विदेशी मुद्रा व्यापार पर कैसे

शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक

शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक
वेदांत फैशन के पास भारत के 212 शहरों में 537 एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट का बड़ा रिटेल नेटवर्क है। (फोटो : वेदांत फैशन वेबसाइट)

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान किस एजेंडे के साथ भारत आ रहे हैं? - प्रेस रिव्यू

क्राउन प्रिंस

'द हिंदू' ने क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा की खबर को प्रमुखता देते हुए लिखा है कि भारत यात्रा के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऊर्जा सुरक्षा पर बात हो सकती है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ऊर्जा सुरक्षा के मोर्चे पर जो चुनौतियां पैदा हुई हैं, उसमें मोदी और क्राउन प्रिंस की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.

दरअसल रूस समेत ओपेक-प्लस देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती के बाद हालात पेचीदा हो गए हैं. ओपेक प्लस देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी अरब को 'नतीजे' भुगतने की चेतावनी दी थी.

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सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान हाल ही में आए थे भारत

जी-20 की बैठक में जो बाइडन भी शामिल होंगे. दरअसल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उसके खिलाफ पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बाद तेल और गैस की अंतरराष्ट्रीय राजनीति जटिल हो गई है. लिहाज़ा तेल उत्पादक देशों और तेल के बड़े ग्राहक देशों के बीच रस्साकशी देखने को मिल रही है.

2020 में सऊदी अरब में जी-20 देशों का सम्मेलन हुआ था. अगले साल भारत में ये सम्मेलन होगा. सऊदी के शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक क्राउन प्रिंस और मोदी के बीच इस सम्मेलन के एजेंडे पर भी बातचीत हो सकती है.

'द हिंदू' के मुताबिक सऊदी के क्राउन प्रिंस इस भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय परियोजनाओं की भी समीक्षा करेंगे. दरअसल 2019 में क्राउन प्रिंस ने भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश का एलान किया था लेकिन इस पर बात कुछ ज़्यादा आगे नहीं बढ़ी है.

अखबार ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि मोदी शायद नवंबर में 10 से 13 नवंबर के बीच हो रहे आसियान-भारत सम्मेलन और ईस्ट एशिया सम्मेलन में हिस्सा न लें. जबकि आसियान-भारत पार्टनरशिप का ये 30वां साल है. इसके लिए एक खास सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.

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चीन: जिनपिंग की पकड़ और मज़बूत, नंबर दो की छुट्टी

देश और दुनिया की बड़ी ख़बरें और उनका विश्लेषण करता समसामयिक विषयों का कार्यक्रम.

दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर

चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दर्जे को मज़बूती देने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी के संविधान में संशोधन किए गए. इसके साथ ही पहली बार स्वतंत्र ताइवान के खिलाफ चीन के विरोध को भी चार्टर में शामिल किया गया.

'हिन्दुस्तान टाइम्स' ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पांच साल पर होने वाले सम्मेलन की रिपोर्टिंग करते हुए लिखा है कि इसके ज़रिये शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है.

शनिवार के सम्मेलन में संशोधनों के ज़रिये प्रधानमंत्री और दूसरे नंबर के नेता ली केकियांग को बाहर भेजे जाने का रास्ता साफ कर दिया गया. इससे शीर्ष पदों पर शी जिनपिंग के सहयोगियों के वर्चस्व का रास्ता बन गया है.

उम्मीद है कि रविवार को शी जिनपिंग को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेट्री घोषित कर दिया जाएगा. ये पार्टी का सर्वोच्च पद है. इसके साथ ही मार्च 2023 से जिनपिंग का राष्ट्रपति के तौर पर तीसरा कार्यकाल शुरू हो जाएगा.

शनिवार को सम्मेलन का सत्र एक खास वजह से चर्चा में रहा. सम्मेलन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को बाहर ले जाते हुए दिखाया जा रहा था .

वो जिनपिंग के बाईं ओर बैठे हुए थे. फिर उन्हें दो लोगों की ओर से बाहर ले जाते हुए दिखाया गया. जाते हुए शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक उन्होंने जिनपिंग से कुछ कहा और फिर ली केकियांग की कंधे पर हाथ रखा. इसके बाद उन्हें बाहर ले जाया गया.

