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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

Budget 2022: डिजिटल रुपया और डिजिटल एसेट्स में क्या अंतर है, इन पर किस तरह टैक्स लगेगा? खुद वित्तमंत्री ने दिया है इसका जवाब

आरबीआई शुरू से ही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज के खिलाफ रहा है। उसका मानना है कि ये देश की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरनाक हैं

अगर कोई करेंसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी नहीं की गई है, तो वह करेंसी नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी इसका उदाहरण है। इसे डिजिटल एसेट्स कहा जा सकता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतामरमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को पेश बजट (Budget 2022) में सरकार के डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लॉन्च करने की योजना के बारे बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। इसे इसी साल यानी 2022 में लॉन्च कर दिया जाएगा। उन्होंने डिजिटल एसेट्स पर लगने वाले टैक्स के बारे में भी बताया। यह भी बताया कि डिजिटल करेंसी और डिजिटल एसेट्स में क्या फर्क है। दरअसल डिजिटल करेंसी और डिजिटल एसेट्स को लेकर लोगों में काफी कनफ्यूजन है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

डिजिटल रुपया और डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?

एक करेंसी को करेंसी तभी माना जाता है, जब इसे किसी देश के केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी किया जाता है। अगर कोई करेंसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी नहीं की गई है, वह करेंसी नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी इसका उदाहरण है। इसे डिजिटल एसेट्स कहा जा सकता है।

Cryptocurrency : नहीं, डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक ही चीजें नहीं होती हैं, समझिए क्या है फर्क

पिछले कुछ सालों में डिजिटल करेंसी और डिजिटल वॉलेट्स का डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? इस्तेमाल बड़े स्तर पर फैला है और क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता से वर्चुअल करेंसी और वर्चुअल वॉलेट का कॉन्सेप्ट भी आ गया है. लेकिन ये सारी चीजें जितनी जल्दी हुई है, उससे थोड़ा भ्रम फैला है.

Cryptocurrency : नहीं, डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक ही चीजें नहीं होती हैं, समझिए क्या है फर्क

Cryptocurrency : अकसर लोग डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को एक ही चीज समझ लेते हैं.

पिछले एक दशक में मॉनेटरी सिस्टम में डिजिटल क्रांति (Digitalization) आई है. खासकर डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल शुरू होकर बहुत बड़े स्तर पर फैल गया है. खासकर कोविड-19 फैलने डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? के डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? बाद लगे लॉकडाउन में डिजिटल वॉलेट्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन को और भी बड़े स्तर पर लोगों को अपनाना पड़ा. और अब क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बढ़ती लोकप्रियता से वर्चुअल करेंसी और वर्चुअल वॉलेट का कॉन्सेप्ट भी आ गया है. लेकिन ये सारी चीजें जितनी जल्दी-जल्दी हुई है, उससे थोड़ा भ्रम जरूर फैला है.

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लोगों ने डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों को रखने के लिए शुरू कर दिया, और अकसर लोग क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी कहते दिख जाते हैं, लेकिन इन दोनों में फर्क है.

1. डिजिटल करेंसी vs डिजिटल कॉइन

डिजिटल करेंसी सरकारी फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को कहते हैं. डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करने में किया जाता है, जैसे कि आप जब अपने बैंक अकाउंट से किसी और के बैंक अकाउंट में पैसे भेजते हैं या फिर अपने फोन में किसी पेमेंट ऐप का इस्तेमाल कर रहे होते हैं, तो आप फ्लैट मनी में ही ट्रांजैक्शन कर रहे होते हैं, लेकिन फ्लैट मनी के ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को ही डिजिटल करेंसी कहते हैं. जब आप इसी पैसे को एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वो कैश बन जाता है.

