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स्टॉक कैसे खरीदें

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निवेशक के लिए पीई रेशियो का महत्व
निवेश के लिए शेयर चुनते वक्त ज्यादातर निवेशक शेयर के पीई रेशियो पर गौर करते हैं. इससे उन्हें यह पता लगता है कि जिस शेयर में वे निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है.

Long Term Stock Investment these four stocks give investors more than one lakh percent in twenty years

(1) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक वाले म्यूचुअल फंड्स में निवेश

विदेशों में निवेश का दूसरा तरीका सेक्टोरल या थीमैटिक फंड हैं. सेक्टोरल या थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग में भारतीय और विदेशी शेयरों का मिश्रण हो सकता है. यानी इस तरह के फंड्स में ऐपल, गूगल सहित भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं.

(2) इंडेक्स फंड

एक और तरीका है जिसे इंडेक्स फंड कहा जाता है…. जिस तरह भारतीय शेयर बाजारों के अलग-अलग इंडेक्स के लिए इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं उसी तरह वैश्विक शेयर बाजारों के लिए भी इंडेक्स फंड हैं… वैश्विक बाजारों में निवेश करने वाले इंडेक्स फंड भी दुनिया के किसी एक शेयर बाजार के किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करके निवेश करते हैं… मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है.

वैश्विक बाजारों में निवेश का एक और तरीका इंटरनेशनल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ भी हैं, ये ईटीएफ सामान्य तौर पर 2 तरह हो सकते हैं- Country specific और Country neutral. Country specific ईटीएफ आपको किसी चुनिंदा देश में निवेश करने की अनुमति देते हैं. उदाहरण के लिए, वैनएक्क वेक्टर्स वियतनाम ईटीएफ आपको वियतनाम स्टॉक कैसे खरीदें इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, Country neutral ईटीएफ आपको पूरी दुनिया में निवेश करने की अनुमति देते हैं.

(4) सीधा निवेश

ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंड्स या ईटीएफ के जरिए ही आप अमेरिकी या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं, बल्कि सीधे निवेश का तरीका भी है, जैसे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिए आप ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिकी बाजारों में भी कर सकते हैं, बशर्ते अमेरिकी ब्रोकर हायर करना होगा या फिर भारत में जो ब्रोकर अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं उनसे संपर्क करना होगा… दोनों ही परिस्थितियों में आपको इंटरनेशनल ट्रेडिंग खाता भी खोलना पड़ेगा और ट्रेडिंग के लिए करेंसी को डॉलर में बदलवाना होगा.. ऐसा करके आप सीधे ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं.

(स्टॉक कैसे खरीदें 5) इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स (IDRs)

आप इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स यानी आईडीआर के जरिए भी विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं. आईडीआर मूल रूप से भारतीय करेंसी में होता है और सेबी स्टॉक कैसे खरीदें रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी इसे तैयार करता है. आईडीआर को कंपनी की इक्विटी के बदले जारी किया जाता है ताकि विदेशी कंपनियों को भारत से धन जुटाने में सक्षम बनाया जा सके. चूंकि विदेशी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की अनुमति नहीं है, आईडीआर उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने का एक तरीका है.

Share Market में करना चाहते हैं निवेश की शुरुआत, जानिए शेयर बाजार की ABCD

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 19:07 IST

Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें- India TV Hindi

Photo:INDIA TV Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें

What is Share Market: शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिमों से भरा होता है। अगर आप नए हैं, आपने इससे पहले कभी किसी स्टॉक (Stock) में निवेश नहीं किया है और आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि शेयर मार्केट क्या होता है और यह कैसे काम करता है? क्या स्टॉक मार्केट में सिर्फ शेयर ही खरीदे-बेचे जाते हैं? तो आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब इस खबर में देने जा रहे हैं।

