ब्रोकर पंजीकरण

Updated Fri, 15 Nov 2019 11:48 PM IST
Stock Broker Meaning in Hindi
अगर आप स्टॉक मार्केट में रूचि रखते है तो आपने कभी न कभी स्टॉक ब्रोकर का नाम जरूर सुना होगा, शेयर मार्केट में ट्रेड या निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। इसलिए आज हम Stock Broker Meaning in Hindi लेख के जरिए समझेंगे कि स्टॉक ब्रोकर क्या होता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है?
तो चलिए Stock Broker Meaning in Hindi के प्रत्येक पहलु को समझते है….
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
स्टॉकब्रोकर एक बिचौलिये की तरह काम करता है जिसके पास निवेशक और ट्रेडर की ओर से स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक और प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का अधिकार होता है।
स्टॉक ब्रोकर सीधे स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से निवेशक और ट्रेडर के आधार पर ट्रेड करते हैं। क्योंकि, एक निवेशक या ट्रेडर स्टॉक एक्सचेंजों में सीधे ट्रेड नहीं कर सकता है। स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए, आपको एक मध्यस्थ की आवश्यकता होती है जो लेनदेन में आपकी सहायता करता है। यह बिचौलिया स्टॉक ब्रोकर होता है जो आपकी ओर से स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए अधिकृत है।
Stock Broker Meaning in Hindi समझते समय, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि एक स्टॉकब्रोकर निवेशक और ट्रेडर के लिए काम करता है। इसलिए अपनी सर्विस के लिए ब्रोकर आपसे कुछ कमीशन भी चार्ज करता है। ब्रोकर की भूमिका अपने क्लाइंट के लिए शेयर खरीदना और बेचना है।
इसके अलावा स्टॉकब्रोकर एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; वे मार्केट की सही जानकारी प्रदान करते हैं जो एक निवेशक को सही निवेश निर्णय लेने में मदद करती है।
स्टॉकब्रोकर सेबी द्वारा रजिस्ट्रेड होते है इसलिए हम इन पर भरोसा कर सकते है और इनके साथ अपने निवेश की शुरुआत कर सकते है। इसके साथ ही, जिस स्टॉक ब्रोकर को आप चुन रहे है वह स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य भी होना चाहिए और सेबी के साथ पंजीकृत होना भी आवश्यक है।
स्टॉकब्रोकर अपनी वेबसाइट पर अपना पंजीकरण विवरण प्रदर्शित करते हैं। कोई भी सेबी की वेबसाइट पर जा सकता है और पंजीकृत स्टॉकब्रोकरों का विवरण की जाँच कर सकता है।
आइए हम उन सेवाओं को देखें जो एक स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को प्रदान करता है।
स्टॉक ब्रोकर के कार्य
* कुछ स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने पर सटीक सलाह देते हैं। क्योंकि ब्रोकर स्टॉक मार्केट अच्छे से समझते हैं, इसलिए वह निवेशक को सलाह दे सकते हैं कि कौन से स्टॉक को खरीदना और बेचना है और उन्हें कब खरीदना या बेचना चाहिए। यह किसी भी स्टॉक की सलाह देने से पहले उस कंपनी का गहन शोध करते हैं।
* स्टॉकब्रोकर अपने ग्राहकों को एक मंच (वेबसाइट, मोबाइल ऐप और ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर) प्रदान करता है जहां निवेशक या ट्रेडर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी के शेयर्स में निवेश या ट्रेड कर सकता है।
* स्टॉकब्रोकरअपने ग्राहको के निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं और उनके पोर्टफोलियो के बारे में नियमित अपडेट प्रदान करते हैं।
* स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को शेयर के वारे में नॉलेज प्रदान करता है जिससे कि ट्रेडर या निवेश मार्केट को सीख कर सही से अपने ट्रेडिंग या निवेश निर्णय ले सके।
* सभी ब्रोकर अब ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करते हैं जिसमें ग्राहक उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन कर सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग गतिविधि कर सकते हैं। ऑनलाइन स्टॉकब्रोकिंग सेवाएं तेज हो गयी हैं क्योंकि लेनदेन इंटरनेट की मदद आपके घर पर रहकर ही किया जा सकता है, और इसके साथ ही क्लाइंट ब्रोकर के साथ चैट रूम, ईमेल के माध्यम से भी मदद ले सकता है और रीयल-टाइम अपडेट पा सकता है।
स्टॉक ब्रोकर कितने तरह के होते है?
