Bitcoin का इस्तेमाल क्या है?

बिटकॉइन (Bitcoin)
बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी या कहें कि डिजिटल कॉइन है. इसे विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि दुनिया की कोई भी फाइनेंशियल रेग्युलेटरी अथॉरिटी इस पर नियंत्रण नहीं रखती है. ये पीयर-2-पीयर सॉफ्टवेयर और क्रिप्टोग्राफी पर काम करती है.
बिटकॉइन के क्रिएशन को करीब एक दशक बीत चुका है. इन 10 सालों में ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है. इस लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के लिए बिटकॉइन ब्लॉकचेन का इस्तेमाल किया जाता है.
प्रत्येक बिटकॉइन 10,00,00,000 सैटोशिस से बना होता है, ये बिटकॉइन की सबसे छोटी इकाई है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि 1 रुपये में 100 पैसे होते हैं. ये यूनिट्स एक बिटकॉइन को 8 डेसिमल प्लेस में विभाजित करने लायक बनाती हैं. इसलिए लोग एक बिटकॉइन को कई टुकड़ों में खरीद पाते हैं.
ये बात ध्यान रखने वाली है कि बिटकॉइन जैसा वास्तव में कोई सिक्का या नोट नहीं होता. इसे एक सार्वजनिक खाते में केवल बैलेंस रिकॉर्ड के तौर पर रखा जाता है. बिटकॉइन से जुड़े सभी लेनदेन को रजिस्टर करने में भारी मात्रा में कंप्यूटिंग पावर इस्तेमाल होती है. इसी प्रोसेस को ‘माइनिंग’ कहा जाता है.
जैसे पहले बताया गया है कि बिटकॉइन को दुनिया के किसी देश की सरकार या वित्तीय संस्था, बैंक इत्यादि जारी नहीं करते हैं. बल्कि दुनिया के कई देशों में इसे वैध मुद्रा तक नहीं माना जाता है. लेकिन एक बात है कि बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के बाद से ही दुनिया में कई और क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की गईं.
Cryptocurrency Bill: आ रहा क्रिप्टो पर बैन वाला बिल: बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों का क्या होगा? क्या फंस जाएगा? समझिए सबकुछ
Cryptocurrency Bill News: केंद्र सरकार संसद सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर एक बिल पेश करने वाली है। इस विधेयक में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी पर प्रतिबंध की बात कही गई है।
हाइलाइट्स
- नरेंद्र मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर ला रही है बिल
- चीन ने कुछ समय पहले ही क्रिप्टेकरेंसी पर बैन लगाया था
- सरकार से मांग की जा रही है कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन की जगह नियम बने
तो कुछ छूट भी मिलेगी!
हालांकि, इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। बिल में इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के क्रिएशन के लिए एक फ्रेमवर्क बनाने की भी मांग की गई है।
प्रतिबंध या बनेंगे नियम?
हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया। ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी। पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लाकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक ने बार-बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिये जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये थे और कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी पर पूरा बैन संभव है?
उद्योग जगत के विशेषज्ञों की माने तो तकनीकी रूप से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन संभव नहीं है। अगर सरकार लोकल करेंसी से क्रिप्टो की खरीदारी पर रोक लगा देती है तो भी उनके पास इसे वर्चुअली बैन करने के लिए कोई रास्ता नहीं है। क्रिप्टो की ट्रे़डिंग ऑनलाइन होती है और यह बैंकों और सरकार के दायरे से बाहर है।
आरबीआई के बैन को SC ठहरा चुका है गैरकानूनी
आरबीआई ने जब क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को प्रतिबंधित करने के लिए सर्कुलर निकाला था तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैरकानूनी ठहरा दिया था। हालांकि, तत्कालीन आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग (SC Garg) सरकार की बनाई कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात कही थी।
किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर है बैन
चीन का सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी ट्रांजेक्शन को अवैध करार दे चुका है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कह चुका है। उसने ये भी कहा है कि वह घरेलू निवेशकों को सेवा देने वाले विदेशी एक्सचेंजों पर पाबंदी लगाएगा। चीन (China) के अलावा कुछ अन्य देश भी हैं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट्स (Cryptocurrency Payments) पर प्रतिबंध Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? है। इनमें नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, अल्जीरिया कतर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम के नाम प्रमुख हैं। मिस्त्र में शरिया कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को हराम मान गया है, हालांकि यह प्रत्यक्ष तौर पर प्रतिबंधित नहीं है।
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Cryptocurrency News Today: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2021 में कुल आबादी में से 7.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी थी। कोरोना काल में दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। दुनिया में आबादी के अनुपात के हिसाब से सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी यूक्रेन के लोगों के पास है।
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कितने लोगों के पास है क्रिप्टोकरेंसी
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2021 में कुल आबादी में से 7.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी थी। कोरोना काल में दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। दुनिया में आबादी के अनुपात के हिसाब से सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी यूक्रेन के लोगों के पास है। वहा 12.7 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है। रूस में 11.9 फीसदी, वेनेजुएला में 10.3 फीसदी, सिंगापुर में 9.4 फीसदी, केन्या में 8.5 फीसदी और अमेरिका में 8.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है।
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Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है, इसे कहां से खरीदें?
