ट्रेडिंग रणनीति

डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
घरेलू शेयर बाजारों (Share Market) में गुरुवार को कारोबार के अंतिम आधे घंटे में तेज बिकवाली से शुरुआती बढ़त जाती रही और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 311 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ.

शेयर बाजार में नुकसान क्यों होता हैं ? 1.शेयर बाजार सीखने पर ध्यान न देना। 2.दुसरो की बाते या टिप। 3.अपने आप को बड़ा समजना। 4.अपने आप को बड़ा समजना। 4.

कोटक सिक्योरिटीज ने ब्रोकरेज फ्री इंट्रा-डे ट्रेडिंग लॉन्च किया, जानिए क्या है खास

शेयर खरीद-फरोख्त के बाजार में ब्रोकरेज पर छूट को लेकर छिड़ी जंग के बीच कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) ने इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) यानी दिन-दिन के कारोबार में ब्रोकरेज शुल्क (Zero Brokerage) नहीं लेने की घोषणा की है। बाकी डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान सभी तरह के कारोबार के लिए कंपनी ग्राहकों से 20 रुपये प्रति लेन-देन शुल्क लेगी। कोटक सिक्योरिटीज ने इंट्राडे ट्रेडिंग करने पर ब्रोकरेज शुल्क नहीं लेने की गुरुवार को घोषणा की।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि अन्य सभी तरह के कारोबार के लिए ग्राहकों को 20 रुपये प्रति लेनदेन का शुल्क देना होगा। इस तरह के लेनदेन और अन्य किसी उत्पाद की खरीद-फरोख्त से कंपनी अपनी आय करेगी। कंपनी का ग्राहक रिसर्च बताता है कि उन्हें सस्ते ब्रोकरेज वाली सेवाएं चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने 499 रुपये के अग्रिम भुगतान वाली सर्विस पेश की। इसके तहत यदि ग्राहक सेवा शुल्क चुकाने के बाद पहले महीने में संतुष्ट नहीं रहता है तो उसे 499 रुपये का पूरा भुगतान वापस कर दिया जाएगा।

शॉर्ट सेलिंग का मतलब

सरल हिन्दी भाषा में मीनिंग समझे-

शेयर बाजार में, शेयर को पहले खरीदना और बाद में बेचना एक साधारण बात है.

लेकिन यदि आपसे कहा जाये कि आप शेयर को पहले बेच सकते हैं। डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान यदि शेयर आपके डीमैट अकाउंट में नहीं भी है फिर भी।

तो शायद आपको यकीन न हो। किन्तु ये संभव है। लेकिन कुछ शर्तों के साथ।

शर्त ये होती है: आपको शेयर उसी ट्रेडिंग डे में वापस खरीदना होगा।

शेयर बाजार में, शेयर को पहले बेचना, फिर खरीद कर पोजीशन बराबर करना शॉर्ट सेलिंग कहलाता है।

पहले बेचने से मतलब है यदि आपके डीमैट अकाउंट में शेयर नहीं भी है, फिर भी।

शार्ट सेलिंग के उदाहरण

आइये शॉर्ट सेलिंग उदाहरण से समझें –

आज 27 नवंबर 2021 है। रिलायंस कंपनी का शेयर, अभी ( 10:00 AM पर ) 2400 रुपये के भाव पर बिक रहा है।

कोई व्यक्ति मुकेश इसे देखता है। उसे भाव कम होने का अनुमान होता है।

मुकेश ने, रिलायंस के 10 शेयर, 2400 रुपये के भाव से 10:00 AM पर बेच दिए। अब मुकेश शेयर के भाव गिरने का इंतजार करता है। अब कुछ मिनटों बाद, शेयर का भाव गिरकर 2390 रुपये प्रति शेयर हो जाता है. इस भाव पर मुकेश, रिलायंस के 10 शेयर बाय बैक कर लेता है।

ऊपर के उदाहरण में, मुकेश ने 10 शेयर 2400 रुपये के भाव से बेचे। फिर 2390 रुपये के भाव से 10 ही शेयर खरीदे। इसमें 10 रुपये प्रति शेयर का लाभ हुआ। इसी को Short Selling कहेंगे। ( बशर्ते ये ट्रेड इंट्राडे लिवरेज से किया गया हो। )