अब जब आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख की मदद से जान चुके हैं कि स्टॉकब्रोकर क्या है और इनके क्या – क्या कार्य है, तो आइए स्टॉक ब्रोकरों के प्रकारों पर एक नज़र ब्रोकर पंजीकरण डालते हैं। स्टॉक ब्रोकर को प्रदान की जाने वाली सेवा के आधार पर, तीन वर्गों में बांटा जा सकता है – फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर, डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर और बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को बहुत सी सेवाएं प्रदान करते हैं। यह ट्रेडिशनल ब्रोकर हैं जो अपने ग्राहकों को सलाहकार सेवाओं के साथ ट्रेडिंग सुविधा प्रदान करते हैं। इसी बजह से फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर्स द्वारा ली जाने वाली कमीशन के रूप में फीस अधिक होती है।
ब्रोकर निवेशक या ट्रेडर के द्वारा लिए गए ट्रेड पर कमीशन लेते है जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है। आप जितना अधिक ट्रेड करेंगे आपको उतनी ही अधिक ब्रोकरेज फीस देनी होती है।
फुल-सर्विस ब्रोकर की पूरे देश में शाखाएँ होती हैं। इसलिए आप ग्राहक सेवा और सलाह के लिए इन शाखाओं में जा सकते हैं।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- एंजेल ब्रोकिंग
- शेयरखान
- मोतीलाल ओसवाल
- इंडिया इंफोलाइन (IIFL)
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अस्तित्व में आए। ये ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं। इसके अलावा यह ब्रोकर किसी भी तरह की सलाहकार सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। इसी वजह से डिस्काउंट ब्रोकर कम कमीशन लेते हैं, जो कि ज्यादातर एक फ्लैट फीस के रूप में होती है।
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ज़ेरोधा (डीमैट & ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए क्लिक करे)
- अपस्टॉक्स
- ऐलिस ब्लू
- फायर्स
- 5 पैसा
- ग्रो
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर
यह ऐसे ब्रोकर होते है जो पहले से ही बैंक के रूप में काम कर रहे है इसलिए इन पर न भरोसा करने का सवाल ही नहीं उठता है। बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह काम करते है यह भी आपको ट्रेडिंग टर्मिनल के साथ – साथ निवेश सलाह भी प्रदान करते है इसी लिए ये भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ICICIdirect
- Kotak Securities
- HDFC Securities
- SBI Securities
- AxisDirect
निष्कर्ष
भारत में बहुत से स्टॉक ब्रोकर है और नए – नए स्टॉक ब्रोकर मार्केट में आ रहे है इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि पूरी सावधानी के साथ अपने स्टॉक ब्रोकर का चुनाव करे। क्योंकि बीते कुछ समय में बहुत से ब्रोकर बंद हुए है, और ब्रोकर बंद होने की बजह से एक ट्रेडर या निवेशक को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अभी तक आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख में ब्रोकर क्या होता है यह पूरी तरह से समझ गए होंगे, फिर भी आपका कोई सवाल रहता है तो आप कमेंट कर सकते है।
व्यापारियों को नहीं भायी लघु व्यापारी मानधन योजना
मेरठ ब्यूरो
Updated Fri, 15 Nov 2019 11:48 PM IST
शामली। प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना जिले के व्यापारियों को नही भा रही है। श्रम विभाग के काफी प्रयास के बाद योजना में जिले में सिर्फ एक ही व्यापारी का पंजीकरण हो पाया है।
