जाने क्या होता है Options Trading

खरीदार को पुट बेचने का अधिकार है, जबकि विक्रेता को इसके लिए बाध्यता है और वह स्पेसिफिक स्ट्राइक प्राइस पर पुट खरीदता जाने क्या होता है Options Trading है।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? Option trading kya hai
नमस्कार स्वागत है, आपका “स्टॉक पत्रिका” परिवार में, आज के इस लेख में हम सीखने वाले हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? (Option trading kya hai) डियर पाठक, जब कोई नया-नया ट्रेडर स्टॉक मार्केट में आता है तो वह कंपनियों के शेयर खरीदता है, जैसे- रिलायंस, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, अडा़नी पावर, और कई कंपनियां है जिनके नए लोग शेयर खरीदते हैं।
लेकिन जब वह फाइनेंशली कंफर्टेबल हो जाते हैं, और साथ ही मार्केट को बहुत ही बारीकी से समझ जाते हैं, तब वह इस ऑप्शन ट्रेडिंग को करते हैं, अब आगे हम आपको बताने वाले हैं, कि आखिर ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है? और नए लोगों को ऑप्शन ट्रेडिंग क्यों नहीं करनी चाहिए? ऑप्शन ट्रेडिंग किस प्रकार से होती है? इन सारे सवालों के जवाब आपको मिलने वाले है-
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? What is Option Trading?
डियर पाठक, अगर आपको हम ऑप्शन ट्रेडिंग सरल भाषा में बताए तो ऑप्शन ट्रेडिंग इंडेक्स के अंदर ट्रेड जाने क्या होता है Options Trading होती है जैसे कि निफ़्टी इसके अंदर आपको मार्केट के सेंटीमेंट को गहराई से रिसर्च करके यह पता लगाना होता है की मार्केट आने वाले सप्ताह यह महीने के अंदर कहां तक जाने वाला है कहने का मतलब कितना बढ़ने वाला है या कितना घटने वाला है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के ऑप्शन की एक ऐज होती है, जिसमें वह शून्य हो जाता है और जब यह जीरो होता है तो उसको हम एक्सपायरी कहते हैं।
एक्सपायरी डेट किस कहते हैं? एक्सपायरी डेट पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बिल्कुल शून्य हो जाता है कहने का मतलब समाप्त हो जाता है उसे हम एक्सपायरी डेट कहते हैं।
एक्सपायरी डेट दो प्रकार की होती है
ऑप्शन ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं? types of options trading?
ऑप्शन ट्रेडिंग में आप किसी भी सिक्योरिटी, इंडेक्स या स्टॉक में ट्रेड कर सकते है। यहाँ पर आप स्टॉक को लेकर बुलिश है या बेयरिश उसके आधार पर आप ऑप्शन में ट्रेड कर सिक्योरिटी को स्ट्राइक प्राइस पर खरीदने या बेचने का अधिकार रखते है।
अब यहाँ पर यह आपके ऊपर निर्भर करता है की ऑप्शन को किस मानसिकता या ट्रेंड के आधार पर ट्रेड कर रहे है उसके अनुसार दो प्रकाश के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होते है जिसके आधार पर ऑप्शन में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
कॉल ऑप्शन (CE)
अगर कॉल ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में जाने क्या होता है Options Trading समझाने का प्रयास करें तो, अगर आपका मार्केट व्यु या आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस ऊपर जाने को है तब आप उसका कॉल ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।
पुट ऑप्शन (PE)
अगर पुट ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करें तो, अगर आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस नीचे जाने वाली है तब आप उसका पुट ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।
कॉल और पुट दोनों को एक साथ समझाने का प्रयास करे तो अगर आप मार्केट में किसी भी शेर इंडेक्स जैसे की निफ़्टी आज की तारीख में शेयर की कीमत 17000 रुपए हैं लेकिन आप इसे ऑप्शन ट्रेडिंग में ₹5 से लेकर जाने क्या होता है Options Trading ₹1000 तक खरीद सकते हैं इसलिए कम पैसों में ऑप्शन ट्रेडिंग में ज्यादा शेयर खरीदे जा सकते हैं।
