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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार

'विदेशी मुद्रा भंडार'

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार, बीते साल भर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है.दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया है.

भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और उसके भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.

भारत के घटते विदेशी मुद्रा भंडार पर चिंता जताते हुए अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने गुरुवार को दावा किया कि अगर इस समस्या की अनदेखी की जाती रही, तो आगे चलकर देश को पड़ोसी श्रीलंका जैसे भीषण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.

विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और विशेष आहरण अधिकार (SDR) में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर कम होकर लगातार छठे सप्ताह गिरता हुआ 550.9 अरब डॉलर रह गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 7.9 अरब डॉलर उतरकर 553.1 अरब डॉलर रहा था.

आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के लिए भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 571.56 अरब डॉलर था. हालांकि 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 1.152 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है.

राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था श्रीलंका के रास्ते पर नहीं जाएगी. हालांकि, उन्होंने तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट पर चिंता व्यक्त की.

पाकिस्तान स्टेट बैंक के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भारी दबाव में है, जो छह मई को समाप्त सप्ताह के दौरान 19 करोड़ डॉलर घटकर 10.308 अरब डॉलर रह गया है.

पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट को हल करने की कोशिश करते हुए श्रीलंका की नकल कर रहा है, अपनी पिछली गलतियों के साथ-साथ वर्तमान में घरेलू स्तर पर होने वाली घटनाओं पर पाकिस्तान की सरकार ध्यान नहीं दे रही है. साथ ही पाकिस्तान उन सबक की अनदेखी कर रहा है जो वो श्रीलंका से सीख सकता था. ट्रू सीलोन की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका की तरह ही पाकिस्तान भी महत्वाकांक्षी राजनीतिक नेतृत्व और अत्यधिक बाहरी उधार के परिणामस्वरूप आर्थिक तौर पर लगातार कमजोर हो रहा है. संभव है कि आने वाले समय में श्रीलंका की ही तरह पाकिस्तान भी विदेशी मुद्रा भंडार, भोजन, ईंधन और दवाओं की कमी जैसे संकट से जूझ सकता है.

श्रीलंका (Sri Lanka) 1948 में ब्रिटेन से आजादी पाने के बाद अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा के भंडार कम होने के बाद पेट्रोल-डीजल की खासी कमी हो गई है.

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण ईंधन, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी हैं, जबकि बिजली कटौती और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने लोगों को परेशान किया हुआ है.

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है।

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी देखी जा रही है। पिछले 8 दिनों के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 8 अरब डॉलर की कमी आई है और यह अगस्त 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर है। वहीं पिछले 1 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अरब डॉलर की कमी आई है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह के लिए कुल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह आंकड़े आरबीआई ने जारी किए हैं। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी आई है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण फॉरेन करेंसी एसेट (FCA) में गिरावट है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट में 7.688 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है और यह घटकर 477.212 बिलीयन डॉलर पर आ गया है। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा डिप्रीशिएशन के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड यील्ड के भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है। वर्तमान वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में काफी गिरावट हुई है। 2 अप्रैल को विदेशी मुद्रा भंडार 606.475 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 अमेरिकी डॉलर पर आ गया।

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पिछले वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और अपने उच्च स्तर पर था। लेकिन 23 सितंबर 2022 को यह घटकर 537.52 बिलियन डॉलर पर आ गया है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि पिछले 1 वर्ष में करीब 105 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी विदेशी मुद्रा भंडार में देखी गई है। जबसे रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है उसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 94 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी देखी गई है।

चालू वित्त वर्ष में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 8.6 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5 फीसदी की तेजी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर है।

भारत की इकोनॉमी में आई उछाल, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.229 अरब डॉलर बढ़कर हुआ 634.भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 965 अरब डॉलर

भारत का स्वर्ण भंडार का मूल्य 27.6 करोड़ डॉलर से बढ़कर 39.77 अरब डॉलर हो गया है।

India economy boomed country foreign exchange reserves increased by $ 2.229 billion to $ 634.965 billion | भारत की इकोनॉमी में आई उछाल, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.229 अरब डॉलर बढ़कर हुआ 634.965 अरब डॉलर

भारत की इकोनॉमी में आई उछाल, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.229 अरब डॉलर बढ़कर हुआ 634.965 अरब डॉलर

Highlights भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.229 अरब डॉलर से बढ़कर 634.965 अरब डॉलर हो गया है। रिजर्व बैंक ने बताया कि एफसीए 1.345 अरब डॉलर से बढ़कर 570.भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 737 अरब डॉलर हो गया है। आईएमएफ के पास विशेष आहरण अधिकार भी बढ़ा है।

मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.229 अरब डॉलर बढ़कर 634.965 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को यह जानकारी दी है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले सात जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 87.8 करोड़ डॉलर घटकर 632.736 अरब डॉलर हो गया था। जबकि तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में यह रिकार्ड 642.453 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

आरबीआई ने जारी की साप्ताहिक आंकड़ें

आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों में यह जानकारी दी है। आरबीआई के मुताबिक, 14 जनवरी को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल आने की वजह कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) तथा स्वर्ण आरक्षित भंडार में वृद्धि है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान एफसीए 1.345 अरब डॉलर बढ़कर 570.737 अरब डॉलर हो गया।

आईएमएफ का विशेष आहरण अधिकार भी बढ़ा है

डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट -बढ़ को भी शामिल किया जाता है। इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 27.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 39.77 अरब डॉलर हो गया। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास विशेष आहरण अधिकार 12.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 19.22 अरब डॉलर हो गया। अंतररराष्ट्रीय मुद्राकोष में देश का मुद्रा भंडार भी 3.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.238 अरब डॉलर हो गया।

देश में विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते फिर गिरावट जारी, जानिए क्या है गोल्ड रिजर्व का हाल

आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 13 मई के खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में ये गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई कमी की वजह से हुई, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2022,
  • (Updated 21 मई 2022, 11:17 AM IST)

1.302 अरब डॉलर घटा FCA

गोल्ड रिजर्व में भी आई गिरावट

देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में एक बार फिर से गिरावट आई है. बीते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हफ्ते यह 2.676 अरब डॉलर घटकर 593.279 अरब डॉलर रह गया. शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की ओर से जारी किए आंकड़ों में ये जानकारी दी गई है.

वहीं इससे पहले के सप्ताह में ये 1.774 अरब डॉलर घटकर 595.954 अरब डॉलर रह गया था. 29 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर रह गया था.

आरबीआई के मई बुलेटिन में ‘स्टेट ऑफ इकोनॉमी’ पर प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, 6 मई को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 596 अरब डॉलर था, जो कि वर्ष 2022-23 के लगभग 10 महीने के प्रोजेक्टेड इंपोर्ट के बराबर था.

1.302 अरब डॉलर घटा FCA
आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 13 मई के खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में ये गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई कमी की वजह से हुई, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. रिजर्व बैंक के मुताबिक रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 1.302 अरब डॉलर घटकर 529.554 अरब डॉलर हो गई. गौरतलब है कि डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.

गोल्ड रिजर्व में भी आई भारत का विदेशी मुद्रा भंडार गिरावट
रिजर्व बैंक के आंकड़ों की मानें तो रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व का मूल्य भी 1.169 अरब डॉलर बढ़कर 40.57 अरब डॉलर रह गया. रिपोर्टिंग वीक में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट 16.50 करोड़ डॉलर घटकर 18.204 अरब डॉलर रह गया. वहीं IMF में रखा देश का मुद्रा भंडार 3.9 करोड़ डॉलर 4.951 अरब डॉलर रह गया.

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