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यापारी, स्व नियोजित व्यापारी और दुकानदार, खुदरा व्यापारी, राइस मिल मालिक, तेल मिल मालिक, कारखाना मालिक, कमीशन एजेंट, रियल इस्टेट ब्रोकर, छोटे होटल व रेस्टोरेंट मालिक को शामिल किया गया है। 18 से लेकर 40 वर्ष के मध्य हो और जिनका वार्षिक टर्न ओवर 1.50 करोड़ तक हो, इस योजना के पात्र होंगे। व्यापारियों को आयु के आधार पर 55 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रतिमाह नियमित अंशदान किया जाएगा। केंद्र सरकार भी उतनी धनराशि उनके खाते में जमा करेगी। योजना में पंजीकृत होने के लिए जिला मुख्यालय की शाखाओं, श्रम विभाग के कार्यालय व जन सुविधा केंद्रों आदि में संपर्क करके पंजीकरण कराया जा सकता है। सहायक श्रमायुक्त संतोष कुमार ने बताया कि काफी प्रयास के बाद सिर्फ एक व्यापारी ने योजना में पंजीकरण कराया पाया ब्रोकर पंजीकरण ब्रोकर पंजीकरण है। व्यापारी योजना में पंजीकरण कराने में रुचि नहीं ले रहा है।बीमा धनराशि को वह बहुत कम आकलन कर रहे है।
19-20 नवंबर को छात्रवृत्ति के फार्म जमा होंगे
शामली। वीवी पीजी कालेज की प्राचार्या डाक्टर वंदना ने बताया कि सत्र 2019- 20 में छात्रवृत्ति आवेदन करने से वंचित रहने वाले सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को दोबारा अवसर प्रदान किया जा रहा है। ऐसे छात्र-छात्राएं 19-20 नवंबर तक छात्रवृत्ति के आवेदन फार्म महाविद्यालय में जमा करा सकते है। 27 नवंबर के बाद किसी का भी आवेदन पत्र स्वीकार नही किए जाएंगे।
शामली। प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना जिले के व्यापारियों को नही भा रही है। श्रम विभाग के काफी प्रयास के बाद योजना में जिले में सिर्फ एक ही व्यापारी का पंजीकरण हो पाया है।
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यापारी, स्व नियोजित व्यापारी और दुकानदार, खुदरा व्यापारी, राइस मिल मालिक, तेल मिल मालिक, कारखाना मालिक, कमीशन एजेंट, रियल ब्रोकर पंजीकरण इस्टेट ब्रोकर, छोटे होटल व रेस्टोरेंट मालिक को शामिल किया गया है। 18 से लेकर 40 वर्ष के मध्य हो और जिनका वार्षिक टर्न ओवर 1.50 करोड़ तक हो, इस योजना के पात्र होंगे। व्यापारियों को आयु के आधार पर 55 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रतिमाह नियमित अंशदान किया जाएगा। केंद्र सरकार भी उतनी धनराशि उनके खाते में जमा करेगी। योजना में पंजीकृत होने के लिए जिला मुख्यालय की शाखाओं, श्रम विभाग के कार्यालय व जन सुविधा केंद्रों आदि में संपर्क करके पंजीकरण कराया जा सकता है। सहायक श्रमायुक्त संतोष कुमार ने बताया कि काफी प्रयास के बाद सिर्फ एक व्यापारी ने योजना में पंजीकरण कराया पाया है। व्यापारी योजना में पंजीकरण कराने में रुचि नहीं ले रहा है।बीमा धनराशि को वह बहुत कम आकलन कर रहे है।
19-20 नवंबर को छात्रवृत्ति के फार्म जमा होंगे
शामली। वीवी पीजी कालेज की प्राचार्या डाक्टर वंदना ने बताया कि सत्र 2019- 20 में छात्रवृत्ति आवेदन करने से वंचित रहने वाले सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को दोबारा अवसर प्रदान किया जा रहा है। ऐसे छात्र-छात्राएं 19-20 नवंबर तक छात्रवृत्ति के आवेदन फार्म महाविद्यालय में जमा करा सकते है। 27 नवंबर के बाद किसी का भी आवेदन पत्र स्वीकार नही किए जाएंगे।
साइबर हमले को लेकर सेबी सख्त, कहा- 6 घंटे में सूचना दें केवाईसी पंजीकरण एजेंसियां
Sebi On Cyber Attack: साइबर हमले को लेकर सेबी ने सख्ती दिखाई है. सेबी ने केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों को 6 घंटे में सूचना देने के लिए कहा है. सेबी के पास यह सूचना एक ई-मेल आईडी के जरिये दी जाएगी. नियामक ने पिछले महीने शेयर ब्रोकरों और डिपॉजिटरी भागीदारों के लिए भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे.
