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म्यूचुअल फंड में निवेश

म्यूचुअल फंड में निवेश
और अगर आप 12 महीनों से अधिक समय के लिए निवेश करते है तो long term capital gain के रूप में 10% टैक्स देना होता है इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आप कोशिश करें कि आप अपनी निवेश की गई राशि को लंबे समय तक स्टॉक बाजार में लगा पाए।

SIP Investment Tips: SIP के जरिए Mutual Fund में कर रहे हैं निवेश, न करें ये 5 गलतियां, नहीं तो हो सकता है नुकसान

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 04 Aug 2021 07:19 PM (IST)

SIP Investment Tips: सिस्‍टेमैटिक इंवेस्‍टमेंट प्‍लांन यानी सिप (SIP) के जरिये म्‍यूचुअल फंड्स में बड़ी संख्या में खुदरा निवेशक पैसा बना रहे हैं. अगर आप सिप में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें. क्योंकि जानकारी की कमी की वजह से कई निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं और लाभ की जगह नुकसान उठाना पड़ जाता है. आज हम आपको 5 ऐसी गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो निवेशक अक्सर सिप में पैसा लगाते वक्त करते हैं.

वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट न होना

  • अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो आपके वित्‍तीय लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए.
  • अगर आपके वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट नहीं है तो आप गलत फंड चुन सकते हैं.

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब सकता है पैसा

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब सकता है पैसा

बाजार रैली से उत्साहित होकर, म्यूचुअल फंड में निवेश पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए.

Mutual Fund Investment: ऐसा कहा जाता है कि किसी को भी अपने दोनों पैरों से पानी की गहराई नहीं मापनी चाहिए. इसी तरह, किसी भी बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए. म्यूचुअल फंड में निवेश धैर्य और जोखिम की बेहतर समझ की मांग करता है. हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश ऑप्शन की म्यूचुअल फंड में निवेश भरमार और बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए सही फंड का चुनाव आसान नहीं म्यूचुअल फंड में निवेश म्यूचुअल फंड में निवेश है. फिर भी म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी कुछ बुनियादी सावधानियों को ध्यान में रखेंगे तो आपको घाटा नहीं होगा.

कभी भी बड़ी रकम को एक साथ निवेश ना करें.

एक निवेशक को इक्विटी में बड़ी रकम को एक साथ निवेश करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार में गिरावट आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. पहली बार के निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव की समझ नहीं होती होती है. ऐसे में वे थोड़ा नुकसान होने पर घबरा जाते हैं. इस घबराहट में नए निवेशक अक्सर अपना पैसा निकालने का फैसला करते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए, यह हमेशा सलाह दी जाती है कि इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के ज़रिए किया जाना चाहिए.

बाजार के उतार-चढ़ाव के आदी होने के लिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड के बजाय पहली बार निवेशकों के लिए बेहतर यह है कि वे संतुलित फंडों में निवेश करें. नए निवेशकों को ऐसे फंडों में निवेश करना चाहिए जहां जोखिम कम हो या हो भी तो ज्यादा नहीं. इस तरह के फंडों में बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान, प्योर इक्विटी फंड से कम उतार-चढ़ाव होता है. इससे नए निवेशकों के लिए घबराहट की स्थिति नहीं बनती है. इससे नए निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझ सकते हैं. इसलिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड से शुरू करने के बजाय, उन फंडों में निवेश करना बेहतर है, जो तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले हैं.

निवेश करने से पहले फाइनेंशियल प्लानिंग करें.

अगर कोई निवेशक सही फाइनेंशियल प्लानिंग द्वारा लॉन्ग टर्म गोल्स को हासिल करने के लिए इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश करना शुरू करता है, तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रहे. लंबी अवधि के गोल्स के लिए निवेश करने वाले निवेशक बाजार के छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं तुरंत रिटर्न हासिल करने के लिए निवेश करने वाले नए निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराकर तुरंत अपना पैसा निकाल लेते हैं. इसलिए, निवेश करने से पहले किस कैटेगरी के फंड में कितना निवेश करना है, यह तय करने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहतर है.

(Article : Amitava Chakrabarty)

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म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जानें क्या हैं फोकस्ड म्यूचुअल फंड, समझें फायदे और नुकसान

फोकस्ड फंड में ज्यादा से ज्यादा 30 शेयरों में इंवेस्ट कर सकते हैं. स्कीम में बताना पड़ता है कि ये किस सेगमेंट में इंवेस्टमेंट के लिए फोकस करेगी.

म्युचुअल फंड में इंवेस्टमेंट एक अच्छा ऑप्शन होता है. क्योकि इसमें आपको कई तरह की वैरायटी और स्टेबिल्टी मिल जाती है. सभी म्यूचुअल फंड में निवेश म्युचुअल फंड एक जैसे नहीं होते हैं, इसलिए आपको सभी तरह के म्युचुअल फंड की नॅालेज होनी जरुरी है. फोकस्ड म्युचुअल फंड एक इक्विटी म्युचुअल फंड होता है. जो सीमित या कम संख्या में शेयरों में इंवेस्ट करता है. सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के अनुसार इस स्कीम में अधिकतम 30 शेयरों में ही इंवेस्ट करने की परमीशन होती है. इसलिए फोकस्ड फंड का मतलब है कि आप सिर्फ 30 शेयरों में ही इंवेस्ट कर सकते हैं. आमतौर से अन्य म्यूचुअल फंड में 100 शेयरों तक इंवेस्ट कर सकते हैं. एक फोकस्ड फंड लार्ज-कैप, मिड-कैप या स्मॉल-कैप फंड पर फोकस्ड रहता है. फोकस्ड फंड बड़ी संख्या में शेयरों में एसेट नहीं फैलाते हैं. ये केवल कुछ सेक्टर पर ही फोकस्ड रहते हैं. फोकस्ड म्युचुअल फंड का इस्तेमाल करके आप हाई पर्फोमेंस करने वाले एसेट में इंवेस्ट कर सकते हैं. जिससे ज्यादा रिटर्न म्यूचुअल फंड में निवेश मिल सकता है.

क्या हैं इसके फायदे

फोकस्ड म्युचुअल फंड से केवल 30 शेयरों में इंवेस्ट करते हैं. जिस वजह से ये एक सिस्टमेटिक प्रोसेस को फॅालो करते हैं. फंड मैनेजर सही से स्टडी कर फिल्टरिंग के बाद ही शेयरों को सिलेक्ट करता है. इसके साथ ही इस तरह के म्यूचुअल फंड का सबसे अच्छा फायदा डायर्वसिफिकेशन है. ये रिस्क को कम करने के साथ ही रिटर्न को बढ़ाने में भी मदद करता है. फोकस्ड फंड में अच्छी तरह से स्टडी कर सिलेक्ट किए शेयर में इंवेस्ट किया जाता हैं. जो कुछ शेयरों तक ही सीमित होते हैं. इसलिए आपको हाई रिटर्न भी मिल सकता है.

फोकस्ड म्युचुअल फंड अस्थिर होते हैं. इनका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि आपको केवल कुछ सिलेक्टेड शेयरों में इंवेस्ट करना होता है. जिस कारण टार्गेट सफल हो सकता है या फिर फेल भी हो सकता है. इसलिए इसमें हाई रिटर्न के साथ-साथ ज्यादा रिस्क की भी संभावना है. डायर्वसिफिकेशन की कमीं भी रिस्क का एक कारण बन जाती है.

म्यूचुअल फंड के नुकसान जानकर करें निवेश

अब हम आपको म्यूचुअल फंड के नुकसान के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे ताकि आप सभी चीजों को अच्छी तरह समझ कर ही म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करें और आपको किसी भी जोखिम का सामना ना करना पड़े। तो फिर चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं की आख़िर में क्या सच में म्यूचुअल फंड के नुकसान है भी या नहीं?

जिस प्रकार म्यूच्यूअल फंड मे पैसे लगाने के फायदे है उसी प्रकार म्यूचुअल फंड के नुकसान भी है जो निम्न प्रकार है.

mutual fund ke nuksan hindi

1. रिटर्न की गारंटी नहीं

बाजार में कई ऐसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस मौजूद है जो आपको एक निश्चित रिटर्न देते हैं। लेकिन म्यूच्यूअल फंड में ऐसा नहीं होता है म्यूच्यूअल फंड का फायदा सीधे स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है। स्टॉक मार्केट में हमेशा रिस्क बना रहता है। यही म्यूचुअल फंड में निवेश कारण है कि म्यूचुअल फंड के फायदे में भी उतार-चढ़ाव लगा रहता है।

क्या हैं इसके फायदे

फोकस्ड म्युचुअल फंड से केवल 30 शेयरों में इंवेस्ट करते हैं. जिस वजह से ये एक सिस्टमेटिक प्रोसेस को फॅालो करते हैं. फंड मैनेजर सही से स्टडी कर फिल्टरिंग के बाद ही शेयरों को सिलेक्ट करता है. इसके साथ ही इस तरह के म्यूचुअल फंड का सबसे अच्छा फायदा डायर्वसिफिकेशन है. ये रिस्क को कम करने के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश ही रिटर्न को बढ़ाने में भी मदद करता है. फोकस्ड फंड में अच्छी तरह से स्टडी कर सिलेक्ट किए शेयर में इंवेस्ट किया जाता हैं. जो कुछ शेयरों तक ही सीमित होते हैं. इसलिए आपको हाई रिटर्न भी मिल सकता है.

फोकस्ड म्युचुअल फंड अस्थिर होते हैं. इनका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि आपको केवल कुछ सिलेक्टेड शेयरों में इंवेस्ट करना होता है. जिस कारण टार्गेट सफल हो सकता है या फिर फेल भी हो सकता है. इसलिए इसमें हाई रिटर्न के साथ-साथ ज्यादा रिस्क की भी संभावना है. डायर्वसिफिकेशन की कमीं भी रिस्क का एक कारण बन जाती है.

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