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एक सुरक्षित दलाल कौन है?

एक सुरक्षित दलाल कौन है?
लेकिन चाहे कुछ भी हो, सच बात तो यही है कि यह कोई बलात-कर्म नहीं किया था जितेंद्र मिश्रा ने। इसके लिए उस स्‍टेनो की भी एक सुरक्षित दलाल कौन है? पूरी सहमति थी। वरना आप गौर से देखिये इस वीडियो को, जिसमें यह जज अपनी जेब से रुमाल निकाल कर अपना मुंह और चेहरा पोंछ रहा है। अगर महिला न चाहती तो, जज साहब डायस पर गालों पर लिपिस्टिक चपकाये बाकायदा लंगूर एक सुरक्षित दलाल कौन है? बने तमाशा बने ही रहते। लेकिन चैम्‍बर में हुए इस लबड़-झपड़ के बाद महिला ने पूरे सहयोगी भाव में उस जज को सतर्क किया था, कि जज साहब एक सुरक्षित दलाल कौन है? आपके गाल पर लिपिस्टिक के धब्‍बे हैं, उसे पोंछ लीजिए। जज ने लपक कर जेब से रुमाल निकाला और अपने पूरे चेहरे को निरमा-शैली में रगड़ डाला। एक सुरक्षित दलाल कौन है? इस तर्क के मुताबिक जाहिर है कि कोई न्‍यायपालिका कर्मी, जिसकी ड्यूटी इस जज के कमरे की व्‍यवस्‍था को लेकर लगायी गयी थी, और उसे जज से खासी खुन्‍नस थी, उसने मौका मिलते ही इन दोनों का वीडियो बना लिया।
कुछ भी एक सुरक्षित दलाल कौन है? हो, इस मामले में उस महिला की एक सुरक्षित दलाल कौन है? एक सुरक्षित दलाल कौन है? संलिप्‍तता रही हो या नहीं, लेकिन शासकीय और न्‍याय परिसर में किसी महिला के साथ इस तरह की हरकत करने के लिए जितेंद्र मिश्र तो बाकायदा जिम्‍मेदार और दोषी ही हैं।
नियमों के अनुसार अगर किसी महिला का अनादर किसी सार्वजनिक स्थल पर किया जाए तो अपराध दण्ड संहिता की धारा 294 के तहत दंडनीय कार्रवाई का मामला बन सकता है। कानून के अनुसार अगर महिला का अनादर करते समय संबंधित व्यक्ति अगर आपराधिक बल का प्रयोग सार्वजनिक स्थल पर करता है तब उसपर दण्ड संहिता की धारा 354 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि एक सुरक्षित दलाल कौन है? इसके पहले भी देश के सर्वोच्‍च न्‍यायाधीश के पद पर बैठे रहे रंजन गोगोई पर उनकी स्‍टेनो ने यौन-हिंसा का आरोप एक सुरक्षित दलाल कौन है? लगाया था। बाद में तो गोगोई भाजपा से सांसद बन गये थे।

यौन-हिंसा नहीं, न्‍यायरत थे मा. जज। लिपिस्टिक भी चाटा था

लखनऊ : जब कोई डॉक्‍टर अपने अस्‍पताल में है तो वह केवल डॉक्‍टर ही होता है, इसी तरह कोई पत्रकार अपने दफ्तर में होता है, तो केवल पत्रकार होता है, ठीक उसी तरह कोई मुख्‍य सचिव अपने दफ्तर में होता है, तो वह सरकारी काम ही निपटाता है। लेकिन दिल्‍ली की राउज एवेन्‍यू कोर्ट में जज जितेंद्र मिश्र थोड़ा अलग निकले। वे अपने चैम्‍बर में न्‍यायिक काम पूरी निष्‍ठा के साथ किया करते थे। लेकिन खुदा कसम, गारत करे एडवांस्‍ड मोबाइल सेट का, उनका सारा न्‍यायिक कामधाम अचानक ही दक्खिन हो गया। पता चल गया कि एक दिन वे न्‍यायिक कामधाम के नाम पर अपने चैम्‍बर का इस्‍तेमाल अपनी स्‍टेनो के साथ करने को आमादा था। बहरहाल, ताजा खबर है कि दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्माने राउज एवेन्यू कोर्ट के एक न्यायिक अधिकारी को तत्काल एक सुरक्षित दलाल कौन है? प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उस घटना का यह वीडियो फुटेज जब वायरल हुआ तो पता चला कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जी के चैम्‍बर में गयी उनकी स्‍टेनो साहब से डिक्‍टेशन लेने गयी थी, लेकिन जितेंद्र मिश्रा अपनी स्‍टेनो को अपना कोई दीगर कुत्सित डिक्‍टेशन करने पर आमादा दिख पड़े। बकरी-मेमना की तरह छ‍टपटाती इस महिला स्‍टेनो को जज साहब ने किसी खूंख्‍वार भेडि़ये की तरह दबोच लिया और यौन-हिंसा का अधिकांश काम लपक कर, झटक कर और दबोच कर कर डाला। स्‍टेनो के साथ मिश्रा जी ने तो दो-बैलों की जोड़ी की शैली में होंठ जोड़ लिया। जाहिर है कि स्‍टेनो के होटों पर लगे लाल लाल निशान जज साहब के होठों पर भी चस्‍पां हो गये। किसी तरह वह स्‍टेना एक सुरक्षित दलाल कौन है? उनके चंगुल से निकली, तो हताश जज साहब ने पहले तो अपना मुंह पोंछा और उसके बाद यह वीडियो ही स्‍टॉप हो गया। काम खत्‍तम।
एक सूत्र ने बताया है कि यह महिला इस जज से बहुत आजिज आ चुकी थी। वजह यह कि जज साहब को न्‍यायिक कर्म के बजाय कुकर्म की ख्‍वाहिश थी, जिसके लिए वह स्‍टेना तैयार नहीं थी। इसीलिए एक दिन उसने तय किया कि वह जज साहब यानी जितेंद्र मिश्र को रंगेहाथों सरेआम नंगा करेगी। फिर क्‍या था, उस महिला ने जज साहब के कमरे में पर्दे के पीछे एक वीडियो-रिकार्डिंग करने लायक मोबाइल को सेट किया और फिर एक सुरक्षित दलाल कौन है? क्‍या था। दिल्‍ली हाईकोर्ट ने जितेंद्र मिश्र को भी ठीक से सेट कर दिया है।

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