इन्वेस्टिंग

बेस्ट स्टॉक मार्केट बुक्स (बिगिनर्स के लिए)
परंतु जब बात स्टॉक मार्केट इन्वेस्टिंग की आती है तो लोग शेयर मार्केट के बेसिक्स और स्टॉक मार्केट से पैसे कैसे कमाए की सही जानकारी प्राप्त किए और सही समय दिए ही स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने के लिए कूद पड़ते हैं। बाद में उनको नुकसान होता हैं और वे स्टॉक मार्केट को जुंवा समझने लगते हैं।
दोस्तों, मैं नहीं चाहता की आपके साथ भी ऐसा कुछ हो और आप शेयर मार्केट में निवेश के द्वारा अच्छा पैसा कमाने से चूक जाएं। इसलिए मैं इस आर्टिकल में आपके लिए लेके आया हूँ Best Share Market Books in Hindi जो आपकी स्टॉक मार्केट से पैसा कमाने में बहुत अधिक मदद करने वाली हैं।
यह 100% सत्य है कि किसी भी चीज को तैयारी के साथ किया जाए तो उसका रिजल्ट आपकी आशा के अनुरूप मिलता है। इसलिए आपको स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले स्टॉक मार्केट की सही जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए जो कि शायद आपको Share Market Books in Hindi के अलावा कहीं ओर से मिल पाएगी।
इस आर्टिकल में हम Best Stock Market Books in Hindi के बारे में बात करेंगे जिन्हें मैंने स्वयं भी पढ़ा है और आपको भी पढ़ने की सलाह देता हूं।
7 Best Stock Market Books in Hindi 2022 (ट्रेडिंग & इन्वेस्टिंग बुक्स)
आज की तारीख में Stock Market एक आम आदमी के लिए उम्मीद बन गया है जहाँ वह अपनी कमाई गई पूँजी को निवेश करके अच्छा ख़ासा रिटर्न निकाल सकता है| क्योकि हम केवल Nifty 50 ही बात करे तो पिछले 10 वर्षों में निफ़्टी ने 12% से 13% का एवरेज रिटर्न दिया है जो भारत में किसी भी सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपोसिट से कही ज्यादा है|
अब सवाल आता है की एक सामान्य व्यक्ति जिसे स्टॉक मार्केट के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है वो अपनी इन्वेस्टमेंट की शुरुवात कैसे कर सकता है| तो यहाँ सबसे आसान और सरल तरीका है Stock Market Books – जो आपको हेल्प करेगी फाइनेंसियल मार्केट और पैसे के स्वभाव को समझने में ताकि आप अपने गोल्स को अचीव कर पाए|
इस पोस्ट में मैंने स्टॉक मार्केट की सबसे बेस्ट बुक्स की जानकारी दी है जिन्हे पढ़ने के बाद आप स्टॉक मार्केट में निवेश करना स्टार्ट कर सकते है और धीरे धीरे एक बेहतर पोर्टफोलियो बना सकते है|
Best Stock Market Books (2022)
नीचे दी गई बेस्ट स्टॉक मार्केट बुक्स को कई तरह की फैक्टर्स के आधार पर रैंक किया गया है जिसके कारण इसे हर Stock Market Beginners, Intraday Trader और Investor पढ़ सकता है| साथ ही अगर आप चाहते है की इन बुक्स को पढ़ने के साथ ही इनका पॉजिटिव असर सीधा आपको अपनी इन्वेस्टिंग लाइफ मे दिखे तो इसके लिए आप हर Chapter मे दी गई Learnings को छोटे छोटे स्टेप मे अप्लाई करना शुरू कर दे|
