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बाजार का राज्य और विकास

बाजार का राज्य और विकास
इसके अंतर्गत स्वास्थ्य , शिक्षा , आवास , समाजिक सुरक्षा इत्यादि सुविधाओं को सरकार द्वारा बिना किसी भुगतान के जनता को पहुंचाया जाता है। इनका भुगतान पूरी अर्थव्यवस्था (सरकार) करती है। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में राज्य यह भूमिका नहीं निभाता।

GST से एक टैक्स, एक देश और एक ही बाजार होगा, आर्थिक विकास दर बढ़ेगीः वित्त मंत्री

नई दिल्लीः संसद भवन के सेंट्रल हॉल में रात 11 बजे जीएसटी लॉन्च कार्यक्रम को शुरू करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में नया इतिहास बनाने की शुरुआत हो चुकी है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन में कहा कि आज आधी रात से हम देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म लॉन्च कर रहे हैं. जीएसटी ऐसे दौर में आ रहा है जब दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है. जीएसटी से एक टैक्स, एक देश और एक ही बाजार होगा और देश की आर्थिक विकास दर में बढ़त होगी. जीएसटी की विशेषता है कि अलग-अलग टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगेगा. जीएसटी काउंसिल की तारीफ की वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने से जिस नई यात्रा की शुरुआत हुई है उसमें कई लोगों का योगदान रहा है. जीएसटी काउंसिल के सदस्य जो अलग-अलग राज्यों के वित्तमंत्री हैं उन्होंने रात-दिन इसके लिए मेहनत की है. 1 जुलाई के तय समय पर जीएसटी लागू करने में सफल रहने के लिए उनका बहुत धन्यवाद है. जीएसटी काउंसिल की जिम्मेदारी थी कि केंद्र बाजार का राज्य और विकास और राज्य के लिए नियम बनाए. काउंसिल 18 बार मिल चुकी हैं लेकिन वोट कराने की स्थिति नहीं आई जो ये साफ दिखाता है कि सदस्यों के बीच देश को नए टैक्स सुधार देने के लिए कितनी ज्यादा प्रतिबद्धता थी. अब तक काउंसिल के 24 फैसलों के तहत 1211 सामानों पर टैक्स तय हुआ है. सरकार का एक ही लक्ष्य था कि आम आदमी पर ज्यादा बोझ ना दिया जाए और साथ ही राज्य-केंद्र सरकार के टैक्स कलेक्शन से आने वाले रेवेन्यू पर भी कोई नकारात्मक असर ना आए. प्रणब बाजार का राज्य और विकास मुखर्जी से जीएसटी का गहरा नाता अरुण जेटली ने इस बात की तरफ इशारा किया कि 15 साल पहले जीएसटी की प्रक्रिया शुरु होने से लेकर इसके आज लागू होने तक के सफर को राष्ट्रपति महोदय ने देखा है. आज इस एतिहासिक दिन राष्ट्रपति खुद इसे लॉन्च कर रहे हैं जो हम सबके लिए गौरव का क्षण है. देश की संघीय एकता का उदाहरण जीएसटी की परिकल्पना 'एक देश, एक टैक्स' के जरिए राष्ट्र के हित में पूरा देश एक साथ आया है. इस सिस्टम को पास करने में जिस तरह केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर काम किया है वो हमारे महान देश के संघीय ढांचे का उदाहरण है. एनडीए 1 ने 2003 में जीएसटी की दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद 2006 के बजट में यूपीए सरकार ने घोषणा की थी कि 2010 में इसे लागू किया जाएगा. उस दौरान वित्तमंत्री ने इसे सबके सामने रखा था, और संविधान में संशोधन हुआ था.

विकास के मॉडल - Development Model

यदि समाज का लक्ष्य विकास करना है तो निःसन्देह वह इसके लिए विकास के किसी मॉडल को प्रयोग में लाएगा। यहाँ विकास के प्रमुख तीन मॉडलों की चर्चा की जा रही है.

1. पूँजीवादी मॉडल पूंजी और उत्पादन के साधनों के वैयक्तिक आधिपत्य की संकल्पना पर पूँजीवादी मॉडल काम करता है। यह बाजार में मूल्य निर्धारण और संसाधन के आवंटन पर राज्य के हस्तक्षेप को शिक्षित करता है। आर्थिक गतिविधियाँ बाजार की मांग व आपूर्ति के प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में तय होंगी और यह प्रक्रिया उत्पादन और वितरण में कुशलता के तत्व को समावेशित करेगी। यह अंतर्राष्ट्रीय जगत में वाणिज्य और व्यापार की ओर उन्मुखी राष्ट्रीय विकास को प्राथमिकता देता है। इस प्रकार के बाजार का राज्य और विकास बाजार का राज्य और विकास विकास में सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNP) और प्रति व्यक्ति आय का विश्लेषण उच्च विकास के पैमाने के रूप में किया जाता है। यह मॉडल सबसे अधिक पश्चिमी देशों अमेरिका और जापान आदि विकसित देशों द्वारा अपनाया जाता है।

राज्य की भूमिका के आधार पर आर्थिक प्रणाली

इसमें सरकार सिर्फ नियामक की भूमिका निभाती थी और शेष दोनों भूमिकाएं बाजार का राज्य और विकास निजी क्षेत्र के पास थीं।

इसमें सरकार ही तीनों भूमिकाएं निभाती थीं और निजी क्षेत्र की लगभग कोई आर्थिक भूमिका नहीं थी।

3- मिश्रित अर्थव्यवस्था

इस अर्थव्यवस्था में राज्य प्रथम और तीसरी भूमिका तो अपने पास पूर्णतया रखती है , दूसरी भूमिका का विकल्प भी मुक्त होता है। लेकिन निजी क्षेत्र की भी वृहद् भूमिका होती हैं

इस प्रकार राज्य अलग-अलग आर्थिक भूमिकाएं निभा सकता है। राज्य की संभावित इन आर्थिक भूमिकाओं का उद्भव रातो-रात नहीं हुआ था बल्कि पूंजीवादी , समाजवादी/साम्यवादी , और मिश्रित अर्थव्यवस्था के उदय के साथ हुआ था। इन आर्थिक व्यवस्थाओं के अनुभवों को ध्यान में रखकर ही विश्व बैंक ने अपनी विश्व विकास बैंक रिपोर्ट 1999 में अर्थव्यवस्था में राज्य की सबसे बेहतर आर्थिक भूमिका पर टिप्पणी की थी , जिसे आज सारा विश्व सहमति प्रदान करता है।

किसी अर्थव्यवस्था में राज्य की भूमिका क्या हो ? उसका निर्धारण उसकी सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों के द्वारा तय किया जाना चाहिए। इस रिपोर्ट द्वारा यह स्पष्ट हो गया कि अर्थव्यवस्था में सभी आर्थिक भूमिकाओं का राज्य या बाजार के अधीन होना कभी भी एक उचित आर्थिक माॅडल नहीं है। इसके लिए राज्य और बाजार बाजार का राज्य और विकास बाजार का राज्य और विकास का एक संतुलित मिश्रण आवश्यक है और यह मिश्रण अलग-अलग अर्थव्यवस्थाओं बाजार का राज्य और विकास के लिए अलग-अलग प्रकार का होता है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम और विश्व बैंक ने अत्यंत गरीब महिलाओं को सरकारी कार्यक्रमों से कैसे जोड़ा जाए विषय पर एक शिक्षण कार्यक्रम की मेजबानी की

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ग्रामीण विकास मंत्रालय की दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) और विश्व बैंक ने 24 फरवरी 2022 को मिशन के कार्यक्रमों में अति गरीब महिलाओं को कैसे शामिल किया जाए विषय पर एक वर्चुअल शिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस शिक्षण सत्र में बीआरएसी और बीओएमए की प्रस्तुतियां शामिल थीं जिन्होंने कई देशों में ऐसे कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संचालित करने के साथ-साथ बिहार के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में योगदान किया है। इस सत्र में भारत बाजार का राज्य और विकास के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 6000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

भारतीय हिमालयी क्षेत्र में संधारणीय विकास के लिए बाजार का राज्य और विकास ‘हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद ’ का गठन

पांच विषयगत कार्य समूह रिपोर्टों की सिफारिशों के आधार पर , 9 नवंबर, 2018 को नीति आयोग ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र में संधारणीय विकास के लिए ‘हिमालयी बाजार का राज्य और विकास राज्य क्षेत्रीय परिषद’ का गठन किया है। डॉ. वी.के. सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग की अध्यक्षता में, परिषद, रिपो र्टों के आधार बाजार का राज्य और विकास पर निर्दिष्ट कार्य बिन्दुओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी।

परिषद के शेष सदस्यों में 12 हिमालयी राज्यों के मुख्य सचिव, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, तेलंगाना वन विकास निगम, तेलंगाना सरकार के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, , महानिदेशक, आईसीआईएमओडी, काठमांडू, नेपाल और नीति आयोग के सलाहकार शामिल होंगे।

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