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहां खरीदार BSE(Bombay Stock Exchange) और NSE(National Stock Exchange) पर सूचीबद्ध शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। यह सेबी(Securities and Exchange Board of India) के देखरेख में काम करता है। सेबी भारत सरकार की संस्था है जो शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर नजर रखती है ताकि वह ग्राहक के साथ फ्रॉड ना कर सके। इसे दो भाग में क्लासिफाइड किया गया है। प्राइमरी और सेकेंडरी।

जब कोई कंपनी शेयरों के माध्यम से धन जुटाने के लिए पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में खुद को रजिस्टर करती है तो उसे प्राइमरी कैटेगरी में रखा जाता है, वहीं एक बार जब कंपनी की नई सिक्योरिटी को प्राइमरी मार्केट में बेच दिया जाता है, तब उसका कारोबार सेकेंडरी में किया जाने लगता है। यहां निवेशकों को बाजार की मौजूदा कीमतों पर शेयर खरीदने और बेचने का मौका मिलता है।

शेयर के आलावा इनमें भी कर सकते हैं निवेश

स्टॉक एक्सचेंज में इन चार रूप (शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड और Derivatives) में ट्रेडिंग होती है, जिसमें सबसे पहला स्थान शेयर का होता है। अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के उतने फीसदी के हिस्सेदार हो जाते हैं। कंपनी के नफा-नुकसान का असर सीधे आपके उपर पड़ता है।

बांड लंबी अवधि के लिए खरीदे जाते हैं। जब एक कंपनी को पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है। पूंजी जुटाने का एक तरीका जनता को बांड जारी करना होता है। ये बांड कंपनी द्वारा लिए गए "ऋण" का प्रतिनिधित्व करते हैं। बांडधारक कंपनी के लेनदार बन जाते हैं और कूपन के रूप में समय पर ब्याज भुगतान प्राप्त करते हैं।

Long Term Investment: मोटे मुनाफे के लिए बेहतर है लंबे समय का निवेश, इन कंपनियों के शेयर्स ने 20 साल में दिया 1435 गुना तक रिटर्न

Long Term Investment: मोटे मुनाफे के लिए बेहतर है लंबे समय का निवेश, इन कंपनियों के शेयर्स ने 20 साल में दिया 1435 गुना तक रिटर्न

20 साल तक अगर आप अपनी पूंजी किसी अच्छे स्टॉक में करते हैं तो इससे बेहतर रिटर्न कहीं और निवेश पर नहीं मिल सकता है.

Long Term Investment in Stock Market: स्टॉक मार्केट में फटाफट कमाई करने के लिए लोग कई बार इंट्रा-डे ट्रेडिंग की तरफ आकर्षित हो जाते हैं, लेकिन इसमें अक्सर मोटे मुनाफे की जगह भारी नुकसान होने का खतरा बना रहता है. लेकिन अगर आप सही शेयर का चुनाव करके उसमें लंबे समय के लिए निवेश करें और अपनी पूंजी को उस कंपनी की ग्रोथ के साथ-साथ बढ़ने का मौका दें, तो आपका निवेश वेल्थ क्रिएशन का बेहतर जरिया साबित हो सकता है. इस रणनीति को आप इस तथ्य से भी समझ सकते हैं कि भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कई स्टॉक्स ऐसे भी हैं, जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में निवेशकों को काफी भारी-भरकम रिटर्न दिया है. मिसाल के तौर पर आयशर मोटर्स के शेयर ने 20 साल 1435.62 गुना का रिटर्न दिया है.

