ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं

यहाँ इस आर्टिकल में आपको बताया जायेगा ट्रेडिंग अकाउंट क्या है, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाएं। साथ ही आपको कुछ पोपुलर स्टॉक ब्रोकर के बारे में बताया जायेगा जिनके साथ आप अपना पहला ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते है और शेयर बाजार में निवेश कर सकते है।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और कैसे बनाएं
यहाँ इस आर्टिकल में आपको बताया जायेगा ट्रेडिंग अकाउंट क्या है, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाएं। साथ ही आपको कुछ पोपुलर स्टॉक ब्रोकर के बारे में बताया जायेगा जिनके साथ आप अपना पहला ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते है और शेयर बाजार में निवेश कर सकते है।
क्या आप जानना चाहते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते हैं? शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह निवेशकों को बाजार में Shares, Commodities, Foreign Exchange आदि को खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। आज इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?
ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर बाजार में इक्विटी शेयर खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है। पहले, स्टॉक एक्सचेंज इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर काम नहीं करता था। इसमें ट्रेडर अपने खरीद-बिक्री के ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं लिए हाथ के संकेतों और मौखिक संचार का इस्तेमाल किया करते थे। और ऐसा करते हुए आपने हर्षद मेहता फिल्म में देखा होगा
लेकिन शेयर बाजार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम अपनाने के बाद, Buyers और Sellers को ऑर्डर देने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। आप किसी भी रजिस्टर्ड स्टॉक मार्केट ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट खोलकर शेयर को ऑनलाइन ही खरीद और बेच सकते है। प्रत्येक ट्रेडिंग अकाउंट में एक यूनिक ट्रेडिंग आईडी होती है जिसका उपयोग ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए किया जाता है।
आसान शब्द में कहे, तो आप ट्रेडिंग अकाउंट के बिना शेयर बाजार में न तो शेयर खरीद सकते है और न ही बेच सकते हो, क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज के लिए Trading Account की जरुरत होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है?
एक ट्रेडिंग अकाउंट निवेशक के डीमैट खाते से लिंक रहता है। जब कोई निवेशक शेयर खरीदना चाहता है, तो वह अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ऑर्डर करता है। जब आर्डर पूरा हो जाता है, तो शेयर उसके डीमैट खाते में जमा हो जाते हैं और उसके बैंक खाते से आर्डर किये गए शेयर की राशि काट ली जाती है।
ठीक इसी तरह शेयर बेचने पर होता है। जब कोई निवेशक अपने ट्रेडिंग खाते की मदद से 100 शेयरों के लिए बिक्री आदेश ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं देता है और जब आर्डर पूरा हो जाता है, तो उसके डीमैट खाते से 100 शेयर डेबिट (सेल) कर दिए जाते हैं और सेल की गयी शेयर की राशि उसके बैंक खाते में जमा हो जाती है।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है?
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए मार्केट में बहुत सारे Stock Broker मौजूद है। आप डिस्काउंट ब्रोकर, फुल सर्विस ब्रोकर, या बैंकों से अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं। लेकिन कुछ स्टॉक ब्रोकर है जो ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के पैसे लेते हैं और कुछ स्टॉक ब्रोकर फ्री में आपका ट्रेडिंग खोलते है।
Upstox और Zerodha जैसे डिस्काउंट ब्रोकर बहुत ही कम फ़ीस लेकर आपका ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते है जबकि आप Groww स्टॉक ब्रोकर पर फ्री में ट्रेडिंग अकाउंट बना सकते है।
और एक बात ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के बाद जब आप शेयर खरीदते या बेचते हैं तो ब्रोकिंग कम्पनी आपसे कुछ ब्रोकरेज चार्ज लेती है। Zerodha और Upstox की बात करें तो जब आप शेयर खरीदते है, तो कोई चार्ज नहीं लगता पर शेयर सेल पर आपको कुछ चार्ज देना पड़ता है। वही Groww की बात करें तो यह शेयर के खरीद और बिक्री पर भी चार्ज करता है।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए यहाँ नीचे मैंने टॉप 10 ब्रोकर की लिस्ट बनाया है:
- Zerodha Demat Account
- Angel Broking Demat Account
- Sharekhan Demat Account
- Edelweiss Demat Account
- 5Paisa Demat Account
- Kotak Securities Demat Account
- IIFL Demat Account
- Motilal Oswal Demat Account
- ICICI Direct Demat Account
- Karvy Demat Account
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपके पास निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स होना जरूरी है:
- पैन कार्ड (सबसे जरूरी डाक्यूमेंट्स)
- आधार कार्ड
- बैंक अकाउंट
- बैंक स्टेटमेंट या कैंसल चेक
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें?
