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पटना में कुख्यात गोपी ठाकुर सहित 5 अपराधी अरेस्ट: बुद्धा कॉलोनी में ऑयल ट्रेडर को मारी थी गोली, बाइपास के डबल मर्डर में भी गैंग था शामिल
कुख्यात अपराधी गोपी ठाकुर को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसके गैंग में शामिल अपराधियों को भी पकड़ा है। ये गैंग पिछले 5 महीने से लूट और हत्या के बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहा था। सोमवार को पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने गोपी ठाकुर समेत कुल 5 अपराधियों के गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है। SSP के अनुसार गोपी ठाकुर पटना सिटी के खांजेकला थाना इलाके का रहने वाला है।
2019 में इसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। अब तक हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी और छीनतई के कुल 10 आपराधिक मामले इसके उपर दर्ज हैं। इस साल जनवरी महीने में ही ये जेल से छुटा था। पुलिस ने इसके साथी दीपक उर्फ भदई (नीम घाट, खाजेकलां), राहुल कुमार उर्फ राहुल बोर (खांजेकला), विक्की उर्फ टिकटिक यादव और बंटी कुमार (गर्दनीबाग) को पकड़ा है। इन सब का आपराधिक इतिहास है। सभी ट्रेडर वीडियो को खांजेकला इलाके से ही गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से एक पिस्टल समेत दो हथियार, एक एक्स्ट्रा मैगजिन, 7 गोली और वारदात को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए गए दो स्पोर्टस बाइक बरामद की गई है।
मेन लाइनर निकला बंटी
पटना के बुद्धा कॉलोनी इलाके में इसी महीने ऑयल ट्रेडर नटवर अग्रवाल को लूट के दौरान गोली मारी गई थी। SSP ने दावा किया कि इस वारदात का मेन लाइनर गिरफ्तार बंटी है। इस केस की जांच जब शुरू हुई तो पता चला कि जिस जगह पर नटवर अग्रवाल की एसके ट्रेडर्स की ऑफिस है, वहीं पर एक सिंह जी हैं। जिनका ड्राइवर बंटी है। वहां वो तीन महिनों से काम कर रहा था। इसके पहले वो छीनतई के मामले में आलमगंज थाना से जेल गया था। बंटी का चचेरा बहनोई है अपराधी राहुल बोर। इसके जरिए गोपी ठाकुर गैंग से जुड़ा। जिस दिन नटवर अग्रवाल को गोली मारी गई, उस दिन उसे पता चला था कि 25 लाख कैश लेकर ये लोग निकलने वाले हैं।
अपराधियों ने बनाए थे दो ग्रुप
बंटी ने राहुल बोर को बताया था कि कैश दो भागों में बंट कर निकलता है। फिर यह बात गोपी और बाकी के अपराधियों को बताई गई। इसके बाद इन अपराधियों ने दो टीम बनाई। एक नटवर के पीछे लगी और दूसरा उनके स्टाफ के पीछे। स्टाफ के साथ बहादुरपुर में लूटपाट हुई थी।
कंकड़बाग में लूटपाट के दौरान आर्मी जवान की गोली मारकर हत्या की गई थी। उस मामले में गिरफ्तार किए गए अपराधी शिवम और उसके ट्रेडर वीडियो गैंग का कनेक्शन गोपी ठाकुर के इस गैंग के साथ था। शिवम के साथ पकड़ा गया विवेक गुप्ता उर्फ कोबरा और गोपी ठाकुर नटवर अग्रवाल के पीछे लगे थे। दूसरा जो ग्रुप बना था उसमें अपराधी रिशू, जिसे आरा से पकड़ कर लाया गया था पहले के एक केस में, इसके साथ आज पकड़ा गया टिकटिक यादव व बख्तियारपुर का शिव सम्राज शामिल थे। ये ग्रुप नटवर के स्टाफ के पीछे लगा था। हालांकि, कारोबारी और उनके स्टाफ के पास कैश रुपए थे ही नहीं।
