तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े

तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
नर्इ दिल्ली, 16 मर्इ, 2017
प्रेस विज्ञप्ति
आयकर विभाग द्वारा क्लीन मनी ऑपरेशन (स्वच्छ धन अभियान) पोर्टल की शुरूआत
माननीय तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े केंद्रीय वित्त मंत्री, श्री अरूण जेटली ने वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आज नर्इ दिल्ली में स्वच्छ धन अभियान (https://www.cleanmoney.gov.in) पोर्टल की आधिकारिक रूप से शुरूआत की।
स्वच्छ धन अभियान को आयकर विभाग (आर्इटीडी) ने 9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के दौरान बड़ी संख्या में किए गए नगद जमा के र्इ-सत्यापन को प्रारंभ करने के साथ 31 जनवरी, 2017 को प्रारंभ किया था। पहले बैच में लगभग 18 लाख व्यक्तियों की पहचान की गर्इ थी जिनके मामलों में नगद लेनदेन करदाता प्रोफाइल के समान नहीं थी। ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और 9.72 लाख करदाताओं से अधिक ने 12 मर्इ, 2017 तक आयकर कार्यालय में आए बिना अपने प्रतिक्रिया को जमा किया। इन करदाताओं ने लगभग रू. 2.89 लाख करोड़ के नगद जमा वाले 13.33 लाख खातों के लिए प्रतिक्रिया को उपलब्ध कराया। ऑनलाइन अनुरोध को मूल्यांकित किया गया और संतुष्टिजनक स्पष्टीकरण के मामलों में कोर्इ अग्रिम कार्रवार्इ नहीं की जाएगी।
आज प्रारंभ हुए पोर्टल के प्रमुख पहलू निम्न हैं :
• सत्यापन प्रक्रिया और अन्य मुद्दों से संबंधित क्रमश: गार्इड, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न, उपयोगकर्ता गाइड, त्वरित सन्दर्भ और प्रशिक्षण टूलकिट सहित एक स्थान पर समग्र सूचना को मुहैया कराना।
• कर शिकायत सोसार्इटी को बनाने के लिए नागरिक संलग्नता को सक्षम करना जहाँ प्रत्येक भारतीय कर देने में गर्व महसूस करता हो। नागरिक प्रतिज्ञा (र्इमानदारी का उत्सव) लेकर साथी नागरिकों को जोड़कर और शिक्षित करके (जन भागीदारी) और अपने अनुभवों को सांझा कर और प्रतिपुष्ठि उपलब्ध कराकर (सुखद अनुभव) समर्थन करने में सक्षम होना चाहिए।
• स्थिति सूचना (स्वच्छ मामले और सत्यापन मामलों के स्पष्टीकरण सहित) को शेयर करके और विषयगत विश्लेषण रिपोर्ट (यानी नगद जमा डाटा के करदाता भाग विश्लेषण) की स्थिति को शेयर करके पारदर्शी कर प्रशासन को सक्षम करना।
आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में नगद जमा डाटा का विश्लेषण करने, करदाताओं और प्रतिवेदी उद्यमों की अनुपालन स्थिति को जांचने के लिए विभागीय क्षमता बढ़ाने के लिए दो विशेषकृत व्यापारिक प्रक्रिया प्रबंधन एजेंसी और डाटा विश्लेषण एजेंसी की सेवाएं ली हैं।
स्वच्छ धन अभियान के दूसरे चरण में, अति जोखिम वाले तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े मामलों को उपयुक्त प्रवर्तन कार्य (सत्यापन, खोज, सर्वेक्षण, संवीक्षा) द्वारा संभाला जाएगा। एक लक्षित अभियान अभिज्ञात जोखिम वाले मुद्दे के साथ मामलों में प्रारंभ की जाएगी। लक्षित अभियानों के प्रमुख घटक निम्न हैं :
• डिजिटल चैनल (र्इ-मेल,एसएमएस आदि) के माध्यम से विशिष्ट मुद्दे का संप्रेषण।
• पारदर्शी माहौल बनाने के लिए ब्यौरेवार स्पष्टीकरण मुहैया कराना।