Crypto currency: आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें
Crypto Currency पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है
- क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क पर आधारित डिजिटल मुद्रा है, जिसका डिस्ट्रीब्यूशन कंप्यूटरों के एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है.
- कंप्यूटर नेटवर्क और ब्लॉकचेन पर आधारित यह विकेंद्रीकृत संरचना क्रिप्टो करेंसी को सरकारों और किसी भी वित्तीय नियंत्रण से बाहर रखती है.
- क्रिप्टो करेंसी के बारे वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लॉकचेन पर आधारित इस तकनीक के कारण दुनिया भर में फाइनेंशियल और कानूनी पेचीदगियां पैदा होंगी.
- क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह अन्य परंपरागत मुद्राओं के मुकाबले में बेहद सस्ता और तेज मनी ट्रांसफर है.
- क्रिप्टो करेंसी का सिस्टम डिसेंट्रलाइज होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी एक जगह से इस मुद्रा पर नेगेटिव असर नहीं होगा.
- क्रिप्टो करेंसी की कुछ मुश्किलें भी हैं, जिनमें कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव, माइनिंग के लिए ऊर्जा की ज्यादा खपत और इसका आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल है.
ब्लॉकचेन की इसी खूबी की वजह से क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिये एक भरोसेमंद थर्ड पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इस तरह से देखें तो ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका लाभ आने वाले समय में वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा होगा. उम्मीद की जा रही है कि ब्लॉकचेन की मदद से आने वाले समय में लेन-देनों की लागत में भी कमी आएगी. इससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी लेन-देन से भी छुटकारा मिलेगा.
क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
मौजूदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे रूप हैं। यहां पर हम कुछ लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी की चर्चा कर रहे हैं. बिटकॉइन (Bitcoin) को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी माना जाता है. इसे सातोशी नाकामोतो ने 2009 में बनाया था. यह एक डि-सेंट्रलाइज़ करेंसी है, यानी कि इस पर किसी सरकार या संस्था का नियंत्रण नहीं है. कीमत में लगातार होने बढ़ोतरी की वजह से लोगों में इस मुद्रा के प्रति बहुत आकर्षण है.
इथेरियम (Ethereum) भी एक ओपन सोर्स, डी-सेंट्रलाइज्ड और ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है. इसके संस्थापक का नाम है Vitalik Buterin. इसके क्रिप्टो करेंसी टोकन को ‘Ether’ भी कहा जाता है. बिटकॉइन के बाद ये दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है.
लाइटकॉइन (Litecoin) भी एक डिसेंट्रलाइज तकनीक से उपजी डिजिटल मुद्रा है, जिसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है. इसके संस्थापक चार्ल्स ली (Charles Lee) हैं जो गूगल में काम कर चुके हैं. इसके बहुत सारे फीचर Bitcoin से मिलते-जुलते हैं.
डॉग कॉइन (Dogecoin) बनने की कहानी काफी रोचक है. बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए कुत्ते से उसकी तुलना की गई, जिसने आगे चलकर एक Cryptocurrency का रूप ले लिया. डॉग कॉइन के संस्थापक का नाम है बिली मार्कुस (Billy Markus). इन दिनों इस करेंसी की मार्केट वैल्यू बहुत अच्छी है.
