एक्सचेंज रेट रिस्क कैसे काम करता है

EPFO : क्या आप जानते हैं आपके PF का कितना पैसा शेयरों में इनवेस्ट होता है?
ईपीएफ में निवेश पूरी तरह से रिस्क फ्री है। आम तौर पर इसका इंटरेस्ट रेट भी दूसरे इनवेस्टमेंट ऑप्शन से ज्यादा होता है। पीएफ अमाउंट पर एंपलॉयीज को इंटरेस्ट देने के लिए ईपीएफओ कई जगह इस पैसे का निवेश करता है
नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने ईपीएफ (EPF) में जमा होता है। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों के पीएफ (PF) का प्रबंधन EPFO करता है। ईपीएफ में रिस्क पूरी तरह से रिस्क फ्री है। आम तौर पर इसका इंटरेस्ट रेट भी दूसरे इनवेस्टमेंट ऑप्शन से ज्यादा होता है। पीएफ अमाउंट पर एंपलॉयीज को इंटरेस्ट देने के लिए ईपीएफओ कई जगह इस पैसे का निवेश करता है। इनमें शेयर और शेयरों से जुड़े प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने लोकसभा में 8 अगस्त को बताया है कि ईपीएफओ अपना कितना पैसा शेयरों में इनवेस्ट करता है। मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। श्रम और रोजगार राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि ईपीएफओ अपना 85 फीसदी फंड डेट इंस्ट्रूमेंट में इनवेस्ट करता है। 15 फीसदी फंड वह एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करता है। इसके लिए सरकार की तरफ से इनवेस्टमेंट पैटर्न तय किय गया है।
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उन्होंने बताया कि निफ्टी 50, सेंसेक्स, सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSE) और भारत 22 पर आधारित ईटीएफ में यह निवेश किया जाता है। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में ईपीएफओ ने कुल 2,20,236.47 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसमें से 31,501.09 करोड़ रुपये का निवेश ईटीएफ में किया गया। फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में ईपीएफओ ने कुल 2,18,533.89 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसमें से 32,070.84 करोड़ रुपये का निवेश ईटीएफ में किया गया। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में ईपीएफओ (जून 2022 तक) ने कुल 84,477.67 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसमें से 12,199.26 करोड़ रुपये का निवेश ईटीएफ में किया गया।
संसद के 10 सदस्यों ने श्रम एंव रोजगार मंत्रालय से ईपीएफओ के फंड के निवेश के बारे में सवाल पूछे थे। इनमें गोरखपुर के सांसद रवि किशन और पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी शामिल थे। उन्होंने यह भी पूछा कि ईपीएफओ ने पिछले तीन फाइनेंशियल ईयर में अपना कितना पैसा कहां निवेश किया।
इन सवालों के जवाब में तेली ने कहा कि पोर्टफोलियो मैनेजर्स और ईटीएफ मैन्युफैक्चरर्स यह निवेश करते हैं। ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) इसकी काम के लिए इनकी नियुक्ति करता है। उन्होंने यह भी बताया कि ईपीएफओ के फाइनेंशियल कंसल्टेंट्स और एक्सटर्नल कनकरेंट ऑडिटर सभी तरह के इनवेस्टमेंट पर नजर रखते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि यह निवेश सरकारी की तरफ से जारी निर्देश के मुताबिक किया जा रहा है या नहीं। ईपीएफओ की सीबीटी की तरफसे भी इनवेस्टमेंट गाइडलाइंस जारी की जाती है।
.तुरंत स्पॉट का कन्वर्टर
इन्टरनेट पर क्रिप्टो-क्रिप्टो/रुपया-क्रिप्टो एक्सचेंज बस कुछ क्लिक पे. पूरी तरह अपनी सेटिंग करें, किसी भी एक्सचेंज और एक्सचेंज के रेट प्रोवाइडर के साथ जुड़ने केलिए REST API भी शामिल है.
प्रमुख विशेषताएं
गतिविधियों का इतिहास
आप के ट्रेडिंग मंच पर होने वाली एक्सचेंज की गतिविधियों का पूरा इतिहास
तुरंत एक्सचेंज
किसी भी एसेट को कुछ ही क्लिक में एक्सचेंज करें. एक सेकंड से भी कम में.