• विशिष्ट खंड (जैसे आभूषण, पट्रोल पंप, व्यापारी, संपत्ति खरीददार आदि) के लिए अन्वेषण खोज को साझा करना।
• प्रवर्तन मामले के लिए अनुपयुक्त प्रतिउत्तर मामलों के केंद्रीयकृत निरीक्षण और क्रमिक वृद्धि।
वित्तीय लेनदेनों (एसएफटी) के विवरण सहित विभिन्न स्रोतों से सूचना के निरंतर प्रवाह के साथ आर्इटीडी पिछले उपलब्ध/विश्लेषित आंकड़ों के संयोग के साथ विश्लेषण आयोजित कर रहा है। ऐसे वृद्धिशील आंकड़े पहले ही विश्लेषण र्इ-सत्यापन के लिए नए मामलों के पहचान का कारण हो गए हैं। आगे, आयकर विभाग ने 1.58 लाख करदाताओं से संबंधित नए खातों की भी पहचान की है जिन्होंने अपने पहले के प्रतिउत्तरों में खातों/राशि की आंशिक घोषणा की है। पहले के 18 लाख मामलों के अतिरिक्त, 5.68 लाख नए मामलों की भी र्इ-सत्यापन प्रक्रिया के लिए पहचान की गर्इ है।
आयकर विभाग सभी करदाताओं और नागरिकों से उस गर्वशाली राष्ट्र निर्माण के सामान्य हित के लिए स्वच्छ धन अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध करता है जो र्इमानदार करदाताओं के बलबूते चलता है।
ऑनलाइन बैंक खाते भी सुरक्षित नहीं
कंप्यूटर वायरस से सुरक्षा प्रदान करने वाली कंपनी सनबेल्ट सॉफ्टवेयर का कहना है कि एक स्पाईवेयर के प्रभाव की जाँच करते हुए अचानक ही उन्हें अमरीका में स्थित एक ऐसा सर्वर हाथ लगा जिसमें हज़ारों कंप्यूटरों से चुराए गए आंकड़े जमा किए जा रहे थे.
इन आंकड़ों में 50 बैंकों के ऑनलाइन खातों के पासवर्ड, ईबे और पेपॉल से संबधित जानकारियां, हज़ारों क्रेडिट कार्ड नंबर और बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी शामिल हैं.
अमरीका की ख़ुफिया ऐंजेंसी एफबीआई ने चोरों के इस गिरोह की जाँच का काम शुरु कर दिया है.
ऐसा समझा जा रहा है कि ट्रोजंस वायरस परिवार के दुमारु या निबू वायरस इन आंकड़ों को चुराने के लिए ज़िम्मेवार हैं.
यह वायरस माइक्रोसाफ्ट इंटरनेट ब्राउज़र की ख़ामियों से फायदा उठाते हैं.
यह वायरस कंम्पयूटर में उस समय अपनेआप आ जाता है जब लोग किसी ऐसी साइट पर जाते है जहाँ पर इस वायरस का प्रोग्राम लोड रहता है.
सनबेल्ट सॉफ्टवेयर के ऐरिक साइट्स का कहना है कि यह वायरस इसलिए इतना प्रभावकारी है क्योंकि यह क्लिप बोर्ड और इंटरनेट एक्सप्लोरर से आंकड़े चुराने की क्षमता रखता है.
माइक्रोसाफ्ट के ब्राउज़र में ‘ऑटो कंप्लीट’ नाम से एक सुविधा दी गई है जिसमें वेबसाइट पर कोई फार्म भरते समय यह अपनेआप उसमें नाम, पता, ईमेल पता, क्रेडिट कार्ड नंबर आदि जानकारियां भरने के लिए बॉक्स बना देता है.
यह सुविधा फार्म भरने में आसानी के लिए बनाई गई है, लेकिन ऐरिक साइट्स का कहना है कि यह आंकड़े चोरी करने वालों के लिए एक आसान रास्ता बन गई है.
बीबीसी को ऐसे सर्वर और कुछ फाइलें दिखाई गईं जिनमें चोरी किए गए आंकड़े रखे गए थे.
हर फ़ाइल में ढ़ेरों ऐसी जानकारियां थी जिनकी मदद से लोगों की व्यक्तिगत जानकारी पाई जा सकती थी या बैंक खाते ख़ाली किए जा सकते थे.
ऐसी जानकारियों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि इनमें 50 बैकों में ऑनलाइन खातों से संबधित जानकारी के अलावा लोगों के ईबे और पेपॉल खातों का ब्यौरा भी था.
