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आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है?

आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है?
1. फिक्स प्राईस इश्यू या फिक्स प्राईस आईपीओ (FIX PRICE ISSUE OR FIX PRICE IPO)

IPO in hindi

LIC के IPO में ऐसे लगाए पैसे | How to Invest in LIC IPO in Hindi

भारतीय शेयर मार्केट में आये दिन नए नए IPO आते रहते हैं, अभी हाल में, LIC से लेके अडानी विल्मार और ओयो, ixigo , wellness forever medical, mobikwik जैसे बड़े और जाने पहचाने नाम हैं जिनका IPO आने वाला है, आप चाहें तो यहां Upcoming IPO पर क्लिक करके देख सकते हैं।

Basically, IPO का फूल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग होता है। जब कंपनी बडी हो जाती है और कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह आम लोगो से पैसा जुटाती है और यह भारत सरकार की कुछ बॉडीज हैं उनमें रजिस्टर होने के बाद आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? हो पाता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और NSDL जैसी बॉडीज के नेतृत्व में होता है। IPO आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? में कंपनी के स्टैक को शेयर में बांट दिया जाता है और एक कीमत फिक्स कर दी जाती है उस फिक्स्ड कीमत पर कोई बहु व्यक्ति कम से कम 1 शेयर से लेके हजारों शेयर खरीद सकता है।

शेयर कहाँ से खरीद सकते हैं?

आप शेयर ऑनलाइन खरीद सकते हैं, आपको डिमैट एकाउंट खुलवाना होगा। और आपके वेरिफिकेशन के बाद आप भी रजिस्टर यूजर बनकर शेयर खरीद पाएंगे। आप zerodha जैसे कई सारे आप्लिकेशन पर एकाउंट बनाकर शेयर मार्केट में पैसा लगा पाएंगे या किसी भी कंपनी का शेयर खरीद पाएंगे।
यह कुछ बेस्ट और पॉपुलर ट्रेडिंग अप्प हैं जहां से आप भरतीय बाजार में ट्रेडिंग कर पाएंगे।
Upstox
Zerodha Kite
Angel Broking
Groww
5Paisa Online trading app
Sharekhan App
Motilal Oswal आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? MO Investor App

Zerodha Trading App एक बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है, आप इस लिंक से डाऊनलोड करके

रजिस्टर हो सकते हैं, 24 से 48 घंटों में आपको यूजर आईडी और पासवर्ड भेज दिया जाएगा उसके बाद आप Zerodha Kite App की मदद से Reliance, Tata, Sbi या Lic या किसी भी कंपनी के शेयर खरीद पाएंगे। हालांकि LIC का IPO आने के बाद ही उसे खरीद पाएंगे।

Demat Account होना चाहिए

किसी निवेशक को अगर IPO में निवेश करना है तो सबसे पहले उसके पास एक Demat Account होना चाहिए. Demat Account आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. लेकिन आपको हमेशा Demat Account एक जानी-मानी ब्रोकिंग फर्म से खोलना चाहिए. अब लोगों को शेयर अलॉटमेंट पेपर फॉर्म में नहीं बल्कि Demat फॉर्म में होता है, इसलिए IPO में निवेश के लिए Demat Account होना अनिवार्य है. Demat Account में ही आपके शेयर अलॉट होते हैं. DEmat एकाउंट अब कठिन या के दिनों आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? का प्रोसेस नही है। आप ऊपर दिए गए किसी भी एप्पलीकेशन से इसे पूरा कर सकते हैं।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शॉपिंग करने जैसा नही है, आपको मार्किट को रीड करना पड़ेगा, जितना ज्यादा इसपे आप ध्यान से ट्रेडिंग करेंगे आपके लिए यह उतना ही फायदेमंद होगा।

IPO के प्रकार

IPO का हिंदी में मतलब प्रथम जन प्रस्ताव होता है

आईपीओ दो तरह के होते हैं:—
IPO दो तरह के होते हैं। दोनों की अपनी खासियत होती है।
आईपीओ को दो तरह से बांटने का कारण उसकी कीमतों का निर्धारण होता है.
बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO)
फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO)

What is IPO Hindi me – आईपीओ क्या है?