एक्सचेंज रेट की सेटिंग
एक्सचेंज रेट की सेटिंग केलिए आसान विकल्प आप के अनुसार
B2BX पर हेजिंग
सभी लोकप्रिय डिजिटल संपत्तियों का समर्थन करने वाले प्रमुख क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर ऑर्डर की स्वचालित हेजिंग।
आधुनिक UI
किसी भी मंच पर आप के कस्टमरों को सरल, कारगर, और मनपसंद सेटिंग के साथ बेहतरीन ट्रेडिंग का अनुभव देते हैं.
तुरंत प्रतिशत
अपने एसेट के निश्चित हिस्से को एक्सचेंज करें — 25, 50, 75 या 100% को — एक ही बार में!
करेंसी की अदला बदली
करेंसी के उलटे जोड़े जिन को तुरंत बेस एसेट में एक्सचेंज किया जा सकता है असली करेंसी जोड़े को बिना बदले
अभी के एक्सचेंज रेट
खुद को खतरनाक से खतरनाक मार्किट में भी सुरक्षित रखें — दिखाई देने वाले सारे एक्सचेंज रेट असली मार्किट के रेट होते हैं.
अभी के एक्सचेंज
मौजूदा मार्किट की गतिविधियों से खुद को सूचित रखें — नए एक्सचेंज की गतिविधियों की जानकारी अपने सामने देखें.
दोबारा कन्वर्ट करना
एक क्लिक में करीब समय में की हुई एक्सचेंज की गतिविधि को दोहराएं
मोबाइल एप्प
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एकीकरण
B2Core का कई एक एक्सचेंजों के साथ एकीकरण रहता है ताकि यह निश्चित रहे कि आप के एक्सचेंज मंच सही रेट दे रहे हैं.
एक हफ्ते में लांच करना
आप के बिज़नस की बढ़ोतरी केलिए हम कई प्रकार के प्रोडक्ट और सेवाएं देते हैं. यह देखने केलिए आप डेमो की मांग करें!
B2Broker हमारे प्रासंगिक सामग्री, उत्पादों और सेवाओं के बारे में आपसे संपर्क करने के लिए आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी का उपयोग करता है। अधिक जानकारी के लिए, हमारी गोपनीयता नीति देखें। Privacy Policy.
बैक-ऑफिस
एडमिन होने के कारण आप अपने कन्वर्ट का हर हिस्सा सेट कर सकते हैं: मार्कअप, कितना और क्या, रेट प्रोवाइडर. अपनी कीमतों को अपने अनुसार सेट करें.
करेंसी विवरण
करेंसी की सेटिंग करें जैसे दशमलव कितना होगा आदि, और हर करेंसी पे अलग से खरीदने और बेचने के मार्कअप लगाएं.
नई करेंसी जोड़ना
अपने एक्सचेंज में जितनी चाहें कस्टम करेंसी लाएं. ज्यादा रेंज के साथ आप नए क्लाइंट ला सकते हैं.
रेट सेट करना
हर करेंसी जोड़े केलिए अलग अलग एक्सचेंज रेट की सेटिंग करना.
रेट लिस्ट
अपने सारे एक्सचेंज के रेटों का नियंत्रण एक पेज पर करें. ड्रैग ड्राप करके काम करें.
करेंसी के जोड़े
ऐसे करेंसी जोड़े जिन को आप अस्थायी तोर पर बंद कर सकते हैं या उस की सेटिंग कर सकते हैं.
हेज करना
स्पॉट कनवर्टर आप के रिस्क को हर एक्सचेंज को हेज कर के कम कर सकता है.
Trader's Room. CRM.
B2Core एक्सचेंज की रिक्वेस्ट को पूरा करते हुए
B2Core हेज प्रक्रिया शुरू करते हुए
कस्टमर ने एक्सचेंज की रिक्वेस्ट भेजी है
B2BX पर काफी फण्ड हैं
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ऑटोमेटिक हेज पूरा हुआ
आप खुद से ट्रांजेक्शन को हेज कर सकते हैं
B2Core यह जानकारी देता है कि हेज शुरू नहीं हो सकता है
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म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर एक्सचेंज रेट रिस्क कैसे काम करता है टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सचेंज रेट रिस्क कैसे काम करता है एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका
भारत और रूस के बीच अंतरराष्ट्रीय ट्रेड की पेमेंट रूपए में हो सके, इस पर बात चल रही है। लेकिन बात सिर्फ रूस तक सीमित नहीं है, भारत रूस के अलावा कई और देशों से ऐसी बातचीत कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी।
Updated Nov 9, 2022 | 11:24 PM IST
पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी। पूरी दुनिया अमेरिका के डॉलर के पीछे भागती है। सरकारें हों, कंपनियां हों, मार्केट हो। किसी का काम डॉलर के बिना नहीं चलता। दुनिया में देश कोई भी हो, उसकी करेंसी की वैल्यू डॉलर (Dollar) के मुकाबले ही देखी जाती है। इंटरनेशनल ट्रेड में किसी को सुई भी खरीदनी होती है तो पेमेंट डॉलर में होता है। यानी डॉलर का ऐसा रुतबा है, ऐसा दबदबा है, कि दुनिया भर में इसी की दादागीरी चलती है। इसके सामने दूसरी करेंसी बेबस हो जाती है। इसके सामने दुनिया के दूसरे देश बेबस हो जाते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे बदलना चाहते हैं। कैसे वो बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं।
अभी तक आपको पता होगा कि भारत और रूस के बीच अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड की पेमेंट रूपये (Rupees) में हो सके, इस पर बात चल रही है। लेकिन बात सिर्फ रूस तक सीमित नहीं है, भारत रूस के अलावा कई और देशों से ऐसी बातचीत कर रहा है। इसमें श्रीलंका, मालदीव के अलावा कई साउथ ईस्ट एशियाई देश हैं। इसके अलावा कुछ अफ्रीकन, लैटिन अमेरिकन देश हैं। यानी एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये तय कर लिया है कि अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम किया जाए, अपने रुपये को मजबूत किया जाए।
फिलहाल भारत का कोई Exporter अपना सामान बेचता है, तो उसे डॉलर में पेमेंट मिलती है। उसे वो रूपये में कैश कराता है। या फिर भारत को कोई Importer दूसरे देश से माल खरीदता है तो वो दूसरे देश को डॉलर में पेमेंट करता है। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर एक कॉमन करेंसी है जिसमें माल बेचा और खरीदा जाता है। लेकिन इस पेमेंट सिस्टम में अगर डॉलर को हटाना है तो ये तभी हो सकता है कि ट्रेड करने वाले आपस में ये तय कर लें कि डॉलर की जगह अपनी अपनी करेंसी में माल खरीदेंगे और बेचेंगे। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी और डॉलर का दबदबा भी कम होगा, जिसके सहारे अमेरिका अपनी दादागीरी भी दिखाता है।
अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देने के बड़े रिस्क भी है। आपने देखा ही है कैसे यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत पर दबाव डाला गया। अब अगर अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती दी जाएगी और अमेरिकी डॉलर की नरेंद्र मोदी लंका लगाएंगे तो उन पर चौतरफा हमले शुरू होंगे। वो लॉबी फिर से जुट जाएगी जो इस तरह की किसी चुनौती को पसंद नहीं करती। इसलिए हम कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ा रिस्क ले रहे हैं। डॉलर एक्सचेंज रेट रिस्क कैसे काम करता है को अमेरिका हथियार बनाता रहा है। यूक्रेन युद्ध में भी यही हुआ।
यूक्रेन युद्ध की वजह से पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इससे रूस को डॉलर पर चलने वाले ग्लोबल फाइनेंस सिस्टम से बाहर कर दिया। रूस का 630 बिलियन डॉलर का विदेश मुद्रा भंडार फ्रीज कर दिया गया था। रूस के सेंट्रल बैंक को भी इंटरनेशनल पेमेंट के स्विफ्ट सिस्टम से बाहर किया गया। ये सब अमेरिका ने डॉलर के दम पर किया
बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश
Bitcoin: क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खोलने के लिए केवाईसी कराना होता है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Jun 17, 2021 | 6:49 PM
भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इंडस्ट्री ने तेजी से जगह बनाई है. बहुत कम समय में इसका बाजार बढ़ा है. क्रिप्टो आधारित कंपनियों पर से सुप्रीम कोर्ट की ओर से पाबंदी हटने के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखी जा रही है. आज की तारीख में तकरीबन 1 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टो में निवेश किया है. पिछले एक साल में इन निवेशकों ने अच्छा रिटर्न भी पाया है. निवेशकों के लिए किसी भी क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने का तरीका वैसे ही है, जैसे इक्विटी आदि में लगाते हैं. नए निवेशक चाहें तो 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं.
