क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

क्रिप्टो करेंसी हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है, प्रधानमंत्री मोदी का अहम बयान
पीएम मोदी ने सिडनी डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा कि हमें यह कोशिश करनी होगी कि क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन गलत हाथों में न जाए, यह युवाओं को बर्बाद कर सकता है
Photo Courtesy: Aajtak
नई दिल्ली। क्रिप्टो करेंसी को लेकर इन दिनों भारत में चर्चाएं गरम है। बिटकॉइन जैसे डिजिटल करेंसी को लेकर केंद्र सरकार का स्टैंड भी तेजी से बदल रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर बड़ा बयान दिया। पीएम मोदी ने चिंता जताते हुए कहा है कि यह हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इसी हफ्ते एक संसदीय समिति ने क्रिप्टो करेंसी को वैधता देने की सिफारिश की है।
पीएम मोदी गुरुवार को डिजिटल माध्यम से सिडनी डायलाग को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने क्रिप्टो करेंसी के भविष्य को लेकर चिंता जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'क्रिप्टो करेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। सभी लोकतांत्रिक देशों को इस पर मिलकर काम करना होगा। यह बहुत जरूरी है कि साथ हम यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए। यह हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।'
Take crypto-currency or bitcoin for example.
It is important that all democratic nations work together on this and ensure it does not end up in wrong hands, which can spoil our youth: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2021प्रधानमंत्री मोदी यहां "India's Technology: Evolution and Revolution" विषय पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि समुद्र से लेकर साइबर तक नए-नए खतरे उभरे हैं। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टेक्नालॉजी एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने की कुंजी है। प्रौद्योगिकी और डेटा आज नए हथियार बन गए हैं। डिजिटल युग हमारे चारों ओर सब कुछ बदल रहा है। इसने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है।'
बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी कि अध्यक्षता में क्रिप्टो करेंसी को लेकर उच्च स्तरीय बैठक क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता हुई थी। वहीं इस हफ्ते सोमवार को वित्त मामलों के लिए गठित संसद की स्थायी समिति ने भी क्रिप्टो करेंसी को लेकर चर्चा हुई थी। हालांकि, इस बैठक में यह निष्कर्ष निकल कर सामने आया कि केंद्र सरकार का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसका रेगुलेशन जरूरी है।
सबसे खराब क्रिप्टो सलाह जिससे बचना चाहिए (The Worst Crypto Advice to Avoid)
चाहे आप क्रिप्टो की दुनिया में नए हों या अनुभवी हों, आपको कभी न कभी कुछ नुकसान होगा। यह सीखने की प्रक्रिया का एक भाग है, लेकिन अगर बिना कोई ख़ास नुकसान उठाए यह सीख पाएं तो? आइए क्रिप्टो की कुछ सबसे खराब सलाहों पर एक नज़र डालें, जो क्रिप्टोकरेंसी और अन्य ब्लॉकचेन एसेट ट्रेड करते समय क्या नहीं करना चाहिए के उदाहरण हैं।
ऊपर जाने पर खरीदना
ऊपर होने पर खरीदना, या ATH (सर्वकालिक उच्च) पर होने पर कोई कॉइन खरीदना एक आमतौर पर की जाने वाली गलती है, जिसके परिणामस्वरूप नुकसान होना निश्चित है। यह तब हो सकता है जब आप कीमतों में उछाल देखते हैं और FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) का अनुभव करते हैं, या यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति प्रोत्साहित करता है जिसने शायद पहले से ही कॉइन ले रखा हैं। जब कीमत में गिरावट आती है, तो आपका नुकसान आसानी से 30 से 40% तक जा सकता है। निश्चित रूप से, आप यह नहीं जानते कि सबसे ऊपरी कीमत क्या है, लेकिन कोई भी योग्य निवेश सलाह पैसा बनाने की कोशिश में अपना पैसा न खोने को प्राथमिकता देगी।
इस गलती से उबरने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं:
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जैसे एक्सचेंज पर कॉइन के वित्तीय चार्ट खोलें,
- पता करें कि वर्तमान पंप टिकाऊ है या नहीं। यदि प्राइस कर्व आकार में परवलयिक है, तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि वृद्धि स्वाभाविक थी, और यह संभावना नहीं है कि कॉइन फिर से ATH तक पहुंचेगा। क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता
- रैखिक मूल्य वृद्धि होने पर, आपके नुकसान को कम करने और शायद लाभ कमाने की उम्मीद हो सकती है। आपको बस इंतज़ार करना है और चार्ट की जांच करें जब तक क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता कि आपको बेचने के लिए स्वीकार्य मूल्य न मिल जाए।