टीथर (Tether) एक बड़ी और स्थिर मुद्रा है. यह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है.
क्रिप्टो करेंसी कैसे और कहां से खरीदें?
हमें उम्मीद है कि ईटी हिंदी के इस लेख से आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बुनियादी जानकारी मिल गई होगी. अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो एक डिजिटल करेंसी होने की वजह से आपको ऑनलाइन ही इसमें निवेश करना होगा. ऐसे बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं जहां पर जाकर आप क्रिप्टो करेंसी की मौजूदा कीमत का पता लगा सकते हैं और उसे खरीद या बेच सकते हैं.
कुछ प्रमुख क्रिप्टो करेंसी खरीदने बेचने वाली ऑनलाइन वेबसाइट के बारे में हम आगे बता रहे हैं. इन सभी वेबसाइट पर आप अपना अकाउंट बनाकर क्रिप्टो करेंसी खरीद या बेच सकते हैं. इनमें से कुछ ने अपना मोबाइल ऐप भी लॉंच कर रखा है, जिसे इंस्टॉल करके आप अपने मोबाइल से भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं.
1. कॉइनस्विच (CoinSwitch)
2. वजीरएक्स (Wazirx)
3. यूनोकॉइन (Unocoin)
4. जेबपे (Zebpay)
5. कॉइनबॉक्स (Coinbox)
6. बीटीसीएक्सइंडिया (BTCxIndia)
7. लोकलबिटकॉइन (LocalBitcoin)
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने से पहले जरूरी एहतियात
ध्यान रखें अगर आप किसी ऐप के जरिये क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे है तो इस बात की पड़ताल अवश्य कर लें कि जिस ऐप में आप निवेश कर रहे है वह सुरक्षित है या नहीं. इसकी एक वजह यह है कि हैकर्स मिलते-जुलते नामों वाली बहुत से स्पैमिंग वाले ऐप भी बना देते हैं, जिनकी वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें.
क्रिप्टो करेंसी पर भारत सरकार की कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है, ऐसी स्थिति में वित्तीय जोखिम आपको ही लेना होगा. इसलिए बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले इसके जोखिम का मूल्यांकन कर लें और उसी के अनुसार निवेश करें.
क्रिप्टो करेंसी पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन कौन कर रहा है, इस बारे में भी जानकारी हासिल करें. सोशल मीडिया और ऑनलाइन ओपिनियन व रिव्यू के माध्यम से विश्वसनीयता परखी जा सकती है.
इस बात का ध्यान रखें कि अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी सीमित ही रखें. यह भी समझते और सीखते रहें कि किन फैक्टर का क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर पड़ता है.
आखिरकार भारत समेत दुनियाभर को क्यों इतना पसंद आ रहा है Bitcoin, आज जान लीजिए ये राज़ की बातें
बिटकॉइन को आप आप करेंसी की तरह छू नहीं सकते हो. इसे सिर्फ डिजिटल फॉर्म में ही रखा जाता हैं. इसे, दूसरे लोगों के पास भेजने के लिए ज्यादा मशकत नहीं करनी पड़ती.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Nov 23, 2021 | 12:58 PM
Bitcoin News: साल 2015 में अगर किसी ने एक बिटकॉइन को 24 हजार रुपये में खरीदा होता तो आज उन्हें कुछ हजार नहीं बल्कि 50 लाख रुपये उसे बेचकर मिल जाते. ये सब सुनकर आपको अचंभा हो रहा है तो अब आपको इसकी पूरी जानकारी देते है. कहा तो ये जाता है कि साल 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद लोगों का भरोसा बैंकों और अन्य फाइनेंशियल इंसीट्यूशन से उठ गया था. क्योंकि रातोंरात अमेरिका के कभी ने डूबने वाले बैंक बंद हो गए थे. शेयर बाजार में Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? भूचाल आ गया था. अमेरिका और जापान के साथ-साथ भारत जैसे देशों में भी बैंक और कई बड़ी कंपनियां डूबने की कगार पर पहुंच गई. लोगों की नौकरियां जाने लगी. क्योंकि बैंक ने आम लोगों से पैसा लेकर बैंक ज्यादा कमाई के लिए उसे बड़ी-बड़ी कंपनियों को बिना सोचे समझें लोन पर देते चले गए और वो कर्ज डूब गया. तभी Satoshi Nakamoto ने नए जमाने की करेंसी को लाने की सोची.