ऑनलाइन इक्विटी ट्रेडिंग करने के लिए, आपको स्टॉक ब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। आप नीचे बताये गए स्टेप को फॉलो करके एक ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं:
- एक ऐसे स्टॉक ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खोले जिसकी बाजार में अच्छी प्रतिष्ठा हो। साथ ही चेक करें वह शेयर के खरीद और बिक्री पर कितना चार्ज करता है।
- जिस ब्रोकर के साथ आप ट्रेडिंग अकाउंट खोलना चाहते है उसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाये।
- फिर अकाउंट ओपनिंग फॉर्म भरें जैसे अपना नाम, पता, पैन और बैंक डिटेल आदि
- इसके बाद अपने डाक्यूमेंट्स अपलोड करें जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, केंसल चेक या बैंक स्टेटमेंट, और साथ में सिग्नेचर की भी फोटोकॉपी अपलोड करें।
- सारी डिटेल्स और डाक्यूमेंट्स अपलोड करने के बाद, अंत में स्टॉक ब्रोकर आपके द्वारा दी जाने वाली जानकारी को वेरीफाई करेगा और सभी जानकरी सही होने पर 24 से 48 घंटे के अन्दर आपका ट्रेडिंग अकाउंट खुल जायेगा।
- यदि आप Zerodha पर अकाउंट खोलते है, तो ईमेल के जरिये आपको ट्रेडिंग अकाउंट की ID भेजी जाएग। आपको बस पासवर्ड बनाने बनाने की ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं जरूरत होगी।
शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें?
ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के बाद अब बारी आती है शेयर कब खरीदना चाहिए। किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसके बारे में अच्छे से रिसर्च करें और फिर पता करें कि शेयर का दाम बढ़ा है या गिरा है। उसके बाद ही किसी शेयर को खरीदें। अगर आप बिना रिसर्च किए स्टॉक मार्केट में निवेश करते है तो यह बहुत रिस्की हो जाता है। शेयर मार्केट में कौन सी कंपनी के शेयर का दाम बढ़ा या गिरा इसका पता लगाने के लिए आप The Economic Times, Moneycontrol जैसी साईट का उपयोग कर सकते है।
आखरी सोच
पैस्सिव इनकम के लिए शेयर बाजार एक अच्छा जरिया हैं। आज इस आर्टिकल में मैने आपको बताया ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते हैं। उम्मीद करता हु यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको ट्रेडिंग अकाउंट के बारे बहुत सारी जानकारी मिली होगी।
छोटा सा निवेदन,अगर यह आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हुई है, तो इसे शेयर करना न भूलें!
About Antesh Singh
Antesh Singh एक फुल टाइम ब्लॉगर है जो बैंकिंग, आधार कार्ड और और टेक रिलेटेड आर्टिकल लिखना पसंद करते है।
Zerodha की पूरी जानकारी – ज़ेरोधा क्या है?
