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निवेशक प्रशिक्षण

निवेशक प्रशिक्षण
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80 लोगों को दिया गया प्रशिक्षण

बरेली(ब्यूरो)। नेहरू युवा केंद्र ने निवेशक शिक्षा, निवेशक प्रशिक्षण जागरुकता एवं संरक्षण में युवाओं की भूमिका पर तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन किया। इसको ग्लोरियस बैंकेट हॉल सुभाष नगर में आयोजित किया जा रहा है। जिसका
इनॉग्रेशन विधायक डॉ। राघवेंद्र शर्मा ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्वलित कर किया।

दिया गया प्रशिक्षण
जिला युवा अधिकारी पुष्पा सिंह ने विधायक डॉ। राघवेंद्र शर्मा को कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विधायक ने सभी को प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त होने वाली जानकारियों को संक्षेप में बताया। उन्होंने कहा कि निवेश किस प्रकार, किस क्षेत्र में किया जाए, म्यूचुअल फंड्स में निवेश, एलआईसी, शेयर मार्केट, बैंक निवेश, पोस्ट ऑफिस स्कीम और उसका उपयोग ग्रामीण स्तर सीएससी आदि के माध्यम से लोगों को लाभ पहुंचाना और जागरूकता फैलाकर लोगों को उसके प्रति जागरूक करने के बारे में बताया। पुष्पा सिंह एवं भूपेंद्र सिंह ने विधायक का मोमेंटो देकर आभार व्यक्त किया। प्रशिक्षण में जनपद के विभिन्न विकास खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों के 80 युवाओं और युवतियों ने प्रतिभाग किया। राज्य प्रशिक्षक अजयराज शर्मा ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में महानगर उपाध्यक्ष विष्णु शर्मा, भाजयुमा जिला अध्यक्ष राजू उपाध्याय ने भी युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान किया।

दी अहम जानकारी
जिला युवा अधिकारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य वित्तीय नियमों, म्यूचुअल फंड्स एवं शेयर में निवेश, क्रिप्टो करेंसी, बैंक निवेश, पोस्ट ऑफिस स्कीम, वित्तीय धोखाधड़ी आदि विषयों की जानकारी प्रदान करना है। प्रशिक्षण के संचालन में एपीए राजेश्वरी मीणा, एनवाईवी अरुण देव, कृष्ण पाल आदि मौजूद रहे।

निवेशक प्रशिक्षण

भारतीय उद्योग जगत द्वारा नई रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) का स्वागत किए जाने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज वैश्विक निवेशकों को लुभाने का प्रयास किया और कहा कि नई नीति से सभी अंशधारकों को समान अवसर उपलब्ध होंगे। रक्षा प्रदर्शनी के मौके पर उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा अलग से आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में पर्रिकर ने कहा कि डीपीपी से उम्मीदें बढ़ी हैं। मैं इसे सिर्फ समान अवसर उपलब्ध कराना कहूंगा और कुछ नहीं। यहां दक्षिण गोवा में रक्षा प्रदर्शनी आयोजित की गई है। मंत्री ने प्रतिनिधियों को बताया कि नई डीपीपी से कई अड़चनें दूर हुई हैं और इससे विभाग को प्रक्रियागत बाधाओं से मुक्ति मिली है।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से इनकार करते हुए जोर दिया कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां इन संस्थानों की भूमिका निजी क्षेत्र की कंपनियां नहीं ले सकतीं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय में मेरा उद्देश्य विश्वास कायम करना है। हमारे पास बड़ा सैन्यबल इस उम्मीद में नहीं है कि युद्ध होगा। कोई लड़ाई नहीं चाहता। बेहद चरमपंथी भी यही कहेंगे कि युद्ध अंतिम विकल्प है। मंत्री ने कहा कि युद्ध जैसी स्थिति नहीं है इसके बावजूद मंत्रालय रक्षा बलों के रखरखाव पर 3,41,000 करोड़ रुपये खर्च करता है। यह पिछले 68 साल से हो रहा है।

उधर, प्रशिक्षण उपकरण और हथियारों के लिए सिम्युलेटर्स और अन्य रक्षा उत्पाद तैयार करने वाली हैदराबाद की कंपनी जेन टैक्नोलॉजीज लिमिटेड ने रक्षा प्रदर्शनी में अपने लड़ाकू प्रशिक्षण केंद्र(कॉम्बेट ट्रेनिंग सेंटर) का उद्घाटन किया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि निवेशक प्रशिक्षण यह एक जटिल प्रशिक्षण केंद्र है जो पारंपरिक और विषम परिस्थितियों में परिचालन तैयारियों में सुधार के निवेशक प्रशिक्षण लिए तैयार किया गया है। वहीं अशोक लीलैंड को भारतीय सशस्त्र बल से 800 करोड़ रूपए के ऑर्डर मिले हैं। कंपनी ने कहा कि वह 450 फील्ड आॢटलरी ट्रैक्टर और इसी तरह के सुपर स्टेलियन वाहन और 825 एंबुलेंस मुहैया कराएगी।

