने क्या कहा: कैसे साठ के दशक के काउंटरकल्चर ने पर्सनल कंप्यूटर उद्योग को आकार दिया, और वह बताता है कि ड्रग्स खरीदने और बेचने का यह चलन (कानूनी और अवैध दोनों), राडार के तहत लेनदेन रखने के लिए, XNUMX, XNUMX और दुनिया भर में जारी है जिसमें हम आज भी रहते हैं।
ठीक है, ड्रग्स तकनीकी रूप से पहला लेनदेन है जो इंटरनेट से गुजरता है, लेकिन पहचानने योग्य कंपनियों द्वारा किए गए वैध व्यापार लेनदेन के बारे में क्या?
पिज्जा हट सम्मान का दावा करता है, यह कहते हुए कि उसने एक in . बेचाdivi1994 में इंटरनेट के माध्यम से दोहरी पिज्जा। कई स्रोत पुष्टि करते हैं कि पिज्जा हट का दावा सही है, और यह वाणिज्य के समग्र इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (यह देखते कॉमर्स का इतिहास हुए कि हजारों अन्य बड़े निगमों ने भुगतान स्वीकार करने और फिर मूर्त रूप देने के लिए इस मॉडल की ओर रुख किया। ग्राहकों के लिए आइटम।)
हालांकि, रहस्य और भी दिलचस्प हो जाता है रिपोर्ट भी बात करती है स्टिंग के एल्बम "टेन सममनर्स टेल्स" को मशहूर पिज़्ज़ा हट लेन-देन से कुछ हफ्ते पहले ऑनलाइन बेच दिया गया था।
भले ही, ये मील के पत्थर, 70 के दशक में ड्रग्स से लेकर पिज्जा पाई और 1994 में स्टिंग की नवीनतम हिट तक, यह दर्शाता है कि ईकॉमर्स लेनदेन ने दुनिया को कड़ी टक्कर दी है और तेजी से ट्रांसformatआयनों को विकसित करने के लिए जिसे हम आज जानते हैं। अब हमारे पास ठेकेदार अपने सेल फोन पर कार्ड स्वाइप कर रहे हैं और कंपनियां एक या दो दिनों में फ्लैट स्क्रीन टीवी वितरित कर रही हैं।
कॉमर्स इन्फोग्राफिक का इतिहास
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E-Commerce क्या हैं इसका इतिहास, यह कितने प्रकार का होता है?
Ecommerce क्या हैं (What is E-Commerce) – इंटरनेट के जरिये व्यापार करना ही ई-कॉमर्स कहलाता है चाहे वह सामान खरीदना हो या बेचना। इसके साथ-साथ इंटरनेट पर गेम्स, वीडियो, ई-बुक्स, सर्च, डोमेन नेम सर्विस, ई-लर्निंग या ई-शिक्षा भी ई-काॅमर्स के अन्तर्गत आता है। अर्थात ऐसे सभी क्षेत्र जिनके माध्यम से ग्राहकों को सुविधायें देकर उसने आर्थिक लाभ लिया जाता है और ऐसे क्षेत्र भी जिसमें सीधे धन का आदान-प्रदान न कर विज्ञापन के माध्यम से आर्थिक लाभ मिल सकता है ई-कॉमर्स के अन्तर्गत आते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको e-commerce kya hai, इसकी कैसे शुरुआत हुई और लाभ क्या क्या है। इन सभी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है।
Table of Contents
आज इंटरनेट के माध्यम से ई-काॅसर्म काे यूज करते हैं इसलिये जिन बेवसाइट का इस्तेमाल आप इस दौरान करते हैं वह ई-कॉमर्स बेवसाइट कहलाती हैं।
E-Commerce Kya Hai
साधारण अर्थ में “ई-कॉमर्स एक प्रोसेस हैं, जिसके द्वारा बिज़नेस और कन्जूमर एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से माल और सर्विसेस को बेचते और खरीदते हैं।”
ई-कॉमर्स को विस्तार रूप से इलेक्ट्रानिक कॉमर्स भी कहते है| ई- कॉमर्स खरीददारी, बेचना, मार्केटिंग, तथा प्रोडक्टो की सर्विस इत्यादि से मिलकर बना होता है। ये सेवाएं कंप्यूटर नेटवर्क पर भी की जाती है। ई-कॉमर्स कंप्यूटर के माध्यम से व्यापार करने की व्यवस्था है | कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से बिजनेस से संबंधित फाईलो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है | कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक व्याख्या कर सकती है.