'हिन्दुस्तान टाइम्स' के मुताबिक हु जिंताओं का नाटकीय ढंग से इस सम्मेलन से निकलना दुनिया भर की मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है. इसमें कहा गया है कि वायरल वीडियो से ऐसा लग रहा था कि जिनपिंग से पहले राष्ट्रपति रह चुके जिंताओ सम्मेलन से जाने के इच्छुक नहीं लग रहे थे.

बॉम्बे डाइंग और प्रोमोटरों पर कार्रवाई, शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक

सेबी ने बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड और इसके प्रोमोटरों नुस्ली वाडिया और उनके बेटों जहांगीर और नेस वाडिया को शेयर मार्केट की किसी भी गतिविधि में हिस्सा लेने से दो साल के लिए रोक दिया है. उन पर फर्ज़ीवाड़े का आरोप लगाया गया है.

'इकोनॉमिक टाइम्स' की ख़बर के मुताबिक सेबी ने शुक्रवार को जारी अपने आदेश के साथ ये भी कहा है कि नुस्ली वाडिया और उनके दोनों बेटों डायरेक्टर और प्रमुख मैनेजर के तौर पर किसी भी लिस्टेड कंपनी में एक साल तक काम भी नहीं कर पाएंगे.

सेबी ने बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही नुस्ली वाडिया पर चार करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. जहांगीर और नेस वाडिया पर क्रमश: पांच और दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

सेबी ने कहा है कि बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड का रेवेन्यू और प्रॉफिट बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया था. वित्तीय नतीजों को गलत तरीके से रखने की वजह से ऐसा हुआ .

इसके साथ ही जो बिक्री नहीं हुई थी उसे भी रिकार्ड में दर्ज किया गया था. वाडिया ग्रुप के एक और कंपनी स्केल सर्विसेज की शेयरहोल्डिंग के पैटर्न में गड़बड़ी का आरोप है.

वहीं वाडिया ग्रुप का कहना है कि सेबी ने कहा है कि लाभ प्रोमटरों ने कमाया है लिहाज़ा फंड के डाइवर्जन का कोई मामला नहीं बनता. कंपनी के सभी लेनदेन कानूनी हैं.

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धनतेरस पर 40 हज़ार करोड़ रुपये का खुदरा कारोबार

धनतेरस और दिवाली पर जमकर खरीदारी हो रही है. अमर उजाला ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के हवाले से खबर दी है कि धनतेरस के अवसर पर दो दिनों में लगभग 40 हज़ार करोड़ रुपये का खुदरा कारोबार होने का अनुमान है. शनिवार को करीब 15 हज़ार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. वहीं, रविवार को 25 हज़ार करोड़ के कारोबार की संभावना है.

'अमर उजाला' के मुताबिक कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना महामारी का प्रभाव कम होने से इस बार लोग सोना-चांदी के आभूषण तथा अन्य वस्तुएं जैसे वाहन, इंजीनियरिंग सामान और फर्नीचर ज्यादा खरीदेंगे.

ऑल इंडिया जूलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने कहा कि इस वर्ष आर्टिफिशियल जूलरी की भी बड़ी मांग बाजारों में दिखाई दे रही है.

कंसल्टिंग फर्म रेड सिअर के मुताबिक 22 से 30 सितंबर के बीच ऑनलाइन मंचों पर पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी बढ़ोतरी के साथ इस साल 5.7 अरब डॉलर की बिक्री हुई है. धनतेरस कई जगह 22 और 23 अक्तूबर दोनों दिन मनाया जा रहा है.

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चीन की ग्रेट वॉल मोटर्स की इंडियन मार्केट में नहीं होगी एंट्री

Great Wall Motors Signs MoU With Maharashtra Government For Investment In Talegaon Plant

ग्रेट वॉल मोटर्स ने ऑटो एक्सपो 2020 में एसयूवी और ईवी की रेंज शोकेस की थी। इसके बाद जून 2020 में जीवीएम ने जनरल मोटर का तालेगांव प्लांट अधिग्रहण करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ एक एमओयू साइन किया था। इस प्लांट में लोकल मैन्युफैक्चरिंग पहले से हो रही थी लेकिन ये मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट के लिए थी। जीवीएम को इंडियन अथॉरिटी से इस डील का अप्रूवल नहीं मिला और जून 2022 में यह टर्म शीट एक्सपायर हो गई। इसका मतलब ये हुआ कि कंपनी का प्लान अब ड्रॉप हो गया है।