निवेशक प्रशिक्षण

भारतीय उद्योग जगत द्वारा नई रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) का स्वागत किए जाने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज वैश्विक निवेशकों को लुभाने का प्रयास किया और कहा कि नई नीति से सभी अंशधारकों को समान अवसर उपलब्ध होंगे। रक्षा प्रदर्शनी के मौके पर उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा अलग से आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में पर्रिकर ने कहा कि डीपीपी से उम्मीदें बढ़ी हैं। मैं इसे सिर्फ समान अवसर उपलब्ध कराना कहूंगा और कुछ नहीं। यहां दक्षिण गोवा में रक्षा प्रदर्शनी आयोजित की गई है। मंत्री ने प्रतिनिधियों को बताया कि नई डीपीपी से कई अड़चनें दूर हुई हैं और इससे विभाग को प्रक्रियागत बाधाओं से मुक्ति मिली है।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से इनकार करते हुए जोर दिया कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां इन संस्थानों की भूमिका निजी क्षेत्र की कंपनियां नहीं ले सकतीं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय में मेरा उद्देश्य विश्वास कायम करना है। हमारे निवेशक प्रशिक्षण पास बड़ा सैन्यबल इस उम्मीद में नहीं है कि युद्ध होगा। कोई लड़ाई नहीं चाहता। बेहद चरमपंथी भी यही कहेंगे कि युद्ध अंतिम विकल्प है। मंत्री ने कहा कि युद्ध जैसी स्थिति नहीं है इसके बावजूद मंत्रालय रक्षा बलों के रखरखाव पर 3,41,000 करोड़ रुपये खर्च करता है। यह पिछले 68 साल से हो रहा है।

उधर, प्रशिक्षण उपकरण और हथियारों के लिए सिम्युलेटर्स और अन्य रक्षा उत्पाद तैयार करने वाली हैदराबाद की कंपनी जेन टैक्नोलॉजीज लिमिटेड ने रक्षा प्रदर्शनी में अपने लड़ाकू प्रशिक्षण केंद्र(कॉम्बेट ट्रेनिंग सेंटर) का उद्घाटन किया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह एक जटिल प्रशिक्षण केंद्र है जो पारंपरिक और विषम परिस्थितियों में परिचालन तैयारियों में सुधार के लिए तैयार किया गया है। वहीं अशोक लीलैंड को भारतीय सशस्त्र बल से 800 करोड़ रूपए के ऑर्डर मिले हैं। कंपनी ने कहा कि वह 450 फील्ड आॢटलरी ट्रैक्टर और इसी तरह के सुपर स्टेलियन वाहन और 825 एंबुलेंस मुहैया कराएगी।

निवेशक प्रशिक्षण

Azadi Ka Amrit Mahotsav

सुरक्षा

सुरक्षा विभाग एक ऐसा व्यवस्थापन है जिस पर खतरनाक और असुरक्षित स्थितियों की निगरानी और मूल्यांकन करने और व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों के विकास की जिम्मेदारी है। सुरक्षित कार्य परिवेश की सुनिश्चितता के लिए सुरक्षा विभाग के कार्यकलाप निम्न अनुसार हैं।

  • निश्चित सुरक्षा नियमों और मानदंडों, डॉक श्रमिक (सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण) विनियम, 1990; कारखाना अधिनियम, 1948 का अनुपालन;
  • हॉट वर्क अनुज्ञापत्र जारी करना और इसके निष्पादन के लिए पूर्व-आवश्यक परिस्थितियों की पुष्टि करना।
  • विभिन्न निर्माण / परियोजना स्थलों का नियमित निरीक्षण करना और यह सुनिश्चित करना कि श्रमिकों के पास वैध कार्य अनुमतियाँ है।
  • संकटजनक अपशिष्ट स्थलों, एलपीजी मार्गों, टैंक खेत, एलपीजी सुविधाओं, पीओएल पाइपलाइनों इत्यादि की नियमित निरीक्षण करना।
  • डॉक के श्रमिकों, उत्तरदायी और अधिकृत व्यक्तियों के कार्य प्रकृति और उनके कर्तव्यों के निर्वहन हेतु आवश्यक कौशल के आधार पर उन्हें प्रारंभिक और नियमित प्रशिक्षण प्रदान करना।.
  • सुरक्षित संचालन प्रक्रियाओं के पालन की पुष्टि के लिए गियर टूल्स और उपकरणों की जाँच करना।
  • अग्निशमन उपकरणों और निजी सुरक्षा उपकरणों की खरीद और रखरखाव।
  • घटनाओं / दुर्घटनाओं, खतरनाक घटनाओं और व्यावसायजनित रोगों की रिकॉर्ड बनाए रखना और आवश्यक सरकारी विभागों और अभिकरणों को यह रिकॉर्ड प्रस्तुत करना।
  • अग्निशामक का दैनिक निरीक्षण, परीक्षण और रखरखाव।
  • यह सुनिश्चित करना कि अपने संबंधित क्षेत्रों में अग्निशमन उपकरणों को स्थापित करने के लिए बीओटी परिचालक द्वारा डॉक सुरक्षा / ओआईएसडी मानदंडों / अग्निशमन सलाहकारों की सलाह का सख्ती से पालन किया जाए।
  • 24x7 आपातकालीन चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए प्राथमिक चिकित्सा और कार्डियक सुविधाओं से लैस एम्बुलेंस का उचित रखरखाव।
  • दैनिक आधार पर बंकर निवेशक प्रशिक्षण के संचालन की अनुमति प्रदान करना। बंकर के संचालन की अनुमति के लिए एक जाँच सूची तैयार की गई थी।
  • सुरक्षा दिवस, एड्स जागरूकता प्रशिक्षण इत्यादि जैसे प्रचार अभियान का आयोजन करना।
  • सुरक्षा शिक्षा और प्रशिक्षण - सुरक्षा जागरूकता और सुरक्षित कार्य अभ्यास किसी भी सशक्त सुरक्षा संस्कृति का आधार है। कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए बंदरगाह प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।