Options Trading: क्या होती है ऑप्शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्या हो आपकी रणनीति
By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)
ऑप्शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्य वजह उच्च संभावित रिटर्न जाने क्या होता है Options Trading और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में जाने क्या होता है Options Trading तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग – विकल्पों में कारोबार कैसे करें
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यदि आप एक नए निवेशक हैं तो विकल्प कारोबार थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह स्टॉक , शेयर , बांड , और म्यूचुअल फंड जैसे पुराने , परिचित परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में थोड़ा जटिल प्रतीत हो सकता है। हालांकि , विकल्प कारोबार के कई फायदे हैं , और अगर आप इन्हें जाने व कुछ ज्ञान और जागरूकता के साथ सशस्त्र हों , तो इसमें अवसर है जिनका कि आप फायदा उठाने के चाहेंगे। इसके अलावा , विविध पोर्टफोलियो के लिए यह एक अच्छा परिवर्धन हो सकता है।
विकल्प कारोबार टिप्स जैसे विषयों में जाने से पहले , आइए पहले समझें कि एक विकल्प है क्या। विकल्प एक डेरीवेटिव होता है जिसका मूल्य अंतर्निहित संपत्ति से प्राप्त होता है। डेरिवेटिव दो प्रकार के होते हैं — फ्यूचर्स और विकल्प। एक फ्यूचर्स अनुबंध आपको भविष्य की तारीख पर एक निश्चित मूल्य पर एक निश्चित संपत्ति खरीदने या बेचने का अधिकार देता है। एक विकल्प अनुबंध आपको अधिकार देता है , लेकिन ऐसा करने का दायित्व नहीं।
पुट ऑप्शन प्रीमियम:
पुट ऑप्शन प्रीमियम की गणना करने के लिए, आपको आवश्यकता होगी:
• इन्ट्रिन्सिक वैल्यू
• टाइम वैल्यू
इन्ट्रिन्सिक वैल्यू की गणना करने के लिए, आपको अंडरलाइंग स्टॉक के करंट मार्केट प्राइस और जाने क्या होता है Options Trading स्ट्राइक प्राइस की आवश्यकता होती है।
इन दोनों के बीच अंतर को इन्ट्रिन्सिक वैल्यू के रूप में जाना जाता है।
टाइम वैल्यू इस बात पर निर्भर करती है कि करंट डेट से एक्सपायरेशन डेट कितनी दूर है। साथ ही, वोलेटाइलिटी जितनी अधिक होगी, टाइम वैल्यू भी उतनी ही अधिक होगी׀
Put Options ट्रेडिंग:
एक पुट ऑप्शन का उपयोग स्पेकुलेशन, इंकम जनरेशन और टैक्स मैनेजमेंट के लिए किया जा सकता है:
1. स्पेकुलेशन:
पुट ऑप्शन का व्यापक रूप से ट्रेडर द्वारा तब उपयोग किया जाता है जब अंडरलाइंग स्टॉक के प्राइस में आपेक्षित गिरावट होती है׀
2. इंकम जनरेशन:
ट्रेडर्स सिक्योरिटी को होल्ड करने के स्थान पर शेयरों पर पुट ऑप्शन को बेच भी सकते हैं׀
3. टैक्स मैनेजमेंट:
ट्रेडर्स केवल पुट ऑप्शन पर टैक्स का भुगतान करके स्टॉक पर होने वाले कैपिटल लाभ पर भारी टैक्स का भुगतान करना कम कर सकते हैं।
आप StockEdge वेब वर्जन का उपयोग करके अगले दिन ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक फ़िल्टर करने के लिए ऑप्शन स्कैन का उपयोग भी कर सकते हैं׀
महत्वपूर्ण बिंदु:
- पुट ऑप्शन एक कॉन्ट्रैक्ट है जो खरीदार को अधिकार देता है, लेकिन अंडरलाइंग एसेट को एक विशिष्ट प्राइस, जिसे स्ट्राइक प्राइस भी कहा जाता है, पर बेचने की कोई बाध्यता नहीं देता है।
- पुट खरीदी पुट ऑप्शन की ट्रेडिंग के लिए सबसे सरल तरीकों में से एक है।
- पुट विक्रेता ऑप्शन के लिए प्राप्त प्रीमियम से लाभ के लिए वैल्यू खोने की उम्मीद के साथ ऑप्शन बेचते हैं।
- एक पुट ऑप्शन का उपयोग स्पेकुलेशन, इंकम जनरेशन, और टैक्स मैनेजमेंट के लिए किया जा सकता है।