शॉर्ट सेलिंग की विशेष बातें

  • शॉर्ट सेलिंग में, ट्रेडर के खाते में शेयर वास्तव में नहीं होता; जिसको वह बेचता है।
  • इसमें ट्रेडर, शेयर प्राइस के घटने का इंतजार करता है. जिससे उसको लाभ होता है।
  • ट्रेडर को हर हाल में शेयर को वापस खरीदना ही चाहिए। वो भी उसी ट्रेडिंग डे पर।
  • यदि कोई ट्रेडर शेयर बाय बैक नहीं कर पाता है तो वह पेनलिटी का हक़दार होगा।
  • यह अधिकतर गिरते बाजार में की जाती है।

शॉर्ट सेलिंग से होने वाले फायदे

  • सबसे बड़ा फायदा जो ट्रेडर को दिखता है वह है – शेयर के घटते दम पर भी लाभ हो सकता है।
  • बाजार में लिक्विडिटी अधिक बनी रहती है।
  • ट्रेडर कम पूँजी में मार्जिन लेकर अधिक लाभ ले सकता है।

ज़ेरोधा में शॉर्ट सेलिंग कैसे करें, आइये सीखते है

Short selling in Zerodha स्टेप्स-

    में लॉग डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान इन करें –

2. अब अपनी यूजर आई डी डालें।

4. अपनी Holdings चेक करें, जीरो होनी चाहिए।

5. शेयर तो सेलेक्ट करें

6. अब शेयर को बेच दें

7. अब पोजीशन को क्लोज करना होगा। exit पर क्लिक करें

8. अब आपकी पोजीशन स्क्वायर ऑफ हो चुकी है। ट्रेड भी पूरा हो गया है। अब इस तरह की स्क्रीन दिखाई पड़ेगी

२. दुसरो की बाते या टिप।

शेयर बाजार सीखने की बजाय लोग किसी टिप मिलने पर विश्वास करते हैं ।

शेयर बाजार में १ चीज काफी प्रचलित हैं की, कही से जानकारी या टिप मिल जाए की कोणसे शेयर खरीदे जो हमे अमीर बनादे ।

यह एक काफी गलत नजरिया हैं।

आप को जो टिप मिलती हैं, आप के दोस्तों से रिश्तेदारों से पहली बात तो यह हैं की उनमेसे ज्यादा लोगो को शेयर बाजार की पूरी जानकारी नहीं होती हैं और वह भी दुसरो की कही बात को दोहराते हैं।

और अगर आप को बड़े शेयर बाजार के जानकार से जानकारी मिल भी गई तो भी आप को यह पता नहीं होगा की उसे शेयर में भविष्य में क्या क्या करे । कब उस कंपनी के शेयर खरीदे या कब उस बेचे ।

अंत में आप नुक्सान ही कर बैठेंगे । किसी के कहने पर या टिप पर निवेश न करे ।

३. अपने आप को बड़ा समजना।

लोग शेयर बाजार ३-४ महीने सिखने के बाद समज़ ले ते हैं की उन्हें शेयर बाजार की सारी जानकारी मिल गई हैं । वह चाहते हैं की जैसे ही वह कोई ट्रेड ले या निवेश करे उन्हें मुनाफा (Profit) होना चाहिए ।

वह Loss बर्दाश्त नहीं कर पाते और वह लोग और ज्यादा पैसा लगाते हैं।

न मार्किट को देखते हैं, न शेयर को, न सेक्टर को वह चाहते हैं की हमारा Loss न हो और वह इसी अहंकार में अपना पैसा गवा भेटते हैं।

किसी भी व्यक्ति को शेयर बाजार में Loss होता ही हैं चाहे वह बड़ा ट्रेडर या इन्वेस्टर क्यों न हो।