ग्रेट वॉल मोटर्स भारत में अपने कुछ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में मौजूद मॉडल्स को उतारने की योजना बना रही थी जिनमें हवल (सब ब्रांड) एफ5, एफ7 और एफ7एक्स शामिल थी। कंपनी ने एंट्री लेवल इलेक्ट्रिक कार भी शोकेस की थी जिसकी रेंज 351 किलोमीटर थी। जीवीएम ने कॉम्पैक्ट और फुल साइज एसयूवी कारें भी शोकेस की थी, लेकिन अब ये प्लान ड्रॉप हो गया है।

शेयर बाजार लाल निशान में बंद: आखिरी घंटे में बढ़ी मुनाफा वसूली, सेंसेक्स 215 और निफ्टी 56 अंक टूटा, IT और ऑटो सेक्टर का सहारा

फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

बाजार लगातार 4 दिन की तेजी के बाद आज शुक्रवार को कमजोरी के साथ बंद हुए। दिनभर सपाट कारोबार करने के बाद आखिरी घंटे में हल्की मुनाफा वसूली देखने को मिली। सेंसेक्स 215 अंक गिरकर 54,277.72 पर और निफ्टी 56 अंक फिसलकर 16,238 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 13 शेयर्स तेजी और 17 शेयर लाल निशान में बंद हुए। जिनमें इंडसइंड बैंक के शेयर 2.79% तेजी के साथ 1026 पर बंद हुए। वहीं रिलायंस के शेयर 2% से ज्यादा की गिरावट के साथ 2090 पर बंद हुए।

बाजार को ऑटो और IT शेयर्स का सपोर्ट मिला

NSE पर ऑटो इंडेक्स 0.24% की तेजी के साथ 10,249 पर बंद हुआ। इंडेक्स में अमारा राजा बैटरीज के शेयर 1.91% तेजी के साथ 731 रुपए पर बंद हुए। IT इंडेक्स 0.30% की बढ़त के साथ 31,211 पर बंद हुआ। इंडेक्स में टेक महिंद्रा के शेयर 1.59% की तेजी के साथ 1268 रुपए पर बंद हुए।

BSE पर 3,329 शेयर्स में कारोबार हुआ

BSE पर 3,329 शेयर्स में कारोबार हुआ। इसमें 1,827 शेयर्स में बढ़त और 1,388 शेयर्स में गिरावट रही। लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप भी 239.47 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। BSE पर 291 कंपनियों के शेयर 52 हफ्ते के हाई पर बंद हुए। इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 123 अंकों की तेजी के साथ 54,492.84 पर बंद हुआ था। निफ्टी 35 अंक बढ़त के साथ 16,294 पर बंद हुआ था।

शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स में टॉप गेनर और लूजर शेयर्स का हाल

BEML का घाटा घटा, आय 15% बढ़ी
भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की जून तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। अप्रैल से शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक जून के दौरान सालाना आधार पर कंपनी का घाटा 134 करोड़ रुपए से घटकर 94 करोड़ रुपए रह गया है। वहीं रेवेन्यू में 15% की बढ़ोतरी हुई है। जून तिमाही में रेवेन्यू 390 करोड़ रुपए से बढ़कर 451 करोड़ रुपए हो गया है।

एल्केम लैब का मुनाफा 10.9% बढ़ा
एल्केम लैब ने जून तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। अप्रैल से जून के दौरान कंपनी का मुनाफा 10.9% बढ़कर 468 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 422 करोड़ रुपए था। कंपनी की आय सालाना आधार पर 37% बढ़कर 2731 करोड़ रुपए हो गई है, जो पिछली जून तिमही में 1992 करोड़ रुपए थी।

लोकसभा में टैक्सेशन लॉ अमेंडमेंट बिल पास हुआ।

फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील मामले में मुकेश अंबानी को झटका

मुकेश अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील मामले में अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रिलायंस-फ्यूचर रिटेल डील पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिलायंस, फ्यूचर ग्रुप की रिटेल संपत्ति खरीदने के सौदे पर आगे नहीं बढ़ सकता है।

ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार रहेगी। MPC के 6 में से 5 सदस्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में रहे। RBI ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 9.5% पर बरकरार रखा है। रिटेल महंगाई दर 5.7% रहने का अनुमान जताया है।