ऐसे ही एक खाते में तो 3 लाख 80 हज़ार डॉलर से भी ज़्यादा रक़म जमा थी.
सनबेल्ट सॉफ्टवेयर कंपनी ने कुछ खातेदारों का पता लगा कर उन्हें इस चोरी के बारे में बताया है.
बैकों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों, ईबे और पेपॉल को भी इस संबध में सूचित किया गया है.
ऐरिक साइट्स का कहना है कि जिस सर्वर में चोरी के आंकड़े इक्कठा किए जाते थे उसमें बहुत बड़ी क्षमता वाली फाइलें पाईं गई जिनसे समय समय पर आंकड़ें लेकर उनका इस्तेमाल किया जा रहा था.
उन्होंने आगे बताया कि अभी तक ट्रोजन वायरस को अश्लील वेबसाइट्स पर पाया गया है.
उनका मानना है कि जिस तरह से इस वायरस ने इतने लोगों को प्रभावित किया है, ऐसा संभव है कि यह वायरस कुछ और वेबसाइट्स पर भी मौजूद हो.
सनबेल्ट सॉफ्टवेयर कंपनी का मानना है कि यह वायरस लगभग तीन सप्ताह से फैल रहा है और इस दौरान हज़ारों लोग इसके शिकार हुए होंगें.
इस वायरस से बचने का यही तरीक़ा है कि किसी अंजान या ग़लत वेबसाइट पर न जाया जाए.
ऐरिक साइट्स का कहना है कि जैसे ही आप कंप्यूटर पर इस वायरस वाले वेबलिंक को टाइप करते है यह कंप्यूटर को प्रभावित कर देता है.
कई लोगों को तो पता भी नहीं चलता कि उनका कंप्यूटर वायरस से प्रभावित हो चुका है.
उन्होंने आगे बताया कि यह वायरस बहुत ही छोटा है और इसे खोजना भी आसान नहीं है.
इसकी फाइल का नाम भी ऐसा होता है जिस पर आसानी से संदेह नहीं होता. यही कारण है कि इसने इतनी कामयाबी से ढेरों कंप्यूटरों को प्रभावित किया.
आंकड़े चोरी करने वाले इस गिरोह के आकार और उनके काम करने को तरीके के चलते वायरस से सुरक्षा प्रदान करने वाली कंपनियों ने इस वायरस को ढूंढ़ निकालने और प्रभावित कंप्यूटरों को फिर से ठीक करने में जल्दी दिखाना ही ठीक समझा.
अमरीका की ऐसी ही एक कंपनी ने एफबीआई को इस ऑनलाइन धोखधड़ी के बारे में सूचित कर दिया है जो इस मामले की जाँच में लग गई है.
तकनीकी तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े विश्लेषण के आंकड़े
उमाशंकर मिश्र
दो शहरों को जोड़ने वाले राजमार्गों पर पड़ने वाले चौराहों पर वाहनों के टकराने के मामले प्रायः अधिक देखे गए हैं। भारतीय शोधकर्ताओं ने अब एक ऐसी पद्धति पेश की है, जो राजमार्गों पर दुर्घटना की आशंका वाले चौराहों की पहचान करने में मददगार हो सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि दुर्घटनाओं के खतरे से ग्रस्त चौराहों की पहचान करके उनमें व्यापक सुधार किए जा सकते हैं और सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है।
यह अध्ययन ट्रैफिक में सड़क उपयोगकर्ताओं की धारणा और उसके अनुसार प्रतिक्रिया में लगने वाले समय पर आधारित है। तकनीकी भाषा में इसे पर्सेप्शन-रिएक्शन टाइम कहते हैं, जो दुर्घटना के क्षणों में सड़क उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया को दर्शाता है। खराब सड़क या किसी अन्य आपात स्थिति में वाहन धीमा करना या फिर अचानक ब्रेक मारना सड़क उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया के ऐसे ही कुछेक उदाहरण कहे जा सकते हैं। इसके साथ ही, शोधकर्ताओं ने पोस्ट एन्क्रोचमेंट टाइम (पीईटी) के आधार पर भी वाहनों के टकराने की घटनाओं का अध्ययन किया है। सड़क पर दुर्घटना की आशंका वाले बिंदु से होकर गुजरने वाले वाहनों के बीच समय के अंतर को पीईटी कहते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि पीईटी मूल्य कम होने तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े पर वाहनों के टकराने का खतरा अधिक होता है।