#1 The Psychology of Money
किसी भी Stock Market Beginners के लिए यह एक Must Read Book – जो आपको बताती है की पैसा कैसे काम करता है और कैसे आप पैसे के साथ अपने बर्ताव को बदलकर मैजिकल तरीके से वेल्थ बना सकते है| यह बुक आपको Rich होने और Wealthy होने में फर्क बताती है साथ ही छोटी छोटी सेविंग्स से Compounding Wealth कैसे बनाई जाती है इससे भी समझने में मदद करती है| मैं समझाता हूँ अगर आप अमीर बनना और बने रहना चाहते है तो सबसे पहला कदम इस बुक को पढ़ना हो सकता है जो आपको Money Mindset बनाए रखने में मदद करेगी|
#2 A Beginner’s Guide to the Stock Market
इस बुक के ऑथर Matthew R Kratter को करीब 20 साल का फाइनेंस फिल्ड में अनुभव है साथ ही वे एक Trader University के Founder भी है जहां वे Best Investment & Intraday Trading Strategies सीखते है| यह बुक पूरी तरह से Beginners के लिए है जहाँ आप स्टॉक मार्केट के Basic Levels को समझ सकते है तथा Trading & Investing को स्टार्ट कर सकते है| हालाँकि बुक इन्वेस्टिंग USA के स्टॉक मार्केट को ध्यान में रख कर लिखी गई है लेकिन आज की तारीख में ग्लोबल स्टॉक मार्केट एक जैसे ही काम करते है तो इसलिए किसी भी देश का व्यक्ति इसे पढ़ सकता है|
#3 Coffee Can Investing
Saurabh Mukherjea इस बुक के ऑथर है जो की Marcellus Investment Managers के Founder & CIO है साथ ही यह Clear Capital के Co-founder भी रह चुके है| यह बुक Basically आपको Low Risk & High Return Strategies के बारे मे बताती है| जहां पर सबसे ज्यादा स्टॉक सलेक्शन पर ध्यान दिया गया है और बताया गया है की इन्वेस्ट करने से पहले आपको कौन-कौन से Fundamentals को कन्सिडर करना चाहिए|
मेरे ख्याल से यह एक Retail Investor के लिए Best Indian Stock Market Books मे से एक है जो उसकों High Risk Investment से दूर रखती है साथ ही Long Term में आसान तरीके से वेल्थ कैसे बनाए इसकी भी समझ देती है|
#4 One Up On Wall Street
Peter Lynch द्वारा लिखी गई यह बुक वन ऑफ थे बेस्ट सेलिंग इनवेस्टमेंट बुक्स मे से एक है जो 1989 मे पब्लिश हुई थी और इसकी 1M से भी ज्यादा कॉपी बीक चुकी है| पीटर Magellan Fund के मैनेजर रह चुके है और उन्होंने 1977 से 1990 के बीच 29.2% का ऐन्यूअल रिटर्न निकाला है जो किसी भी Investment Enstoolment से कही ज्यादा है| यह बुक कुछ ऐसी Basic Strategies के बारे मे बात करती है जिसका इस्तेमाल करके आप Pro Investor & Trader से ज्यादा रिटर्न निकाल सकते है| जिन लोगों को स्टॉक मार्केट मे 6 महीने से 1 साल का समय हो गया है वो इस बुक को पढ़ सकते है|
#5 Learn To Earn
यह बुक भी Peter Lynch द्वारा लिखी गई| इसमे Long Term Investing से जुड़ी टिप्स दी गई है जो आपको आगे चलकर वेल्थी बनाने मे मदद करती है| यह बुक किसी भी कंपनी मे पैसे लगाने से पहले कौनसे चेक पॉइंट को देखना चाहिए, जिसके बाद आप कैसे एक स्मार्ट इनवेस्टमेंट निर्णय ले सकते है इसकी समझ देती है| साथ ही मार्केट को टाइम की बिना कैसे आप इन्वेस्ट कर सकते है उसके बारे मे भी बताती है| अगर आप रियल मे एक इन्वेस्टर बनाना चाहते है तो आपके लिए यह मस्ट रीड बुक हो सकती है|
#6 Market Wizards
यह बुक काफी बड़ी है और इसमें पूरी तरह से Stock Market Trading को समझाया गया है – तो अगर आप Beginner है तो हो सकता है की आपको कुछ भी समझ में ना आए| ऐसे मे मेरी सलाह है की जो व्यक्ति ट्रेडिंग लाइन में है और जिन्हे 1 साल से ज्यादा का समय हो गया है वो इस पढ़ने के लिए कंसीडर कर सकते है| Jack D. Schwager की इस बुक से आपको सीखने को मिलेगा – Trading Psychology, Mistake to Avoid, Stock Selection, How to Become Pro Trader और भी बहुत कुछ सिखाती है|
#7 The Intelligent Investor
ये बुक Investing की सबसे बेस्ट बुक है जिसे Benjamin Graham ने लिखा है जिसे Warren Buffet अपना गुरु मानते है और हर किसी को ये बुक पढ़ने की सलाह देते है| यह बुक 1934 मे लिखी गई है और आज करीब 85 साल बाद भी यह उतनी ही रेलवेंट है| हो सकता है की शुरू मे पढ़ने मे आपको थोड़ी से दिक्कत हो पर मैं यकीन से कहता हूँ की आपको Investing के बारे इतना सब कुछ सीखने को मिलेगा जो कही ओर नहीं मिलेगा|
आशा करता हूँ की आपको लिस्ट पसंद आई होगी| आप भी कमेन्ट करके हमे अपनी Best Stock Market Books के बारे मे बात सकते है| साथ ही आगे कुछ ओर भी बेहतर बुक्स को लिस्ट मे अपडेट करते रहेगे|
Posted by Abhishek
अभिषेक राजस्थान से हैं और वे हैप्पीहिंदी.कॉम पर बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट और पर्सनल फाइनेंस के विषयों पर पिछले 4 वर्षों से लिख रहे हैं| उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता हैं|
इन्वेस्टिंग
सेबीच्या नियमानुसार काँट्रा फंडमधील किमान ६५ टक्के गुंतवणूक ही इक्विटी म्हणजेच शेअर्स आणि इक्विटीशी संबंधित साधनांमधे झाली पाहिजे. आणि ती गुंतवणूक करताना फंड मॅनेजरने काँट्रारिअन इन्वेस्टिंग स्ट्रॅटेजीचा वापर केला पाहिजे.
सुरक्षित गुंतवणुकीचा प्रवाहाविरुद्ध पोहणारा म्हणजे काँट्रा फंड
भरत साळोखे
१३ जानेवारी २०२०
सेबीच्या नियमानुसार काँट्रा फंडमधील किमान ६५ टक्के गुंतवणूक ही इक्विटी म्हणजेच शेअर्स आणि इक्विटीशी संबंधित साधनांमधे झाली पाहिजे. आणि ती गुंतवणूक करताना फंड मॅनेजरने काँट्रारिअन इन्वेस्टिंग स्ट्रॅटेजीचा वापर केला पाहिजे.
Media Articles
समय भास्कर मुंबई । वैल्यू इन्वेस्टिंग का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकता है। वैल्यू की माप देखने वाले की आंख में होती है। हो सकता है कि किसी एक व्यक्ति के लिए जो वैल्यू है, जरूरी नहीं कि दूसरे व्यक्ति के लिए भी वही समान वैल्यू हो।