4% के प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ ग्लेनमार्क लाइफ साइंस

ग्लेनमार्क लाइफ साइंस के शेयर की BSE और NSE पर लिस्टिंग हो गई। कंपनी का शेयर NSE पर 4% के प्रीमियम के साथ 750 रुपए पर लिस्ट हुआ और BSE पर 751.10 रुपए पर लिस्ट हुआ। इश्यू प्राइस 695-720 रुपये प्रति शेयर था। IPO 27 जुलाई से 29 जुलाई तक खुला था।

दुनियाभर के बाजार का हाल

एशिया के शेयर बाजारों के हाल
एशिया के शेयर बाजारों की बात करें तो जापान का निक्केई 0.33% की बढ़त के साथ 27,820 पर बंद हुआ। चीन का शंघाई कंपोजिट 0.24% की कमजोरी के साथ 3,458 पर बंद हुआ। हांगकांग का हैंगसेंग 0.11% की गिरावट के साथ 26,175 पर बंद हुआ। कोरिया का कोस्पी 0.18% की गिरावट के साथ 3,270 पर बंद हुआ। ऑस्ट्रेलिया का ऑल ऑर्डनरी 0.35% की बढ़त के साथ 7,806 पर बंद हुआ।

अमेरिकी शेयर बाजार
इससे पहले अमेरिका के शेयर बाजार भी बढ़त के साथ बंद हुए। डाओ जोंस 0.78% की तेजी के साथ 35,064 पर बंद हुआ। नैस्डैक में 0.78% की बढ़त के साथ 14,895 पर और S&P 500 0.60% की तेजी के साथ 4,429 पर बंद हुआ।

Vedant Fashion IPO: शेयर बाजार में एंट्री के साथ ही इस कंपनी ने निवेशकों को दिया 8 फीसदी का रिटर्न

Share Market: वेदांत फैशन का आईपीओ शेयर बाजार में 4 से 8 फरवरी तक खुला था। आईपीओ बंद होने तक कंपनी का इश्यू 2.57 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

Vedant Fashion IPO: शेयर बाजार में एंट्री के साथ ही इस कंपनी ने निवेशकों को दिया 8 फीसदी का रिटर्न

वेदांत फैशन के पास भारत के 212 शहरों में 537 शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट का बड़ा रिटेल नेटवर्क है। (फोटो : वेदांत फैशन वेबसाइट)

शेयर बाजार में पिछले कुछ समय में कंपनियों के आईपीओ ने निवेशकों को जमकर मालामाल किया है। इसी कड़ी में अब मान्यवर ब्रांड से भारतीय परिधान और पारंपरिक पोशाक बेचने वाली कंपनी वेदांत फैशन का भी नाम जुड़ गया है। आज शेयर बीएसई (BSE) पर अपने इश्यू प्राइस 866 के मुकाबले 8 फीसदी प्रीमियम के साथ 936 रुपए पर लिस्ट हुआ। जबकि एनएसई 7.97 फीसदी प्रीमियम के साथ 935 रुपए पर लिस्ट हुआ।

निवेशकों से मिला था ठंडा रिस्पांस: वेदांत फैशन का आईपीओ शेयर बाजार में 4 से 8 फरवरी तक खुला था। वेदांत फैशन का इश्यू प्राइस 866 रुपए तय किया गया था। आईपीओ बंद होने तक कंपनी का इश्यू 2.57 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल निवेशकों ने कंपनी के आईपीओ में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। उनके लिए आरक्षित हिस्से में से सिर्फ 31 फीसदी की ही बोली निवेशकों द्वारा लगाई गई। दूसरी तरफ आईपीओ को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) से शानदार रिस्पांस मिला। QIB के लिए आरक्षित हिस्सा सबसे ज्यादा 7.49 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि नॉन – इंटर इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) का हिस्सा 1.07 गुना सब्सक्राइब हुआ।

कंपनी की प्रोफाइल: वेदांत फैशन का ब्रांड मान्यवर देश में काफी लोकप्रिय है। कंपनी भारतीय परिधान और पारंपरिक पोशाक बेचती है। कंपनी के पास त्वमेव, मंथन, मोहे और मेबाज ब्रांड है। कंपनी के पास भारत के 212 शहरों में 537 एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट का बड़ा रिटेल शेयर मार्केट में एंट्री पर रोक नेटवर्क है। जबकि कंपनी के पास भारत के बाहर अमेरिका, कनाडा और यूएई 11 एक्सक्लूसिव स्टोर है। कंपनी की योजना भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार करने की है।