Eicher Motors

  • पिछले 20 वर्षों में आयशर मोटर्स ने निवेशकों को भारी रिटर्न दिया है. 31 अगस्त 2001 को इसके भाव 1.77 रुपये प्रति शेयर थे जो 20 वर्षों में बढ़कर आज 23 अगस्त सोमवार को 2541.05 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुए. इस प्रकार इसने निवेशकों को 20 वर्षों में 1,43,463 फीसदी का रिटर्न दिया यानी कि उनकी पूंजी 1435.62 गुना बढ़ गई.
  • आयशर मोटर्स एक भारतीय बहुराष्ट्रीय वाहन कंपनी है जो मोटरसाइकिल और कॉमर्शियल वेहिकल्स बनाती हैं. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह रॉयल एनफील्ड की पैरेंट कंपनी है. मोटरसाइकिल के अलावा आयशर स्वीडन की वोल्वो ट्रक्स के साथ संयुक्त कंपनी भी चलाती है.
  • पिछले 20 वर्षों में एशियन पेंट्स ने निवेशकों को भारी रिटर्न दिया है. 31 अगस्त 2001 को इसके भाव 17.63 रुपये प्रति शेयर थे जो 20 वर्षों में बढ़कर आज 23 अगस्त सोमवार को 3077 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुए. इस प्रकार इसने निवेशकों को 20 वर्षों में 17,354 फीसदी का रिटर्न दिया यानी कि उनकी पूंजी 174.53 गुना बढ़ गई.
  • एशियन पेंट्स एक भारतीय बहुराष्ट्रीय पेंट कंपनी है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है. कंपनी पेंट्स, कोटिंग्स, होम डेकोरेशन से संबंधित प्रॉडक्ट्स को बनाने, उनकी बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन करती है. यह बर्जर इंटरनेशनल की होल्डिंग कंपनी है. एशियन पेंट्स भारत समेत दुनिया के 15 देशों में मैन्यूफैक्चरिंग करती है.

Infosys

  • पिछले 20 वर्षों में इंफोसिस ने निवेशकों को भारी रिटर्न दिया है. 31 अगस्त 2001 को इसके एक शेयर का भाव 55.29 रुपये था, जो 23 अगस्त 2021 को 1739.60 रुपये पर बंद हुआ. इस हिसाब से इसने निवेशकों को 20 साल में 3047 फीसदी यानी 31.46 गुना का रिटर्न दिया है.
  • इंफोसिस एक भारतीय बहु्राष्ट्रीय आईटी कंपनी है जो बिजनस कंसल्टिंग, आईटी व आउटसोर्सिंग सर्विसेज उपलब्ध कराती है. यह टीसीएस के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है और फोर्ब्स की 2020 रैंकिंग के मुताबिक दुनिया की 602वीं सबसे बड़ी पब्लिक कंपनी है.

20 साल तक अगर आप अपनी पूंजी किसी अच्छे स्टॉक में करते हैं तो इससे बेहतर रिटर्न कहीं और निवेश पर नहीं मिल सकता है. आयशर मोटर्स ने निवेशकों ने 20 साल में करीब 1435 गुना रिटर्न मिला. बेहतर रिटर्न पाने के लिए सबसे पहला कदम बेहतर स्टॉक चुनना होता है जिसमें लंबे समय तक निवेश को बनाए रख सकें. किस कंपनी में निवेश करना सही फैसला रहेगा, इसका फैसला करने से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.

शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह

शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह

क्या है पीई रेशियो? ज्यादातर स्टॉक कैसे खरीदें निवेशक किसी शेयर में पैसा लगाने से पहले उसका पीई रेशियो क्यों देखते हैं? कैसे निकलता है शेयर का पीई रेशियो? हमने इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है. इससे स्टॉक कैसे खरीदें आपको निवेश के लिए सही शेयर का चुनाव करने में मदद मिलेगी.

क्या है पीई रेशियो?
किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू यानी यह पता लगाने के लिए कि वह सस्ता है या महंगा सबसे ज्यादा पीई रेशियों के पैमाने का इस्तेमाल होता है. इसे शेयर की कीमत और शेयर से आय का अनुपात कहा जा सकता है. शेयर से आय को शेयर बाजार की शब्दावली में ईपीएस कहते हैं. इसका मतलब अर्निंग प्रति शेयर है. किसी कंपनी के स्टॉक कैसे खरीदें मुनाफे में उसके कुल शेयरों की संख्या से भाग देने पर ईपीएस निकलता है. इसके बाद शेयर बाजार में शेयर की कीमत में ईपीएस से भाग देने पर पीई रेशियो निकलता है.

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