गोपी ठाकुर ने डबल मर्डर को दिया था अंजाम
कुछ दिनों पहले पटना के ही बाइपास थाना में चंदन और गोलू की हत्या हुई थी। डबल मर्डर के इस वारदात को गोपी ठाकुर ने ही अंजाम दिया था। इन दोनों को इसने ही अपने हाथों से गोली मारी थी। इस वारदात में टिकटिक यादव भी शामिल था। परसा बाजार में हरिओम ट्रेडर्स के ऑफिस में डकैती हुई थी। इस वारदात को भी अपराधियों के इसी गैंग ने अंजाम दिया था। इसी साल होली के टाइम अगमकुआं में एक कलेक्शन एजेंस से 70 हजार रुपए लूट लिए गए थे। इसमें गोपी ठाकुर भदई के साथ शामिल था।
खांजेकला में अपराधी टिकटिक यादव का दूसरे अपराधी कालिया से विवाद चल रहा था। दोनों के बीच हुई गोलीबारी हुई थी। इसमें टिकटिक की गोली से 12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी। तब से टिकटिक फरार था, जो अब पकड़ा गया है। SSP के अनुसार इन अपराधियों के पकडे़ जाने से कुल 6 आपराधिक मामलों का खुलासा हुआ है।
बैंक फर्जीवाड़ा: शाखा प्रबंधक और ट्रेडर को 5-5 साल की सजा, BoM को लगाया था 12 लाख का चूना
सीबीआई ने 8 नवंबर, 2011 को दोनों आरोपियों के खिलाफ साजिश रचने का एक मामला दर्ज किया था, जिसमें न्यू अलीपुर बैंक ऑफ महार . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 10, 2022, 06:56 IST
कोलकाता: अलीपुर में सीबीआई मामलों के एक विशेष न्यायाधीश ने कोलकाता के न्यू अलीपुर बैंक ऑफ महाराष्ट्र ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर देबातोष चंदा और कोलकाता के लोअर रेंज स्थित चटर्जी एक्सपोर्ट्स के मालिक इंद्रजीत चटर्जी को 5-5 साल की कारावास की सजा सुनाई है. इन दोनों को 2011 में बैंक को 12 लाख रुपये का चूना लगाने का दोषी पाया गया है. न्यायाधीश ने चंदा और चटर्जी पर क्रमश: 57,000 रुपये और 51,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
सीबीआई ने 8 नवंबर, 2011 को दोनों आरोपियों के खिलाफ साजिश रचने का एक मामला दर्ज किया था, जिसमें न्यू अलीपुर बैंक ऑफ महाराष्ट्र ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर देबातोष चंदा ने इंद्रजीत चटर्जी को बिना किसी दस्तावेज के फर्जी ऋण खाता बनाकर 12 लाख रुपये का लोन अप्रूवल दे दिया था. जांच के बाद सीबीआई ने 27 नवंबर 2002 को विशेष न्यायाधीश की अदालत में आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
मध्य प्रदेश में भी सामने आया था ऐसा एक मामला
बीते महीने मध्य प्रदेश के खंडवा में इसी तरह के एक बैंक फर्जीवाड़े में यूको बैंक के मैनेजर और आरोपियों को विशेष न्यायाधीश ने 5-5 वर्ष कारावास और 8 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी. पूनमचंद विश्वकर्मा और उसकी पत्नी ओमवती विश्वकर्मा ने यूको बैंक की शाखा गांव खंडवा से लोन लेने के लिए आवेदन किया था. यूको बैंक के तत्कालीन शाख प्रबंधक यूएनपी सिन्हा ने 7 लाख 50 हजार रुपए का भूमि के विक्रय पत्रक की सत्यापित प्रति रखकर लोन स्वीकृत कर दिया. जबकि लोन नियम के तहत बैंक से मॉर्गेज के रूप में लोन के रूप में राशि प्राप्त करने के लिए भूमि के विक्रय पत्र की मूल प्रति बैंक में रखा जाना आवश्यक था.