लेकिन क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, इसका कोई फिजिकल फॉर्म नहीं है, आप इसे छू नहीं सकते हैं. इसकी वैल्यू इसे असाइन की गई कीमत में है. इन्हें डिजिटल कॉइन्स भी कहते हैं. क्रिप्टो डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? इकोसिस्टम में बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कई दूसरी डिजिटल कॉइन्स हैं. इन कॉइन्स को हाई-फाई कंप्यूटरों पर ऑनलाइन माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है और अधिकतर देशों में इनपर कोई सरकारी नियमन नहीं है. ये एडवांस्ड ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं और कह सकते हैं कि ये खुद का नियमन खुद करती हैं.

2. दोनों की सिक्योरिटी और इस्तेमाल

डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन हां, यूजर्स को अपने डिजिटल वॉलेट्स यानी की बैंकिंग ऐप या पेमेंट ऐप्स को स्ट्रॉन्ग पासवर्ड के जरिए सेफ रखना पड़ता है. इसके अलावा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड को पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखना होता है. डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल किसी भी उपलब्ध ऑनलाइन माध्यम से और हर उस चीज के लिए किया जा सकता है, जिसके लिए नकदी की जरूरत पड़ती है.

वहीं, क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षा के लिए बहुत मजबूत और जटिल एन्क्रिप्शन की जरूरत पड़ती है. क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करने या इसे खरीदने-बेचने के लिए सबसे पहले तो आपके पास बैंक अकाउंट और डिजिटल करेंसी की जरूरत पड़ेगी. उसके बाद आपको किसी क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. वहां से डिजिटल करेंसी से क्रिप्टोकरेंसी खरीदनी होगी, उसके बाद आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करेंगे.

अगर इसके इस्तेमाल की बात करें तो क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभी व्यापक नहीं है. ऑफलाइन दुनिया में इस ऑनलाइन करेंसी को अपनाया नहीं गया है. हालांकि, बहुत सी कंपनियों ने क्रिप्टो में पेमेंट लेना शुरू कर दिया है. वहीं, खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी कहा है कि वो चरणबद्ध तरीके से अपना क्रिप्टोकॉइन लाएगा.

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3. डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी का नियमन

जैसाकि हम पहले कह चुके हैं, डिजिटल करेंसी फ्लैट मनी का ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, ऐसे में इसका नियमन डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? भी वही संस्थाएं देखती हैं जो फ्लैट करेंसी का नियमन देखती हैं. फ्लैट करेंसी की एक निश्चित नियामक संस्था होती है, जो मौद्रिक नीतियां बनाती है और मॉनेटरी सिस्टम पर कंट्रोल रखती हैं. भारत में रुपया का नियम रिजर्व बैंक देखता है, वहीं डिजिटल करेंसी के ट्रांजैक्शन को संबंधित अथॉरिटी देखती है.

लेकिन वहीं, क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम पर बना हुआ है, यानी इसका कोई एक नियामक बिंदु नहीं है, जहां से इसपर नियंत्रण रखा जाता है या फिर इसपर नियम कानून लागू किए जाते हैं. इसे कोई एक संस्था नियमित नहीं करती है. क्रिप्टो मार्केट में जितने भी ट्रांजैक्शन होते हैं, उन्हें हर कोई देख सकता है. इसके लिए एक पब्लिक लेज़र होता है, जो सबके लिए कहीं भी उपलब्ध रहता है.

4. दोनों की स्थिरता

डिजिटल करेंसी सामान्यतया स्थिर ही रहती है. करेंसी में हल्का-उतार चढ़ाव रहता है, जिससे बाजार में अचानक तूफान नहीं आता. ऊपर से विश्व भर में इसे मान्यता मिली हुई है तो इसके ट्रांजैक्शन में कोई दिक्कत नहीं आती है. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी बाजार बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव का शिकार होता है. यहां पर बहुत ज्यादा अनिश्चितता होती है. वैसे भी क्रिप्टो अभी बहुत नया है. नये बाजार में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव रहना बहुत ही सामान्य बात है.

5. पारदर्शिता

डिजिटल करेंसी या फ्लैट करेंसी का सिस्टम बहुत ही प्राइवेट है. इसके ट्रांजैक्शन की जानकारी बस सेंडर, रिसीवर और बैंकिंग अथॉरिटी को रहती है. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जो भी ट्रांजैक्शन हो रहा है, उसकी जानकारी सबको होती है. सभी ट्रॉन्जैक्शन पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में दर्ज होते हैं. इससे सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहती है.

