म्युचुअल फंड

नए नियमों के तहत परिसंपत्ति म्युचुअल फंड प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों में एएमसी, ट्रस्टियों और उनके करीबी रिश्तेदारों की हिस्सेदारी का खुलासा करना होगा।
सेबी ने म्यूचुअल फंड की खरीद-बिक्री को भेदिया कारोबार नियम के दायरे में लाया
इस समय भेदिया कारोबार संबंधी नियम सूचीबद्ध कंपनियों की प्रतिभूतियों के म्युचुअल फंड मामले में लागू होते हैं। इसके म्युचुअल फंड अलावा सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर भी ये नियम लागू होते हैं।
अभी तक म्युचुअल फंड इकाइयों को प्रतिभूतियों की परिभाषा से बाहर रखा गया था।
सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन प्रकरण के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने छह ऋण योजनाओं पर रोक लगाए जाने से पहले उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को भुनाया था।
सेबी म्युचुअल फंड ने बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, ''कोई भी अंदरूनी सूत्र किसी अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी से परिचित होने की स्थिति में म्यूचुअल फंड की ऐसी किसी योजना की इकाइयों में लेनदेन नहीं करेगा, जिसके शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर उस जानकारी के कारण प्रभाव पड़ सकता है।''
SEBI ने म्यूचुअल फंड की खरीद-बिक्री से जुड़े नियमों को इनसाइडर ड्रेडिंग के दायरे में लाया
सेबी ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद यह कदम उठाया है.
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने म्यूचुअल फंड यूनिट की खरीद-बिक्री को इनसाइडर ड्रेडिंग संबंधी नियमों के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किया है. इस समय इनसाइडर ड्रेडिंग संबंधी नियम सूचीबद्ध कंपनियों की प्रतिभूतियों के मामले में लागू होते हैं. इसके अलावा सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर भी ये नियम लागू होते हैं. अभी तक म्युचुअल फंड इकाइयों को प्रतिभूतियों की परिभाषा से बाहर रखा गया था.
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सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने छह ऋण योजनाओं पर रोक लगाए जाने से पहले उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को रिडीम किया था.
सेबी म्युचुअल फंड ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, कोई भी अंदरूनी सूत्र किसी अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी से परिचित होने की म्युचुअल फंड स्थिति में म्यूचुअल फंड की ऐसी किसी योजना की इकाइयों में लेनदेन नहीं करेगा, जिसके शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर उस जानकारी के कारण प्रभाव पड़ सकता है.नए नियमों के तहत परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों में एएमसी, ट्रस्टियों और उनके करीबी रिश्तेदारों की हिस्सेदारी का खुलासा करना होगा.
इसके अलावा एएमसी का अनुपालन अधिकारी समापन अवधि निर्धारित करेगा, जिस दौरान नामित व्यक्ति म्यूचुअल फंड की इकाइयों में लेनदेन नहीं कर सकता है. इसे प्रभावी बनाने के लिए सेबी ने म्युचुअल फंड इनसाइडर ड्रेडिंग के नियमों में संशोधन किया है, जो 24 नवंबर से प्रभावी है.
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बजट 2023: म्युचुअल म्युचुअल फंड इंडस्ट्री बॉडी ने गोल्ड ईटीएफ, फंड ऑफ फंड्स के लिए तरजीही कर उपचार के लिए सरकार से पूछा
नई दिल्ली: म्युचुअल फंड के जरिए खुदरा निवेशकों को पीली धातु में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग निकाय एम्फी ने सरकार से केंद्रीय बजट से पहले गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स के लिए तरजीही कर उपचार की मांग की है। वित्त मंत्रालय को 2023-24 के अपने बजट प्रस्तावों में, एम्फी ने प्रस्ताव दिया है कि गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ), जो गोल्ड ईटीएफ की इकाइयों में अपने कॉर्पस का 90 प्रतिशत या उससे अधिक निवेश करते हैं, को लंबी अवधि के अधीन होना चाहिए। इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी की जगह 10 फीसदी कैपिटल गेन टैक्स।