सुरक्षा उपकरण:

केपीएल में 7000 लीटर जल और 2000 लीटर झाग पैदा करने की क्षमता वाला एक अग्निशामक है और यह 11 मीटर लंबाई वाले हाइड्रोलिक सीढ़ी के साथ इन-बिल्ट है।

केपीएल में कई अग्निशमन उपकरण मौजूद है, जैसे कि CO2, डीसीपी, 2 किलो, 5 किलो और 10 किलो क्षमताओं वाला जल प्रकार।

सेबी ने निवेशकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिये शुरू किया ‘स्मार्ट’ कार्यक्रम

सेबी ने स्मार्ट कार्यक्रम के तहत पहले निवेशक प्रशिक्षण बैच में पैनल में 16 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 40 लोगों को शामिल किया है। इन लोगों को चार दिन का प्रशिक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट (एनआईएसएम) में भी दिया गया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: November 25, 2020 22:45 IST

सेबी का जागरुकता. - India TV Hindi News

Photo:PTI

सेबी का जागरुकता कार्यक्रम

नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को निवेशकों के बीच शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के इरादे से प्रतिभूति बाजार प्रशिक्षक (स्मार्ट) कार्य्रक्रम की शुरूआत की। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी के हवाले से एक बयान में कहा गया है, ‘‘अनिश्चितता और बाजार में असाधारण उछाल के मौजूदा हालात में निवेशक शिक्षा और जागरूकता से जुड़े प्रयासों को आगे बढ़ाने निवेशक प्रशिक्षण की काफी जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस लिहाज से स्मार्ट कार्यक्रम शुरू करने का इससे बेहतर समय निवेशक प्रशिक्षण नहीं हो सकता है। सेबी की इस पहल का मकसद निवेशक शिक्षा की मौजूदा व्यवस्था को मजबूत बनाना है।’’

सेबी चेयरमैन ने कुछ ही क्षेत्रों में सक्रिय निवेशकों की मौजूदगी को लेकर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कार्यक्रम दूरदराज के क्षेत्रों में निवेशकों तक पहुंच कर इस समस्या का समाधान करेगा। स्मार्ट कार्यक्रम ऐसे समय शुरू किया गया है जब देश भर में विश्व निवेशक सप्ताह मनाया जा रहा है। स्मार्ट कार्यक्रम के तहत पैनल में शामिल किये गये प्रशिक्षकों की सराहना करते हुए त्यागी ने खुदरा निवेशकों की मदद की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में प्रतिभूति बाजार में नये निवेशकों के बढ़ने के साथ यह जरूरी हो गया है। उन्होंने वित्तीय शिक्षा के क्षेत्र में शेयर बाजारों, डिपॉजिटरी एवं मान्यता प्राप्त निवेशक संगठनों के माध्यम से सेबी की पहल को भी रेखांकित किया। सेबी ने स्मार्ट कार्यक्रम के तहत पहले बैच में पैनल में 16 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 40 लोगों को शामिल किया है। इन लोगों को चार दिन का प्रशिक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट (एनआईएसएम) में भी दिया गया है। नियामक ने कहा कि वह अखिल भारतीय स्तर पर स्मार्ट कार्यक्रम के तहत और प्रशिक्षकों को पैनल में शामिल करेगा। ये प्रशिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में निवेशक शिक्षा कार्यक्रम का संचालन करेंगे। स्मार्ट कार्यक्रम के तहत जिले के लिये उस प्रशिक्षक को पैनल में रखा गया है, जिससे वे ताल्लुक रखते हैं। निर्धारित मानदंड पूरा करने के बाद ही उन्हें प्रशिक्षक के तौर पर पैनल में शामिल किया गया है।

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