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कंपनी की वित्तीय स्थिति: वेदांत फैशन पिछले 3 सालों के दौरान एक मुनाफे वाली कंपनी रही है। कंपनी को 2019 के दौरान 176 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। वहीं, 2020 में यह मुनाफा बढ़कर 237 करोड़ पर पहुंच गया। जबकि 2021 में कंपनी के मुनाफा 104 रुपए घटकर 133 करोड़ रुपए रहा। इस अवधि के दौरान कंपनी के मुनाफे में उतार चढ़ाव देखने को मिला है। साल 2019 में कंपनी की आय 820 करोड़ रुपए रही। 2020 यह 128 करोड़ रुपए के इजाफे के साथ 948 करोड़ पर पहुंच गई जबकि साल 2021 में कंपनी की आय में 300 करोड़ रुपए की गिरावट देखने को मिली है।

LIC Share Update: एलआईसी के स्टॉक खरीदने वाले ध्यान दें! शेयर ने बनाया नया इतिहास, आपका जानना है जरूरी

LIC Share Update: अगर आपने भी एलआईसी का शेयर खरीदा है तो ये खबर जरूर पढ़ लें. एलआईसी का शेयर लिस्टिंग के बाद से अब तक 29 फीसदी गिर चुका है. इतना ही नहीं, यह लिस्टिंग के बाद सबसे ज्यादा गिरने वाला एशिया का दूसरा शेयर बन गया है. आइये जानते हैं लेटेस्ट अपडेट.

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LIC Share Update: एलआईसी के स्टॉक खरीदने वाले ध्यान दें! शेयर ने बनाया नया इतिहास, आपका जानना है जरूरी

LIC Share Update: देश का सबसे बड़े आईपीओ यानी एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) को लेकर निवेशकों में बड़ा उत्साह था. लेकिन लिस्टिंग के बाद से ही यह शेयर लगातार गिर रहा है. सोमवार की सुबह में एलआईसी का शेयर 691 रुपये पर खुला और कारोबार खत्म होने पर यह 5.85 फीसदी गिरकर बीएसई पर 668.20 रुपये पर बंद हुआ. यानी अब LIC के शेयर 700 से भी नीचे जा चुका है.

LIC के शेयर में अब तक 29% की गिरावट

आपको बता दें कि वैश्विक बिकवाली के माहौल में भारतीय शेयर मार्केट में भी लगातार गिरावट का रुख है. इस बीच एलआईसी का शेयर लिस्टिंग के बाद से अब तक 29 फीसदी गिर चुका है. इतना ही नहीं, यह लिस्टिंग के बाद सबसे ज्यादा गिरने वाला एशिया का दूसरा शेयर बन गया है. अभी पहले नंबर पर दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी एनर्जी सॉल्यूशन है, जिसके शेयर लिस्टिंग के बाद 30 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं.

निवेशकों के 1.7 लाख करोड़ रुपये स्वाहा

आपको बता दें कि LIC के शेयर ने एलआईसी का निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है. लिस्टिंग से अब तक एलआईसी शेयर में निवेशकों के 1.7 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 13 जून, 2022 को गिरकर 4.22 लाख करोड़ रुपये रह गया है. इतना ही नहीं, यह देश की सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाली टॉप कंपनियों की लिस्ट से भी बाहर हो गई.

सरकार भी हुई चिंतित

LIC के शेयर में लगातार हो रही गिरावट को लेकर हाल ही में सरकार ने कहा था कि एलआईसी के शेयर में गिरावट को लेकर वह ‘चिंतित’ है. हालांकि सरकार को भरोसा है कि यह गिरावट को अस्थायी है, यानी आगे इस शेयर में तेजी आ सकती है. सरकार का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनी मैनेजमेंट इन पहलुओं को देखेगा और शेयरधारकों के मूल्य में वृद्धि करेगा.

गौरतलब है कि बिकवाली के इस दौर में एलआईसी का शेयर 17 मई को 872 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ था, जबकि शेयर का इश्यू प्राइस 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. इसके इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ (IPO) को करीब तीन गुना सब्सक्रिप्शन मिला था.

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