बिल्कुल, यह सब बेहद सरल रूप में है। चार्ट को सही मायने में समझने के लिए, आपको WazirX ब्लॉग पर जाना होगा और क्रिप्टो में तकनीकी विश्लेषण के बारे में उसकी पोस्ट को पढ़ना होगा।
माइक्रो-कैप कॉइन ख़रीदना
एक गलती जो नए लोगों से अक्सर होती है वह यह कि सिर्फ इसलिए कोई कॉइन खरीदना क्योंकि वह बहुत सस्ता है या किसी व्यक्ति या समूह द्वारा समर्थित है। इस श्रेणी में आने वाले अधिकांश कॉइन या तो किसी काम के नहीं होते हैं या बहुत सीमित उपयोग होते हैं, या सबसे अच्छी स्थिति में अभी तक उनकी क्षमता साबित नहीं हुई है। इस गलती से बचने के लिए टोकन की कीमत के बजाए किसी कॉइन के मार्केट कैप की जांच करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि मार्केट कैप ही वह होता है जो यह निर्धारित करता है कि किसी क्रिप्टो की कीमत कितनी बढ़ सकती है।
यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वृद्धि के मामले में क्रिप्टो की कितनी क्षमता है, तो अन्य कॉइन की जांच करें जो समान कॉइन श्रेणी में हैं और उनके दैनिक कारोबार की मात्रा, मार्केट कैप और ऑनलाइन जुड़ाव की तुलना करके देखें कि वह कहां है।
प्रचार के कारण कोई कॉइन ख़रीदना
आपको क्रिप्टोकरेंसी में कभी भी सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे किसी लोकप्रिय व्यक्ति द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। इसकी बहुत संभावना होती है कि वे बाजार की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा रखते हों। यदि काफी लोग उस कॉइन को खरीदते हैं जो वे कम करते हैं, तो लोकप्रिय व्यक्ति अपने कॉइन को बेचकर अच्छा लाभ कमाने का फैसला कर सकता है, जिससे नियमित निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा प्रचारित सभी कॉइन से बचें क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले कॉइन को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता नहीं होती है। किसी कॉइन को खरीदने से पहले उसके व्हाइटपेपर को पढ़ना बेहतर होता है, और यह आपको किसी भी धोखेबाजी का शिकार होने से बचा सकता है।
सोशल मीडिया की वजह से कोई कॉइन ख़रीदना
सोशल मीडिया साइट्स जैसे रेडिट, ट्विटर और इंस्टाग्राम उन कॉइन के शिलिंग पेज से भरे हुए होते हैं जिनके बारे में आपने शायद कभी नहीं सुना होगा या जोखिम वाले कॉइन होंगे। यदि आप लंबे समय तक होल्ड कर के रखें तो कीमतों के ‘आसमान में जाने’ की बात करते हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जो किसी एक ख़ास कॉइन के लिए प्रचार करता है, उसे या तो डेवलपर्स द्वारा भुगतान किया जाता है या उसने प्रोजेक्ट में बहुत अधिक समय और पैसा लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप वे इसके पक्ष में झुके हुए हैं।
सोशल मीडिया पर प्रचार के बहकावे में आने से बचने के लिए, DYOR या अपना खुद का शोध करना महत्वपूर्ण है। अपना खुद का शोध करना यह पता लगाने का एक तरीका है कि कॉइन में भविष्य की क्षमता है या नहीं या सिर्फ नए लोगों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा कोई घोटाला है।
मार्केट क्रैश आने की वजह से बेचना
यह एक ऐसी गलती है जिसका शिकार अनुभवी ट्रेडर भी कई अवसरों पर हो सकते हैं। इक्विटी और क्रिप्टो इकोसिस्टम दोनों में मार्केट क्रैश का डर बना रहता है। लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि मार्केट में गिरावट कभी स्थाई नहीं होती। एक क्रैश के बाद जल्द या बाद में पंप आता है। इस मामले में, सबसे अच्छा समाधान सिर्फ होल्ड करना होता है। या कम से कम, कीमतों के नीचे होने पर न बेचना होता है। क्योंकि हम सभी जानते हैं, मार्केट अप्रत्याशित है। फरवरी में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण बड़े पैमाने पर क्रैश की आशंका थी। अगले दिन, ये आशंकाएं गलत निकलीं क्योंकि मार्केट असल में नीचे की बजाए ऊपर चला गया।
एक जगह सब लगा देना
सबसे बड़ी गलती जो कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने पोर्टफोलियो में विविधता नहीं लाना और अपने सभी फंडों को एक ही कॉइन में निवेश करना। हालांकि कई बार में यह एक बार हो सकता है, मगर ज्यादातर ऐसा नहीं होता और यह बेहद ख़राब विचार है। किसी भी कॉइन में बड़ा निवेश एक बड़ा जोखिम है, क्योंकि एक छोटी सी गिरावट भी आपके मुनाफे का एक बड़ा प्रतिशत कम कर सकती है।
इसे रोकने का एकमात्र तरीका अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। आपके द्वारा क्रिप्टो पोर्टफोलियो में विविधता लाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है और किसी क्रिप्टो के नीचे जाने की स्थिति में आपके नुकसान को कम करने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
“क्रिप्टो में निवेश करते समय क्या चीज़ें न करें” की इस सूची को देखने के बाद, उम्मीद है, आप कुछ सामान्य गलतियों के बारे में थोड़ा अधिक जान गए होंगे जो एक क्रिप्टो ट्रेडर कर सकता है, चाहे वे कितने समय से व्यापार कर रहा हो। इस जानकारी के बाद, आप अगला निवेश किस कॉइन में करने की सोच रहे हैं?
