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ट्रेडिंग के प्रकार

ट्रेडिंग के प्रकार
आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम ट्रेडिंग के प्रकार से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

Trading से पैसे कैसे कमाते हैं | Trading Se Paise Kaise Kamaye ट्रेडिंग के प्रकार ट्रेडिंग के प्रकार 2022

इस पोस्ट में जानेंगे – ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ), ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi ), Trading से पैसे कैसे कमाए (Trading Se Paise Kaise Kamaye).

Trading के बारे में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह पोस्ट आपके लिए लिखा है। इस लेख में आपको पूरी जानकारी जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं (Trading Se Paise Kaise Kamaye) तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा।

शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है, मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है। अगर आप शेयर मार्किट बारे में विशेष कुछ नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि – नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए (Must read)

ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ).

सामान्य तौर पर ट्रेडिंग का मतलब क्रय और विक्रय से हैं, जब ट्रेडिंग के प्रकार हम किसी चीज को खरीदते हैं और उसे बेच देते हैं इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. हमारे आसपास हम बहुत सी चीजों को देखते हैं जो किसी ना किसी के द्वारा खरीदी बेची जाती है, वह सभी लोग जो इन चीजों के क्रय विक्रय में शामिल होते हैं ट्रेडर कहलाते हैं।

इसी प्रकार स्टॉक मार्केट में जब आप शेयरों की खरीदारी और विक्रय करते हैं तब आप शेयर मार्केट में एक ट्रेडर कहलाते हैं, और आपके द्वारा की गई क्रिया जिसमें आप शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं ट्रेडिंग कहलाती है।

शेयर मार्केट दो तरह से पैसा लगाया जाता है, एक है निवेश तो दूसरा ट्रेडिंग। सेम डे या शार्ट टर्म के लिए किसी शेयर के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi )

Share Market में trading को चार भागों में विभाजित किया गया है।

  1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
  2. स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग (Swing Trading or Short Term Trading )
  3. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
  4. पोज़िशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच ट्रेडिंग के प्रकार दिया जाता है, यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को इंट्रा-डे ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते है।

Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है। इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं। यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है।

Swing Trading क्या है?

Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।

Scalping Trading क्या है?

Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।

Positional Trading क्या है?

Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।

Position Trading को Delivery Trading भी बोलते है, क्योंकि Position मतलब अपनी जगा फिक्स करना जैसे कि Intraday Trading हम एक दिन के लिए Trading कर सकते थे, ठीक वैसे ही Position Trading में हम अपने Stock को जो हमे Buy या Sell क्या है उसको हम होल्ड करके रख सकते है, कुछ टाइम के लिए।

ट्रेडिंग क्या है?

ट्रेडिंग क्या है

ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:

  • स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
  • स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
  • पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।

स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।

ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।

इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।

ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।

ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।

लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।

अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।

हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।

पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।

ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।

भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:

फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।

यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?

ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।

Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:

Online Trading क्या है , Trading से पैसे कैसे कमाएं ट्रेडिंग के प्रकार – पूरी जानकारी हिंदी में।

क्या आप भी Trading करते हैं? आजकल हम न्यूज़ और बाजार में Online Trading के बारे में सुनते रहते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि Trading क्या है? ट्रेडिंग कैसे करते हैं? ट्रेडिंग से लाभ कैसे कमाते हैं? Trading से पैसे कैसे कमाए? आज हम आपको ट्रेडिंग से संबंधित जानकारी trading meaning in hindi प्रदान करेंगे और आपको बताएंगे कि किस प्रकार आप भी Online Trading करके लाखों रुपए घर बैठे कमा सकते हैं। ऐसे सभी लोग जो किसी ने किसी व्यापारिक क्रियाकलाप में लगे होते हैं उन्हें Trading के बारे में जानकारी अवश्य होती है. लेकिन जिस ट्रेडिंग कि आज हम बात कर रहे हैं वह इंटरनेशनल मार्केट में ट्रेडिंग (Trading in the International Market) करने की विधि है. दरअसल international market mein Trading करना आसान भी है लेकिन कौन सा शेयर कब खरीदना है और कब बेचना है, इसकी जानकारी के लिए काफी आवश्यक है. क्योंकि इसी से आप का मुनाफा और नुकसान तो होता है. नए लोग ट्रेडिंग कैसे करें, ट्रेडिंग से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे Online Trading Article के साथ बने रहे.

Trading क्या है | नए लोग Online Trading कैसे करें

हम सभी अपने दैनिक जीवन में trading जरूर करते हैं. दरअसल यह वही है जो एक दुकानदार आपके साथ करता है. यानी आप थोक में किसी वस्तु को बाजार की कीमत से कम रेट पर खरीद लेते हैं. जबकि जब आप उसे बेचते हैं तो उसे थोड़ा अधिक रेट में बेचते हैं, जिससे आप का लाभ होता है. यही trading activity कहलाता है. लेकिन जिस ट्रेडिंग कि आज हम बात कर रहे हैं वह आम जिंदगी और गली मोहल्ले की खरीदारी से अलग है. आज हम Stock Trading in the International Market के बारे में बात करेंगे. trading में हम शेयर मार्केट (stock market) से ट्रेडिंग के प्रकार शेयर खरीदने और बेचने (buying and selling shares) का काम करते हैं। जहां हम stock exchange से share कम कीमत पर खरीदते हैं और उस share की कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देते हैं। इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग के प्रकार trading कहते हैं .

Stock Market Trading: ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए

हमेशा लोग आमतौर पर शेयर बाजार का जिक्र सुनते रहते हैं. दरअसल बड़ी कंपनियां अपनी पूंजी को शेयर के रूप में बाजार में प्रस्तुत करती हैं. कोई भी व्यक्ति इन शेयर को खरीद सकता है. कंपनियां समय-समय पर खरीदारों को आमंत्रित करती हैं जो उनका शेयर खरीदना चाहते हैं. अब कंपनी के उस share का मालिक वह खरीदार होता है जिसने उसे खरीदा है. कोई भी व्यक्ति किसी भी कंपनी का शेयर खरीदकर उसे अधिक दाम में बेच कर मुनाफा कमा सकता है. इसी को अंतरराष्ट्रीय बाजार की भाषा में Trading कहा जाता है.

Trading को उदाहरण के साथ समझते हैं

कोई व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 शेयर खरीदना है जिसकी कीमत आज ₹3000 है, अब इस share का अधिकारी वह व्यक्ति ही होगा जिसने उसे खरीदा है. वह व्यक्ति 1 साल के भीतर कंपनी के इस share को किसी दूसरे व्यक्ति को बेच सकता है, दूसरा व्यक्ति उस समय मार्केट में चल रही वैल्यू के हिसाब से शेयर खरीद लेता है, उदाहरण के लिए जब शेयर बेचा गया तो मार्केट में उसकी कीमत ₹3500 थी, इस प्रकार व्यक्ति ने ₹3000 का शेयर खरीद कर कुछ दिनों बाद या 1 साल के अंदर ₹3500 में बेच दिया और ₹500 का मुनाफा कमा लिया. इसी को Trading कहते हैं.

Note: जरूरी नहीं कि आपके द्वारा खरीदा गया शेयर भविष्य में आपको लाभ दें, कई बार ऐसा भी होता है कि आपने जिस कीमत पर शेयर खरीदा था मार्केट में उसके वैल्यू लगातार घटती रहती है और आपको घाटे में उसे बेचना पड़ता है. इसलिए हमेशा शेयर खरीदते समय उस मार्केट की पूरी पड़ताल और व्यापारी गतिविधियों की खबर रखनी चाहिए.\

ट्रेडिंग के प्रकार

विभिन्न प्रकार के शेयर मार्केट में मौजूद हैं जिन्हें आप निम्नलिखित ट्रेंडिंग की विधियों के अनुसार खरीद और बैच सकते हैं:

  • Scalping Trading
  • Intraday Trading
  • Swing Trading
  • Positional Trading

Scalping Trading Kya Hai?

यह Trading की एक ऐसी विधि है जिसमें शेयर बाजार से शेयर खरीद कर उसे 1 घंटे या उसके आसपास के समय में बेच देते हैं. यानी सुबह 9:15 के बाद से आप अंतरराष्ट्रीय शेयर खरीद सकते हैं और उसे 10:00 या 10:30 तक भेज दें तो उसे Scalping Trading कहा जाएगा. इस प्रकार के ट्रेड खरीदते समय बहुत चौकन्ना रहना पड़ता है.

