एफएक्स ट्रेडिंग

विकल्प ट्रेडिंग उदाहरण

विकल्प ट्रेडिंग उदाहरण

Investment Tips: इस स्मॉल कैप फंड ने सालाना आधार पर दिया 50% से ज्यादा रिटर्न, 5000 रुपए की SIP तीन साल में बना 3.5 लाख

Investment Tips: अगर आप अग्रेसिव इन्वेस्टर हैं तो हाई रिटर्न के लिए अन-रेग्युलेटेड फाइनेंशियल प्रोडक्ट की जगह स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना बेहतर विकल्प है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने कहा कि बीते तीन सालों में इसने 32 फीसदी का औसत रिटर्न दिया है.

Investment Tips: अगर आप अग्रेसिव इन्वेस्टर हैं तो स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड शानदार विकल्प है. Credence Wealth के फाउंडर और सीईओ कीर्तन ए शाह ने कहा कि स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स ने बीते तीन सालों में औसतन 32 फीसदी का रिटर्न दिया है. टॉप परफॉर्मर स्कीम ने तो सालाना आधार पर 52 फीसदी का रिटर्न दिया है. ऐसे में अगर आप अग्रेसिव इन्वेस्टर हैं और हाई रिटर्न चाहते हैं तो इन स्कीम्स में निवेश करना ज्यादा बेहतर विकल्प है. अगर किसी इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में ज्यादा रिटर्न का वादा किया जा रहा है और वहां रेग्युलेशन संबंधी समस्या है तो ऐसे विकल्पों से बचने की जरूरत है. उदाहरण के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेग्युलेशन का अभाव है.

SIP से रिस्क को लिमिटेड किया जा सकता है

म्यूचुअल फंड पूरी तरह रेग्युलेटेड है. यह बाजार के जोखिम पर आधारित जरूर है, लेकिन कितना जोखिम उठाना है यह पूरी तरह निवेशक पर निर्भर करता है. अगर इन स्कीम्स में SIP करेंगे तो हाई रिस्क के साथ-साथ हाई रिटर्न भी मिलेगा. खास बात ये है कि एसआईपी की मदद से निवेश करने से रिस्क में बहुत हद तक कमी भी आती है. इसके अलावा एकमुश्त निवेश करने का बोझ नहीं रहता है. बाजार में उतार और चढ़ाव का कम असर होता है और सबसे बड़ी बात है कि यह निवेश का डिसिप्लिन तरीका है.

प्रदर्शन के आधार पर टॉप-5 स्मॉल कैप फंड

3 साल के प्रदर्शन के आधार पर अगर स्मॉल कैप में टॉप-5 म्यूचुअल फंड की बात करें तो पहले नंबर पर क्वांट स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट प्लान ग्रोथ आता है. इसका CAGR करीब 52 फीसदी है. कैनरा रोबैको स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ का सीएजीआर 40.20 फीसदी, बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप फंड ने 40 फीसदी, निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड ने 35 फीसदी और एडलवाइज स्मॉल कैप फंड ने 35 फीसदी का रिटर्न दिया है.

5000 रुपए की SIP पर कितना रिटर्न मिलता?

अगर किसी निवेशक ने Quant Small Cap Fund में तीन साल पहले 5000 रुपए की SIP शुरू की होती तो आज के दिन उसका नेट रिटर्न 3.5 लाख से ज्यादा होता. तीन साल में उसका कुल निवेश 1.8 लाख रुपए होता और नेट रिटर्न 3.51 लाख होता. निवेश के आधार पर रिटर्न 95 फीसदी से ज्यादा होता. इस स्कीम के लिए NAV अभी 145 रुपए पर चल रहा है. फंड का आकार 2200 करोड़ से ज्यादा का है. कम से कम 1000 रुपए की एसआईपी की जा सकती है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें)

Investment Tips: इस स्मॉल कैप फंड ने सालाना आधार पर दिया 50% से ज्यादा रिटर्न, 5000 रुपए की SIP तीन साल में बना 3.5 लाख

Investment Tips: अगर आप अग्रेसिव इन्वेस्टर हैं तो हाई रिटर्न के लिए अन-रेग्युलेटेड फाइनेंशियल प्रोडक्ट की जगह स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना बेहतर विकल्प है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने कहा कि बीते तीन सालों में इसने 32 फीसदी का औसत रिटर्न दिया है.

Investment Tips: अगर आप अग्रेसिव इन्वेस्टर हैं तो स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड शानदार विकल्प है. Credence Wealth के फाउंडर और सीईओ कीर्तन ए शाह ने कहा कि स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स ने बीते तीन सालों में औसतन 32 फीसदी का रिटर्न दिया है. टॉप परफॉर्मर स्कीम ने तो सालाना आधार पर 52 फीसदी का रिटर्न दिया है. ऐसे में अगर आप अग्रेसिव इन्वेस्टर हैं और हाई रिटर्न चाहते हैं तो इन स्कीम्स में निवेश करना ज्यादा बेहतर विकल्प है. अगर किसी इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में ज्यादा रिटर्न का वादा किया जा रहा है और वहां रेग्युलेशन संबंधी समस्या है तो ऐसे विकल्पों से बचने की जरूरत है. उदाहरण के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेग्युलेशन का अभाव है.