IPO (Initial Public Offering), एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा कोई निजी कंपनी अपने शेयरों की बिक्री आम जनता को सार्वजनिक तौर पर कर सकती है। यह Company कोई एक नई या कोई एक पुरानी कंपनी भी हो सकती है जो एक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने का फैसला करती है और इसलिए यह सार्वजनिक हो जाती है।

किसी कंपनी के सार्वजनिक होने या पब्लिक होने का मतलब है कि अब इस कंपनी के शेयर आम लोगों को जारी किये जा सकते हैं और ये लोग इन्हें शेयर बाजार में खरीद और बेच सकते हैं। एक कंपनी एक से ज्यादा बार भी आईपीओ ला सकती है और यह Primary Market के अंतर्गत होता है।

Kya hai IPO in hindi

What is Initial public offering (IPO) in Hindi

कोई Company IPO क्यों लाती हैं।

Company का कर्ज कम करने लिए: जब किसी कंपनी का कर्ज ज्यादा होता है तो इस स्थिति में कंपनी आईपीओ जारी करती है। कंपनियाँ किसी Bank से Loan लेकर कर्ज की भरपाई करने से बेहतर यह अपने कंपनी के कुछ शेयर बेच कर कर्ज का भुगतान करना आसन समझती हैं। इस तरह से कंपनी कर्ज का भी भुगतान करती है और कंपनी को नए Investor भी मिल जाते हैं।

Company विस्तार के लिए: अगर किसी कंपनी को लगता है कि वह लगातार Develop और बाज़ार में अच्छा Perform कर रही है और विस्तार की जरूरत है यानि अब कंपनी को दूसरे शहरों में भी अपना Business बढ़ाना है और इसके लिए Extra Resources की जरूरत है तो इस स्थिति में कंपनी IPO जारी करती है।

वैसे कंपनी किसी Bank से Loan भी ले सकती है, लेकिन बैंक को Loan Amount के साथ Interest भी लौटाना होता है। लेकिन अगर Company IPO के जरिए Fund इकट्ठा करती है तो उसे किसी तरह का Bank Loan लौटाना नहीं पड़ता और नहीं किसी भी प्रकार का Interest देना पड़ता है।

Types of IPO – आईपीओ के प्रकार:

यदि आप IPO में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको IPO के अलग अलग Types के बारे में जानकारी होना चाहिए।

Initial Public Offering (IPO) मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-

Fix Price IPO

कोई भी Company जो आईपीओ जारी करने वाली होती हैं वह आईपीओ जारी करने से पहले Investment Bank के साथ मिलकर IPO के Price के बारे में चर्चा करती है और जारी होने वाले आईपीओ का Price Decide करती है। Investor उस Fixed Price पर ही IPO Subscribe कर सकते हैं।

Book Building IPO

इस तरह के IPO में Company, Investment Bank के साथ मिलकर IPO का एक Price Band Decide करती है। जब आईपीओ की Price Band Decide हो जाती है उसके बाद इसे जारी किया जाता है। इसके बाद Investor उस Decide किए गए Price Band में से अपनी Bid Subscribe करते हैं।

आईपीओ में निवेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

Price Band: प्राइस बैंड वो अधिकतम और न्यूनतम प्राइस होती है जिसके बीच में IPO के लिये बोली लगानी होती है। आम तौर पर जो कंपनी आईपीओ लेकर आ रही है उसे इजाजत होती है की वह अपना प्राइस बैंड निर्धारित कर सकें।

Last Price: आईपीओ का प्राइस बैंड निर्धारित होने के बाद आम निवेशक जो आईपीओ में बोली लगाना चाहते है वह अपनी – अपनी बोली लगाते है की वह किस प्राइस पर शेयर खरीदना चाहते है। कुछ निवेशक आईपीओ की किसी भी प्राइस पर शेयर खरीदने के लिए तैयार होते है ऐसे निवेशक Cut आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? Off Price पर बोली लगाते है Cut Off Price प्राइस बैंड की वह अंतिम प्राइस होती है जिस पर शेयर्स Allot होते है।

Lot Size: IPO में अपनी मर्जी से जितने चाहे उतने शेयर नहीं खरीद सकते है बल्कि पहले से निर्धारित Lot Size में ही शेयर खरीद सकते है एक लोट में 10, 20, या 50 शेयर भी हो सकते है। यह IPO लाने वाली कंपनी पर निर्भर करता है की वह एक लोट में कितने शेयर रखना चाहती है।

आईपीओ आवंटन प्रक्रिया (IPO Allotment Process in Hindi)

कंपनी ने जितने शेयर्स बेचने के लिये IPO लाया है जब उससे ज्यादा लोग शेयर खरीदने के लिये अप्लाई कर देते है तो इसे आईपीओ का Oversubscribe होना कहते है। और जब बहुत कम लोग IPO में निवेश करते है तो इसे आईपीओ का Undersubscribed होना कहते है।

जितने शेयर्स कंपनी जारी कर रही है अगर उतने ही एप्लीकेशन आती है तो सबको उनके दवारा लगाई गई बोली के अनुसार शेयर Allot कर दिये जाते है।

और अगर रिटेल केटेगरी के शेयर Oversubscribe हो जाते है तो Lottery निकालकर आईपीओ का Allotment किया जाता है।How To Invest In IPO In Hindi

आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है?

ipo investment in hindi

अब बात करते हैं आईपीओ में इनवेस्टमेंट की। दरअसल, कोई भी कंपनी, जो आईपीओ जारी करने वाली होती है, अपने IPO को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है। यानी कि यदि आपको किसी कम्पनी का IPO लेना है तो आपके पास 3 से 10 दिनों के बीच का समय होता है। यह अवधि कम ज्यादा भी हो सकती है। कुछ कम्पनीज तो दिन दिन का ही समय देती है।

अब सवाल यह है कि आईपीओ में इनवेस्ट कैसे करें? या फिर आईपीओ कैसे खरीदें? तो आप इन दिनों के भीतर कम्पनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या किसी रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए आईपीओ में इनवेस्ट कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपके पास एक डीमेट अकाउंट होना जरूरी होता है। यहां पर यह भी देखना होता है कि IPO फिक्स प्राईस इश्यू है या फिर बुक बिल्डिंग इश्यू। जिस तरह का IPO होता है, आपको उसी में इनवेस्ट करना होता है। यह प्रारंभिक मार्केट भी कहलाता है।

IPO कैसे अलॉट होता है?

यह प्रक्रिया आईपीओ ओपनिंग क्लोज होने के बाद की होती है, इसके तहत कम्पनी अपने इनवेस्टर्स को IPO अलॉट करती है। यह प्रक्रिया इस तरह काम करती है कि जब कोई आईपीओ बहुत अधिक ओवरसब्सक्राइब हो जाता है यानी कि ज्यादा आवेदन आ जाते हैं तो लकी ड्रॉ के जरिए अलॉटमेंट होता है। यह एक कंप्यूटरीकृत व्यवस्था होती है, इसमें पक्षपात की संभावना नहीं रहती है।

आप जितने ज्यादा आवेदन डालेंगे या बीड सब्सक्राइब करेंगे, आपके अलॉटमेंट के चांस उतने ही बढ़ जाएंगे। इसके बाद जब अलॉट हुए शेयर, स्टॉक एक्सचेंज (STOCK MARKET) में लिस्ट हो जाते हैं, तब यह सेकेंड्री मार्केट में खरीदे और बेचे जाते हैं।

IPO कैसे फायदेमंद है?

सामान्य शब्दों में कहे तो यह जल्दी मुनाफा प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है। जिस प्रकार हम किसी कम्पनी में निवेश करते हैं तो उसे डबल होने या अच्छा मुनाफा मिलने जैसा होने में काफी लम्बा समय लग जाता है। लेकिन IPO में ऐसा नहीं है, इसके आपको स्लॉट मिलने के दो तीन बाद ही अच्छा खासा मुनाफा मिल सकता है। जैसे जैसे आपके शेयर की वैल्यू बढ़ती है आपको अधिक मुनाफा मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। हालांकि यह जोखिम भरा भी रहता है, जरूरी नहीं कि आपका शेयर फायदे में ही जाए, कई बार ऐसा भी संभव है कि जिस राशि में आपने शेयर खरीदा होता है, उससे आपको कई राशि भी मिल सकती है।

ऐसे में जरूरी है कि आप ​किसी भी कम्पनी का शेयर लेने से पूर्व उसके लाभ हानि की अच्छे से पड़ताल कर लें, फिर ही IPO का निर्णय लें।

11 मई से 13 मई तक कर सकते हैं अप्लाई

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) आने के बाद सप्लाई चेन इंडस्ट्री की कंपनी डेल्हीवरी का आईपीओ आ रहा है. अगर आप डेल्हीवरी कंपनी में इनवेस्ट करना चाहते हैं तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है. आप शुरुआती फेज से ही कंपनी के साथ जुड़ जाएंगे. ऐसे में आपके लिए यह अहम हो जाता है कि इस कंपनी के बारे सबकुछ जानें. इसके साथ कई लोग यह भी जानना चाह रहे होंगे कि कंपनी करती क्या है, इसका आईपीओ कब आ रहा है, इसका प्राइस बैंड क्या रहने वाला है. और कब से कब तक इस आईपीओ के लिए अप्लाई कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इस आईपीओ से जुड़ी सारी जानकारी.

डेल्हीवरी करती क्या है

सबसे पहले समझते हैं कि कंपनी करती क्या है. डेल्हीवरी ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स कंपनी है. जो पूरे भारत में 17,045 पिन कोड में अपनी सेवाएं प्रदान करती है. रेवेन्यू के हिसाब से यह भारत की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स सेवा कंपनी है. कंपनी के पास 2,200 डायरेक्ट डिलीवरी सेंटर है. जो देश के 90 प्रतिशत हिस्से को कवर करती है. कंपनी के पास 21,342 एक्टीव कस्टमर है.

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