Intraday Trading Kya Hai?

जैसा कि नाम ही से पता चल रहा है, यह ट्रेडिंग की एक ऐसी विधि है जिसमें 1 दिन के भीतर ही आप ट्रेडिंग कर सकते हैं. यानी सुबह आपको शेयर खरीदना है और उसे शाम 3:30 से पहले बेच देना है. इसके लिए आप पूरे दिन में किसी भी समय शेयर खरीद और बेच सकते हैं.

Swing Trading Kya Hai?

यह Trading की एक ऐसी विधि है जिसमें कोई व्यक्ति शेयर खरीद कर 1 दिन से अधिक या कुछ हफ्तों तक उस शेयर को अपने पास होल्ड रख सकता है. इस प्रकार मार्केट में उसके शेयर की कीमत बढ़ जाने के समय वह उसको बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकता है.

Positional Trading Kya Hai?

position trading अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए एक साल की अवधि के भीतर का समय देता है. यानी आप बाजार से शेयर खरीद कर उसे कुछ महीनों या 1 साल के भीतर मूल्य में वृद्धि होने पर बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

इस प्रकार आप अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन (Trading account open in international market) करके ट्रेडिंग कर सकते हैं. याद रहे ट्रेडिंग करने के लिए अधिकतम अवधि 1 साल की होती है. यदि आप 1 साल से ज्यादा कोई शेयर खरीद कर रखते हैं तो हो सकता है कि वह ट्रेडिंग ना होकर इन्वेस्टमेंट बन जाए.

Trading क्या है? Stocks में कितने प्रकार की होती है? हिंदी में(2022)

Trading

आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या होती है?

Trading शब्द का उपयोग व्यापार में प्राचीन काल से होता आ रहा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है किसी वस्तु का या किसी उत्पाद का विनिमय करके लाभ प्राप्त करना । अर्थात् जब व्यापारी किसी उत्पाद(product) या वस्तु को कम मूल्य पर खरीदकर अधिक मूल्य पर बेच दे उसे trading कहा जाता है।

शेयर बाजार मैं ट्रेडिंग का अर्थ होता है उसमें लिस्टेड कंपनियों में खरीदी तथा बिक्री करना इसकी समय सीमा 1 दिन से लेकर 1 साल तक होती है अर्थात यदि आप कोई कंपनी के शेयर 1 दिन से लेकर 1 साल तक अपने पास रखते हैं तो कह सकते हैं कि आप उसमे ट्रेडिंग कर रहे हैं। जिसमें कंपनी का शेयर ही उसका उत्पाद होता है जिसमें लेनदेन का काम किया जाता है।

उदाहरण के रूप में हम इसे इस तरीके से समझ सकते हैं कि रिलायंस नाम की कंपनी है जिसका शेयर प्राइस ₹2000 है। एक व्यक्ति जिसका नाम प्रतीक है वह उसके शेयरों को खरीदता है तथा जब शेयर की कीमत 2500 रुपए हो जाती है तो वह उसे बेच देता है तथा उस पर ₹500 का लाभ अर्जित करता है तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करके यह पैसे कमाए हैं।

शेयर मार्केट मैं ट्रेडिंग बिना कंपनी के फंडामेंटल को समझें केबल प्राइस के आधार पर की जाती है जिसमें जैसे ही प्राइस बढ़ता है हम शेयर बेचकर पैसे कमा ट्रेडिंग के प्रकार सकते हैं।

इस प्रकार की trading में चार्ट का महत्वपूर्ण स्थान होता है । क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट के विभिन्न पैटर्नो का अध्ययन किया जाता है।

जिसमें कंपनी के फंडामेंटल को समझें बिना केवल चार्ट के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है ।चार्टों के इस प्रकार के अध्ययन को tecnical analysis कहते है।