SIP से रिस्क को लिमिटेड किया जा सकता है

म्यूचुअल फंड पूरी तरह रेग्युलेटेड है. यह बाजार के जोखिम पर आधारित जरूर है, लेकिन कितना जोखिम उठाना है यह पूरी तरह निवेशक पर निर्भर करता है. अगर इन स्कीम्स में SIP करेंगे तो हाई रिस्क के साथ-साथ हाई रिटर्न भी मिलेगा. खास बात ये है कि एसआईपी की मदद से निवेश करने से रिस्क में बहुत हद तक कमी भी आती है. इसके अलावा एकमुश्त निवेश करने का बोझ नहीं रहता है. बाजार में उतार और चढ़ाव का कम असर होता है और सबसे बड़ी बात है कि यह निवेश का डिसिप्लिन तरीका है.

प्रदर्शन के आधार पर टॉप-5 स्मॉल कैप फंड

3 साल के प्रदर्शन के आधार पर अगर स्मॉल कैप में टॉप-5 म्यूचुअल फंड की बात करें तो पहले नंबर पर क्वांट स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट प्लान ग्रोथ आता है. इसका CAGR करीब 52 फीसदी है. कैनरा रोबैको स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ का सीएजीआर 40.20 फीसदी, बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप फंड ने 40 फीसदी, निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड ने 35 फीसदी और एडलवाइज स्मॉल कैप फंड ने 35 फीसदी का रिटर्न दिया है.

5000 रुपए की SIP पर कितना रिटर्न मिलता?

अगर किसी निवेशक ने Quant Small Cap Fund में तीन साल पहले 5000 रुपए की SIP शुरू की होती तो आज के दिन उसका नेट रिटर्न 3.5 लाख से ज्यादा होता. तीन साल में उसका कुल निवेश 1.8 लाख रुपए होता और नेट रिटर्न 3.51 लाख होता. निवेश के आधार पर रिटर्न 95 फीसदी से ज्यादा होता. इस स्कीम के लिए NAV अभी 145 रुपए पर चल रहा है. फंड का आकार 2200 करोड़ से ज्यादा का है. कम से कम 1000 रुपए की एसआईपी की जा सकती है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें)

options trading for beginners! ऑप्शन ट्रेडिंग नये लोगों के लिए

नमस्कार दोस्तों आज मैं आप लोगों को बताने वाला हूं ऑप्शन ट्रेडिंग है और इसके कितने प्रकार हैं और इसमें आप कमाई कैसे कर सकते हो ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देंगे आप यह पोस्ट पढ़ने के बाद दूसरी पोस्ट पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी

जितना अच्छा ऑप्शन ट्रेडिंग लगता है लेकिन आपको नहीं पता आप क्या कर रहे हो तो यहां रिस्की हो सकता है पर आपको पता है आप क्या कर रहे हो तो आप इसमें बहुत पैसा बनाने वाले हो ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत सारे लोगों को बहुत पसंद है तो आइए शुरू करते हैं