दंपति और बैंक मैनेजर ने ऐसे किया था फर्जीवाड़ा
दंपति और शाखा प्रबंधक पर आरोप था कि उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र रचकर भूमि के मूल दस्तावेज गारंटी के रूप में नहीं रखे, जिससे कारण आरोपी पूनमचंद और ओमवती ने यूको बैंक की लोन राशि चुकता किए बिना, फिर से पंजाब नेशलन बैंक की दोराहा शाखा में लोन के लिए आवेदन किया. पंजाब नेशनल बैंक से भी 10 लाख रुपए की राशि पूनमचंद और उसकी पत्नी ओमवती ने ले ली और विक्रय पत्र की मूलप्रति पंजाब नेशनल बैंक में मॉर्गेज के रूप में रख दी.
विशेष न्यायाधीश ने दी 5-5 वर्ष कारावास की सजा
ऐसे में पूनमचंद और उसकी पत्नी ने यूको बैंक से साढ़े 7 लाख रुपए और ब्याज कुल मिलाकर 10.60 लाख रुपए जमा नहीं किए. यूको बैंक के संभागीय प्रबंधक की शिाकायत पर ईओडब्ल्यू भोपाल ने दंपति और तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक यूएनपी सिन्हा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच में तीनों को फर्जीवाड़े का दोषी पाया गया. विशेष न्यायाधीश ने पूनमचंद, उसकी पत्नी ओमवती और यूको बैंक के तत्कालीन प्रबंधक यूएनपी सिन्हा को 5-5 वर्ष कारावास और 8 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.
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मूल्य जाल क्या है? बुल ट्रैप क्या है? ट्रेडर के लिए खतरनाक क्यों है?
एक बैल जाल एक गलत व्यापार संकेत के लिए एक शब्द है, एक व्यापारी को धोखा दे रहा है कि डाउनट्रेंड खत्म हो गया है, अपट्रेंड वापस आ रहा है, जिससे व्यापारी बाजार में कूद जाएगा और दिशा में व्यापार करेगा। दाम बढ़ गए। वास्तव में, बुल ट्रैप होने के बाद, मूल्य तुरंत फिर से नीचे गिर जाता है, जिससे व्यापारी ने हार मान ली।
बुल ट्रैप - जिसे झूठे ब्रेकआउट के रूप में भी जाना जाता है - झूठे ब्रेकआउट, झूठे ब्रेकआउट
बैल का अर्थ है बैल, वित्त में बैल बाजार का प्रतिनिधित्व करने वाला शब्द। जाल एक जाल है
आमतौर पर एक बैल जाल कहां दिखाई देता है?
बैल जाल की सबसे ट्रेडर वीडियो लगातार घटना प्रतिरोधों पर होती है। मूल्य प्रतिरोध के ऊपर जाता है, यह महसूस करते हुए कि एक प्रतिरोध ब्रेकआउट होता है और अपट्रेंड जारी रहेगा, व्यापारियों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करता है, लेकिन फिर प्रतिरोध से नीचे गिर जाता है, जिससे व्यापारियों को ब्रेक मिलता है। में खरीदा, नुकसान की स्थिति में गिर गया।
कीमत और डाउनट्रेंड लाइन के बीच चौराहे के बिंदु पर एक बैल जाल भी हो सकता है। प्रारंभ में, डाउनट्रेंड लाइन के ऊपर की कीमत में कटौती, ट्रेंड लाइन को तोड़ने की भावना पैदा करने और मंदी से तेजी की ओर प्रवृत्ति को उलट देती है, लेकिन फिर प्रवृत्ति रेखा से नीचे गिर गई, जिससे व्यापारियों को कीमत टूटने पर खरीदने के लिए प्रेरित किया। डाउनट्रेंड लाइन टूट गई ट्रेडर वीडियो है और बैल जाल में फंस गई है।
व्यापारियों के लिए एक बैल जाल खतरनाक क्यों है?
जाल खतरनाक रूप से बढ़ जाते हैं क्योंकि यदि व्यापारी अनुभवहीन हैं, तो वे मूल्य फंसने और नुकसान की चपेट में आ जाएंगे। बुल ट्रैप होने के बाद, कीमतें तेजी से गिरावट की दिशा में उलट सकती हैं। यदि व्यापारी ने अभी तक स्टॉप लॉस ऑर्डर नहीं दिया है, तो व्यापारी जल्दी से खो सकता है।
बढ़ती कीमत के जाल को कैसे रोका जाए?
मूल्य जाल को रोकने के कुछ तरीके:
- खरीद आदेश के रूप में जैसे ही तंग स्टॉप लॉस सेट करें
- ट्रेडिंग वॉल्यूम की पुष्टि के लिए प्रतीक्षा करें। नए लेनदेन की बड़ी मात्रा
- प्रतिरोध से ऊपर कैंडलस्टिक पैटर्न एक मजबूत मोमबत्ती मॉडल होना चाहिए
- बुल का जाल होने के लिए प्रतिरोध को तोड़ने के बाद मोमबत्ती को जारी रखने के लिए प्रतीक्षा करें।
उदाहरण के लिए मूल्य जाल को कैसे रोका जाए
- बिंदु 1 पर, मूल्य एक खराब कैंडलस्टिक पैटर्न + घटी हुई मात्रा के साथ प्रतिरोध को तोड़ता है ==> अनुशंसित ट्रेडिंग नहीं है क्योंकि यह फंस सकता है
- बिंदु 2 पर, मूल्य एक मजबूत कैंडलस्टिक पैटर्न (तेजी से मारूबोज़) + मजबूत बढ़ती व्यापारिक मात्रा ==> के साथ मूल्य को फँसाने की संभावना को कम करता है।
- बिंदु 3 पर, कीमत एक मजबूत कैंडलस्टिक पैटर्न और बढ़ी हुई व्यापारिक मात्रा के साथ प्रतिरोध को तोड़ती है। फिर एक और बुलिश कैंडल है, जिससे अपट्रेंड ==> के लिए कीमतों में फंसने की संभावना कम हो गई है।
उपरोक्त लेख में बुल ट्रैप के बारे में बताया गया है - साथ ही साथ बुल ट्रैप से बचने के कुछ बुनियादी तरीके भी। तकनीकी विश्लेषण में, कुछ भी पूर्ण नहीं है और इसलिए पूर्वोक्त तरीके केवल अनुभव हैं। मुझे उम्मीद है कि यह बुल ट्रैप से बचने के लिए ट्रेडिंग में आपकी मदद करेगा।
ट्रेडर्विएट के अनुसार
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ट्रेडर और निवेशक के बीच का अंतर जानें | Know the difference between a trader and an investor
इक्विटी बाजारों के संदर्भ में निवेश करना और ट्रेड करना अक्सर एक दूसरे के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि, ये दो बहुत अलग दृष्टिकोण हैं - एक लाभ प्रदान करता है, दूसरा धन सृजन करता है। ऐसे:
आइए, लगभग समान मूल्य के दो अलग-अलग स्टॉक की मदद से प्रत्येक दृष्टिकोण को समझते हैं।
परिदृश्य 1: ₹25 के मौजूदा बाजार मूल्य (CMP) वाले स्टॉक X को मौलिक रूप से मजबूत माना जाता है, जिसमें दीर्घकालिक वृद्धि की क्षमता है।
निवेशक: आज ₹25 की दर से X की 1000 यूनिट खरीदता है - 3 साल बाद इन शेयर को ₹36 की दर से बेच देता है।
परिदृश्य 2: ₹25 के CMP वाला स्टॉक Y आवर्ती उद्योग से संबंधित है, जो इस समय बढ़ रहा है।
ट्रेडर: Y की 1000 यूनिट ₹25 की दर से खरीदता है - इसे एक सप्ताह के भीतर ₹26 की दर से बेच देता है। एक महीने के बाद फिर से ₹29 की दर से समान संख्या में यूनिट खरीदता है और ₹30.5 की दर से बेच देता है। तीसरी बार ₹28.75 की दर से खरीदता है और ₹27 की दर से बेच देता है, और अंत में ₹28 की दर से खरीदता है और ₹29.5 की दर से बेच देता है।
इन दो अलग-अलग दृष्टिकोणों में, एक निवेशक लंबी अवधि में ₹11,000 का लाभ अर्जित करता है, जबकि एक ट्रेडर तीन धनात्मक और एक ऋणात्मक ट्रेड के बाद ₹2250 का शुद्ध लाभ अर्जित करता है।
ट्रेड करना बनाम निवेश करना: एक तुलना
कौन सी रणनीति बेहतर है?