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
Cryptocurrency In India : क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध हो जाएगी? जानिए क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस काम के लिए सरकार को नहीं रोका जा सकता
Cryptocurrency In India : क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध हो जाएगी? जानिए क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस काम के लिए सरकार को नहीं रोका जा सकता
Cryptocurrency In India : क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध हो जाएगी? जानिए क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस काम के लिए सरकार को नहीं रोका जा सकता
Cryptocurrency In India : नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में संसद में कानून लाने से नहीं रोक सकता।
Cryptocurrency In India : क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध हो जाएगी? जानिए क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस काम के लिए सरकार को नहीं रोका जा सकता
Cryptocurrency In India :न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने एक निजी कंपनी द्वारा दायर याचिका को ‘गुमराह’ बताते हुए खारिज कर दिया।
Cryptocurrency In India : क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध हो जाएगी? जानिए क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस काम के लिए सरकार को नहीं रोका जा सकता
याचिका में क्रिप्टोकरेंसी का सुझाव देने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ”संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका का कोई कारण नहीं है. अदालत सरकार को संसद के समक्ष विधायी प्रस्ताव लाने से नहीं रोक सकती.
सरकार ने अंतर-मंत्रालयी का गठन किया है. समिति, इसलिए आपने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका दायर की है। आप प्रस्तावित कानून को चुनौती देना चाहते हैं।
Cryptocurrency In India : क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध हो जाएगी? जानिए क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस काम के लिए सरकार को नहीं रोका जा सकता
याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से पेश अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मुद्रा नहीं माना लेकिन अब सरकार इसके लिए कानून लाने की बात कर रही है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसमें इसकी इकाइयों को बनाने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह केंद्रीय बैंक की निगरानी से परे धन हस्तांतरित करता है।
Cryptocurrency In India : क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध हो जाएगी? जानिए क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस काम के लिए सरकार को नहीं रोका जा सकता
अदालत ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून लाने के लिए सरकार की तत्परता एक संवैधानिक मामला है और इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी परिपत्र बाध्यकारी नहीं है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी : जोखिम या अवसर
क्रिप्टो-करेंसी को लेकर भारत ‘कैच-22’ जैसी स्थिति में
लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है
– लेखक, आदित्य राज (एडवोकेट)
साधारण रूप से करेंसी (मुद्रा) माल एंव सेवाओं के बेचने-खरीदने का माध्यम का काम करती है। क्रिप्टो-करेंसी (जैसे-बिट कॉइन, इत्यादि) के द्वारा भी यही काम किया जा सकता है। लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो-करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों की माने तो मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने क्रिप्टो-करेंसी के मुद्दे को एक नया आयाम दिया है। 180 पन्नों के इस फैसले को क्रिप्टो-करेंसी के पक्षकारों ने सकारात्मक रूप से देखा है। यह स्पष्ट है कि सरकार के सामने दो परस्पर विरोधाभासी विकल्प है –कुल मिलाकर हम उपन्यास “कैच-22” जैसी स्थिति में है। आख़िर भारत क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता सरकार की क्रिप्टो-करेंसी को लेकर क्या असहजताऐं हैं? इस सवाल का जबाव हमें आज के दौर मेंतेजी से बदलती हुई दुनिया के बीच आर्थिक पहलुओं पर घटती राष्ट्रीय संप्रभुता में ढुँढना होगा।
आसान भाषा में समझे क्रिप्टो-करेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?