Satoshi Nakamoto एक गुमनाम शख्स. जिसने दुनिया के सामने इंटरनेट पर एक पेपर रिलीज़ किया. जिसमे उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताया. इसके जरिए उन्होंने अपने मकसद को साफ कर दिया. उन्होंने बताया कि कैसे ये क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) काम कसे करेगी. इसके लेन-देने में किसी भी बैंक या संस्था की कोई जरुरत नहीं होगी. उन्होंने ही इस डिजिटल करेंसी का नाम ‘Bitcoin’ रखा.
कैसे और कहां से शुरू हुआ Bitcoin बिटकॉइन जिस कोड से बना है. उसकी शुरुआत Satoshi ने 2007 से ही कर दी थी. साल 2008 में उन्होंने साथ काम करने वाले साथियों के साथ मिलकर Bitcoin.org का Domain ख़रीदा और उस Address पर वेबसाइट बना दी. उन्होंने ये भी बताया की डिजिटल करेंसी जिसको उन्होंने बिटकॉइन नाम दिया है. वो आखिर काम कैसे करेगी.
बिटकॉइन को आप आप करेंसी की तरह छू नहीं सकते हो. इसे सिर्फ डिजिटल फॉर्म में ही रखा जाता हैं. इसे, दूसरे लोगों के पास भेजने के लिए ज्यादा मशकत नहीं करनी पड़ती. जी हां, अभी आपको अगर अपने किसी रिश्तेदार या किसी दोस्त को विदेश में पैसे भेजने है तो बैंक और कई संस्थाएं इसके लिए आपसे Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? मोटी रकम वसूलते है. साथ ही, एक से दो दिन का समय लगाती है. इसके उलट आप Bitcoin को कुछ ही मिनटों में ट्रांसफर हो जाता हैं.
अगर इतना सबकुछ जानने के बाद आप भी बिटकॉइन खरीदने की सोच रहे है तो सबसे पहले आपको बता दें कि भारत में बिटकॉइन खरीदना लीगल है इसपर भारत सरकार ने किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है इसलिए आपको किसी भी तरह से घबराने की जरुरत नहीं है. आप बिना टेंशन बिटकॉइन में पैसा लगा सकते है.
आज के समय में बिटकॉइन अपने आप में इतना बड़ा हो चुका है कि उसकी मार्केट वैल्यू कई देशों की जीडीपी से भी ज्यादा हो गई है. फिलहाल बिटकॉइन की मार्किट वैल्यू $1.11 Trillion से भी ऊपर है.
लेकिन बिटकॉइन और आम करेंसी (मुद्रा) जैसे Dollar, Rupee, Euro में सबसे बड़ा अंतर यह है. कि आम करेंसी सरकार और बैंक के कंट्रोल में होती है. सरकार जब चाहे उतनी करेंसी को छाप सकती है जिसके कारण महंगाई बढती है. और सरकार चाहे तो किसी के अकाउंट को फ्रीज़ भी कर सकती है बिना उस पैसे के मालिक के बिना Bitcoin को कोई कंट्रोल नहीं करता ना ही बैंक ना ही कोई सरकार यह Decentralized है. आपके बिटकॉइन को आपके सिवा कोई कंट्रोल नही कर सकता.
Bitcoin काम कैसे करता है
बिटकॉइन को जो चीज सबसे खास बनाती है वो Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? है उसके पीछे की Blockchain Technology जिसने दुनिया का ध्यान उसकी तरफ खींचा, ब्लॉकचेन कई सारे ब्लॉक्स की चैन होती है जिसमे जानकारी को स्टोर करके रखा जाता है.
