विदेशी मुद्रा व्यापार पर कैसे

मुद्राएं अलग

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नई दिल्ली। देश में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत अगले साल यानी 2023 में हो सकती है। यह मौजूदा समय में उपलब्ध निजी कंपनी के संचालन वाले ई-वॉलेट जैसी होगी। हालांकि, इसके साथ सरकार की गारंटी होगी। वित्तमंत्री ने 2022-23 के बजट में कहा था कि जल्द ही आरबीआई के समर्थन वाली डिजिटल रुपी पेश किया जाएगी।

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शीर्ष मुद्राओं लाभार्थी और नुकसान

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इतिहास से रू-ब-रू कराती हैं मुद्राएं

इतिहास से रू-ब-रू कराती हैं मुद्राएं

मुद्रा का अंग्रेजी पर्यायवाची शब्द 'मनी' है, जो लैटिन भाषा के मोनेटा शब्द से बना है। मोनेटा देवी जूनो का प्रारंभिक नाम था जिन्हें इटली में स्वर्ग की देवी माना जाता था तथा इनके मंदिर में ही सिक्कों की ढलाई का कार्य भी किया जाता था, अतएव देवी जूनो के मंदिर में जिस मुद्रा का निर्माण होता था, उसे ही मोनेटा कहा जाने लगा और बाद में इसी को 'मनीÓ (मुद्रा) कहा गया। प्राचीन भारत में केवल छोटी ताम्र मुद्राएं तथा वृषभ चक्र आदि चिन्हों से अंकित मिश्रित चांदी की मुद्राएं प्रचलित थीं पर कालांतर में यूनानी प्रभाव के फलस्वरूप भारतीयों शासकों ने उचित आकृति तथा मुद्रण के सिक्कों का प्रचलन किया। यूनान के संपर्क में आने के पश्चात् भारतीयों ने ग्रीक शब्द द्रख्म को अपने द्रम्म शब्द में स्वीकार किया। 'दाम' इसी द्रम्म का अपभ्रंश माना जाता है। तदंतर मुद्रा सुडौल, कलात्मक एवं अभिलेख युक्त होने लगी। गुप्त, कुषाण, चोल और अन्य भारतीय राजवंशों ने इसका अनुसरण भी किया। यूनानी नरेश मेनेन्द्र के सिक्के भारतीय पश्चिमोत्तर राज्यों के बाजारों में उसके निधन के सौ वर्षों बाद तक भी प्रचलित रहे। मुद्राएं इतिहास के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करती हैं। साहित्य में वर्णित घटनाओं और तिथियों के अभाव में मुद्राएं ही हमें इतिहास के ज्ञान से रू-ब-रू करती हैं। सल्तनत काल में दक्षिण भारत और उड़ीसा के हिन्दू राजाओं की मुद्राओं से पता चलता है कि मुसलमानों ने सभी ग्रंथों का सृजन अपने ही दृष्टिकोण से किया है और मुद्राएं अलग हिन्दुओं की राजनीतिक हलचल की अवहेलना की है। इस काल के मुस्लिम सिक्कों के बारे में लेनपूल ने लिखा है, 'वास्तव में नियमानुसार हम मुस्लिम सिक्कों को उन वंशों के वास्तविक इतिहास के आधार के रूप में ग्रहण कर सकते हैं जिनके द्वारा वे चलाये गये थे। मुद्राएं स्वर्ण, रजत, ताम्र, मिश्रित धातुओं की मिलती हैं। प्राय: सभी मुद्राओं पर तिथियां अंकित रहती हैं जिससे सम्राटों के तिथिबद्ध इतिहास की जानकारी मिलती है। स्वर्ण मुद्राओं से राष्ट्र की आर्थिक सम्पन्नता का ज्ञान होता है। मुद्राओं द्वारा तत्कालीन धार्मिक स्थिति का भी बोध होता है क्योंकि उन मुद्राओं पर लक्ष्मी, शिव, बैल आदि मुद्राएं अलग धार्मिक चिन्ह मिलते हैं। समुद्रगुप्त की वे मुद्राएं, जिन पर वह वीणा बजाता हुआ चित्रित है, उसके काव्य-प्रेम का प्रमाण है। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की रोमन स्वर्ण मुद्राएं भारत तथा रोम की मैत्री का प्रमाण हैं। मुद्राओं द्वारा शासकों के शासन विस्तार का भी ज्ञान होता है क्योंकि देश के जितने भू-भाग में एक शासक की मुद्राएं अधिक मात्र में प्राप्त होंगी, उतने भू-भाग पर उस शासक का अधिकार रहा होगा। कुछ मुद्राओं द्वारा शासकों, राजाओं की महान उपाधियों का भी ज्ञान प्राप्त होता है। आज के सिक्कों में परिवार नियोजन, विकलांगता, साक्षरता, महत्त्वपूर्ण दिवसों को अलग-अलग ढंग से चित्रित किया जाता है जो एक जमाने में इतिहास के ज्ञान की बात हो जायेगी।