संक्षेप में, वैल्यू इन्वेस्टिंग निवेश का वह स्टाईल है, जिसमें निवेशक एक स्टाॅक इसके अंतर्निहित मूल्य से काफी अच्छी छूट पर खरीदता है। निवेशक ये स्टॉक खरीदते वक्त ‘सुरक्षा का मार्जिन’ चाहते हैं। यह स्टॉक के बाजार मूल्य और अंतर्निंहित मूल्य के बीच के अंतर के बराबर होता है।
बाजार दो चरम स्थितियों में बीच उतार-चढ़ाव करता रहता है। उदाहरण के लिए लापरवाह विकास के चलते स्टॉक प्रतिकूल हो सकते हैं। लेकिन बाजार में घबराहट के चलते नीचे गिरने की प्रकृति के कारण कीमतें अनापेक्षित स्तर तक नीचे जा सकती हैं। इस स्थिति में वैल्यू इन्वेस्टर के लिए अवसर के द्वार खुल जाते हैं, क्योंकि अब निहित मूल्य स्टॉक के मूल्य से बेहतर हो सकता है। इससे काफी कम कीमतों में खरीदी करने का अवसर मिलता है।
वैल्यू इन्वेस्टिंग के लिए दो प्रचलित सिद्धांत हैं। पहला बेंजामिन ग्राहम का ‘सिगार बट’ दृष्टिकोण है, जिसमें व्यक्ति आंकड़ों की दृष्टि से सस्ती कंपनियां खरीदता है, फिर चाहे बिजनेस खुद में उतना अच्छा न हो। इस सिद्धांत के तहत ये स्टॉक उसी तरह खरीदे जाते हैं जैसे कोई सबसे ज्यादा प्रयोग किया जा चुका सिगार खरीदा जा रहा हो। उसमें हो सकता है कि एक या दो पफ ही पीने के लिए बचे रह जाएं, जो बिल्कुल मुफ्त हो जाएंगे। तो यहां पर आप केवल संख्या की बात करते हैं और बिजनेस की क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।
दूसरा सिद्धांत वारेन बफेट का है, जिसमें आप टिकाऊ प्रतिस्पर्धी फायदे के साथ किफायती वैल्युएशन पर अत्यधिक उच्च क्वालिटी का बिजनेस चाहते हैं। मैं इसी सिद्धांत का पालन करता हूं।
इस सिद्धांत के साथ निवेश करते वक्त कंपनी में देखी जाने वाली कुछ विशेषताएं हैं: प्रबंधन की क्वालिटी, किसी प्रकार का खंदक या फिर प्रतिस्पर्धी फायदा, कम या फिर नगण्य उधार, उच्च लाभांश, न्यून पूंजी इंटेंसिटी तथा उच्च रिटर्न-आन-ईक्विटी (आरओई)। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह फंड्स किफायती वैल्युएशन पर उपलब्ध होने चाहिए। साथ ही व्यक्ति के निवेश का आधार लंबा होना चाहिए (आदर्श रूप से पाँच साल से ज्यादा)।
इस तरह के अवसर पहचानना और पाना बहुत मुश्किल हो सकता है और इसके लिए एक निवेशक की सोच होना जरूरी है। इसका मतलब है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में डर की इन्वेस्टिंग भावना को समाप्त कर देना तथा केवल भावनाओं की जगह तथ्यात्मक आंकड़ों के आधार पर काम करना।
अगर यह मुश्किल, भ्रामक या डर पैदा करने वाला लगे, तो चिंता न करें! भारत में निवेशकों के लिए अच्छी खबर यह है कि बाजार में अच्छी वैल्यू के कुछ फंड्स मौजूद हैं, जिनका ट्रैक रिकार्ड लंबा व अच्छा है और निवेशक इनमें निवेश करके अपने निवेश के फैसले को प्रोफेशनल मैनेजर्स पर छोड़ सकते हैं ।
वैल्यू फंड्स पोर्टफोलियो में कम तरलता और कम जोखिम प्रदान करते हैं। जब सुरक्षा के मार्जिन के साथ निवेश कर लिया जाता है, तो नीचे की गिरावट सुरक्षित हो जाती है और यदि बाजार लंबे समय तक गिरावट में रहे, तो इस तूफान से बाहर निकलने में मदद कर सकता है।
जब बाजार ऊपर की ओर बढ़ता है और वैल्युएशन महंगे हो जाते हैं, तो ऐसे वैल्यू फंड्स कुछ कैश कॉल करते हैं, क्योंकि निवेश-योग्य विचार काफी मुश्किल से आते हैं। वैल्यू फंड ‘हाट सेक्टर’ या फिर बाजार की कल्पनाओं के पीछे नहीं भागते हैं क्योंकि ये ज्यादातर महंगे होते हैं और वैल्यू की कार्ययोजना में फिट नहीं बैठते। एक बात जरूर है कि यदि बाजार अपनी गति जारी रखते हैं, तो अल्प अवधि में ये फंड रिटर्न कम कर देते हैं।
इसलिए इन फंडों में फंड मैनेजर्स तथा निवेशकों के लिए धैर्य, अनुशासन, दीर्घकालिक दृष्टिकोण और ‘परेशानी उठाने की क्षमता’ महत्वपूर्ण गुण हैं। इन फंड्स के मैनेजर्स अमूमन ऐसे सेक्टर तलाशते हैं, जो प्रतिकूल हों और ऐसी अच्छी कंपनियों में निवेश के अवसर तलाशते हैं, जिनके स्टॉक के मूल्य अंदरूनी या बाहरी अस्थाई कारणों की वजह से गिर गए हैं।
चूंकि स्टॉक के मूल्य तथा इसके अंतर्निहित मूय के बीच के अंतर को भरने में समय लग सकता है, इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि ऐसे फंड तभी लिए जाएं, जब व्यक्ति कम से कम पांच सालों के लिए इनमें निवेश बरकरार रख सके।
इन फंड्स का प्रमुख लक्ष्य है: मुश्किल हालात में गिरावट का लाभ उठायें और दीर्घकाल में अधिक मुनाफा कमायें। एनएवी में कम उतार-चढ़ाव के साथ रिटर्न की निरंतरता स्वर्णिम मापदंड है, जिसकी अपेक्षा ऐसी स्कीम रखती हैं। वो अंधे होकर अपने साथियों का अनुसरण करने की जगह एक अनुशासित दृष्टिकोण अपनाना पसंद करती हैं।
बिना विचार किये रिटर्न के पीछे भागने से जोखिम बढ़ता है। यह तब तक फायदेमंद हो सकता है, जब तक समय अच्छा रहता है। लेकिन जब बाजार करवट बदलता है, तब ऐसे फंड बड़े नुकसान पहुंचाते हैं क्योंकि वो हाट सेक्टर्स में निवेश करते हैं, जिनके वैल्युएशन उम्मीद के स्तर से बहुत ज्यादा होते हैं। इसके विपरीत लेबल पर टिके रहने वाले वैल्यू फंड इतना नीचे नहीं गिरते और इसीलिए आपकी पूंजी की रक्षा करते हैं।
इन फंड्स का मानना है कि कंपाउंडिंग की शक्ति दीर्घकाल में पूंजी का निर्माण करेगी और यह व्यक्ति की पूंजी का अनावश्यक जोखिम कम करके किया जा सकता है। उनका मानना है कि यदि आप पूंजी का नुकसान नहीं करते हैं, तो आप अपनी आधी लड़ाई यूं ही जीत जाते हैं।अंत में यही कहूंगा कि यदि निवेशक के पास कम से कम पांच साल तक पूंजी को निवेश में रखने का धैर्य है और वह कम तरलता तथा जोखिम के साथ दीर्घकालिक पूंजी निर्माण चाहता है, तो उसे निवेश के लिए वैल्यू फंड्स ही चुनना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दिए गए विचार व दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं और कंपनी या फिर उनके द्वारा दी गई स्कीम को किसी भी रूप में प्रमोट नहीं करते हैं।
मोमेंटम इन्वेस्टिंग क्या होता है? इसके क्या फायदे हैं !