हम इन्टरनेट के माध्यम से कंप्यूटर के सामने बैठकर किसी भी प्रोडक्ट को खरीद सकते है। “इलेक्ट्रानिक विधियों जैसे- EDI (electronic data inter change) तथा ऑटोमेटेड डाटा कलेक्शन के माध्यम से बिजनेस कमर्शियल कम्युनिकेशंस तथा मैनेजमेंट को कंडक्ट करने की सुविधा को ई- कॉमर्स कहते है”। ई- कॉमर्स इन्टरनेट पर प्रोडक्टो को बेचना तथा खरीदना और व्यापार तथा उपभोक्ताओ के द्धारा सेवाए उपलब्ध कराने की टेक्निक है।
ई-कॉमर्स का इतिहास (History of E-Commerce)
1970 में EDI (electronic data inter change) तकनीक का प्रयोग करके ई-कॉमर्स को Introduce किया गया था | इसके माध्यम से व्यावसायिक दस्तावेजो जैसे – परचेज आर्डर, Invoice को इलेक्ट्रोनिक रूप से भेजा जाता था। बाद में इसे अधिक गतिविधियों के रूप में वेब फॉर्म्स के नाम से जाना जाने लगा। इसका उद्देश्य Goods and Products की खरीददारी www के ऊपर http सर्वर के द्धारा ई-शॉपिंग इलेक्ट्रोनिक भुगतान सेवाए इत्यादि करना था। catts तथा इलेक्ट्रोनिक भुगतान सेवाए इत्यादि करना था |
1979 में, अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट ने ASC X12 को इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से डॉक्यूमेंट को शेयर करने के व्यवसायों के लिए एक युनिवर्सल स्डैंडर्ड के रूप में विकसित किया था।
ई-कॉमर्स की हिस्ट्री को eBay और Amazon के बिना सोचना असंभव है जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्जेकशन को शुरू करने वाली पहली इंटरनेट कंपनियों में से थे।
कंप्यूटर का प्रयोग हर क्षेत्र में अधिक से अधिक होने लगा है | बिजनेस मेन अपने व्यवसाय का विस्तार भी कंप्यूटर के माध्यम करने लगे है | इसके प्रयोग से कम समय में अधिक से अधिक कार्य संपन्न हो जाता है तथा कोई भी सूचना कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पूरी दुनिया को कही भी भेजी जा सकती है। यह सूचना टेक्स्ट, ऑडियो, इमेज ग्राफ़िक्स इत्यादि फोर्मेट में हो सकती है | आज कल के व्यवसायी ई-कॉमर्स तकनीक का प्रयोग अपने अपने क्षेत्र में करके विश्व में अपना स्थान बनाने की कोशिश कर रहे है।
ई–कॉमर्स का कार्यक्षेत्र (Scope of E-commerce)
ई-कॉमर्स अब इंटरनेट पर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्य बन गया है बहुत सी वेबसाइट मैं उनके उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन खरीदने या आदेश करने की सुविधा उपलब्ध होती हैं कॉमर्स का इतिहास इन वेबसाइटों को विशेष रूप से ई कॉमर्स के लिए ही तैयार किया जाता है और इनमें किसी उत्पाद या सेवा का आदेश देने की विशेषताएं शामिल होते हैं वैसे ई कॉमर्स में केबल उत्पादों और सेवाओं का क्रय विक्रय की शामिल नहीं है इसमें वे सभी व्यापारिक गतिविधियां शामिल हैं जो इंटरनेट और अन्य कंप्यूटर नेटवर्कों का उपयोग करते हैं उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, सप्लाई चैन मैनेजमेंट, ई मार्केटिंग, ऑनलाइन मार्केटिंग, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज, ऑटोमेटेड इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम तथा ऑटोमेटेड डाटा कलेक्शन आदि गतिविधियां भी ई कॉमर्स का भाग मानी जाती है.