तकनीक की दुनिया में भारत की धमक, अब नोट या सिक्के नहीं डिजिटल करेंसी का भी होगा इस्तेमाल

ऑनलाइन पेमेंट के बाद अब डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? सरकार डिजिटल करेंसी लेकर आ रही है. 1 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी लांच करेगी. ई-रुपया के तरह इसे इस्तेमाल किया जा सकेगा.

By: पूनम पनोरिया | Updated at : 30 Nov 2022 06:28 PM (IST)

1 दिसंबर से लॉन्च हो जाएगा डिजिटल रुपया

जीवन यापन के लिए जरूरी चीजों में से एक है मुद्रा, जिसे हम रुपया या पैसा भी कहते हैं. पुराने समय से लेकर आधुनिक जीवन में इसके इस्तेमाल के तरीके में लगातार बदलाव हुआ है. पहले जहां लोग वस्तुओं के लेन-देन से चीजों को आपस में इस्तेमाल करते थे, वहीं उसके कुछ समय बाद अलग-अलग धातु की मुद्रा बाजार में आ गई और फिर कागजी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? नोटों का भी देन-लेन शुरू हुआ. लेकिन आज के दौर में चीजें लगातार बदल रही हैं, लोगों की आवश्यकता के मुताबिक इनमें बदलाव किए जा रहे हैं.

इस समय यदि हम कहीं कुछ खरीदारी या फिर खाना-खाते हैं तो कैश के साथ-साथ ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प भी है. अधिकतर लोग ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं. वहीं बाकि लोग भी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. धीरे-धीरे कैश पेमेंट का विकल्प कम होता जा रहा है. लोगों ने कैश रखना भी कम कर दिया है. क्योंकि किराने की दुकान, दूध, सब्जी वाले तक के पास ऑनलाइन पैसे लेने की सुविधा आ गई है.

इस कारण से लोग डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ रहे हैं. लेकिन अब आपको आने वाले समय में डिजिटल करेंसी भी देखने को मिलेगी. यानि की एक ई-रुपया होगा. जिसे किसी भी सामान्य नोट या करेंसी की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा. डिजिटल तौर पर इसका लेन-देन हो सकेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 1 दिसंबर को ये डिजिटल करेंसी लांच करने जा रही है. जिसके बाद आपकी जेब में ये डिजिटल करेंसी होगी.

भारत सरकार लगातार डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे रही है. इसी कड़ी में 1 दिसंबर को इस डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोटेक्ट के तौर पर लांच किया जा रहा है. शुरुआत में देश के 4 शहरों में इसे लांच किया जाएगा जिसमें मुंबई, नई दिल्ली,बेंगलुरु और भुवनेश्वर शामिल हैं. इन शहरों में ग्राहक और व्यापारी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. ये डिजिटल करेंसी आरबीआई द्वारा बैंक को उपलब्ध कराई जाएगी. शुरुआत में इन 4 शहरों के बाद इस डिजिटल करेंसी का विस्तार किया जाएगा और फिर अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में भी इसे जारी किया जाएगा.

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1 दिसंबर को आरबीआई, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को डिजिटल करेंसी का टोकन जारी करेगी. जिसके बाद ये लोगों तक पहुंचेगा और इसका इस्तेमाल होगा.

इसे मौजूद करेंसी की तरह ही इसे इस्तेमाल में लाया जा सकेगा और लोगों की उपयोगिता को देखते हुए इसका विस्तार किया जाएगा डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? और फिर अन्य बैंको में भी इस करेंसी को लागू किया जाएगा. जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं.

नोट की जगह होगी इस्तेमाल
डिजिटल रुपया को सैंट्रल बैंक डिजिटल कंरेसी सीबीडीसी का नाम दिया गया है. ये डिजिटल करेंसी मौजूदा करेंसी की तरह इस्तेमाल में आसान होगी. इसका लेन-देन भी नार्मल ट्रांजेक्शन की तरह किया जा सकेगा.