Zerodha kya hai? भारत में बहुत ही कम कीमत पर ट्रेडिंग खाते और डीमैट खाते की सुविधाए प्रदान करने वाली बहुत सारी कम्पनिया है, बस उन्ही में से एक कंपनी Zerodha है। यह भारत की सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकिंग सेवा देने वाली वित्तीय सेवा कंपनी है। Zerodha हर छोटे से बड़े निवेशकों के लिए बहुत ही अच्छा प्लॅटफॉर्म है।
What is the meaning of word Zerodha? What is Zerodha? What are the benefits of Zerodha? What is account opening and brokerage fees in Zerodha? How do online stock trading on Zerodha? |
“The trick is not to learn to trust your gut feelings, but rather to discipline yourself to ignore them. Stand by your stocks as long as the fundamental story of the company hasn’t changed.”
Peter Lynch, One Up On Wall Street: How To Use What You Already Know To Make Money In The Market
भारत का पहला डिस्काउंट ब्रोकरेज, जिसने भारत में “डिस्काउंट ब्रोकिंग” मॉडल की शुरुआत की है जो आज के समय में विकसित बाजारों में लोकप्रिय है।
Zerodha का मॉडल ग्राहकों को ट्रेडों और लेनदेन पर किसी भी ब्रोकिंग चार्ज से छूट देता है और उन व्यापारियों के पक्ष में काम करता हैं जो बड़े अनुबंध और विकल्प प्रावधान (futures contract and options provisions) लेते हैं।
What is the meaning of word Zerodha?
यह नाम ZERODHA अंग्रेजी शब्द “जीरो” और संस्कृत शब्द “रोध” से बना है, जहा ज़ीरो का मतलब शून्य और रोध का मतलब बाधा होता है एक साथ में शब्द बनता है “शून्य बाधा” जो की कंपनी के उद्देश्य को बयान करता हैं जिसके आधार पर यह व्यवसाय शुरू किया गया था।
Zero / शून्य + Rodha / बाधा = Zerodha / शून्य बाधा
Zerodha क्या है – What is Zerodha?
Zerodha kya hai? Zerodha एक वित्तीय सेवा कंपनी है जो भारत में दलाली मुक्त खुदरा और संस्थागत ब्रोकिंग, मुद्राओं और वस्तुओं के व्यापार, म्यूचुअल फंड और बॉन्ड आदि की सेवाएं प्रदान करती है जिसको 2010 में बैंगलोर में स्थापित किया गया था, जिसकी अभी कई प्रमुख भारतीय शहरों में शाखाए उपस्थिति है।
व्यापारी के रूप में अपने दशक के लंबे कार्यकाल के दौरान आई बाधाओं को दूर करने के लिए 2010 में नितिन (कंपनी के संस्थापक) ने Zerodha की स्थापना की थी जिसने आज भारतीय ब्रोकिंग उद्योग के परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है।
Zerodha की सबसे ज़रूरी बात यह है कि इसमें भारतीय एक्सचेंजों के साथ व्यापार पूरी तरह से कानूनी है। ज़ेरोधा में स्टॉक ट्रेड उन उपयोगकर्ताओं के लिए फ्री हैं जो एक दिन से अधिक समय तक अपने शेयर रखते हैं और Zerodha द्वारा व्यापार के लिए अधिकतम रु 20 का फ्लैट शुल्क लागू किया जाता है।
यह फर्म वायदा अनुबंध, विकल्प प्रावधानों और बिना ट्रेंड वाले शेयर के लेनदेन (Futures Contracts, Option Provisions and Intraday Equity Transactions) पर एक शुल्क लगाकर पैसा कमाती है।
साल 2019 के अनुसार, Zerodha के सक्रिय ग्राहको के आधार पर यह कंपनी भारत में सबसे बड़ा खुदरा स्टॉकब्रोकर है जो भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में दैनिक खुदरा संस्करणों का 2% से ऊपर का योगदान देता है।
What are the benefits of Zerodha?