ITM ATM OTM क्या है ऑप्शन ट्रेडिंग में

बहुत सारे नए लोग कंफ्यूज होते हैं की यह ITM ATM OTM क्या होते हैं और अगर थोड़ा बहुत पता भी है तो फिर भी वहां चुना नहीं सकते कि उन्हें किस में ट्रेड करना है सबसे पहले मैं आपको बताता हूं ऑप्शन क्यों फिर मैं आपको बताऊंगा कि आपको किस में ट्रेड करने में ज्यादा फायदा होगा और आपको किस तरफ ध्यान देना चाहिए तो जब हम ऑप्शन की बात कर रहे हैं आप हमारे पास दो विकल्प होते हैं अभी हम स्टॉक्स की बात कर सकते हैं या इंडेक्स की बात कर सकते हैं ज्यादातर लोग इंडेक्स में ट्रेड करते हैं मतलब वह निफ़्टी या बैंक निफ़्टी में ट्रेड करते हैं अगर आप इंडेक्स में ट्रेड करते हो तो यहां पर लोट साइज रहता है निफ्टी के अंदर लोट साइज 50 का होता है और बैंक निफ्टी के अंदर लोट साइज 25 का रहता है मतलब फिर आप जितने भी क्वांटिटी खरीदेंगे वह लोट साइज में होगी जैसे कि 25 50 75 ऐसे लोट साइज रहती है तो itm atm otm की जो भी वैल्यू होगी उसे हम मल्टीप्लाई करेंगे लोट साइज से तो उदाहरण 100 है itm उदाहरण के लिए तो आपको ₹2500 लगेंगे तो यह 25 सो रुपए लगेंगे किस लिए अगर आप खरीदना चाहते हो ऑप्शन पर जैसे आप बेचना चाहते हो तो यहां पर चीजें बदल जाती है तो अभी हम सब समझने वाले हैं तो ऑप्शन क्यों अगर हम उदाहरण के लिए किसी स्टॉक कि बात करते हैं वह स्टॉक विकल्प ट्रेडिंग उदाहरण आपको दिखता है कि उसका प्राइस 10000 है और आपके पास ₹10000 नहीं है उसे खरीदने के लिए पर आपके पास एक ऑप्शन आता है कि आप प्रीमियम दीजिए ₹100 का अगर इस स्टॉक का प्राइस बढ़ेगा तो यह प्रीमियम भी बढ़ जाएगा उदाहरण के लिए यह ₹50 बढ़ता है तो उसका प्रीमियम ₹150 का हो जाएगा तो अब बहुत सारे लोगों को यह बहुत अच्छा लगेगा कि मैं पूरा की पूरा स्टॉक क्यों खरीदें जब मैं उसका एक ऑप्शन खरीद सकता हूं इंपैक्ट अगर आपको लगता है कि यह गिरेगा तो लोग ऑप्शन को खरीद लेते हैं यहां पर जब हम बढ़ने पर खरीदते हैं उदाहरण के लिए मेक बेसिक क्लियर रहा हूं क्योंकि मुझे पता है बहुत सारे नए लोग इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं कि अगर मुझे लग रहा है स्टॉक प्राइस बढ़ेगा तो हम कॉल ऑप्शन को खरीद लेते हैं और अगर मुझे लग रहा है स्टॉक का प्राइस गिरेगा तो मैं पुट ऑप्शन को खरीद लेते हूं कि अगर मुझे लग रहा है निफ़्टी बढ़ेगा तो मैं क्या खरीद दूंगा मैं कॉल ऑप्शन को खरीद दूंगा और अगर मुझे लगेगा निफ्टी गिरेगा तो मैं पुट ऑप्शन को खरीदूंगा तो यह हो गया ऑप्शन को खरीदना पर अगर अभी भी मेरी एनालिसिस सेम है कि निफ्टी तो बढ़ेगा तो मेरे पास एक ही ऑप्शन नहीं है कि मैं कॉल को खरीद दु मेरे पास एक और ऑप्शन आ जाता है कि मैं सेल कर दूं पुट को क्योंकि खरीदने वाले का फायदा कब होगा जब मार्केट गिरेगी पर अगर मार्केट ऊपर जाएगी तो इसका नुकसान होगा इसका नुकसान तो सेलर का मुनाफा क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग जीरो सम गेम का मतलब क्या होता है मतलब यह होता है कि किसी का फायदा तो किसी का नुकसान यहां पर अगर खरीदने वाले का नुकसान होगा तो बेचने वाले का फायदा होगा और बेचने वाले का फायदा होगा तो खरीदने वाले का नुकसान होगा लेकिन अगर मुझे यहां पर ऐसा लग रहा है मेरी एनालिसिस कहती है कि निफ्टी गिरेगी तो जरूरी नहीं है कि मैं पुट खरीद दु मैं बेच सकता हु कॉल ऑप्शन को विकल्प ट्रेडिंग उदाहरण यह जरूरी होता है क्यों जरूरी होता है अगर आप यहां पर कॉल को खरीद कर चल रहे हो तो वैसे ही तो फेवर के अंदर ट्रेड जाने की प्रॉप्लटी 33% होती है और बेचने वाले के पास हमेशा एक एडवांटेज होता है 67% चांस बेचने वाली पास ज्यादा होते हैं सेलर के पास ज्यादा चांस होते हैं पर पैसा खरीदने वाला ज्यादा कमा सकता है अगर मैं बात करूं कैपिटल के ऊपर पैसा कमाने की तो खरीदने वाले के पास बहुत कम कैपिटल लगता है उदाहरण के लिए निफ़्टी चल रहा है ₹18000 अगर मैं निफ्टी का फ्यूचर खरीदूंगा तो बहुत पैसा लगेगा निफ्टी को तो हम खरीद ही नहीं सकते क्योंकि निफ्टी तो इंटेक्स है अगर मैं निफ़्टी का ऑप्शन खरीदता हूं तो 50 का लोड है उदाहरण के लिए मैं आपको बता रहा हूं की मान लेते हैं ₹100 का ऑप्शन का प्राइस है तो सिर्फ ₹5000 में काम हो गया पर अगर आपको ऐसे ही बेचना होता अगर आप बेचने वाले होते हैं तो आपका ₹1 लाख लगता याह पर आपको 1 लाख लागने है ओर वाह पर ₹5 हजार लागने तो ज्यादातर लोगों के पास कम पैसा होता है तो वह सिर्फ खरीदते हैं और उनकी प्रॉप्लटी ओर विभाग कम होती है इसीलिए ज्यादातर खरीदने विकल्प ट्रेडिंग उदाहरण वाले का नुकसान होता है क्योंकि बेचने वाले को पता होता है कि वह क्या कर रहे हैं उसके पीछे लॉजिक और एनालिसिस होती है

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