क्रिप्टो धन

Crypto Currency Trade: दुनियाभर के निवेशकों के डूब गए 40 अरब डॉलर, एक्सचेंजों से डिलिस्ट हुई ये करंसी
Crypto Updates: दो दिन में क्रिप्टो बाजार में आए भूचाल से कई डिजिटल करेंसी बुरी तरह प्रभावित हुई है. टेरा लूना पर इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर हुआ.
By: ABP Live | Updated at : 14 May 2022 08:26 AM (IST)
Crypto Currency: क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आई भयंकर गिरावट से टेरा लूना (Terra-Luna) पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है. इसके निवेशक पूरी तरह से बर्बाद हो गए. उनका सारा निवेश एक ही हफ्ते में डूब गया. इस वजह से भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों ने अपने प्लेटफॉर्म से टेरा लूना को डिलिस्ट कर दिया है.
आंकड़ों के मुताबिक एक समय टेरा लूना की कीमत 118 डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गई थी. लेकिन अब इसकी कीमत मात्र कुछ सेंट रह गई है. निवेशकों का पूरा का पूरा निवेश डूब चुका है. इस टोकन ने निवेशकों के 40 अरब डॉलर डुबा दिए हैं. 24 घंटे के भीतर ही इस क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू 99 फीसदी तक गिर गई.
CoinMarketCap के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक महीने में क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट वैल्यू 800 अरब डॉलर घट चुकी है. लंबे समय से करीब सभी क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट जारी है.
भारतीय एक्सचेंजों ने डिलिस्ट किया
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क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स ने कहा है कि उसने क्रिप्टो धन लूना/यूएसडीटी, लूना/आईएनआर और लूना/डब्ल्यूआरएक्स को अपने प्लेटफॉर्म से डिलिस्ट कर दिया है. निवेशक मुफ्त में अपने लूना फंड्स को निकाल सकते हैं. USDT स्टेबलकॉइन है और WRX वजीरेक्स यूटिलिटी टोकन है.
वजीरेक्स के अलावा दूसरे क्रिप्टो एक्सचेंज जेबपे, कॉइनडीसीएक्स ने भी अपने एक्टिव टोकन लिस्ट से भी इसे हटा दिया गया है.
सिर्फ यहां है लिस्ट
हालांकि, एक अन्य प्लेटफॉर्म जियोटस (Giotuss) पर इसकी मौजूदगी फिलहाल बनी रहेगी. जियोटस के सीईओ विक्रम सुब्बुराज ने बताया है कि अगर टेरा ब्लॉकचेन फिर से स्टार्ट करती है तो चीजें बदल सकती हैं.
ऐसे में लूना अपने लिए नया रास्ता ढूंढ सकती है और इकोसिस्टम में दोबारा अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकती है. फिलहाल मौजूदा हालात को देखते हुए इस बात की संभावना बहुत कम रह गई है.
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Published at : 14 May 2022 09:06 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Investment Bitcoin MONEY TERRALUNA हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
क्रिप्टो और डिजिटल रुपया में क्या है अंतर जाने इसके फायदे
क्रिप्टो रुपया पूरी तरह से गैर सरकारी है। इस पर सरकार या सेंट्रल बैंक का कोई नियंत्रण नहीं होता। यह रुपया गैरकानूनी होता है। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिजिटल ई- रुपया पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में होती है। क्रिप्टो रुपया का भाव घटता बढ़ता रहता है। लेकिन डिजिटल में ऐसा नहीं होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नवंबर को अपनी डिजिटल रुपया लॉन्च किया है। डिजिटल मुद्रा में लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है। डिजिटल ई रुपया में नोट वाली रूपया के सारे फीचर होंगे, डिजिटल मुद्रा को नोट की मुद्रा में बदला जा सकता है। अर्थव्यवस्था के जानकार बताते हैं कि भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में बहुत ही बेहतर होगा। इस मुद्रा पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नियंत्रण होने के कारण काले धन को वैध बनाने तथा आतंकवादी गतिविधि के लिए धन प्रदान करने पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नवंबर को अपनी डिजिटल रुपया’ को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने अभी थोक लेन- देन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया क्रिप्टो धन गया है।भारत सरकार ने एक फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी। 30 मार्च, 2022 को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) जारी करने के लिए क्रिप्टो धन भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया। थोक लेनदेन के लिए डिजिटल रुपया लांच किया गया है। इसे परीक्षण के तहत सरकारी सुरक्षा में बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की क्रिप्टो धन दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू करने का फैसला किया है।
केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपया के बारे में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह ई-रुपया लाने का मकसद रूपया के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे उपभोक्ता को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।
डिजिटल मुद्रा के पायलट प्रोजेक्ट में फिलहाल नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं।
क्या है डिजिटल रुपया
सेंट्रल बैंक डिजिटल रुपया किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। बीते दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था।
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी () आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के लेन- देन होगा चेक, बैंक खाता से लेनदेन का झंझट नहीं रहेगा। नकली रुपया की समस्या से छुटकारा मिलेगा। पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
सरकार ने कहा- क्रिप्टो करंसी संबंधी धन शोधन के सात मामलों में ईडी की जांच चल रही
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सात ऐसे मामलों की जांच कर रहा है जिनमें धन शोधन क्रिप्टो धन के लिए क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल किया गया है और उसने अभी तक अपराध से संबंधित 135 करोड़ रुपये जब्त किये हैं.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने साइबर अपराधियों द्वारा क्रिप्टो करंसी के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया है और धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत ईडी जिन मामलों की जांच कर रहा है उनमें पता चलता है कि आरोपियों ने वर्चुअल मुद्रा के माध्यम से काले धन को सफेद बनाने का काम किया.