Updated: July 7, 2022 8:44 AM IST
Sebi On Cyber Attack: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (KRA) को सभी प्रकार के साइबर हमलों, खतरों और उल्लंघनों की सूचना इनका पता लगने के छह घंटे के अंदर देने को कहा है.
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सेबी के मंगलवार को जारी परिपत्र के अनुसार, इस तरह के मामलों की जानकारी भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) को भी सीईआरटी-इन द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के तहत देनी होगी.
इसके अलावा केआरए को इस तरह के मामलों के बारे में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC) को भी सूचित करना होगा.
नियामक ने कहा, ‘‘सभी साइबर हमलों, खतरों और उल्लंघनों के बारे में केआरए को छह घंटे में सूचित करना होगा.’’
शेयर ब्रोकरों तथा डिपॉजिटरी भागीदारों को तिमाही रिपोर्ट में साइबर हमलों, जोखिमों और उल्लंघनों की जानकारी देनी होगी और यह बताना होगा कि इससे निपटने के क्या उपाय किए गए. यह रिपोर्ट सेबी को प्रत्येक तिमाही के समाप्त होने के 15 दिन के अंदर देनी होगी.
सेबी के पास यह सूचना एक ई-मेल आईडी के जरिये दी जाएगी. नियामक ने पिछले महीने शेयर ब्रोकरों और डिपॉजिटरी भागीदारों के लिए भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे.
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ब्रोकर पंजीकरण
नई दिल्ली । पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सहारा इंडिया फाइनेंसियल कार्पोरेशन लिमिटेड का सब - ब्रोकर का लाइसेंस निरस्त कर दिया। नियामक ने कंपनी को इस काम के लिए सही और उपयुक्त इकाई की कसौटी पर कसने के बाद यह निर्णय लिया। नियामक ने 2018 में एक विशेष अधिकारी को यह जांच करने की जिम्मेदारी दी थी कि क्या सहारा इंडिया फाइनेंसियल ने बिचौलिये का काम करने ब्रोकर पंजीकरण वाली इकायों के लिए तय नियमनों का उल्लंघन किया है। इस जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सुब्रत रॉय सहारा के पिछले कामों और उनके तथा सहारा की अन्य समूह कंपनियों के खिलाफ आए विभिन्न न्यायिक फैसलों को देखते हुए यह माना जाता है कि सहारा इंडिया फाइनेंसियल ( नोटिसी ) प्रतिभूति बाजार में एक सब - ब्रोकर के तौर पर काम करने के लिये सही और उपयुक्त इकाई नहीं है। सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि सुब्रत रॉय इस कंपनी में बड़े शेयरधारक हैं। नियामक ने साथ कहा है कि उसका यह कर्तब्य बनता है कि वह प्रतिभूति बाजार की सुचिता को बनाए रखने के लिए उसमें काम करने वाले मध्यस्थों पर सही एवं उपयुक्त इकाई के मानदंड की दृष्टि से लगातार निगरानी रखे।
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इंदौर: बिल्डरों, कॉलोनाइजरों के लिए कलेक्टर के आदेश-रेरा में पंजीकृत ब्रोकरों के माध्यम से ही अपने प्रॉजेक्ट में करेंगे बुकिंग
इंदौर के रियल एस्टेट कारोबार को साफ सुथरा करने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर ने सभी बिल्डरों-कालोनाइजरों के लिए यह सुनिश्चित किया है की रेरा में पंजीकृत ब्रोकरों के माध्यम से ही अपने प्रॉजेक्ट में बुकिंग करेंगे।