यूटिलिटी न्यूज डेस्क !! यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या इसके बारे में जानते हैं, तो आप निश्चित रूप से मोमेंटम निवेश शब्द से परिचित होंगे। निवेश का पारंपरिक तरीका यह है कि जब स्टॉक कम हो तो इन्वेस्टिंग खरीद लें और जब यह बढ़ जाए तो बेच दें। मोमेंटम इन्वेस्टमेंट निवेश का एक तरीका है जिसमें शेयरों को तब खरीदा जाता है जब वे बुलिश होते हैं। जब तेजी का ग्राफ ऊपर जाता है तो बेचने की सलाह दी जाती है। कई निवेशकों के लिए मोमेंटम निवेश एक बहुत ही सटीक और प्रभावी तकनीक की तरह लगता है। मोमेंटम इन्वेस्टमेंट में ऐसे शेयरों का चयन किया जाता है जिन्होंने पिछले 3-12 महीनों में शानदार रिटर्न दिया हो। निवेशकों को उन शेयरों से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है जिन्होंने इस अवधि के दौरान कमजोर रिटर्न दिया है।
मोमेंटम इन्वेस्टमेंट के तहत, किसी को बाजार की अस्थिरता के बीच में रहना होगा। निवेशकों को यह जानने की जरूरत है कि किन शेयरों में तेजी आने लगी है ताकि उन्हें सही समय पर खरीदा जा सके। एक बार जब स्टॉक अपने चरम पर पहुंच जाता है, तो उसे बेच दिया जाता है। निवेशक कम समय में इसमें निवेश करते हैं और रिटर्न के साथ बाजार से बाहर निकलते हैं।
निवेश का अनुमान छोटा है
एक स्टॉक से खरीदने के बाद निवेशक दूसरे स्टॉक की तलाश करता है। कुल मिलाकर निवेशकों के अनुमान अल्पकालिक हैं। हालांकि, कुशल व्यापारियों के लिए यह एक प्रभावी तरीका है। अगर आप नए निवेशक हैं तो मोमेंटम निवेश से बचना चाहिए। जानकारी के अभाव में भारी नुकसान भी हो सकता है। मोमेंटम निवेश उन निवेशकों के लिए है जिनके पास बाजार में प्रवेश करने और बाहर निकलने का सही अनुभव है। वे नुकसान को सीमित करना भी जानते हैं।
यहां कुछ चीजें हैं जो आपको मोमेंटम निवेश के बारे में जानने की जरूरत है
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि जब बाजार में तेजी आ रही हो तो मोमेंटम निवेश से फायदा होता है। निवेश की इस पद्धति में, जब बाजार बढ़ता है तो इसे खरीदा जाता है और उम्मीद की जाती है कि यह और बढ़ेगा और फिर इसे बेचा जाएगा। इसके लिए बाजार में मजबूत बुल रन की जरूरत है।
मोमेंटम निवेशक कम होते हैं और उच्च रिटर्न पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उस मामले में, बुनियादी बातें उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं। ऐसे निवेशक देखते हैं कि कौन से सेक्टर में तेजी आ रही है और किन शेयरों में तेजी आने लगी है। वे इस उछाल का फायदा उठाते हैं।
गति कहीं से भी आ सकती है। स्टॉक लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप हो सकता है. यह किसी भी क्षेत्र का हो सकता है। अगर उछाल आता है तो ऐसे निवेशक आएंगे और बड़ा मुनाफा कमाने की कोशिश करेंगे।
मोमेंटम निवेश के लिए उपयुक्त स्टॉक के चयन की आवश्यकता होती है। गलत स्टॉक चुनने पर निवेशकों को भारी नुकसान भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, 2021 में, अदानी ग्रुप ऑफ कंपनीज और आईआरसीटीसी ने निवेशकों को समृद्ध किया। इस साल दर्जनों ऐसे शेयर हैं जिनमें भारी गिरावट आई है।
कोरोना काल में शेयर बाजार में तेजी के साथ निवेश का क्रेज देखने को मिला। स्मार्ट निवेशकों ने बड़ी कमाई की। हालांकि, बाजार इस समय दबाव में है। भारत की अर्थव्यवस्था कोरोना से उबरने की कोशिश कर रही है. बाजार के जानकारों का कहना है कि भारतीय बाजार में अगले कुछ सालों तक ग्रोथ जारी रहेगी। ऐसे में निवेशकों के लिए मोमेंटम एक बेहतरीन मौका होगा। हालांकि, इससे बचना चाहिए। अगर आप एक जानकार और अनुभवी निवेशक हैं तो ही आपको फायदा होगा। नहीं तो भारी नुकसान हो सकता है।