मुद्रा लोन

क्या आप कारोबारी हैं और अपना कारोबार बढ़ाना चाहते हैं? क्या आप प्रोफेशनल हैं और स्टार्टअप शुरू करने की योजना बना रहे हैं? अगर आप पूंजी के अभाव में अपने सपने पूरे नहीं कर पा रहे हैं, तो मुद्रा योजना के तहत आज ही लोन के लिए आवेदन करें और बिना गारंटी, 10 लाख तक का लोन मुद्राएं अलग पाएं.

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) छोटे कारोबारियों को बैंक से लोन दिलाने के लिए भारत सरकार की लोकप्रिय योजना है. इसे मुद्रा लोन भी कहा जाता है. वित्त वर्ष 2019-2020 में 6 करोड़ 22 लाख से ज़्यादा कारोबारियों ने इस योजना का लाभ उठाया है.

एनएसएसओ सर्वे (2013) के मुताबिक भारत में 5.77 करोड़ छोटे कारोबार चल रहे हैं. यह सेक्टर 10 करोड़ लोगों को रोजगार देता है. मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इस सेक्टर को मजबूत बनाना जरूरी है.

मुद्रा योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है. इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए नन बैंकिंग फायनांस कंपनी (NBFC) और माइक्रोफाइनांस इंस्टिच्यूट (MFIs) को 25 बीपीएस कम ब्याज दर पर लोन देने की व्यवस्था की गई है.

मुद्रा योजना के तहत 3 कैटगरी में लोन दिए जाते हैं:

  1. शिशु: ₹50,000 तक
  2. किशोर: ₹50,000 से ₹5 लाख
  3. तरुण: ₹5 लाख से ₹10 लाख

आमतौर पर कारोबार बढ़ाने के लिए, तरूण कैटगरी के तहत लोन दिए जाते हैं. वहीं कम पूंजी से शुरू होने वाले कारोबारों के लिए शिशु कैटगरी के तहत लोन दिए जाते हैं.

मुद्रा लोन पर ब्याज की दर और नियम अलग-अलग बैंकों के लिए बदल सकते हैं. एसबीआई की ब्याज दर कम से कम 9.75 फीसदी है. वहीं, पीएनबी की दर 9.60 फीसदी से ज़्यादा है. लोन को तीन से पांच साल में ईएमआई के रूप में बैंकों को लौटाना होता है. कारोबारी के पिछले क्रेडिट और कारोबार के टर्नओवर के हिसाब से ब्याज दर या ईएमआई की अवधि तय की जाती है.

(यहां पर अलग-अलग बैंक में लगने वाले ब्याज दर और अन्य शर्तें का टेबल दे सकते हैं)

किस तरह के कारोबार के लिए मुद्रा लोन मिलता है?

कृषि और कॉरपोरेट को छोड़कर सभी सेक्टर के कारोबारी मुद्रा लोन मुद्राएं अलग का फायदा ले सकते हैं. यह योजना रोजगार देने वाले सभी तरह के कारोबारों के लिए है.

मुद्रा योजना के तहत आप किराए पर गाड़ी चलाने के लिए लोन ले सकते हैं. इनमें लोगों की सवारी या सामान ढ़ोने के लिए इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां शामिल हैं. आप लोन लेकर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी या बाइक खरीद सकते हैं.

    1. सैलून, ब्युटी पार्लर या दुकान खोलने के लिए लोन

    अगर आप ब्यूटीशियन हैं और अपना ब्युटी पार्लर या सैलून खोलना चाहते हैं, तो मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही, आप जिम, टेलरिंग, ड्राई क्लिनिंग, साइकिल और मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकान, डीटीपी और फोटोकॉपी की दुकान, मेडीसीन की दुकान और कूरियर सेवा जैसे काम शुरू करने के लिए भी मुद्रा लोन ले सकते हैं.

    मुद्रा लोन के लिए आवेदन कैसे करें?