परंपरागत रूप से निवेश और ट्रेडिंग के बीच के अंतर को व्यक्ति के व्यक्तित्व से जोड़ा गया है (तुलना अक्सर खरगोश और कछुए की कहानी से की जाती है)। हालाँकि, यह कहना कि कोई एक रणनीति सही है या दूसरे से बेहतर है, इसे कुछ ज्यादा ही सरल करके प्रस्तुत करना होगा। हर व्यक्ति के अलग-अलग लक्ष्य और अपेक्षाएँ होती हैं, और ऐसा कोई कारण नहीं है कि उनकी जोखिम सहने की क्षमता और रणनीति विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नहीं बदल सकती है।
सही ज्ञान से लैस व्यक्ति दोनों रणनीतियों का लाभ उठा सकता है। वह मजबूत स्टॉक का एक पोर्टफोलियो बना सकते हैं जो लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा, जबकि सक्रिय ट्रेडिंग के लिए फंड का एक अलग पूल अल्पकालिक लाभ प्रदान कर सकता है, जिसका उपयोग विविध खर्चों को वहन करने के लिए किया जा सकता है।
इक्विटी बाजारों के संदर्भ में निवेश करना और ट्रेड करना अक्सर एक दूसरे के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि, ये दो बहुत अलग दृष्टिकोण हैं - एक लाभ प्रदान करता है, दूसरा धन सृजन करता है। ऐसे:
आइए, लगभग समान मूल्य के दो अलग-अलग स्टॉक की मदद से प्रत्येक दृष्टिकोण को समझते हैं।
परिदृश्य 1: ₹25 के मौजूदा बाजार मूल्य (CMP) वाले स्टॉक X को मौलिक रूप से मजबूत माना जाता है, जिसमें दीर्घकालिक वृद्धि की क्षमता है।
निवेशक: आज ₹25 की दर से X की 1000 यूनिट खरीदता है - 3 साल बाद इन शेयर को ₹36 की दर से बेच देता है।
परिदृश्य 2: ₹25 के CMP वाला स्टॉक Y आवर्ती उद्योग से संबंधित है, जो इस समय बढ़ रहा है।
ट्रेडर: Y की 1000 यूनिट ₹25 की दर से खरीदता है - इसे एक सप्ताह के भीतर ₹26 की दर से बेच देता है। एक महीने के बाद फिर से ₹29 की दर से समान संख्या में यूनिट खरीदता है और ₹30.5 की दर से बेच देता है। तीसरी बार ₹28.75 की दर से खरीदता है और ₹27 की दर से बेच देता है, और अंत में ₹28 की दर से खरीदता है और ₹29.5 की दर से बेच देता ट्रेडर वीडियो है।
इन दो अलग-अलग दृष्टिकोणों में, एक निवेशक लंबी अवधि में ₹11,000 का लाभ अर्जित करता है, जबकि एक ट्रेडर तीन धनात्मक और एक ऋणात्मक ट्रेड के बाद ₹2250 का शुद्ध लाभ अर्जित करता है।
ट्रेड करना बनाम निवेश करना: एक तुलना
कौन सी रणनीति बेहतर है?
परंपरागत रूप से निवेश और ट्रेडिंग के बीच के अंतर को व्यक्ति के व्यक्तित्व से जोड़ा ट्रेडर वीडियो गया है (तुलना अक्सर खरगोश और कछुए की कहानी से की जाती है)। हालाँकि, यह कहना कि कोई एक रणनीति सही है या दूसरे से बेहतर है, इसे कुछ ज्यादा ही सरल करके प्रस्तुत करना होगा। हर व्यक्ति के अलग-अलग लक्ष्य और अपेक्षाएँ होती हैं, और ऐसा कोई कारण नहीं है कि उनकी जोखिम सहने की क्षमता और रणनीति विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नहीं बदल सकती है।
सही ज्ञान से लैस व्यक्ति दोनों रणनीतियों का लाभ उठा सकता है। वह मजबूत स्टॉक का एक पोर्टफोलियो बना सकते हैं जो लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा, जबकि सक्रिय ट्रेडिंग के लिए फंड का एक अलग पूल अल्पकालिक लाभ प्रदान कर सकता है, जिसका उपयोग विविध खर्चों को वहन करने के लिए किया जा सकता है।
व्हील चेयर पर भी जिंदादिली, बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का एक पुराना डांस वीडियो वायरल
Rakesh jhunjhunwala passes away: झुनझुनवाला ने 1985 में शेयर ट्रेडर वीडियो बाजार में अपना पहला निवेश किया। 5000 रुपये से 40,000 करोड़ का साम्राज्य खड़ा करने वाले झुनझुनवाला अपने काम को जुनून के साथ करते थे।
Rakesh jhunjhunwala: बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का पुराना डांस वीडियो वायरल(फोटो सोर्स: वीडियो ग्रैब)।
Rakesh jhunjhunwala passes away: शेयर मार्केट के बेताज बादशाह कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने 62 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। मुंबई में ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल ने उनके निधन की पुष्टि की है। राकेश झुनझुनवाला को उनकी सादगी और अपने काम के प्रति जुनून के लिए जाना जाता था। उनके ट्रेडर वीडियो निधन की खबर के बीच सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो व्हील चेयर पर बैठे हुए, डांस कर रहे हैं।
बता दें कि राकेश झुनझुनवाला का यह वीडियो पुराना है लेकिन उनके निधन के बाद यह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो से राकेश झुनझुनवाला की जिंदादिली का अंदाजा लगाया जा सकता है। दरअसल व्हील चेयर पर होते हुए भी झुनझुनवाला जिंदगी को दिल से जीना सीखा रहे हैं। वीडियो में वो बंटी और बबली फिल्म के ‘कजरा रे’ गाने पर व्हील चेयर पर बैठकर डांस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अरबपति बिजनेस टायकून, स्टॉक ट्रेडर और इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। दो-तीन हफ्ते पहले उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। माना जा रहा था कि वो ठीक हो जाएंगे। लेकिन 14 अगस्त को उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
Mangal Transit: 120 दिन शुक्र की राशि में ट्रेडर वीडियो विराजमान रहेंगे मंगल ग्रह, इन 3 राशि वालों को धनलाभ के साथ तरक्की के प्रबल योग
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राकेश झुनझुनवाला अपनी जिंदगी में रिस्क लेने से पीछे नहीं हटते थे। वो कॉलेज के दिनों से ही शेयर मार्केट दिलचस्पी दिखाने लगे थे। स्कूल खत्म होने के बाद उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में एडमिशन लिया। और 1985 में शेयर बाजार में अपना पहला निवेश किया। 5000 रुपये से 40,000 करोड़ का साम्राज्य खड़ा करने वाले झुनझुनवाला अपने काम को जुनून के साथ करते थे।
निजी जिंदगी:
5 जुलाई 1960 को हैदराबाद में जन्में राकेश झुनझुनवाला का परिवार मूल रूप से राजस्थान से था। उनके पिता राधेश्याम जी झुनझुनवाला इनकम टैक्स ऑफिसर थे और उनकी माता का नाम उर्मिला झुनझुनवाला था। राकेश की शादी रेखा झुनझुनवाला से हुई थी और उनके तीन बच्चे भी हैं। साल 1985 में महज 5000 रुपए से शुरू की गई इन्वेस्टमेंट से झुनझुवाला ने तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपए तक क साम्राज्य खड़ा किया।