४. शेयर बाजार को एक Scheme समझना।

कई लोग शेयर बाजार को एक इन्शुरन्स स्कीम समझ लेते हैं।

अगर हम इसमें पैसे डालेंगे तो हमारा पैसा बढ़ने ही वाला हैं।

नाही वह उसकी जानकारी लेते हैं नाही उसको समझते हैं।

और यह लोग किसी के कहने पर अपनी जमा पूंजी शेयर बाजार में निवेश कर बैठते हैं।

शॉर्ट सेलिंग की विशेष बातें

  • शॉर्ट सेलिंग में, ट्रेडर के खाते में शेयर वास्तव में नहीं होता; जिसको वह बेचता है।
  • इसमें ट्रेडर, शेयर प्राइस के घटने का इंतजार करता है. जिससे उसको लाभ होता है।
  • ट्रेडर को हर हाल में शेयर को वापस खरीदना ही चाहिए। वो भी उसी ट्रेडिंग डे पर।
  • यदि कोई ट्रेडर शेयर बाय बैक नहीं कर पाता है तो वह पेनलिटी का हक़दार होगा।
  • यह अधिकतर गिरते बाजार में की जाती है।

शॉर्ट सेलिंग से होने वाले फायदे

  • सबसे बड़ा फायदा जो ट्रेडर को दिखता है वह है – शेयर के घटते दम पर भी लाभ हो सकता है।
  • बाजार में लिक्विडिटी अधिक बनी रहती है।
  • ट्रेडर कम पूँजी में मार्जिन लेकर अधिक लाभ ले सकता है।

ज़ेरोधा में शॉर्ट सेलिंग कैसे करें, आइये सीखते है

Short selling in Zerodha स्टेप्स-

    में लॉग इन करें –

2. अब अपनी यूजर आई डी डालें।

4. अपनी Holdings चेक करें, जीरो होनी चाहिए।

5. शेयर तो सेलेक्ट करें

6. अब शेयर को बेच दें

7. अब पोजीशन को क्लोज करना होगा। exit पर क्लिक करें

8. अब आपकी पोजीशन स्क्वायर ऑफ हो चुकी है। ट्रेड भी पूरा हो गया है। अब इस तरह की स्क्रीन दिखाई पड़ेगी

शॉर्ट सेलिंग पर लग सकता है जुर्माना यदि –

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के नियम के अनुसार

अगर कोई ट्रेडर T+2 ट्रेड साइकिल के हिसाब शेयर डिलीवर नहीं कर पाता।

तो वह पिछले ट्रेडिंग दिवस के क्लोजिंग प्राइस से अधिकतम 20% अधिक तक के चार्ज के बराबर देनदार होगा। इस पेनलिटी के साथ 0.05% प्रति दिन, स्टॉक की वैल्यू के हिसाब से देनदार होगा।

चलिए, इसको उदाहरण से समझते हैं-

मान लीजिये, एक परिस्थिति में

श्याम ने रिलायंस के 100 शेयर, 800 रुपये प्रति शेयर के भाव से बेचे ( 13 सितंबर 2021, दिन सोमवार). जबकि ये 100 शेयर श्याम के डीमैट खाते में नहीं हैं।

ये 100 शेयर राम के डीमैट अकाउंट में 15 सितंबर 2021, दिन बुधवार को आने चाहिए ( T+2 ट्रेड साईकल के नियमानुसार )

चूँकि, ये शेयर श्याम के डीमैट अकाउंट में मौजूद नहीं थे. इसलिए वह इनको डिलीवर नहीं कर पायेगा। अब राम को स्टॉक देने के लिए, स्टॉक मार्केट में बैकग्राउंड में एक ऑक्शन होगा। जिसमे कोई तीसरा व्यक्ति ( विकास) इन शेयर की डिलीवरी डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान दे सकता है।

'स्टॉक एक्सचेंज'

दिल्ली की एक अदालत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के कर्मचारियों की कथित जासूसी एवं फोन टैपिंग से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की जमानत अर्जी पर सात दिसंबर को सुनवाई करेगी.

आज के कारोबार के अंत में प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स 1,181.34 अंक या 1.95 प्रतिशत बढ़कर 61,795.04 पर बंद हुआ. वहीं, उतार-चढ़ाव वाले सत्र में निफ्टी 321.50 अंक या 1.78 प्रतिशत डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान की तेजी के साथ 18,349.70 पर बंद हुआ।

इलॉन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर (Twitter) के लिए अधिकतर रकम टेस्ला (Tesla) के स्टॉक बेच कर चुकाई है :- अमेरिका के सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन के दस्तावेज़

ट्रेडिंग इक्विटी, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस और सिक्योरिटी लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB) जैसे विभिन्न सेगमेंट्स में समान अवधि में होगी

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