इन समस्त कार्यों में इंटरनेट और अपने कंप्यूटर नेटवर्क तथा संचार तकनीकों का व्यापक उपयोग किया जाता है वैसे कॉमर्स वर्ल्ड वाइड वेब से भी अधिक डेटाबेस और ईमेल जैसी सुविधाओं पर निर्भर करता है इस प्रकार एक कॉमर्स वास्तव में साधारण व्यापार का ही दूसरा और विस्तृत रूप है।
निष्कर्ष – E-Commerce Kya hai in Hindi
दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हमने आपको E-Commerce Kya Hai, E-Commerce के प्रकार और इसके इतिहास के बारे में बताया। आशा करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया हो। अगर आपको E-commerce से जुड़ा कोई भी सवाल हॉट तो comment कर के पूछ सकते है।
ईकॉमर्स का इतिहास और इसके प्रक्षेपवक्र
माइकल एल्ड्रिच, एक अंग्रेजी आविष्कारक, प्रर्वतक और उद्यमी, को ऑनलाइन शॉपिंग के पूर्ववर्ती को विकसित करने का कॉमर्स का इतिहास श्रेय दिया जाता है। यह विचार 1979 में उनकी पत्नी और उनके लैब्राडोर के साथ टहलने के दौरान सामने आया जब एल्ड्रिच अपने साप्ताहिक किराने की खरीदारी अभियान के बारे में शिकायत कर रहे थे। इस बातचीत ने एक विचार को जन्म दिया, जो उन्हें अपने भोजन को देने के लिए एक टेलीविजन को अपने सुपरमार्केट से जोड़ने के लिए था। चर्चा के तुरंत बाद, एल्डरिक ने अपने विचार की योजना बनाई और उसे लागू किया।
मिनिटेल
1982 में, फ्रांस ने मिनिटेल नामक इंटरनेट अग्रदूत को लॉन्च किया। ऑनलाइन सेवा ने टेलीफोन लाइनों के माध्यम से एक वीडियोटेक्स टर्मिनल मशीन का उपयोग किया।
1999 तक, 9 मिलियन से अधिक मिनीटल टर्मिनल वितरित किए गए थे और मशीनों के इस परस्पर नेटवर्क में लगभग 25 मिलियन उपयोगकर्ताओं को जोड़ रहे थे।
ऑनलाइन ईकॉमर्स स्टोर
2000 और 1995 के दशक के मध्य में, इंटरनेट के व्यावसायिक उपयोग में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। अमेज़न से दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन रिटेलर, XNUMX में एक ऑनलाइन बुकस्टोर के रूप में लॉन्च किया गया था।
अमेज़ॅन, एक ऑनलाइन स्टोर होने के नाते, खरीदार के लिए तेजी से अधिक उत्पादों की पेशकश करने में सक्षम था।
एक और महान सफलता की कहानी eBay थी, जो एक ऑनलाइन नीलामी साइट थी जो 1995 में शुरू हुई थी। अन्य खुदरा विक्रेताओं जैसे ज़प्पोस और विक्टोरा सीक्रेट ने अपनी खरीदारी साइटों के साथ सूट किया।
ऑनलाइन खरीदने के लिए सुरक्षा
जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन व्यापार करने लगे, सुरक्षित संचार और लेनदेन की आवश्यकता स्पष्ट हो गई। 2004 में भुगतान कार्ड उद्योग सुरक्षा मानक परिषद (पीसीआई) यह सुनिश्चित करने के लिए कि कंपनियां विभिन्न सुरक्षा आवश्यकताओं का अनुपालन कर रही थीं।
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ई कॉमर्स क्या है ? इसके लाभ और हानि
अगर हम पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों को देखे ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले Customers की संख्या मे काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, इससे हम इस बात का अंदाजा लगा सकते है की वर्तमान समय मे ई कॉमर्स की प्रमुखता बहुत अधिक है ऐसे मे हमे ई कॉमर्स क्या है ? और इसके लाभ और हानि को जानना और समझना चाहिए।
पुराने समय मे ई कॉमर्स की इतनी अधिक अहमियत नहीं थी क्योंकि उस समय लोग ऑनलाइन शॉपिंग जैसी चीजों पर विश्वास नहीं करते थे, इसका कारण यह था की उस समय इंटरनेट इतना ज्यादा विकसित नहीं हुआ था, लेकिन समय के साथ जैसे जैसे इंटरनेट, टेक्नोलॉजी हर किसी तक पहुंचता गया उसी तरह धीरे धीरे लोगों मे ई कॉमर्स को लेकर विश्वसनीयता बढ़ती गई।