जियोटस (Giottus) के सीईओ और को-फाउंडर विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी में निवेशक 100 रुपये भी लगा सकते हैं और इसके लिए वे क्रिप्टो आधारित कॉइन या टोकन में बहुत कम मात्रा में खरीदारी कर सकते हैं. अच्छा यह रहता है कि पैसे को अलग-अलग क्रिप्टो में अलग-अलग अवधि के लिए लगाया जाए. किप्टो की तरह मीम कॉइन डोजकॉइन और शिबू इनु मशहूर हैं जिसमें पैसा निवेश किया जा सकता है. विक्रम सुब्बुराज कहते हैं, सही रिटर्न के लिए जरूरी है कि टॉप 10 क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया जाए.
अगर पोर्टफोलियो की बात करें तो 40 परसेंट बिटकॉइन में, 40 परसेंट इथीरियम (अन्य टॉप 10 क्रिप्टो में इस पैसे को बांट सकते हैं) और बाकी बचा 20 परसेंट हाई रिस्क कॉइन में लगा सकते हैं. क्रिप्टो में पैसे लगाएं और कुछ दिन धीरज रखें, बाजार को मैच्योर होने दें. पैसा निकाल कर कहीं और निवेश करने की जल्दबाजी न करें.
क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में जानें
Giottus एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जहां इसकी ट्रेडिंग की जा सकती है. ट्रेडिंग के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है. 5 मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाता है, वह भी भारतीय केवाईसी नियमों के साथ. केवाईसी के तुरंत बाद अगर डॉक्युमेंट दुरुस्त हों तो वेरिफिकेशन हो जाता है और 15 मिनट में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. जियोटस जैसे प्लेटफॉर्म पर एक साथ 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरंसी की जानकारी मिलती है जहां 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म पर पैसा जमा करना होता है. कुछ प्लेटफॉर्म पैसा जमा करने के लिए शुल्क लेते हैं, कुछ एक्सचेंज रेट रिस्क कैसे काम करता है नहीं. इसी जमा पैसे से क्रिप्टो में निवेश शुरू होता है.
कैसे खोलें खाता
क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. हालांकि एक पैन से क्रिप्टो के अलग-अलग एक्सचेंज में कई अकाउंट खोल सकते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज में 24 घंटे और सातों दिन ट्रेडिंग कर सकते हैं. नए निवेशकों के लिए सलाह दी जाती है कि जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही क्रिप्टो की ट्रेडिंग करें. क्रिप्टो के दाम उतार-चढ़ाव में या तो तेजी से गिरते हैं या तेजी से चढ़ते हैं. यानी कि भारी मुनाफे के साथ भारी गिरावट का भी खतरा होता है. इसलिए दिल थाम कर क्रिप्टो की ट्रेडिंग में हाथ लगाना चाहिए.
बिटकॉइन से करें शुरुआत
हर क्रिप्टोकरंसी अपने आप में यूनिक है और उसी हिसाब से उसकी ट्रेडिंग होती है. नए निवेशक जब खरीदारी करने चलें तो उसके बारे में ठीक से रिसर्च कर लें. जैसे नंबर टू क्रिप्टोकरंसी इथीरियम एक प्लेटफॉर्म भी है जिसे अलग-अलग ऐप के जरिये खरीदा जा सकता है. ऐसा नहीं है कि किसी खास ऐप से ही इसकी ट्रेडिंग और खरीदारी होगी. जैसे मोबाइल में एंड्रॉयड सिस्टम अलग-अलग मोबाइल कंपनियों में काम करता है, वैसे ही इथीरियम अलग-अलग ऐप पर भी काम एक्सचेंज रेट रिस्क कैसे काम करता है करता है. नए निवेशकों को एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बिटकॉइन और इथीरियम में पैसा लगाकर शुरुआत करनी चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे इक्विटी में एसआईपी के जरिये निवेश शुरू करते हैं.
सावधानी के साथ करें निवेश
भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी रेगुलेटेड नहीं है, सरकार और रिजर्व बैंक का अभी रुख साफ नहीं है. ऐसे में कम पैसे में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ट्रेडिंग का मतलब होता है कि खरीदारी पर कितना मुनाफा कमाते हैं. कोई किप्टो कितने में खरीदते हैं, ट्रेडिंग का मकसद यह नहीं होता है. इसी हिसाब से क्रिप्टो में पैसे लगाने और उसे जारी रखने पर फोकस करना चाहिए. नए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 2-3 परसेंट क्रिप्टोकरंसी को रखना चाहिए. बाद में मार्केट की समझ हो जाए तो निवेश बढ़ा सकते हैं.