ये एक तरह से डिजिटल टोकन होगा जो बाकि पैसों की तरह ही इस्तेमाल हो सकेगा. जिस प्रकार से अभी 5, 10, 50, 100, 500, और 2000 के नोटों का इस्तेमाल हम इस्तेमाल करते हैं, ठीक उसी तरह इस करेंसी का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. ये मौजूदा करेंसी की तरह ही होगी. इसमें भी इतने ही यूनिट होंगे. साथ ही जैसे हम अभी अलग-अलग ऐप के जरिए डिजिटल वॉलेट को यूज करते हैं, उसमें एक निश्चित रकम रख पाते हैं ठीक उसी तरह इसमें भी रकम रखकर इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसे ऐप के जरिए इस्तेमाल कर सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी को बैंक द्वारा जारी किया जाएगा.

कैसे काम करेगी डिजिटल करेंसी ?
आरबीआई के मुताबिक शुरुआत में इस करेंसी को खुदरा व्यापारियों के लिए लांच किया जा रहा है. ये एक तरह से आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी होगी. जिसे ग्राहक और व्यापारी बैंको के जरिए डिजिटल रुपये (ई-आर) या ई-रुपये की तरह इस्तेमाल में ला सकेंगे.

इसका इस्तेमाल एक डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? लीगल टेंजर के साथ होगा. मौजूदा समय में कागजी और सिक्के जैसी मुद्रा की तरह ही इसकी वैल्यू होगी. ये पूरी तरीके से सुरक्षित होगी. क्योंकि केंद्रीय बैंक की तरफ से इस करेंसी को डिजिटल फॉम में एक लीगल टेंडर के साथ लांच किया जा रहा है और ये केंद्रीय बैंको की ओर से बाकि बैंको डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? को जारी होगा. उन बैंको से लोगों तक पहुंचेगा. इसीलिए ये पूरी तरह से सुरक्षित होगा. बैंक इसमें सरकार और जनता के बीच ब्रिज का काम करेंगी.

बैंक में जमा कर सकेंगे डिजिटल करेंसी
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आरबीआई बैंक ने दो भागों नें बांटा है जिसमें सीबीडीसी- खुदरा और सीबीडीसी-रिटेल करेंसी है. इन दोनों चीजों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति से इसका लेन-देन होने के साथ व्यापारिक जगहों पर क्यूआर कोड के जरिए इस्तेमाल होगा. इसके इस्तेमाल पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा. साथ ही इसे दूसरी करेंसी से भी बदला जा सकेगा यानि की इससे आप कागजी नोट भी ले सकेंगे. साथ ही बैंक में भी जमा करा सकेंगे.

देश की इकॉनामी को बढ़ावा देने के लिए इस करेंसी को लांच किया जा रहा है. इसीलिए सरकार इसे पहले लोगों के लिए उपयोग में आसान बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच कर रही है. अब देखना ये है कि लोगों के लिए ये कितना उपयोगी साबित होता है और इसके क्या फायदे देखने को मिलते हैं.

Published at : 30 Nov 2022 02:54 PM (IST) Tags: RBI DIGITAL RUPEE DIGITAL CURRENCY हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Explainer News in Hindi

क्या क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगी भारत की डिजिटल करेंसी, Crypto और Digital Rupee में क्या होंगे अंतर

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि भारत की डिजिटल करेंसी ठीक पैसों की तरह ही होगी, जिसका कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.

क्या क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगी भारत की डिजिटल करेंसी, Crypto और Digital Rupee में क्या होंगे अंतर

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Feb 04, 2022 | 12:26 PM

1 फरवरी को संसद में बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मौजूदा डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? समय की डिमांड को देखते हुए कुछ बड़े और जरूरी ऐलान किए. अब इस मौके पर समय की क्या डिमांड है? इस मौके पर समय की सबसे बड़ी डिमांड ये थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख साफ करे. लिहाजा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बजट में एक बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) या अन्य किसी वर्चुअल एसेट्स के लेनदेन में होने वाली कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स वसूला जाएगा. सरकार ने एक तरफ तो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता देने की कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की लेकिन इस पर टैक्स वसूली का ऐलान जरूर कर दिया. क्रिप्टो पर टैक्स लगाने का मतलब ये हुआ कि सरकार इसे मान्यता दे रही है. अब जब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बात हुई तो लगे हाथ सरकार ने अपनी सरकारी डिजिटल करेंसी को लेकर भी बड़ा ऐलान कर दिया. वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) जारी करेगा. RBI द्वारा जारी किए जाने वाली देश की डिजिटल करेंसी का नाम डिजिटल रुपी (Digital Rupee) होगा.

डिजिटल रुपी को लेकर पूछे जा रहे हैं ये सवाल

भारत की अपनी डिजिटल करेंसी का ऐलान हुआ तो इसे लेकर बाजार में चर्चाएं भी जोर-शोर से शुरू हो गईं. आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. लेकिन, इन सभी सवालों के बीच दो ऐसे सवाल हैं जो काफी कॉमन हैं. पहला सवाल ये है कि लोग जानना चाहते हैं कि क्या ये डिजिटल करेंसी को सरकार मान्यता देगी यानी ये डिजिटल करेंसी मान्यता प्राप्त होगी? दूसरा बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत की डिजिटल करेंसी भी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगी या फिर अलग होगी?

क्या डिजिटल करेंसी को मान्यता देगी सरकार

अब बात करते हैं डिजिटल करेंसी को लेकर पूछे जा रहे पहले सवाल की, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि क्या सरकार इसे मान्यता देगी? इसका जवाब बहुत सीधा और स्पष्ट है. अब जब सरकार ने ही इसे जारी करने का ऐलान किया है और जब देश का केंद्रीय बैंक यानी RBI ही इसे जारी करेगा तो इसे अलग से मान्यता देने की तो कहीं बात ही नहीं आती है. खैर, इस पहले सवाल का सीधा और स्पष्ट जवाब यही है कि आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी पूरी तरह से मान्यता प्राप्त होगी.

क्या क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगी भारत की डिजिटल करेंसी

पहले सवाल का उत्तर जानने के बाद अब हम दूसरे सवाल की बात करेंगे कि क्या भारत का डिजिटल रूपी (डिजिटल करेंसी) भी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगा या फिर इससे अलग होगा? न्यूज चैनल CNBC आवाज के साथ इंटरव्यू में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि भारत का डिजिटल रुपी, क्रिप्टोकरेंसी से काफी अलग होगा. उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से मान्यता प्राप्त होगा. भारत की डिजिटल करेंसी, मौजूदा भौतिक करेंसी की सब्स्टीट्यूट यानी विकल्प होगी. वहीं दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी एक एसेट क्लास है. और यही इन दोनों के बीच सबसे बड़ा फर्क है.

डिजिटल रुपी और क्रिप्टो में क्या होंगे अंतर

राजीव कुमार ने बताया कि भारत की डिजिटल करेंसी ठीक पैसों की तरह ही होगी, जिसका कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके अलावा डिजिटल करेंसी का स्टोर ऑफ वैल्यू और एक्सचेंज दोनों किया जा सकेगा. जबकि क्रिप्टो में ऐसा नहीं होता. डिजिटल रुपी, आरबीआई की मान्यता प्राप्त यूनिट ऑफ अकाउंट होगा. डिजिटल रुपी का इस्तेमाल सभी ट्रांजैक्शन में किया जा सकेगा.

आसान भाषा में कहें तो डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आप कहीं भी कर सकेंगे. जिस तरह जगह-जगह डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन पेमेंट एक्सेप्ट किए जाते हैं ठीक उसकी तरह डिजिटल रुपी भी एक्सेप्ट किए जा सकेंगे. लेकिन आप एक क्रिप्टो लेकर किराने की दुकान पर आटा या चावल खरीदने जाएंगे तो शायद आपको वहां से निराश होकर खाली हाथ ही लौटना होगा.

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