ट्रेडिंग के प्रकार

ट्रेडिंग को मुख्यतः 4 प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं।

  1. Scalping
  2. Intraday trading
  3. Swing trading
  4. Positional trading

Scalping trading क्या होती है।

Scalping से तात्पर्य उस प्रकार की ट्रेडिंग से है जिसमे किसी कंपनी के शेयरों को कुछ समय के लिए खरीदा जाता है तथा फिर उसे बेच दिया जाता है ।

Scalping की समय सीमा 1मिनट से लेकर 15 मिनट तक होती है । इसमें लाभ उस समय के बीच मार्केट में हुए उतार चढ़ाव के आधार पर की जाती है।

Scalping मार्केट में 9:15 से लेकर 9:20 के बीच कभी भी की जा सकती है। इस समय के दौरान आप मार्केट में ट्रेड करके पैसा बना सकते हैं।

Intraday trading क्या होती है?

वह ट्रेडिंग जिसमे किसी कम्पनी के शेयर्स को 1 दिन के के लिए खरीदा तथा बेचा जाता है intraday trading कहलाती है। जो buyers तथा sellers इसमें सक्रिय रूप से trading करते है उन्हे intraday traders कहा जाता है।

Intraday trading की समय सीमा एक दिन के भीतर कितनी भी हो सकती है परंतु यह trading केवल 9:15 से 3:20 तक के बीच मे ही की जा सकती है यदि आप अपने शेयर्स 3:20 तक नहीं बेचते हो तो आपका स्टॉक ब्रोकर्स इन्हे सेल कर देगा ।

इस प्रकार की trading में चार्ट का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि चार्ट में मार्केट के छोटे से लेकर बड़े उतार चढ़ाव का ब्यौरा होता है चार्ट के अध्ययन के लिए इसमें बहुत सारे tools होते हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

Swing trading क्या होती है?

Swing trading से मार्केट में बहुत सारे लोगों ने पैसा बनाया है। एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें किसी कंपनी के शेयरों को 1 दिन से अधिक समय के लिए रखा जाता है यह समय एक हफ्ता एक महीना तथा 1 साल तक हो सकता है।

Swing trading में भी चार्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण है इसमें दिए गए विभिन्न टाइम फ्रेम का यूज करके आप मार्केट में आए स्विंग का पता लगा सकते हैं और वहां से पैसा बना सकते हैं।

यह ट्रेडिंग इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आपको किसी शेयर में बढ़ोतरी के लिए अधिक समय मिल जाता है।

Positional trading क्या होती है?

पोजीशनल ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसमें शेयरों को एक से अधिक दिन के लिए रखा जाता है परंतु यदि स्वयं ट्रेडिंग 1 महीने से अधिक के लिए हो जाती हैं तो उसे हम पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं। पोजीशनल ट्रेडिंग में कंपनी के शेयरों को 1 महीने से 1 साल तक के लिए होल्ड किया जाता है तथा चार्ट की मदद से मार्केट में आए उतार-चढ़ाव के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है।

आशा करता हूं कि आज के ब्लॉग के माध्यम से आपको ट्रेडिंग क्या होती है तथा यह कितने प्रकार की होती है समझ में आ गया होगा। जिससे आप जब भी शेयर बाजार में शुरुआत करें आपको इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी रहे।

आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो या किसी तरह के finace या शेयर बाजार से संबंधित सवाल हो तो हमे comment करके बता सकते है हम आपको पूरी मदद करेंगे ।

Trading क्या होती है?

किसी व्यापार में ट्रेडिंग का तात्पर्य किसी वस्तु या उत्पाद को कम कीमत पर खरीद कर उसे ऊंचे दाम पर बेचकर लाभ प्राप्त करने को कहते हैं।
शेयर बाजार में उत्पाद की जगह कंपनी के शेयरों को खरीदा तथा बेचा जाता है।

Trading के कितने प्रकार होते है

ट्रेडिंग मुख्यतः चार प्रकार की होती है
Scalping, intraday trading, swing trading,तथा positional trading ।

क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम बनाई जा सकती है?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर ट्रेडिंग के प्रकार के आप रेगुलर इनकम बना सकते हैं बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने इसे करके रेगुलर इनकम बनाई है परंतु इसमें पैसे कमाने के लिए आपको discipline के साथ यह करनी होगी तभी आप इसमें सफल हो सकते हो ।

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