Zerodha डीमैट खाते के लिए सबसे अच्छा विकल्प है और यह कम ब्रोकरेज चार्ज, कम वार्षिक रखरखाव शुल्क और भी कई सर्वोत्तम सेवाएं अपने ग्राहकों को प्रदान करता है ज़ेरोधा के कुछ ख़ास फायदे इस प्रकार है –
- Zerodha में ट्रेड डेलिवरी पर कोई शुल्क नहीं है।
- Zerodha की Mobile App के ज़रिए भी आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है।
- Zerodha 4 से 10 गुना तक के लाभ की सुविधा देती है।
- Zerodha में एक 60 Days Challenge भी है जिसका लाभ भी उठा सकते है।
- Zerodha के साथ करीब 15 लाख से भी अधिक ट्रेडिंग और निवेशक जुड़े हुए है।
- हर लेन-देन पर Zerodha ब्रोकरेज रेट 0.01% यानी 20 रुपये से भी कम है।
- रोजाना औसतन 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा का लेनदेन Zerodha पर होता है।
- ज़ेरोधा अपनी ऑनलाइन म्यूचुयल फंड निवेश सेवाओं ( OnlineMutual Funds InvestmentServices ) को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जो Zerodha Coin है।
- Zerodha Coin की एक वेबसाइट और एक मोबाइल ऐप है, जो सभी Zerodha ग्राहकों को मुफ्त में उपलब्ध है।
- Zerodha के साथ म्यूचुअल फंड निवेश ( Mutual Funds investment ) बिल्कुल मुफ्त है।
What is account opening and brokerage fees in Zerodha?
Zerodh में खाता खोलने की फीस और ब्रोकरेज शुल्क का विवरण कुछ इस प्रकार से है –
TRADING & DELIVERY | CHARGES |
Demat Account Opening | ₹ 300/- |
Demat Account Maintenance | ₹ 300/- |
Trading Account Opening | ₹ 0 |
Trading Account Maintenance | ₹ 0 |
Equity Inter Trade & Futures | ₹ 0 |
Equity Option | ₹ 20/ Trade |
Actual Equity Delivery | 0.01% of Value or ₹ 20/ Trade |
How do online stock trading on Zerodha?
Zerodha पर ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग यानी शेयर को खरीदे और बेचना सीखे, इस ट्यूटोरियल वीडियो से –
Demat Account क्या है? जानिए शेयर खरीदने-बेचने के लिये यह क्यों जरूरी है?
What is Demat Account: सेबी (SEBI) के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार अगर आपको शेयर बाजार (Share Market) से स्टॉक खरीदना या बेचना हो तो आपके पास डीमेट खाता (Demat Account) होना जरुरी है। डीमेट को छोड़कर किसी अन्य रूप में शेयरों को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपको भारत में शेयर बाजार से शेयर खरीदना या बेचना हो तो डीमैट खाता होना अनिवार्य है। इसके अलावा अगर आपको अपने शेयरों को इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में लागू करना है तो भी आपके पास डीमेट खाता होना बेहद जरूरी है।
डीमेट खाता किसी आम बैंक खाते की तरह हीं काम करता है। यहां भी आपके बैंक बैलेंस को पास-बुक में इंटर किया जा सकता है, पर आप इसे भौतिक रूप में रख नहीं सकते, इसकी सुरक्षा भी इलैक्ट्रॉनिक तरीके से होती है, और किसी अन्य बैंक खाते की तरह ही डैबिट कर क्रेडिट की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
व्हाट इस डीमैट अकाउंट (demat Account) पर गौर करें तो एक खाता जहां आप अपने शेयर रख सकते हों और जहाँ उन शेयरों की सुरक्षा इलैक्ट्रॉनिक तरीके से ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं की जाती हो, उसे डीमैट खाता कहते हैं।
डीमेट (Demat Account) खोलते समय आवेदक का इन-पर्सन वैरिफिकेशन (आईपीवी) डिपी द्वारा किये जाने का नियम मान्य है। डीपी के कर्मचारी को अकाउंट ओपनिंग फ़ॉर्म में लगे हुए फ़ोटो ग्राफ साथ ही संबंधित व्यक्ति की पहचान का प्रमाण सत्यापित करके आवेदक (नाबालिग होने पर अभिभावक का) की पहचान को स्थापित करना होता है। ज्वाइंट अकाउंट होने की स्थिति में, अकाउंट के सभी धारकों ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं के लिए आइपीवी किये जाने का नियम है
डीमेट अकाउंट मीनिंग के अलावा यह जानना जरूरी है कि, आज के समय में डीमैट सेवाएँ ब्रोकिंग हाउस के साथ-साथ कई अन्य वित्तीय और बैंकिंग संस्थानों द्वारा दी जा रही है। डिपॉज़िटरी सेवाएँ प्रदान करने वाले संस्थानों को डिपॉज़िटरी भागीदार के रूप में जाना जाता है। परिभाषा के अनुसार डिपॉज़िटरी भागीदार एनएसडीएल और/या सीएसडीएल, और निवेशक के बीच एक मध्यस्थ की तरह काम करता है।
भारत में दो डिपॉजिटरी खोलती हैं डीमेट
इस खाते को खोलने के लिए निवेशक को सेबी से पंजीकृत डिपॉजिटरी पार्टीसिपेंट (डीपी) के साथ डीमैट अकाउंट(demat Account) खोलने की आवश्यकता होती है। डीमैट खाता खोलने के लिए निवेशक को अकाउंट ओपनिंग फ़ॉर्म भरने के साथ सेबी द्वारा स्वीकृत दस्तावेज़ों की प्रतियाँ, पहचान के प्रमाण, पते के प्रमाण के रूप में जमा करवाना होता है। अकाउंट खोलते समय मूल पैन कार्ड और सभी आवेदकों को सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज़ लाने की जरुरत भी पड़ती है।
डीपी से निवेशकों को अनुबंध की प्रति और शुल्कों की अनुसूची भी प्राप्त होती है। अकाउंट ओपनिंग दस्तावेज़ों को प्रोसेस करने के बाद डीपी आवेदक को अकाउंट नंबर (क्लाइंट आईडी) प्रदान करता है। डीपी से आवेदक का अकाउंट खुल जाने के बाद, आवेदक क्लाइंट बन जाता/जाती है जिसे बीओ (बेनेफिशियरी ऑनर) के नाम से भी जाना ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं जाता है और उसे आवंटित अकाउंट नंबर बीओ-आईडी (बनेफिशियरी ऑनर आइडेंटिफिकेशन नंबर) कहा जाता है। read more: Share Market में Investment करने पर मिल सकते है ये लाभ
व्हाट इस डीमेट अकाउंट (demat Account) समझने के साथ ये भी जान लें कि किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी कई तरह के चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.
डीमैट खाता खोलने के लिये किन दस्तवेजो की होती है जरूरत:
पहचान प्रमाण के लिए उपयुक्त:
- पैन कार्ड
- मतदाता पहचान ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं पत्र
- पासपोर्ट
- ड्राइवर लाइसेंस
- बैंक सत्यापन
- आईटी रिटर्न
- बिजली/लैंडलाइन फोन का बिल
- आवेदनकर्ता के फ़ोटो वाला आई कार्ड, इनके द्वारा जारी किया गया
- केंद्र/राज्य सरकार और उसके विभाग
- संवैधानिक/विनियामक प्राधिकारी
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
- सार्वजनिक वित्तीय संस्थाएं
- विश्वविद्यालय से संबद्द कॉलेज(इसे तब तक ही मान्य समझा जाएगा जब तकि कि आवेदक छात्र हो)
- व्यावसायिक निकाय जैसे कि आईसीएआई ,आईसीडब्ल्यूएआई ,आईसीएसआई, बार काउंसिल आदि, द्वारा उनके सदस्यों को जमा करने के लिए केवल दस्तावेज़ो की प्रतिलिपि ही आवश्यक होती है, लेकिन सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। आवेदक को खाता खोलने के फ़ॉर्म के साथ एक पासपोर्ट आकार का फ़ोटो भी देना होता है।
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गोल्ड में निवेश के लिये मौजूद हैं कई विकल्प, जानिये इनके क्या हैं फायदे और नुकसान
निवेशक ठोस गोल्ड, ईटीएफ, गोल्ड बॉन्ड या डिजिटल गोल्ड के जरिये निवेश कर सकते हैं. इनमे से हर एक की निवेश को लेकर अपनी अलग अलग खासियत हैं.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Mar 05, 2022 | 6:32 AM
रूस यूक्रेन संकट (Russia Ukraine crisis) के साथ सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. दरअसल अनिश्चितता के समय में सभी निवेशक सोने (gold) जैसे सुरक्षित विकल्प में पैसा लगाते हैं. वहीं बाजार के जानकार भी निवेशकों को सलाह देते हैं कि वो अपने पोर्टफोलियो का 15 प्रतिशत तक सोने में निवेश (investment) करें जिससे अनिश्चितता के इस माहौल में बाकी निवेश की गिरावट का नुकसान कम किया जा सके. भारत में सोने में निवेश के कई तरीके हैं जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है. आम तौर पर निवेश को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है जिसमें ठोस गोल्ड, पेपर गोल्ड और डिजिटल गोल्ड शामिल हैं जानिये इन विकल्प के फायदे क्या हैं और नुकसान क्या हैं.
ठोस गोल्ड
ठोस गोल्ड सोने में निवेश के सबसे आम तरीका है, इसमें ज्वैलरी, सोने के सिक्के और बार आते हैं. ठोस सोने को ग्राहक अपने पास रख सकते हैं उसे इस्तेमाल कर सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी इसे गिफ्ट कर सकते हैं या तुरंत कैश करा सकते हैं. इस तरीके से सोना आपके पास होता है इसलिए आम निवेशकों को निवेश के इस तरीके पर काफी भरोसा होता है. हालांकि रिटर्न के हिसाब ये उतना आकर्षक नहीं होते क्योंकि ज्वैलर इनपर मेकिंग चार्ज लेता है जो कि काफी ऊंचे हो सकते हैं, इसके साथ ही इनके चोरी होने, खोने का डर भी रहता है. वहीं कई बार सोने की शुद्धता को लेकर भी सवाल उठ खड़े होते हैं. इसके साथ ही इसे कैश करना आसान प्रक्रिया नहीं होता.. हालांकि इसके जरिये लोन उठाया जा सकता है. अगर आप ऐसा गोल्ड चाहते हैं जो निवेश भी हो जिसे आप खास अवसरों पर गहनों के रूप में इस्तेमाल कर सकें या फिर आगे गिफ्ट के रूप में दे सकें तो आप ठोस गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इस तरीके में आप सीधे जाकर दुकान से पूरा कैश देकर उसका सोना खरीद सकते हैं या फिर ज्वैलर की गोल्ड सेविंग स्कीम से जुड़ कर छोटी छोटी रकम देकर स्कीम के अंत में गहने खरीद सकते हैं.
पेपर गोल्ड
पेपर गोल्ड निवेश का वो ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं तरीका होता है जिसमें आपको गोल्ड सिर्फ पेपर पर ही मिलता है, और रिटर्न गोल्ड की कीमत के आधार पर तय होता है. यानि आपको गोल्ड नहीं मिलता लेकिन शुद्ध गोल्ड के निवेश से जुड़े सभी फायदे मिलते हैं. इसमें गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और सॉवरन गोल्ड बॉन्ड आता है. ठोस गोल्ड के मुकाबले निवेश के लिये ये ज्यादा अच्छा विकल्प है. अगर आपको घर में गहनों की जरूरत नहीं ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं है या आप अपने बच्चों के लिये गोल्ड जोड़ना चाहते हैं या फिर सोने में तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं तो इस तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरीके में आप मेकिंग चाजेंस से बचते हैं और सोने के खोने या चोरी होने की कोई टेंशन नहीं रहती. ईटीएफ के जरिये आप सोने की कीमतों में बदलाव का तेजी के साथ फायदा उठा सकते हैं वहीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मदद से आप सोने की लंबी अवधि में कीमतों में बढ़त के साथ एक निश्चित ब्याज का फायदा ले सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ इनके नुकसान पर नजर डालें तो आप इनका इस्तेमाल ठोस सोने की तरह नहीं कर सकेंगे. वहीं बॉन्ड में आपको एक निश्चित समय तक पैसे लगाये रखने पड़ते हैं.
डिजिटल गोल्ड
डिजिटल गोल्ड ठोस गोल्ड और पेपर गोल्ड का मिला जुला विकल्प है. गूगलपे जैसे कई प्लेटफार्म डिजिटल गोल्ड का विकल्प दे रहे हैं. डिजिटल गोल्ड उन लोगों के लिये सही है जो 100 रुपये जैसी छोटी रकम के साथ गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं. और अपने हिसाब से खरीद बिक्री करना चाहते हैं. डिजिटल गोल्ड में आपको सोने को खरीदने और बेचने की सुविधा मिलती है. वहीं एक निश्चित मात्रा पर पहुंचने के साथ सिक्के या बार के रूप में ठोस सोना पाने का भी विकल्प मौजूद रहता है.[डिजिटल गोल्ड में मेकिंग चार्जेस नहीं देने पड़ते वहीं इसमें सोने के चोरी होने या खोने का डर भी नहीं होता. वहीं आप बेहद छोटी रकम के साथ भी गोल्ड खऱीद सकते हैं. हालांकि डिजिटल गोल्ड में कंपनी अपने कुछ चार्ज लगाती है जिससे बिक्री की कीमत उसी समय की खरीद कीमत से 3 से 6 प्रतिशत कम रहती है. यानि डिजिटल गोल्ड निवेश के हिसाब पेपर गोल्ड से बेहतर नहीं होता. वहीं अगर आप डिजिटल गोल्ड को ठोस गोल्ड में बदलते हैं कंपनी आपसे यहां कुछ शुल्क भी वसूल करती है.
इन तरीकों से खुलवाएं बैंक में लॉकर, जानें RBI के नियम
अगर आप बैंक में लॉकर खुलवाना चाहते हैं तो बैंक जाने से पहले जान लें लॉकर खुलवाने के आरबीआई के तय नियम क्या हैं.
- News18Hindi Last Updated : July 09, 2018, 19:33 IST
अगर आप बैंक में लॉकर खुलवाना चाहते हैं तो बैंक जाने से पहले जान लें लॉकर खुलवाने के आरबीआई के तय नियम क्या हैं. दरअसल आरबीआई ने नोटिफिकेशन जारी कर लॉकर्स के नियम तय किए हैं. आरबीआई नोटिफिकेशन के मुताबिक कोई भी किसी भी बैंक में बगैर खाते के लॉकर खुलवा सकता है. लेकिन लॉकर के किराए और चार्जेस के सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर बैंक आपका खाता खोले बगैर लॉकर खुलवाने में आना-कानी करते हैं. ऐसे में आपको सलाह है कि उसी बैंक में खाता खोलें जहां पहले से आपका सेविंग्स अकाउंट हो.
आरबीआई नियमों के मुताबिक बैंक लॉकर के 3 साल के किराए और किसी कारणवश लॉकर तुड़वाने पर चार्ज वहन करने के अमाउंट जितनी FD खुलवाने के लिए बैंक कह सकते हैं. हालांकि बैंक किसी भी मौजूदा लॉकर धारक को FD खुलवाने के लिए नहीं कह सकते हैं.