ऐसे सिग्नल रहित चौराहों को इस अध्ययन में शामिल किया गया है, जहां पिछले पांच वर्षों में तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े दाएं मुड़ने के दौरान वाहनों के टकराने की सर्वाधिक घटनाएं हुई हैं। चौराहों पर लगे वीडियो कैमरों की मदद से ट्रैफिक संबंधी आंकड़े प्राप्त किए गए हैं और फिर उनका विश्लेषण किया गया है। रिकॉर्ड किए गए वीडियो की मदद से बड़ी और छोटी सड़कों से गुजरने वाले वाहनों के विस्तार, सड़क पर उनके संयोजन और इंटरैक्शन के बारे में वाहनों की जानकारी एकत्र की गई है। अध्ययन में उपयोग किए गए वीडियो आधारित आंकड़े केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के अनुदान पर आधारित भारतीय राजमार्गों पर केंद्रित एक शोध परियोजना इंडो-एचसीएम से प्राप्त किए गए हैं।
अध्ययन से पता चला है कि चौराहों पर वाहनों के टकराने की अधिकतर घटनाएं दोपहिया और हल्के व्यावसायिक वाहनों के गुजरने के दौरान देखी गई हैं। दोपहिया वाहनों का आकार छोटा होने के कारण अन्य वाहन चालक ट्रैफिक नियमों को नजरअंदाज करते हुए उन्हें ओवरटेक करने का प्रयास करते हैं, जिसके कारण चौराहों पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह उभरकर आयी है कि दूसरे सड़क जंक्शन रूपों की तुलना में चार मार्गों को जोड़ने वाले चौराहों पर वाहनों के टकराने की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं।
दोपहिया वाहनों का आकार छोटा होने के कारण अन्य वाहन चालक ट्रैफिक नियमों को नजरअंदाज करते हुए उन्हें ओवरटेक करने का प्रयास करते हैं, जिसके कारण चौराहों पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं।
यह नई पद्धति वाहनों के टकराने की आशंका से ग्रस्त चौराहों पर ज्यामितीय डिजाइन में संशोधन जैसे इंजीनियरिंग उपायों, ट्रैफिक नियंत्रण एवं प्रबंधन तकनीकों के कार्यान्वयन के बारे में निर्णय लेने में उपयोगी हो सकती है। इस तरह, सार्वजनिक धन का तर्कसंगत एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने में भी मदद मिल सकती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन शोध पत्रिका एडवांसेज इन ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग में प्रकाशित किया गया है।
इस अध्ययन से जुड़ीं आईआईटी, रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की प्रमुख शोधकर्ता मधुमिता पॉल ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “सड़क हादसों और ट्रैफिक सुरक्षा का मूल्यांकन आमतौर पर पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों के आधार पर होता है। भारत में सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में आंकड़ों की कमी और उनका अविश्वसनीय होना एक प्रमुख समस्या है। इस वजह से दुर्घटनाओं के निदान और सुरक्षात्मक सुधार नहीं हो पाते हैं। इस अध्ययन में ऐसी विधि विकसित की गई है, जो वाहनों के टक्कर के आंकड़ों के आधार पर असुरक्षित मार्गों की पहचान करने में उपयोगी हो सकती है। अध्ययन के नतीजों का उपयोग विभिन्न यातायात सुविधाओं की सुरक्षा के मूल्यांकन के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में किया जा सकता है, जहां दुर्घटना के विस्तृत आंकड़ों का संग्रह एक गंभीर मुद्दा है।”
भारत में हर साल होने वाले सड़क हादसों में करीब 1.5 लाख लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ती है। इन दुर्घटनाओं में से करीब 1.4 लाख सड़क हादसे राजमार्गों पर होते हैं। राजमार्गों पर वाहनों की टक्कर से वर्ष 2018 में 54 हजार लोगों की मौत हुई थी।
वाहनों की रफ्तार में बदलाव और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण राजमार्गों पर पड़ने वाले चौराहों पर सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि चौराहों पर भीषण सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जन-धन की हानि के साथ-साथ उसके कारण पड़ने वाले सामाजिक दुष्प्रभावों को रोकने के लिए नए विकल्पों की खोज जरूरी है।