आज के समय मे देखे तो लाखों लोग ई कॉमर्स वेबसाइट मे जाकर रोजाना ऑनलाइन शॉपिंग करते है और सभी तरह के व्यवसायी जिनके बड़े बड़े व्यवसाय है वह भी अब अपने व्यवसाय के लिए ई कॉमर्स वेबसाइट बनाकर अपने दुकान को ऑनलाइन ले जा रहे है ऐसे मे हमारे लिए ई कॉमर्स क्या होता है, यह जानना जरूरी हो गया है।
तो चलिए अब हम ई कॉमर्स से संबंधित समस्त जानकारी जैसे ई कॉमर्स क्या है, ई कॉमर्स का इतिहास, ई-कॉमर्स के प्रकार, ई-कॉमर्स के लाभ और हानि इत्यादि को जानने की शुरुआत करते है।
ई कॉमर्स क्या है – What is E commerce in Hindi
ई कॉमर्स का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स होता है, किसी भी तरह के सामान, वस्तु, सर्विस को इंटरनेट के माध्यम से खरीदना या फिर बेचना ही ई कॉमर्स कहलाता है। आज के समय मे ई कॉमर्स के कई सारे उदाहरण मौजूद है जैसे Amazon, Flipkart, OLX इत्यादि। यह सब एक ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जिन पर ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से सामान, वस्तु, इत्यादि बेची व खरीदी जाती है।
एक प्रकार से इंटरनेट के माध्यम से व्यापार करने को भी हम ई कॉमर्स कह सकते है। कॉमर्स का अर्थ किसी भी प्रकार के उत्पाद, माल का विनिमय करना होता है और जब हम इंटरनेट के माध्यम से कॉमर्स करते है तब हम उसे ई कॉमर्स कहते है। अगर अब हम ई कॉमर्स के अर्थ को समझने की कोशिश करे तो इलेक्ट्रॉनिक रूप से वस्तुओ, सेवाओ का आदान प्रदान यानी क्रय विक्रय करने को ही हम ई कॉमर्स कह सकते है।
ई कॉमर्स एक ऐसा जरिया जिसके माध्यम से हम अपने उत्पाद और सेवाओ को कभी भी और कही भी इंटरनेट के उपयोग से बेच और खरीद सकते है। अगर ऑफलाइन दुकानों से समान या कोई भी सर्विस खरीदते है तो इसमे हमे दुकान तक जाने की आवश्यकता पड़ती है लेकिन ई कॉमर्स मे हम इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे सामान को खरीद सकते है।
इसमे हम जिस Product को खरीदने वाले है उस Products को हम खरीदने से पहले उसे Physically नहीं देख सकते है इसमे हम इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन Products के Graphics को देखते है और Reviews, Images के आधार पर हम किसी भी तरह के Product को खरीदने का निर्णय लेते है मतलब हम ऑफलाइन दुकानों की तरह Product को Physically नहीं देख सकते है।
ई कॉमर्स का इतिहास ( History)
1960 से 1970 मे EDI यानी Electronic Data Interchange के माध्यम से व्यापार अपने Data का Interchange किया करते थे तब से एक छोटे स्तर पर ई कॉमर्स की शुरुआत हुई, जिसके बाद 1980 से Credit cards, ATM card आने लगे और इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से हवाई जहाज के टिकट बुक करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
जिसके बाद 1989 से 1990 मे WWW यानी World Wide web की शुरुआत हुई, जिसके बाद 1994 मे Amazon कॉमर्स का इतिहास की शुरुआत हुई जो की ई कॉमर्स का अब तक का सबसे बड़ा प्लेटफ़ॉर्म माना जाता है जिसके बाद 1995 मे E bay की शुरुआत हुई, इनके आ जाने से ई कॉमर्स अब एक बड़े स्तर पर पहुँचने लगा और आज के समय मे Amazon कॉमर्स का इतिहास एक सबसे बड़ा ई कॉमर्स वेबसाइट बन चुका है।
ई कॉमर्स कितने प्रकार के होते है ?