इंदौर के रियल एस्टेट कारोबार को साफ सुथरा करने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर ने सभी बिल्डरों-कालोनाइजरों के लिए यह सुनिश्चित किया है की रेरा में पंजीकृत ब्रोकरों के माध्यम से ही अपने प्रॉजेक्ट में बुकिंग करेंगे।
दरअसल, कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर के रियल एस्टेट कारोबार को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। पिछले दिनों कलेक्टर ने डायरियों पर हो रहे अवैध कारोबार को रोकने के लिए कुछ प्रॉपर्टी ब्रोकरों पर नकेल भी कसी थी। अब उसी तारतम्य में कलेक्टर ने सभी बिल्डरों-कॉलोनाइजरों के लिए यह सुनिश्चित किया है की रेरा में पंजीकृत ब्रोकरों के माध्यम से ही अपने प्रॉजेक्ट में बुकिंग करेंगे। साथ ही अपने प्रोजेक्टों के लिए विधिवत सारी अनुमति प्राप्त करेंगे और रेरा रजिस्ट्रेशन के पश्चात ही बुकिंग की जाएगी। खरीददारों की भी जिम्मेदारी तय की गई है कि वे बुकिंग के बाद समय पर राशि जमा करेंगे, अन्यथा ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। इसके साथ ही बिल्डर-कॉलोनाइजर रहवासी संघ भी गठित करवाएंगे और गृह निर्माण संस्था से संबंधित कॉलोनियों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था रहेगी। कलेक्टर के इस आदेश के बाद इंदौर में साफ सुथरा रियल एस्टेट का कारोबार होगा और जनता के साथ धोखाधड़ी भी रुकेंगी। पिछले दिनों कई कॉलोनाइजरों ने करोड़ो का माल डायरियों पर ही बिना अनुमति बेच डाला था। इस पर कुछ कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी।
विस्तार
इंदौर के रियल एस्टेट कारोबार को साफ सुथरा करने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर ने सभी बिल्डरों-कालोनाइजरों के लिए यह सुनिश्चित किया है की रेरा में पंजीकृत ब्रोकरों के माध्यम से ही अपने प्रॉजेक्ट में बुकिंग करेंगे।
दरअसल, कलेक्टर ब्रोकर पंजीकरण मनीष सिंह ने इंदौर के रियल एस्टेट कारोबार को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। पिछले दिनों कलेक्टर ने डायरियों पर हो रहे अवैध कारोबार को रोकने के लिए कुछ प्रॉपर्टी ब्रोकरों पर नकेल भी कसी थी। अब उसी तारतम्य में कलेक्टर ने सभी बिल्डरों-कॉलोनाइजरों के लिए यह सुनिश्चित किया है की रेरा में पंजीकृत ब्रोकरों के माध्यम से ही अपने प्रॉजेक्ट में बुकिंग करेंगे। साथ ही अपने प्रोजेक्टों के लिए विधिवत सारी अनुमति प्राप्त करेंगे और रेरा रजिस्ट्रेशन के पश्चात ही बुकिंग की जाएगी। खरीददारों की भी जिम्मेदारी तय की गई है कि वे बुकिंग के बाद समय पर राशि जमा करेंगे, अन्यथा ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। इसके साथ ही बिल्डर-कॉलोनाइजर रहवासी संघ भी गठित करवाएंगे और गृह निर्माण संस्था से संबंधित कॉलोनियों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था रहेगी। कलेक्टर के इस आदेश के बाद इंदौर में साफ सुथरा रियल एस्टेट का कारोबार होगा और जनता के साथ धोखाधड़ी भी रुकेंगी। पिछले दिनों कई कॉलोनाइजरों ने करोड़ो का माल डायरियों पर ही बिना अनुमति बेच डाला था। इस पर कुछ कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी।