ट्रेडिंग क्या होती है

Wrong Trade: स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यही है की अगर ऐसे शेयर में ट्रेड ले लिया जिसमें ज्यादा मूवमेंट न हो तो आपका एक महीना बर्बाद भी हो सकता है क्योंकि स्वींग ट्रेडिंग में Share को कुछ हफ्तों तक होल्ड करके रखा जाता है।
ट्रेडिंग क्या है ( Trading meaning in Hindi )
Trading in Hindi: अक्सर आप विज्ञापन या लोगो के द्वारा ट्रेडिंग , इन्वेस्टमेंट जैसे शब्द सुनते हैं और इनके माध्यम से पैसे कमाना और अमीर बनना आदि बातों को सुनकर किसी Trading App या Company में ट्रेडिंग करना शुरू कर देते हैं.
अगर आप नहीं जानते हैं की ट्रेडिंग क्या है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाते हैं तो आज आप इस लेख में ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से जुड़ी सारी जानकारी पढ़ेंगे जैसे ट्रेडिंग क्या है और यह कैसे होती , इसमें पैसे लगाए या नहीं आदि।
आसान शब्दों में ट्रेडिंग का मीनिंग व्यापर होता है जैसे किसी वस्तु को खरीदकर बेचना और मुनाफा कमाना और इसी तरह से Stock Trading भी है।
What is Trading in Hindi
साधारण भाषा में वस्तुओं की खरीद और बिक्री को ट्रेडिंग यानी व्यापार कहा जाता है। इसी तरह शेयर बाजार में सिक्योरिटी को ख़रीदा अथवा बेचा जाता है जैसे Stock , bonds , currencies and commodities ( Oil , Gold ) .
जैसे हमने किसी कंपनी का स्टॉक ख़रीदा या मुद्रा और गुड्स में निवेश किया और फिर दाम बढ़ने पर इनको बेच दिया , इसी टर्म को ट्रेडिंग कहते हैं। ध्यान रहें ट्रेडिंग में आपको loss/profit दोनों हो सकता है मार्केट के घटने या बढ़ने पर।
Stock Market में ट्रेडिंग करने के लिए आपका Demat Account होना जरूरी है और इसी अकाउंट से आप शेयर खरीद या बेच सकते हैं।
Demat Account हमेशा एक अच्छे Broker से खुलवाएं जिससे आपको hidden charge और extra charge ना देना पड़े। Account verified होने के बाद आप Stock , IPO , ( F&O ) , Mutual Funds में ट्रेड कर सकते हैं.
Types of Trading
Share Market में तीन तरह से ट्रेडिंग की जाती है :
- Intraday Trading
- Positional Trading
- Swing Trading
Intraday Trading: इसे Day Trading भी कहा जाता है क्योंकि इसमें एक ही दिन शेयर को ख़रीदा या बेचा जाता है. भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 am पर खुलता है और शाम के 3:30 pm पर बंद होता है.
और Intraday Trading में इसी अवधि के बीच शेयर की खरीद बिक्री होती है. इस तरह की ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा लाभ कमाने के लिए की जाती है लेकिन कभी कभी इसका उल्टा भी होता है।
Positional Trading: अगर आप कोई शेयर खरीदते हैं और ट्रेडिंग क्या होती है उसको एक ही दिन बेचने के बजाय एक हफ्ते या जब आपका मन हो तब बेचे , इसे Positional Trading कहा जाता है और इसके लिए आपको Share खरीदते वक्त Delivery चुनना पड़ता है.
ट्रेडिंग कैसे शुरू करें How to start Trading in Hindi
आजकल ट्रेडिंग करने के लिए कई सारे App उपलब्ध है जैसे expert option , IQ Option , Olymp Trade , Binomo Trading App etc. लेकिन अगर आपको एक सफल ट्रेडर बनना है तो आपको Share Market में ट्रेडिंग करना चाहिए।
इसके लिए सबसे पहले आपको किसी Broker के माध्यम से Demat Account खुलवाना है और उस Demat Account में आपको अपने Bank Account से Money Add करके ट्रेडिंग करनी है.
शेयर बाजार में आप दो तरह से ट्रेडिंग कर सकते हैं पहला Stocks को sell/buy कर सकते है दूसरा आप Future And Options ( F&O ) में ट्रेडिंग कर सकते हैं. Future and Options को Derivative trading कहा जाता हैं।
चूकि F&O में Trade करना High Risk हो सकता हैं इसलिए आपको पहले Stocks में Trading करके बाजार को समझना है। बाजार में निवेश की शुरआत से पहले आपको Market को अच्छे से विश्लेषण करना है ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहें।
पेपर ट्रेडिंग क्या हैं ?
"पेपर ट्रेडिंग याने की पेपर पर ट्रेडिंग करना।" आसान हैं ? तो ठीक हैं। इतनी आसान बात को मुश्किल क्यों बनाना ?
इस बात पर ध्यान दें की, अपनी मेहनत की कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा काम हैं। और इससे भी ज्यादा जोखिम ट्रेडिंग में होती हैं। इसलिए नेट प्रैक्टिस तो बनती ही हैं। हैं ना ? इससे डर और लालच पर कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। फियर अँड ग्रीड के बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं। और फिर यहाँ कंटीन्यू कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में, क्रिकेट की ही तरहा, गया तो सिक्स वर्ना कैच आउट वाली सिच्युएशन की संभावना रहती हैं। इसे पहचानने के लिए और बचने के लिए हमें पेपर ट्रेडिंग करनी होती हैं। और हम यह भी कह सकते हैं की, ट्रेडिंग में प्रॉफिट का सिक्सर लगाने के लिए हमें इसे करना चाहिए।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री और स्टेप्स
यहाँ पर हम सामग्री और प्रोसेस को समझ लेते हैं।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री
पेपर, पेन्सिल या पेन हो तो भी चलेगा। मोबाईल या लॅपटॉप जो अवेलेबल हैं और इंटरनेट कनेक्शन। बस इतने से काम चल जाएगा।
महत्वपूर्ण बात
पेपर ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है। यह अगले स्टेप में आता हैं। आइए पहले हम पेपर ट्रेडिंग के स्टेप्स समज़ते हैं।
पेपर ट्रेडिंग करने के 8 स्टेप्स
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना, टेक्निकल एनालिसिस करना। यह हम इन्वेस्टिंग की वेबसाइट पर कर सकते हैं।
2 ) बायिंग, सेलिंग और स्टॉप लॉस ऑर्डर्स को समज़ना।
3 ) ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स, इंडेक्स, इत्यादि का चुनाव करना। इनकी लिस्ट बनाना।
4 ) अपने चुने हुए स्टॉक्स को चार्ट एनालिसिस के जरिए ट्रैक करना।
पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?
जवाब में कहते हैं कि, नए ट्रेडर्स को बेसिक पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। और जो ऑलरेडी ट्रेडर्स हैं, ट्रेडिंग करते हैं उनको एडव्हान्स लेवल के साथ पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। स्टॉक मार्केट चर्निंग करने के लिए भी पेपर ट्रेडिंग उपयुक्त साबित होता हैं।
A ) पेपर ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए
अगर हम नए ट्रेडर हैं। और शुरुआत करने जा रहे हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट में कौन-कौनसे शेयर्स हैं यह देखकर उनमे से कुछ शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।
2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम सिर्फ शेयर के प्राइस चार्ट को लेते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। शुरुआत में इतना काफी है।
पेपर ट्रेडिंग की खासियतें
पेपर ट्रेडिंग हमारे ट्रेडिंग स्टाइल पर निर्भर हैं। इसपर मेरे ट्रेडिंग करने वाले, ज्यादातर भाई और बहनें कहेंगे की हमारी तो कोई स्टाइल हैं ही नहीं। उनके लिए खुशखबरी यह हैं की, पेपर ट्रेडिंग करो आपकी ट्रेडिंग स्टाइल अपने-आप बनती जाएंगी। जिसे की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी भी कहते हैं।
" जिनके पास ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी होती हैं वह सुधार के लिए बैक टेस्टिंग करते हैं। और जिनके पास यह नहीं होती वो पेपर ट्रेडिंग करके अपने लिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।"
रियल ट्रेडिंग करते वक्त, हम रियल मनी ट्रेडिंग अकाउंट में डालते हैं। और इसके जरिए ट्रेडिंग करते हैं। अगर हम नए हैं और हमें लॉस होता हैं तो यह हमारे लिए इमोशनल प्रॉब्लम बन सकता है। Stock Market % Game में फँसकर, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के बारे में हमारा नजरिया निगेटिव हो सकता है। लेकिन पेपर ट्रेडिंग करने से हमें चार्ट को समझकर, प्राइस मूवमेंट को समझकर ट्रेडिंग करने की आदत हो जाती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान
इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग
इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
अगर आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे
स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके
Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग
जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी ट्रेडिंग क्या होती है पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है
वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे
स्विंग ट्रेडिंग के जोख़िम और फ़ायदे – Swing Trading Risk And Benefits
Monthly Income(Monthly P&L): स्विंग ट्रेडिंग से Monthly Income कमायी जा सकती है प्रॉफिट हुआ या लोस्स ये महीने के अंत में ही पता चल जाता है
Margin: स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर द्वारा मार्जिन नहीं मिलता है पूरा पैसा अपनी जेब से लगाना पड़ता है इसलिए जिनके पास कम पैसा है वो स्विंग ट्रेडिंग से ज्यादा कमा नहीं सकते है आम तौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए कम से कम 2 से 5 लाख रुपये की आवश्यकता होती है।
Overnight Holding Risk: स्वींग ट्रेडिंग में Overnight Holding Risk होता है कई बार किसी न्यूज़ की वजह से मार्किट Gap Up या Gap Down Open होता है जिसकी वजह से आकस्मिक लाभ या हानि हो सकती है ऐसी लाभ या हानि का पहले अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
Swing Trading Tips In Hindi
- ट्रेंड को कन्फर्म करे और हमेशा मार्किट की दिशा में ही ट्रेड करें Strength पर Buy करें और Weakness पर Sell करें।
- स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छा ट्रेडिंग प्लान बनाये जिसमे Entry, Exit, Stop Loss, Target ये सभी शामिल होने चाहिए।
- ऐसे किसी भी शेयर में स्विंग ट्रेड न ले जिसमे 10% से ज्यादा Move आ चूका हो क्योंकि वहां से वह शेयर अपनी दिशा बदल भी सकता है।
- जिस शेयर में Trade ले रहे है उसका VAR (Value At Risk) जरूर चेक करे क्योंकि VAR से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है की अगर वह ट्रेड गलत हुआ तो कितना नुकसान हो सकता है।
Swing Trading को ट्रेडिंग का King भी कहते है क्योंकि इसमें बाकि ट्रेडिंग स्टाइल की तुलना में Risk कम होता है और Profit की संभावना ज्यादा होती है कोई भी ट्रेडर जो Stock Market में नया होता है उसे स्विंग ट्रेडिंग से ही अपने ट्रेडिंग करियर की शुरुआत करने के सलाह दी जाती है।
क्या हम मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान इंट्राडे सौदे कर सकते हैं?
मुहूर्त कारोबार के दौरान पहला ऑर्डर खरीदारी का दिया जाता है. इस दिन कारोबारी आमतौर पर नफे-नुकसान की चिंता नहीं करते हैं.
मुहूर्त कारोबार के दौरान पहला ऑर्डर खरीदारी का दिया जाता है. इस दिन कारोबारी आमतौर पर नफे-नुकसान की चिंता नहीं करते हैं. मान्यता है कि इस दिन खरीदे गए शेयरों को भविष्य की पीढ़ी के लिए संजो कर रखा जाता ट्रेडिंग क्या होती है है.
ऐसा नहीं है कि इस दिन कोई बेच नहीं सकता. इंट्राडे ट्रेड भी किए जाते हैं, मगर बाजार आम दिन की तरह रफ्तार नहीं पकड़ता. बाजार में कोई शेयर तभी खरीद सकता है, जब कोई दूसरा बेच रहा हो. इसका अर्थ है कि बाजार में खरीदे और फरोख्त, दोनों ही किस्म के सौदे किए जाते हैं.
क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग का समय?
महुर्त ट्रेडिंग का समय बहुत पहले से निर्धारित नहीं होता. बीएसई और एनएसई दिवाली से कुछ दिन पहले शुभ मुहर्त का आधार पर इसका ऐलान करते हैं. पूरा सत्र एक घंटे का होता है. इस दौरान शेयरों की खरीद-फरोख्त सामान्य रूप से की जाती है. मुहर्त ट्रेडिंग कारोबारी घंटों के इतर भी हो सकती है.