कुछ विदेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों ने कुछ मुद्रा विनिमय प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो करंसी खातों के जरिये धन शोधन किया:
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए, 2002 के तहत सात मामलों में जांच कर रहा है जिनमें धन शोधन के लिए क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल किया क्रिप्टो धन गया है. मंत्री ने कहा कि ईडी ने इन मामलों में पीएमएलए के तहत 135 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है. इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पहचान के सवाल पर चौधरी ने कहा कि अभी तक ईडी द्वारा कराई गयी जांच से खुलासा हुआ है कि कुछ विदेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों ने कुछ मुद्रा विनिमय प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो करंसी खातों के जरिये धन शोधन किया. सोर्स-भाषा
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विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – cryptocurrency पर रोक लगाने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र के व्यापर और विकास संगठन – UNCTAD ने बुधवार को प्रकाशित तीन नीति पत्रों में, विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर रोक लगाने के लिये कार्रवाई किये जाने की पुकार लगाई है.क्रिप्टो धन
यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि अलबत्ता व्यक्तिगत डिजिटल मुद्राओं ने कुछ व्यक्तियों और संस्थानों को लाभान्वित किया है, मगर वो एक ऐसी अस्थिर वित्तीय सम्पदा हैं जो सामाजिक जोखिम और लागतें उत्पन्न कर सकती हैं.
अंकटाड ने कहा है कि कुछ लोगों या संस्थानों को डिजिटल मुद्रा के लाभ, वित्तीय स्थिरता, घरेलू संसाधन सक्रियता, और मुद्रा प्रणालियों की सुरक्षा के लिये उत्पन्न उनके जोखिमों के साए में दब जाते हैं.
क्रिप्टो मुद्रा में उछाल
क्रिप्टो करेंसी भुगतान का एक वैकल्पिक रूप हैं. इनके मामलों में वित्तीय भुगतान गुप्त व सुरक्षित टैक्नॉलॉजी के ज़रिये डिजिटल माध्यमों से किया जाता है जिन्हें ब्लॉकचेन कहा जाता है.
क्रिप्टो करेंसी कोविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर में बहुत तेज़ी से बढ़ी, जिससे पहले से ही मौजूद चलन और भी ज़्यादा मज़बूत हो गया. इस समय दुनिया भर में लगभग 19 हज़ार क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं.
वर्ष 2021 में क्रिप्टो करेंसी रखने वाली आबादी के मामले में, शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों में से, 15 देश विकासशील देश थे.
इस सूची में 12.7 प्रतिशत के साथ यूक्रेन सबसे ऊपर था, उसके बाद रूस 11.9 प्रतिशत और वेनेज़ुएला 10.3 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.
उतना स्वर्णिम नहीं
अंकटाड का कहना है कि बाज़ार में हाल के समय में डिजिटल मुद्रा को लगे झटकों से झलकता है कि क्रिप्टो करेंसी रखने के निजी जोखिम तो हैं ही, मगर केन्द्रीय बैंक, वित्तीय स्थिरता की हिफ़ाज़त करने के लिये हस्तक्षेप करते हैं तो ये समस्या सार्वजनिक बन जाती है.
उससे भी ज़्यादा, अगर क्रिप्टो करेंसी भुगतान के एक माध्यम के रूप में विकसित होना जारी रखती है, और यहाँ तक कि अनौपचारिक रूप में घरेलू मुद्राओं की जगह भी ले लेती है, तो भी देशों की वित्तीय सम्प्रभुता ख़तरे में पड़ सकती है.
कर चोरी का भय
अंकटाड के एक नीति पत्र में बताया गया है कि क्रिप्टो करेंसी विकासशील देशों में किस तरह से घरेलू संसाधन सक्रियता को कमज़ोर करने का एक नया चैनल बन गई है, और साथ ही इस बारे में, बहुत कम कार्रवाई और उसमें भी देरी करने के जोखिमों के बारे में भी आगाह किया गया है.
अंकटाड ने आगाह किया है कि क्रिप्टो करेंसी से वैसे तो विदेशों से अपने मूल स्थानों को रक़म भेजना आसान होता है, मगर उनसे कर चोरी व अवैध वित्तीय लेनदेन के ज़रिये टैक्स से बचाना भी शामिल हो सकता है. बिल्कुल टैक्स स्वर्ग कहे जाने वाले स्थानों की तरह, जहाँ धन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता है.
एजेंसी ने कहा है कि इस तरह से, क्रिप्टो करेंसी मुद्रा नियंत्रणों की प्रभावशीलता को भी कमज़ोर कर सकती है, जोकि विकासशील देशों को उनके नीतिगत स्थान और छोटे पैमाने पर आर्थिक स्थिरता के लिये एक अहम उपकरण है.