जैसे बैंक सभी Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? लेन देन की जानकारी को लेजर में लिख कर रखते है, उसी तरह ब्लॉकचेन काम करता है. बैंक की लेजर बुक में बदलाव किया जा सकता है परन्तु ब्लॉकचेन में जो जानकारी एक बार डाल दी गई तो उसको चाहकर भी दोबारा से बदला नहीं जा सकता है.
हर ब्लॉक की जानकारी जमा करने की एक लिमिट होती है जैसे ही वो Block जानकारी से भर जाता है वो ब्लॉक दूसरे Blocks के साथ जुड़ जाता है और यह प्रक्रिया चलती रहती है जिससे यह एक चैन बन जाती है. इसलिए इसको ब्लॉकचेन कहा जाता है.
जितने ज्यादा लोग एक क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करेंगे उतनी ही ज्यादा चैन बनती जाएगी जितनी बड़ी चैन होगी उतना ज्यादा उस क्रिप्टो की ब्लॉकचेन मजबूत होती जाएगी और उसको हैक या अटैक करना मुश्किल होता जाएगा.इसकी और जानकारी के लिए आप हमारे वीडियो पर जा सकते है.
अगर इतना सबकुछ जानने के बाद आप भी बिटकॉइन खरीदने की सोच रहे है तो सबसे पहले आपको बता दें कि भारत में बिटकॉइन खरीदना लीगल है इस पर भारत सरकार ने किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है इसलिए आपको किसी भी तरह से घबराने की जरुरत नहीं है. आप बिना टेंशन बिटकॉइन में पैसा लगा सकते है.
क्यों लोगों को इतना पसंद है Bitcoin
रोजाना बिटकॉइन की कीमत बढ़ती जा रही है जिसके कारण लोग चाहकर भी अपना ध्यान इस ओर से नहीं हटा पा रहे है. इसीलिए दुनिया के बड़े-बड़े बैंक जैसे JP Morgan, BNY Mellan, Citibank, Morgan Stanley, Goldman Sachs भी बिटकॉइन में लेन देन करने लगे है. वही एक समय था जब इस तरह के बड़े बड़े बैंक बिटकॉइन के खिलाफ थे.
एक और कारण है बिटक्वाइन की ओर से लोगों के झुकाव का. मौजूदा वक्त में महंगाई के खिलाफ लड़ने के लिए आम आदमी के पास बिटकॉइन बढ़िया हथिया है. क्योंकि डॉलर या दूसरी किसी भी पारंपरिक करेंसी की तुलना में इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसे एक लिमिट तक ही बनाया जा सकता है. सरकारें इसकी कीमत को चाहकर भी कम नहीं कर सकती है न ही कोई भी सेंट्रल बैंक इसे छाप सकता है.
इसीलिए वॉल स्ट्रीट के बड़े खिलाड़ी (ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट) महंगाई के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर रहे है. इससे पहले गोल्ड को महंगाई के खिलाफ हेजिंग का सबसे बढ़िया निवेश माना जाता था लेकिन इस साल सोने के दाम गिरे हैं. वहीं बिटक्वाइन ( Bitcoin) की कीमत 130 फीसदी बढ़ी है.
क्या है Bitcoin का भविष्य
वैसे तो दुनिया भर के जानकार कहते हैं कि जैसे-जैसे बड़ी संस्थाएं और बैंक इसका इस्तेमाल शुरू करेंगे वैसे-वैसे इस पर भरोसा क़ायम होगा. क्योंकि भारत में 100 रुपये के नोट की छपाई में सिर्फ़ 1.51 रुपये का खर्च आता है, तो बाकी रकम कहां से आती है? जवाब है-भरोसा. नोट पर आरबीआई गवर्नर के सिगनेचर के साथ-साथ उस पर धारक को 100 रुपये अदा करने का वचन होता है. अगर ये नहीं हो तो 100 रुपये का नोट सिर्फ एक कागज़ है. भारतीय सरकार इसके लिए नियम बनाने की तैयारी में है. पिछले दिनों RBI-SEBI और वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर कई अहम बैठक की है.
इस समय सरकारों के सामने कई Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? बड़े चैलेंज है. सरकारों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी के साथ एक ख़तरा ये भी है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाएगा और इनका इस्तेमाल तस्कर और आतंकवादी करेंगे.