इंडिया साइंस वायर
लेखक यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में वायुमंडलीय एवं महासागर विज्ञान और पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के प्रोफेसर हैं। वर्तमान में आईआईटी, मुबई में अतिथि प्रोफेसर हैं।
सोना-चांदी की चाल को फेड बैठक का इंतजार।
सोने में पिछले सप्ताह 900 रुपये की गिरावट आने के बाद निचले स्तरों से सुधार दर्ज किया गया और कीमते सप्ताह में सपाट रही। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े कमजोर रहने के कारण सोने में नीचले स्तरों से अच्छा सुधार देखा गया। छह प्रमुख मुद्राओ का मापक डॉलर में ऊपरी स्तरों पर हल्का दबाव रहा लेकिन सप्ताह में यह 0.18 प्रतिशत मजबूत हुआ है।
सोने में निवेशक फेड की अगली मौद्रिक नीति की प्रतीक्षा में है जिसमे संपत्ति खरीद कार्यक्रम को कम करने के लिए समय की घोषणा हो सकती है। जिससे सोने और चांदी के भाव में लम्बी अवधि के लिए नई दिशा मिल सकती है। लेकिन अमेरिका के कोर कंस्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़े अनुमान से कमजोर दर्ज किये गए जिसके कारण संपत्ति खरीद कार्यक्रम को टाले जाने की अटकले निवेशकों में रही और सोने के भाव को पिछले सप्ताह निचले स्तरों पर सपोर्ट रहा।
वही, अमेरिकी प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स में 1 प्रतिशत की मजबूती दर्ज की गई है जो तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े की एक दशक के किसी महीने में सबसे अधिक है। हालांकि फेड अधिकारियो ने नियंत्रित मौद्रिक नीति पर समय को लेकर विभिन्न विचार दिए है। इस बीच, अमेरिकी आकड़ो के मुताबिक पिछले सप्ताह में 375,000 प्रारंभिक बेरोजगार दावे दायर किए गए, जो पहले दायर किए गए 387,000 दावों से कम थे। घरेलु वायदा सोने में कीमते सप्ताह में सपाट रही जबकि चांदी के भाव में 4 प्रतिशत की मंदी दर्ज की गई है।
साप्ताहिक आंकड़े : इस सप्ताह अमेरिका के प्रमुख आंकड़े है जिनमे : मंगलवार को रिटेल सेल्स, फेड चेयर जेरोम पॉवेल का बयान और बुधवार को फ़ेडरल रिज़र्व की बैठक प्रमुख है।
तकनीकी विश्लेषण : इस सप्ताह सोने और चांदी में ऊपरी स्तरों पर दबाव रह सकता है। सोने में 47000 रुपये पर प्रतिरोध है और 46000 रुपये पर सपोर्ट है। चांदी में 64000 रुपये पर प्रतिरोध और 61000 रुपये पर सपोर्ट है।
तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े
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होम / क्षेत्र / खाद्यान्न / गुणवत्ता नियंत्रण / केन्द्रीय अनाज विश्लेषण प्रयोगशाला (सीजीएएल)
केन्द्रीय अनाज विशलेषण प्रयोगशाला (सीजीएएल):
कृषि भवन, नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय अनाज विशलेषण प्रयोगशाला (सीजीएएल) देश द्वारा आयात और/अथवा निर्यात किए जाने के लिए खाद्यान्नों की गुणवत्ता से संबंधित पहलुओं पर तकनीकी अभिमत प्रस्तुत करने के अतिरिक्त खरीद, भंडारण और वितरण के समय खाद्यान्नों की गुणवत्ता की निगरानी में विभाग की सहायता करता है ताकि किसानों और उपभोक्ताओं के हित की रक्षा हो सके।
केन्द्रीय अनाज विशलेषण प्रयोगशाला (सीजीएएल) के मुख्य कार्य है केन्द्रीय पूल के लिए खरीफ और रबी खाद्यान्नों की खरीद के लिए गुणवत्ता मानक निर्धारित करना। खरीद और निर्गम मूल्यों के निर्धारण के लिए चावल/धान की किस्मों का वर्गीकरण करना। संविदात्मक विनिर्दिष्टियों के संबंध में आयात अथवा निर्यात किए जाने के लिए खाद्यान्नों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना। भारतीय खाद्य निगम द्वारा खरीदे गए, भंडारण में रखे गए और वितरित किए जाने वाले खाद्यान्नों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना।