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एक ब्रोकर में निवेश करें

एक ब्रोकर में निवेश करें

कैसे इंडियन स्टॉक्स में इन्वेस्ट करें या ट्रेडिंग करें (Buy Indian Stocks, Trading Tips)

यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Marcus Raiyat. मार्कस रैयत एक U.K., फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर हैं और ये Logikfx के संस्थापक/CEO और इंस्ट्रक्टर भी हैं | लगभग 10 वर्षों के अनुभव के साथ मार्कस सक्रिय रूप से ट्रेडिंग फोरेक्स, स्टॉक्स और क्रिप्टो में भी एक ब्रोकर में निवेश करें माहिर हैं और CFD ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव एनालिसिस में विशेषज्ञ हैं | मार्कस ने एस्टोन यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में BS की डिग्री हासिल की है | Logikfx में इनके काम के लिए इन्हें ग्लोबल बैंकिंग और फाइनेंस रिव्यु के द्वारा "बेस्ट फोरेक्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग U.K. 2021 के रूप में नामांकित किया गया था |

क्या आपको पता है शेयरों में एसआईपी के जरिये भी किया जा सकता है निवेश? जानें कैसे कर सकते हैं शुरू

क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी.

क्या आपको पता है शेयरों में एसआईपी के जरिये भी किया जा सकता है निवेश? जानें कैसे कर सकते हैं शुरू

क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, शेयरों में एसआईपी के जरिये निवेश करने के लिए आपके पास सबसे पहले डीमैट खाता होना जरूरी है। डीमैट खाता खोलने की सुविधा ब्रोकर उपलब्‍ध कराते हैं। डीमैट खाता खुलने के बाद आप अपने मोबाइल एप के जरिये ब्रोकर के प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल करते हुए शेयर बाजार से शेयरों की खरीद सकते हैं। इसके लिए आपका बैंक खाता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ा होना चाहिए। इसके बाद आप महीने में एक तय राशि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर खरीदने में एक ब्रोकर में निवेश करें लगा सकते हैं।

शेयरों में एसआईपी कैसे शुरू करें

शेयरों में एसआईपी शुरू करने के लिए आपको निवेश की रकम, शुरुआत करने की तारीख, अंतिम तारीख, ट्रिगर डेट इत्‍यादि के बारे में बताना पड़ता है। ट्रिगर डेट वह तारीख है जिस दिन हर एक किस्‍त के लिए बकेट में निवेश किया जाएगा। इसी दिन उन शेयरों के लिए एक अलग ऑर्डर जेनरेट होगा जिन्‍हें आपने चुना है। ये ऑर्डर शेयर ब्रोकर के ऑर्डर मैचिंग सिस्‍टम के अनुसार एग्‍जीक्‍यूट होते हैं। आप एसआईपी के जरिये निवेश की अवधि दैनिक, साप्‍ताहिक, पाक्षिक या मासिक चुन सकते हैं। शेयर में एसआईपी शुरू करने पर आपके पास विकल्‍प होता है कि आप किसी खास शेयर को नहीं चुनें। आप बता सकते हैं कि हर एक शेयर में
मजबूत कंपनियों के शेयरों में करें निवेश

म्यूचुअल फंड में जब आप एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो उसका प्रबंधन म्यूचुअल फंड मैनेजर करता है। लेकिन स्टॉक एसआईपी जिसे 'ई-सिप' कहा जता है उसमें निवेश का प्रबंधन खुद करना होता है या फिर आपका ब्रोकर इसे संभालता है। पको ब्रोकर को यह बताना पड़ता है कि आप कितने समय में कितना शेयर खरीदना चाहते हैं। ई-सिप खरीदते समय हमेशा उन शेयरों में निवेश करना चाहिए जिनके कारोबार और वित्तीय स्थिति मजबूत हों। ई-सिप का फायदा यह है कि आपके निवेश को डाइवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है। यानी आप अपना इनवेस्टमेंट अलग-अलग शेयरों में करते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि ई-सिप के जरिये जब निवेश करें तो अलग-अलग शेयरों में करें।

बड़े वित्तीय लक्ष्य हासिल एक ब्रोकर में निवेश करें करना आसान

ई-सिप में फायदा यह है कि आप एक छोटी निवेश राशि से निवेश कर लंबी अवधि में बड़ा निवेश करते हैं। आप इसके जरिये बड़ा वित्तीय लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेते हैं। निवेश की राशि कम होती है इसलिए जोखिम भी कम होता है। इसमें लिक्वडिटी काफी होती है और अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आप अपनी रकम निकाल सकते हैं। दरअसल ई-सिप के जरिये में निवेश पर आपको हाई रिटर्न का फायदा मिलता है। म्यूचुअल फंड निवेश में कई तरह के चार्ज, फंड मैनेजर का खर्च आदि कट कर रिटर्न मिलता है। लेकिन इसमें इस तरह का खर्च नहीं है। इस वजह से इनमें रिटर्न का ज्यादा हिस्सा आपके हाथ आता है। जो निवेशक कम पैसे से धीरे-धीरे एक ब्रोकर में निवेश करें शेयर में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए यह ई-सिप के जरिये शेयरों में निवेश काफी अच्छा विकल्प है

इन बातों का रखें ध्‍यान

शेयरों में एसआईपी शुरू करने से पहले यह जरूरत पता कर लें कि स्‍टॉक एसआईपी रीक्‍वेस्‍ट क्रिएट करने के लिए ब्रोकर ब्रोकरेज जैसे अन्‍य रेगुलर शुल्क के अलावा कितना चार्ज करते हैं। आप किसी भी समय स्‍टॉक एसआईपी इंस्‍ट्रक्‍शन को कैंसिल या बदल सकते हैं। यह अगली ट्रिगर डेट से प्रभावी हो जाएगी।

ETF की सीमाएं क्या हैं?

ETF निष्क्रिय(पैसिव) निवेश के साधन होते हैं जो मुख्य इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और एक्सचेंज में शेयरों की तरह उनमें कारोबार होता है। लेकिन एक्सचेंज में किसी ब्रोकर के माध्यम से ETFs खरीदे या बेचे जाने चाहिए। ETFs में कारोबार करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है और आपको हर ट्रांज़ैक्शन के लिए ब्रोकर को कमीशन देनी होगी। अगर आप ETFs की रीयल-टाइम ट्रेडिंग का फ़ायदा उठाने के लिए उनमें कारोबार करने की इच्छा रखते हैं, तो कमीशन से जुड़ा खर्च समय के साथ आपके रिटर्न को कम कर सकता है।

दूसरी बात, ETF रुपया-लागत औसत का लाभ पेश नहीं करते जो म्यूचुअल फंड्स में SIP के माध्यम से उपलब्ध होता है। अगर आप ETFs में नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं, तो आपको हर ट्रांज़ैक्शन पर कमीशन से जुड़ा खर्च उठाना होगा। ETF ग्रोथ और डिविडेंड जैसी विशेषताएं पेश नहीं करते जहाँ निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए, ETFs नियमित आमदनी चाहने वाले किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति या नियमित रूप से डिविडेंड का भुगतान चाहने वाले किसी व्यक्ति की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकते।

कुछ ETF विशेष या सेक्टर विशिष्ट होते हैं और उनमें कम कारोबार होता है। ETF में ट्रांज़ैक्शन करते हुए निवेशक बोली/मांग(bid/ask) के व्यापक प्रसार (ETF की मौजूदा कीमत और उसकी NAV में अंतर) का सामना कर सकते हैं। यद्यपि ETFs इंट्राडे ट्रेडिंग के मौके पेश करते हैं जो छोटी अवधि में आकर्षक हो सकते हैं, वे किसी लंबी-अवधि की वित्तीय योजना के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

रेगुलेटर्स – नियामक

हमने पहले अध्याय में पढ़ा था कि इक्विटी निवेश का एक ऐसा विकल्प है जिसमें महंगाई दर से कहीं ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है। अब सवाल ये आता है कि इसमें निवेश करे कैसे? इसका जवाब जानने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि इक्विटी में निवेश कौन कौन से लोग करते हैं और ये पूरा सिस्टम कैसे काम करता है।

जैसे हम अपने बगल के किराना दुकान जा कर ज़रूरत की चीजें खरीदते हैं, वैसे ही हम इक्विटी में निवेश, या खरीद बिक्री स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार में करते हैं। इक्विटी में निवेश करते वक्त एक शब्द – ट्रांजैक्ट (Transact) आप बार बार सुनेंगे। ट्रांजैक्ट का मतलब है खरीद-बिक्री करना। और इक्विटी की ये खरीद-बिक्री आप बिना स्टॉक मार्केट के नहीं कर सकते।

स्टॉक मार्केट इक्विटी खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलाता है। लेकिन ये स्टॉक मार्केट किसी दुकान या इमारत के रूप में नहीं दिखता, जैसा कि आपके किराने के दुकान दिखते एक ब्रोकर में निवेश करें हैं। स्टॉक मार्केट इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है। आप कंप्यूटर के ज़रिए इस पर जाते हैं और वहाँ खरीद बिक्री का काम करते हैं। एक बात का यहाँ ध्यान रखें कि ये शेयरों की खरीद बिक्री का काम आप बिना स्टॉक ब्रोकर के नहीं कर सकते। स्टॉक ब्रोकर एक रजिस्टर्ड मध्यस्थ होता है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे।

भारत देश में दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज हैं- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( Bombay Stock Exchange- BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange- NSE) । इसके अलावा कुछ क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज भी हैं जैसे बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज, मद्रास स्टॉक एक्सचेंज। क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर अब ना के बराबर लोग हिस्सा लेते हैं।

2.2 शेयर बाज़ार में कौन लोग हिस्सा लेते हैं और उन्हें रेगुलेट करने की ज़रूरत क्यों है?

शेयर बाज़ार में एक व्यक्ति से लेकर कंपनियाँ तक निवेश करती हैं। जो लोग भी शेयर बाज़ार में खरीद बिक्री करते हैं उन्हे मार्केट पार्टिसिपेंट्स (Market Participants) कहा जाता है। इन मार्केट पार्टिसिपेंट्स को कई कैटेगरी या वर्ग में बाँटा गया है। कुछ कैटेगरी की जानकारी नीचे दी गई है।

  1. डोमेस्टिक रिटेल पार्टिसिपेंट्स – भारतीय मूल के नागरिक जो भारत में ही रहते हैं, जैसे हम और आप।
  2. NRI’s और OCI – भारतीय मूल के नागरिक जो विदेशों में बसे हैं।
  3. घरेलू संस्थागत निवेशक (Domestic Institutions) – इसके तहत बड़ी भारतीय कंपनियाँ आती हैं, जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम ( Life Insurance Company of India- LIC)।
  4. घरेलू ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ ( Asset Management Companies) – इस वर्ग में आमतौर पर घरेलू म्युचुअल फंड कंपनियाँ होती हैं जैसे SBI म्युचुअल फंड, DSP ब्लैक रॉक, फिडेलटी इंवेस्टमेंट्स, HDFC AMC वगैरह।
  5. विदेशी संस्थागत निवेशक (Foreign Institutional Investors) – इसमें विदेशी कंपनियाँ, विदेशी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ, हेज फंड्स वगैरह आते हैं।

निवेशक किसी भी कैटेगरी या वर्ग का हो, शेयर बाज़ार में भाग लेने वाली हर एंटिटी मुनाफा कमाना चाहती है। और जब पैसे की बात आती है, तो इंसान के अंदर लालच और डर दोनों बहुत ज्यादा होता है। कोई भी इंसान बड़े आराम से लालच और डर के चक्कर में पड़ कर गलत काम कर सकता है। भारत में इस तरह के घोटाले भी हुए हैं, जैसे हर्षद मेहता घोटाला वगैरह। इसलिए ज़रूरी है कि एक ऐसी बॉडी हो, जो नियम कानून बनाए और ये सुनिश्चित करे कि किसी तरह की गलत हरकतें बाज़ार में न हो, और सभी को पैसा कमाने का सही मौका मिले। इसीलिए रेगुलेटर की ज़रूरत होती है।

2.3 रेगुलेटर

भारत में शेयर बाज़ार का रेगुलेटर है भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( The Securities and Exchange Board of India- SEBI) जिसे हम सेबी के नाम से जानते हैं। सेबी का उद्देश्य है प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज़) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना , प्रतिभूति बाजार (सिक्योरिटीज़ मार्केट) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना । सेबी ये सुनिश्चित करती है कि

  1. दोनों स्टॉक एक्सचेंज – NSE और BSE, अपना काम सही तरीके से करें
  2. स्टॉक ब्रोकर्स और सब ब्रोकर्स नियमानुसार काम करें
  3. शेयर बाज़ार में हिस्सा लेने वाली कोई एंटिटी गलत काम न करे
  4. कंपनियाँ शेयर बाज़ार का इस्तेमाल सिर्फ खुद के फायदे के लिए न करें – जैसा सत्यम कम्प्यूटर्स ने किया था
  5. छोटे निवेशकों के हित की रक्षा हो
  6. बड़े निवेशक, जिनके पास बहुत पूंजी है, वो अपने हिसाब से बाजार में हेर-फेर न करें
  7. पूरे शेयर बाज़ार का विकास हो

इन उद्देश्यों को देखते हुए ये ज़रूरी है कि सेबी सभी एंटिटी को रेगुलेट करे। नीचे दिए गए सभी एंटिटी शेयर बाजर से सीधे तौर पर जुड़े होते हैं। किसी एक की गलत हरकत से शेयर बाज़ार में उठा पटक मच सकती है।

सेबी ने इन एंटिटी के लिए अलग अलग नियम और कानून बनाए है। सभी को इन नियम कानून के दायरे में रह कर काम करना होता है। इन नियम कानून की विस्तार में जानकारी सेबी के वेबसाइट पर “कानूनी ढाँचा” सेक्शन में आपको मिल जाएगी।

Station Guruji

उसके बाद मैंने आपको बताया कि एक अच्छी शेयर का चुनाव कैसे करें? फिर मैंने बताया कि Intraday Trading शेयर मार्केट में कैसे करें? पिछले लेख में मैंने बताया था कि स्टॉक मार्केट (Stock Market) में इन्वेस्ट कैसे करें?

आज मैं आपको बता रहा हूं स्टॉक मार्केट (Stock Market) में ₹1000 डेली कैसे कमाए? आपके मन में यह सवाल उठता होगा क्या स्टॉक मार्केट में ₹1000 प्रतिदिन कमाई संभव है? या फिर 1000₹ कमाने के लिए कितने घंटे काम करने पड़ेंगे?

यह कैसे कर सकते हैं? स्टॉक मार्केट (Stock Market) में कितने रुपए निवेश करने पर ₹1000 कमाया जा सकता है? और ना जाने क्या-क्या सवाल आपके मन में उठ रहा होगा? आज में सभी सवालों का जवाब दूंगा. साथ ही यह बताऊंगा कि आप किस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में इन्वेस्ट करें कि ₹1000 प्रतिदिन कमा सकें.

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं महीने में लगभग 20 दिन ही स्टॉक मार्केट खुला रहता है. शनिवार और रविवार को छुट्टी रहती है. बीच में एक दो और छुट्टी हो जाता है. इस प्रकार महीने में लगभग 20 दिन ही हम शेयर मार्केट में काम करते हैं.

प्रत्येक दिन ₹1000 कमा ले तो ₹30,000 महीने में हम कमा सकते हैं. आपके मन में यह बात उठता होगा कि आदमी ₹10- ₹15000 महीना कमाने के लिए घर-द्वार छोड़कर दिल्ली-मुंबई जाता है. तो क्या घर बैठे अपने मोबाइल से हजार रुपया स्टॉक मार्केट से कमाए जा सकते है. इसका जवाब है हाँ बिल्कुल कमाया जा सकता है.

यदि आप पुराने निवेशक हैं जो स्टॉक मार्केट (Stock Market) से जुड़े हैं तो आप अच्छी तरह जानते होंगे. जो स्टॉक मार्केट में अभी नए हैं या फिर स्टॉक मार्केट का ABC नहीं एक ब्रोकर में निवेश करें जानते हैं उन्हें यह बात गलत लग रहा होगा. लेकिन यह बात 100% सच है कि आप थोड़ा सा मेहनत करें तो प्रतिदिन हजार रुपया स्टॉक मार्केट से कमा सकते हैं.

नीचे मैं कुल 5 बिंदुओं पर चर्चा कर रहा हूं. यदि आपने इस पांच बिंदुओं का पालन किया तो आप जरूर स्टॉक मार्केट से ₹1000 प्रतिदिन कमा सकते हैं.

1. कितना पूंजी इन्वेस्ट करना पड़ेगा

अब सवाल यह आता है प्रत्येक दिन ₹1,000 कमाने के लिए हमें स्टॉक मार्केट में कितने रुपए invest करना पड़ेगा. ₹1,000 इन्वेस्ट करके आप daily ₹1000 नहीं कमा सकते हो.

₹10,000 भी इन्वेस्ट करके आप प्रतिदिन ₹1,000 यानी 10% तो नहीं कमा सकते हो. यानी आपको कितने रुपए इन्वेस्ट करना पड़ेगा? इसका जवाब है आपको कम से कम ₹5,00,000 स्टॉक मार्केट में निवेश करना पड़ेगा.

लेकिन हम कभी भी एक साथ ₹5,00,000 निवेश करने की सलाह नहीं देते हैं. वह भी एक नए निवेशक को. मैंने पहले बताया था कि स्टॉक मार्केट में आप कुछ पैसे से शुरू करें. पहले ₹5,000 लगाए, उसकी एक महीना बाद 10,000 लगाएं. इस प्रकार लगाते रहे.

जब आपके पास 6 महीने का अनुभव हो जाए तब आप लाख रुपया लगा दे और एक साल बाद उसमें 5,00,000 लगाए. उससे पहले बिल्कुल भी ₹5,00,000 ना लगाए.

1 साल में आप स्टॉक मार्केट को अच्छी तरह समझ जाएंगे. उसके बाद आपको नुकसान होने की संभावना बहुत कम रहेगी. 5,00,000 का 4% ₹20,000 बनता है.

यदि आप महीने का 3 से 5% स्टॉक मार्केट में मुनाफा कमा लेते हैं तो आप अपने आप को एक अच्छा इन्वेस्टर मान सकते हैं. क्योंकि यह साल का 50% से ज्यादा हो गया.

लेकिन दोस्तों यह जितना कहने और सुनने में आसान है उतना आसान है नहीं. लेकिन उतना मुश्किल भी नहीं है जितना मुश्किल एक नए निवेशक किसे मानता है.

2. कितना समय काम करना पड़ेगा

बस थोड़ा सा समय निकालना पड़ेग. स्टॉक मार्केट खुलने से पहले अध्ययन करना पड़ेगा. आज किस-किस stock में क्या होने वाला है. इसके लिए आप सीएनबीसी आवाज या जी बिजनेस चैनल देख सकते हैं.

मोबाइल पर आप मनीकंट्रोल ऐप लोड करके उसमें भी अध्ययन कर सकते हैं. आप प्रतिदिन 1 से 2 घंटे निकाल कर स्टॉक मार्केट दे. मार्केट के शुरुआत में, बीच में और मार्केट बंद होते समय जरूर ध्यान से देखें किस प्रकार मार्केट में उतार-चढ़ाव हो रहा है.

मुझे विश्वास है और मैं इसे करता भी हूं. जिसने यह काम कर लिया वह आराम से 3 से 5% तक मुनाफा कमा सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं है.

3. अपनी पूंजी से निवेश करें ब्रोकर की पूंजी से नहीं

कई लोग कहते हैं कि Intraday Trading में अपनी पूंजी का 10 गुना trade कर सकते हैं. यानी आपके पास यदि ₹1,00,000 पूँजी तो आप 10,00,000 का स्टॉक खरीद बिक्री कर सकते हैं. लेकिन दोस्तों यह ज्यादा खतरनाक है.