क्रिप्टो-करेंसी का मुद्दा नया नहीं है,सबसे प्रचलित क्रिप्टो-करेंसीबिट कॉइन 2010 से ही प्रचलन में आ गयी थी। वैसे क्रिप्टो-करेंसी काफी तकनीकी विषय है। यदि इसे आसान भाषा में समझा जाए तो क्रिप्टो-करेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो किसी केंद्रीय बैंक से संचालित नहीं है औरइसे कई क्रिप्टोग्राफी तकनीकें जैसे-“ब्लाकचैन” द्वारा इन्हें रिकार्ड किया जाता है। इस प्रकार एक जाली क्रिप्टो-करेंसी बनना काफी मुश्किल है। वहीं दुसरी ओर क्रिप्टो-करेंसी जैसे बिटकॉइन निर्धारित संख्या तक ही उपलब्ध हो सकती है।(वर्तमान में लगभग 21 मिलियन तक।) यदि हम बिटकॉइन को एक प्रकार का सोना मानें (क्योंकि सोना भी एक मात्रा से ज्यादा उपलब्ध नहीं है) तो इसका मूल्य कहीं और अधिक हो जाता है। साथ ही साथ इसमे मुद्रास्फीति का भी डर नहीं है क्योंकि यहाँ कोई एक केंद्रीय बैंक नहीं है जो अचानक नोटों को प्रिंट कर उनकी संख्या बढ़ा दे। ये सभी बातें क्रिप्टो-करेंसी को खास बनाती है। आज विश्व में कई क्रिप्टो-करेंसी प्रचलन में है और2020 मेंक्रिप्टो-करेंसी ने कई खबरें बनाई हे– जेसे बिटकॉइन का डॉलर में एक के बाद एक रिकार्ड तोड्ना। क्रिप्टो-करेंसी निवेश का एक नया “क्रेज़” साबित हो रहीं हैं। (हालांकि अमरिका में क्रिप्टो-करेंसी लीगल टेंड़र नहीं है।) भारत मेंभी क्रिप्टो-करेंसी का यही “ट्रेंड़” निवेशकों को रिझा रहा है।
भारत सरकार और आरबीआई का क्रिप्टो-करेंसी पर नजरिया
भारत सरकार मेंक्रिप्टो-करेंसी को लेकर खासी असहजता है। आरबीआई गर्वनर शशीकांत दास ने यह साफ तौर पर कहा है कि मुद्रा बनाना व संचालित करना आरबीआई का विशेषाधिकार है और यह विषय राष्ट्रीय संप्रभुता से सीधे तौर से जुडा हुआ है इसलिए इसे किसी निजी हाथों में नहीं सौंपा जा सकता। यह भी एक कड़वा सच है कि क्रिप्टो-करेंसी का उपयोग आपराधियों ने कानून से बचने के लिए किया है –विशेषतः मनी-लांड्रिग के लिए। कई देशों के लिए (उदाहरण-वेनेजुएला) क्रिप्टो-करेंसी अमरिकी प्रतिबंधो से बचने के लिए एक कारगर उपाय साबित हुई है। क्रिप्टो-करेंसी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा साबित हो सकती है। अगस्त 2020 में, अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने ऐसे 300 खातों को जब्त किया जिनका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता किया जा रहा था। इन ख़ातों से कई मिलियन ड़ॉलर की डिजिटल करेंसी भी बरामद की गयी। इन सभी उदाहरणों से यह समझा जा सकता हे कि क्रिप्टो-करेंसी को लेकर भारत क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता सरकार का रवैया पूर्ण रूप से मनमाना नहीं है।
इसी कड़ी में हमे अप्रैल 2018 में आरबीआई द्वरा जारी एक सर्कूलर को देखना चाहिए। इस सर्कूलर द्वारा आरबीआई ने नियमित वित्तीय संस्थाओं पर क्रिप्टो-करेंसी को एक्सचेंज/ट्रेड़िंग की सेवाए देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। आखिरकार यह मसला सुप्रीम कोर्ट तक गया। कोर्ट ने यह तो माना कि आरबीआई के पास सर्कूलर जारी करने की वैधानिक शक्ति है परन्तु क्रिप्टो-करेंसी (एक्सचेंज/ट्रेड़िंग) को सेवाएं देने पर पूर्ण प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट की नजर मेंजरूरत से ज्यादा कठोर था। अंततः फैसला क्रिप्टो-करेंसी समर्थक वर्ग के पक्ष मेंगया।
चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है
भारत सरकार के सामने ये एक नई चुनौती है। सरकार सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकती। क्रिप्टो-करेंसी को भारत में भी सार्थक रूप से उपलब्ध कराना भी सरकार के लिए आवश्यक है। भारत दुनिया से अलग-थलगनहीं रह सकता। अतएव क्रिप्टो-करेंसी में बढते निवेश को नकारा नहीं जा सकता–अर्थात् हम पुरातनवादी सोच का शिकार नहीं बन सकते। भारत का आईटी सेक्टर का व्यापार 2025 तक 350 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है और लाखों लोग रोजगार के लिए इस पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। क्रिप्टो-करेंसी की वैश्विक दौड़ में हम पिछड़ना स्वीकार नहीं कर सकते खासकर तब जब भारत अपनी आईटी सेक्टर काबिलियत से क्रिप्टो-करेंसी की दुनिया में पेंठ बना सकता है। चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है। (स्वाभाविक है कि भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ेगा।)
क्या भारत क्रिप्टो-करेंसी (एक्सचेंज/ट्रेड़िंग) में निजी सेक्टर को खुली छूट दे सकता है ?