अगर हम देखे तो ई कॉमर्स कई प्रकार के होते है, अलग अलग व्यवसायो के अनुसार अलग अलग प्रकार होते। ई कॉमर्स मुखतः चार प्रकार के होते है जो की नीचे दिए गए है –
1. Business To Consumer. जब एक Business के द्वारा किसी भी तरह के Product या Service को ऑनलाइन के माध्यम से Direct Consumer को बेचा जाता है तब हम इसे Business To Consumer यानी B2C ई कॉमर्स कहते है, इसमे Brand द्वारा Product या Service को ऑनलाइन सीधे Consumer तक पहुंचाया जाता है।
उदाहरण : जैसे किसी भी ऑनलाइन स्टोर के जरिए कपड़े, मोबाइल, लैपटॉप इत्यादि को खरीदना।
2. Business To Business. जब किसी भी प्रकार का सामान या सर्विस को ऑनलाइन के माध्यम से एक व्यापारी से दूसरे व्यापारी को बेचा जाता है तो इसे ही Business To Business यानी B2B ई कॉमर्स कहा जाता है, इसमे एक Brand अपने Product या Service को ऑनलाइन दूसरे Brand को बेचती है।
उदाहरण : जैसे Photos और Images वाली Brands अपने Images को ऑनलाइन अपने वेबसाइट के जरिए ऐसी Brands को बेचती है जिन्हे उस Images को Commercial तौर पर जरूरत होती है।
3. Consumer to Consumer. जब किसी Consumer द्वारा ऑनलाइन के माध्यम से अपने Product को किसी अन्य Consumer को बेचा जाता है तब इस तरह के क्रय विक्रय को Consumer to Consumer यानी C2C ई कॉमर्स कहते है।
उदाहरण : जैसे की कोई व्यक्ति अपने पुराने सामान, Property को इंटरनेट का उपयोग करके किसी दूसरे व्यक्ति को बेचता है।
4. Consumer to Business. जब एक उपभोक्ता (Consumer) अपने किसी भी Product या Service को ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से एक व्यापार को बेचता है तो इस तरह के लेनदेन को Consumer to Business यानी C2B ई कॉमर्स कहा जाता है।
उदाहरण : जैसे एक Video Editor अपने द्वारा Record किए गए Videos को Video, Photos Stocks वाले Brands को उसकी वेबसाइट के माध्यम से बेचता है और बाद मे जब Video Editor को किसी खास Footage की जरूरत होती है तब वह Video, Photos Stocks वाले वेबसाइट से Footage खरीदता है।
ई कॉमर्स के फायदे (Advantages of E commerce)
ई कॉमर्स पूरी तरह इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक पर आधारित है जिसकी वजह से इसके कई सारे फायदे है जो की निम्नलिखित है –
- ई कॉमर्स के माध्यम से हम अपने Product या Service सिर्फ Specific Area मे ही बल्कि हर एक क्षेत्र मे बेच सकते है।
- ई कॉमर्स मे ग्राहक किसी Specific Area के नहीं होते बल्कि हर एक क्षेत्र के लोग ग्राहक होते है, जिनको हम अपना सामान बेच सकते है।
- ई कॉमर्स मे हम किसी भी सामान को 24×7 किसी भी समय खरीद सकते है।
- ई कॉमर्स मे हम किसी Product को खरीदने से पहले उस Product को खरीदने वाले अन्य लोगों के Reviews और Comments को देख सकते है जिससे हमे Product के Quality के बारे मए पता चल पाता है।
- ई कॉमर्स मे हम अपने जरूरत के सामान को घर बैठे खरीद सकते है हमे कहीं पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
ई कॉमर्स के नुकसान (Disadvantages of E commerce)
ई कॉमर्स जिस तरह बहुत सारे फायदे है उसी तरह इसके कुछ नुकसान भी है जो की नीचे दिए गए है –
- ई कॉमर्स के माध्यम से कुछ भी खरीदते वक्त हमें अपनी सुरक्षा और साइबर सुरक्षा का बहुत ही ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि ऑनलाइन Frauds, Hacking जैसे illegal Activity’s अक्सर होते रहते है।
- ई कॉमर्स की मदद से कुह भी खरीदने के लिए मोबाइल, इंटरनेट की जानकारी होना जरूरी है।
- ई कॉमर्स की मदद से हम जब कोई सामान खरीदते है तो उसे हमारे पास पहुँचने मे 1 से 2 दिन तक लग जाते है और अगर Deliver Location कोई गाँव है तो एक सप्ताह भी लग सकते है।
- नए ई कॉमर्स वेबसाइट पर आसानी से भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह एक प्रकार का Fraud भी हो सकता है।
- ई कॉमर्स वेबसाइट से कुछ भी खरीदने के लिए हमें एक High Speed इंटरनेट की आवश्यकता पड़ती है अगर हमारे पास इंटरनेट नहीं है तो हम ई कॉमर्स वेबसाइट से कुछ भी खरीद सकते है।
इस लेख से क्या सिखा ?
वैसे अगर हम देखे तो ई कॉमर्स धीरे धीरे और आगे बढ़ता जा रहा है आने वाले समय मे हमे इसके और कई सारे बड़े बड़े रूप देखने को मिलने वाले है इसीलिए हमें इसके बारे मे हमेशा कुछ नया सीखते रहने की आवश्यकता पड़ेगी। अब हमने आपके साथ ई कॉमर्स से संबंधित समस्त जानकारी को साझा कर दिया है जिसको पढ़कर आप सभी ने ई कॉमर्स क्या है (What is E Commerce in Hindi) इस विषय मे जानकारी प्राप्त कर ली होगी।
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