क्योंकि यह उस कंपनी का पैसा होता है जहां पर मेरा डिमैट अकाउंट होता है. इसमें आपको उसी दिन उस share को बेचना होता है. यदि आपके पास खुद का पैसा रहेगा तो आप वह दिन नहीं बेच कर उसे अगला दिन भी बेच सकते हैं. इसमें मुनाफा की ज्यादा संभावना रहती है.

कभी भी कंपनी के पैसे स्टॉक में लगाना नहीं चाहिए. यह बात कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि अक्सर लोग यही काम करते हैं. यह मेरा अपना विचार है. आगे आपकी मर्जी है.

4. कभी-कभी नुकसान भी सहन करें

कई बार है हम Intraday Trading में नुकसान उठा लेते हैं. जिसकी भरपाई हम उसी दिन करने के लिए प्रयास करते हैं. जो बिल्कुल गलत है.

यदि हमें किसी कंपनी का शेयर खरीदा और उसमें 2% का stop loss लगा दिया. वह उसी दिन 2% नीचे आ गया और मुझे 2% का नुकसान हो गया. अब हम चाहते हैं यह 2% नुकसान की भरपाई आज ही कर ले और हम कोई दूसरा शेयर खरीद लेते हैं.

यह जल्दबाजी में किया गया काम होता है. इसमें हमें उस नुकसान की भरपाई तो नहीं हो पाता है. उसके बदले और नुकसान हो जाता है. ऐसा कभी भी ना करें.

प्रत्येक दिन आपको फायदा ही नहीं होगा. कभी-कभी आपको नुकसान भी हो जाएगा. इसलिए नुकसान को सहन करना सीखें.

5. प्रत्येक दिन लेनदेन ना करें

कई लोग होते हैं जो प्रत्येक दिन लेनदेन करते हैं. मार्केट कितना भी नीचे जाए या ऊपर जाए वह प्रत्येक दिन Stock खरीदते और बेचते हैं जो गलत है.

किसी किसी दिन मार्केट में इतना उतार-चढ़ाव होता है जिसमें हम कुछ समझ नहीं पाते हैं और जब हम समझ नहीं पाते हैं तब हमे बिल्कुल उसे देखना नहीं चाहिए. जिस दिन हमें समझ आए की आज मार्केट invest करने योग्य है उसी दिन invest करना चाहिए.

यह अनुभव से आपको पता चलेगा. नए इन्वेस्टर इसे नहीं जान पाएंगे. कई स्टॉक ऐसे भी हैं जो 1 दिन में 10% से ज्यादा बढ़ जाता है. वह तो वही लोग पहचान पाते हैं जो इस मार्केट में कुछ सालों से हैं.

नए निवेशक उस स्टॉक को तब खरीदते हैं जब वह टॉप लेवल पर रहता है.

इसलिए विश्व के महान निवेशक Woren Wofet कहते है कि जब अच्छे निवेशक बेचकर बाजार से बाहर चले जाते हैं तब बुरे निवेशक बाजार में निवेश करता है. इसलिए कभी भी उस Stock को नहीं खरीदे जो अपने उच्चतम स्तर पर चल रहा है।

ऐसे ही कुछ नियम है जिसका यदि आप में ईमानदारी से पालन किया तो आप भी बड़े आसानी से ₹1000 प्रतिदिन स्टॉक मार्केट से कमा सकते हैं. इससे ज्यादा भी कमा सकते हैं जितना ज्ञान बढ़ेगा उतनी ही आपकी कमाई बढ़ेगा।

संक्षेप में

मेरे वेबसाइट करना स्टेशन गुरुजी हैं। आप गूगल पर जाकर स्टेशन गुरुजी लिखे या बोल दे आपको सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।

फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो मुझे आप ईमेल भेज सकते हैं। मैं रेलवे विभागीय जानकारी, पढ़ाई लिखाई, मोटिवेशनल कहानी, वित्तीय जानकारी इत्यादि विषय पर निष्पक्ष रुप से ज्ञानवर्धक लेख लिखता रहता हूं। जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।

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