लेकिन असली पेंच इस बात में है क्या हम क्रिप्टो-करेंसी(एक्सचेंज/ट्रेड़िंग) में निजी सेक्टर को खुली छूट दे सकते है–किसी केंद्रिय बैंक कि निगरानी के बिना। इसका कोई विशुद्ध तकनीकी जबाव मौजूद नहीं है। मौजूदा समय में सरकारी झुकाव इसके विपरीत है– एक ड्राफ्ट बिल भी इसी ओर इशारा कर रहा है।हाल ही मे जब फेसबुक ने अपनी क्रिप्टो-करेंसी दियम (पूर्व में लिब्रा) की घोषणा की थी तो अमरिकी कांग्रेस, युरोपीय संघ समेत कई केंद्रीय बैंकों ने बड़ी टेक-कंपनीयों के क्रिप्टो-करेंसी/एक्सचेंज क्षेत्र में एकाधिकार को लेकर अपनी आशंकाए व्यक्त की थी। यह संभावना काफी वास्तविक है क्योंकि इन बड़ी कंपनीयों ने इंटरनेट पर भी अपना विशेष प्रभुत्व जमा रखा है। अगर क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता ऐसा क्रिप्टो-करेंसी के साथ हुआ तो इन कंपनीयों के केंद्रीय बैंको से भी ज्यादा शक्तिशाली होने का खतरा है।
यही दुविधा भारत सरकार के सामने भी है। कहावत है कि भाग्य भी जोखिम उठाने वाले का साथ देता है। सिर्फ इस आशंका से किकहीं निजी क्षेत्र डिजिटल करेंसी पर अपना प्रभुत्व ना बना ले अगर हम उसके विकास को रोकने का प्रयास करेंगे तो उसका नुकसान हमेंही उठाना पड़ेगा। बड़ी कंपनीयों के लिए उनकी साख एक बड़ी संपत्ति है–अगर उनकीडिजिटल करेंसी से किसी नकारात्मकप्रभाव का खतरा है तो इस स्थति में ऐसी आशंकाओं को दूर करना भी उन्हीं कंपनीयों का दायित्व होगा। जहाँ तक अपराधिक गतिविधियों/राष्ट्र सुरक्षा का विषय है सरकार अपने कानूनों में उचित बदलाव कर इस पर भी काबू पा सकती है। (सायबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए भी हमने अलग कानून बनाए है।)
क्रिप्टो-करेंसी कई संभावनाओं को सच बना सकती है
निजी क्षेत्र को दरकिनार करना भारत की पुरानी रीति रही है– रक्षा क्षेत्र में आज भारत आत्मनिर्भर इसलिए नहीं है क्योंकि भारतीय निजी क्षेत्र को आगे बढने के पर्याप्त अवसर नहीं मिले। ऐसे में भारत सरकार को क्रिप्टो-करेंसी के विषय में“रिस्क” लेने में कोई संकोच नहीं होना चहिए क्योंकि कानून द्वारा इसे प्रतिबंधित करने का विकल्प तो सरकार के पास हमेशा उपलब्ध है। भविष्य संभावनाओं का खेल है– क्रिप्टो-करेंसी कई संभावनाओं को सच बना सकती है।