    सरकारी, प्राइवेट, विदेशी, सहकारी, और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ ही NBFC या MFIs की नजदीकी शाखा में लोन के लिए आवेदन दिए जा सकते हैं. आप चाहें तो, ऑनलाइन आवदेन भी कर सकते हैं. जिस बैंक में पहले से खाता हो वहीं लोन के लिए आवेदन करना चाहिए. आप मुद्रा लोन की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं.

    (ऑनलाइन आवेदन का तरीका जानें- नई स्टोरी लिख सकते हैं)

    आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

    आवेदन के लिए अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है. बैंक अधिकारी आपसे इन दस्तावेजों की मांग कर सकते हैं.

    • कारोबार का प्लान
    • पूरी तरह से भरा गया आवेदन फॉर्म
    • आवेदक की फ़ोटो
    • पहचान का प्रमाण (आधार, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज)
    • निवास का प्रमाण (आधार, मतदाता पहचान पत्र, टेलीफोन बिल, बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज)
    • आय का प्रमाण (आईटीआर, सेल्स टैक्स रिटर्न जैसे दस्तावेज)
    • केवाईसी

    अगले साल लॉन्च होगा सरकार की गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट, पारंपरिक मुद्रा से अलग नहीं होगी डिजिटल रुपी


    नई दिल्ली। देश में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत अगले साल यानी 2023 में हो सकती है। यह मौजूदा समय में उपलब्ध निजी कंपनी के संचालन वाले ई-वॉलेट जैसी होगी। हालांकि, इसके साथ सरकार की गारंटी होगी। वित्तमंत्री ने 2022-23 के बजट में कहा था कि जल्द ही आरबीआई के समर्थन वाली डिजिटल रुपी पेश किया जाएगी।

    एक अधिकारी ने बताया कि डिजिटल रुपी पारंपरिक मुद्रा से अलग नहीं होगी। इस पर भारतीय मुद्रा की तरह खास तरह के अंक होंगे। यह फिएट मुद्रा से अलग नहीं होगी बल्कि उसका डिजिटल स्वरूप होगी। सरकार की ओर से जारी की जाने वाली करेंसी को फिएट मुद्रा कहते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि डिजिटल रुपी सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा।

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    सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम
    अधिकारी ने आरबीआई के हवाले से कहा कि डिजिटल रुपी 2022-23 के अंत तक तैयार हो जाएगा। ब्लॉकचेन आधारित यह मुद्रा निजी कंपनियों की पेश किए जाने वाले मोबाइल वॉलेट की मौजूदा प्रणाली के विपरीत सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगी। अधिकारी के मुताबिक, निजी कंपनियों के ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए लोग उन कंपनियों को पैसे हस्तांतरित करते हैं। यह पैसा उनके पास रहता है और कंपनियां किसी लेनदेन पर ग्राहकों की ओर से दुकानदारों को भुगतान करती हैं।

    लोगों की ओर से आरबीआई करेगा भुगतान
    इसके विपरीत, डिजिटल मुद्रा लोगों को फोन में और आरबीआई के पास रहेगी। ग्राहक की ओर से केंद्रीय बैंक किसी दुकानदार को भुगतान करेगा। इस पर पर पूरी तरह सरकार की गारंटी होगी। अधिकारी ने बताया कि जब पैसा किसी कंपनी के ई-वॉलेट में स्थानांतरित किया जाता है तो उस कंपनी का क्रेडिट जोखिम भी इस पैसे से जुड़ा होता है। कंपनियां शुल्क भी वसूलती हैं।

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    दोनों आरोपियों को उस वक्त पकड़ा गया, जब वे कोचीन से बैंकॉक जाने वाले थे. इन दोनों को बैंकॉक थाई एअर एशिया की उड़ान से जाना था. दोनों को गिरफ्तार कर मय रकम के कस्टम टीम के हवाले कर दिया गया, ताकि आगे की जांच की जा सके.

    दूसरा मामला भी कोचीन हवाईअड्डे का ही है. इस मामले में सीआईएसएफ के जवानों ने एक शख्स को विदेशी मुद्रा के साथ पकड़ा है. गिरफ्तार शख्स का नाम बशीर है. बशीर के पास से सीआईएसएफ को सऊदी रियाल और बहरीन के दीनार मिले हैं. जब्त मुद्रा भारतीय करंसी के हिसाब से करीब 18,44,000 रुपये है. बशीर को भी कस्टम टीम के हवाले कर दिया गया है.

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