इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें

वर्ष 2022 में उच्च रिटर्न देने वाले भारत में शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
निवेश भारत में संपत्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह महंगाई को हराने, फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने और अपने आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाने में मदद करता है. अपने बैंक अकाउंट में पैसे को रखने की बजाय, आप स्टॉक्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विभिन्न विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
यह आपको फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट करके सुरक्षित जीवन जीने के लिए, भविष्य के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा बनाने में मदद कर सकता है.
मार्केट में कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जिनमें उच्च स्तर के जोखिम होते हैं और अन्य एसेट क्लास की तुलना में लॉन्ग-टर्म में लाभकारी रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.
कई इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें होने के कारण, सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. नीचे कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान दिए गए हैं, जो सेविंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
भारत में सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
अगर आप सोच रहे हैं कि पैसे कहां इन्वेस्ट करें, तो यहां कुछ प्रकार के इन्वेस्टमेंट दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं:
स्टॉक्स
स्टॉक किसी कंपनी या इकाई के स्वामित्व में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. स्टॉक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें लिए ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक हैं. लेकिन, ये मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, इसलिए पूंजी की हानि का जोखिम हमेशा बना रहता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट
जोखिम से बचने वाले इन्वेस्टर के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट एक आदर्श इन्वेस्टमेंट विकल्प है. एफडी आपके डिपॉजिट पर सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उच्च-जोखिम लेने वाले इन्वेस्टर भी अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाने के लिए एफडी, आरईआईटीएस और क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुनते हैं.
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड, फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं, जो लोगों के पैसे को संग्रह करते हैं और विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं, ताकि रिटर्न मिल सके. आप शुरुआत में छोटी डिपॉजिट राशि से शुरू करके भी अच्छा-खासा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम
रिटायर हो चुके लोगों के लिए सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम एक लॉन्ग-टर्म सेविंग विकल्प है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें सुरक्षित आय प्राप्त करना चाहते हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
पीपीएफ भारत में एक विश्वसनीय इन्वेस्टमेंट प्लान है. इन्वेस्टमेंट प्रति वर्ष मात्र रु. 500 से शुरू है और इन्वेस्ट किए गए मूलधन, अर्जित ब्याज़ और मेच्योरिटी राशि पर टैक्स से छूट दी जाती है. इसका लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का है, जिसमें विभिन्न पड़ावों पर आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.
एनपीएस
एनपीएस, लाभदायक सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है, जो पेंशन के विकल्प प्रदान करता है. आपके फंड बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज़, स्टॉक और अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट किए जाते हैं. लॉक-इन अवधि इन्वेस्टर की आयु द्वारा निर्धारित की जाती है, क्योंकि जब तक इन्वेस्टर 60 वर्ष की आयु का नहीं होता, तब तक यह स्कीम मेच्योर नहीं होती है.
रियल एस्टेट
रियल एस्टेट, भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है, जिसमें बेहतरीन संभावनाएं हैं. भारत के कई इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से फ्लैट या प्लॉट खरीदना भी सर्वश्रेष्ठ विकल्प में से एक है. क्योंकि प्रॉपर्टी की दर हर छह महीने में बढ़ सकती है, इसलिए जोखिम कम होता है और रियल एस्टेट एक ऐसे एसेट के रूप में काम करता है, जो लंबे समय में उच्च रिटर्न प्रदान करता है.
गोल्ड बॉन्ड्स
सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज़ हैं, जो सोने के ग्राम में मूल्यांकित किया जाता है. रिज़र्व बैंक, भारत सरकार की ओर से फिज़िकल गोल्ड रखने के विकल्प के रूप में बांड जारी करता है. इन्वेस्टर को कैश में इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है, और मेच्योरिटी पर बॉन्ड को कैश में रिडीम किया जा सकता है.
आरईआईटीएस
आरईआईटी, या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, ऐसी कंपनियां होती हैं, जो कई प्रॉपर्टी सेक्टर में, आय प्रदान करने वाले रियल एस्टेट का मालिक होती हैं या फाइनेंस करती है. इन रियल एस्टेट कंपनियों को आरईआईटी के रूप में पात्रता प्राप्त करने के लिए कई आवश्यकताओं को पूरा करना होता है. अधिकांश आरईआईटी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जो इन्वेस्टर को कई लाभ प्रदान करता है.
क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी, या क्रिप्टो, करेंसी का एक रूप है, जो डिजिटल या वर्चुअल रूप से मौजूद है और ट्रांज़ैक्शन सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है. क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्र द्वारा जारी होने या विनियमित किए जाने वाला प्राधिकरण नहीं है; बल्कि ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड करने और नई यूनिट जारी करने के लिए डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता है.
आपको अपने पैसे कहां इन्वेस्ट करने चाहिए?
अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, आप या तो मार्केट-लिंक्ड या मार्केट से अप्रभावित रहने वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं. मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट में अधिक रिटर्न मिलते हैं, लेकिन ये हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान नहीं होते क्योंकि इनमें पूंजी खोने का जोखिम रहता है. तुलना में, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट टूल, फंड की अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. बजाज फाइनेंस एक ऐसा फाइनेंसर है जो उच्च एफडी दरों और फंड की सुरक्षा का दोहरा लाभ प्रदान करता है.
जोखिम उठाने की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट के विकल्पों को किस तरह प्रभावित करती है
अधिकांश इन्वेस्टमेंट विकल्पों में कुछ अस्थिरता होती है, और आमतौर पर जब जोखिम का स्तर अधिक होता है, तो इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक होता है. इसलिए, अक्सर इन्वेस्टमेंट के निर्णय इन्वेस्टर्स की जोखिम क्षमता के आधार पर लिए जाते हैं.
कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: फिक्स्ड-इनकम विकल्पों में बॉन्ड, डिबेंचर, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, और सरकारी सेविंग स्कीम शामिल हैं.
मध्यम-जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: डेट फंड, बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड, और इंडेक्स फंड इस कैटेगरी में आते हैं.
अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: अस्थिरता वाले इन्वेस्टमेंट में स्टॉक इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प शामिल हैं.
बजाज फाइनेंस एफडी सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक क्यों है
- प्रति वर्ष 7.95% तक की उच्च ब्याज़ दरें. द्वारा एफएएए और इकरा द्वारा एमएएए की उच्चतम सुरक्षा रेटिंग के साथ समय-समय पर भुगतान का विकल्प
- समय से पहले निकासी से बचने के लिए एफडी पर लोन
बजाज फाइनेंस एफडी में इन्वेस्ट करना अब पहले से भी आसान है. हमारी एंड-टू-एंड ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्रोसेस के साथ अपने घर के आराम से अपनी इन्वेस्टमेंट यात्रा शुरू करें.
निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प
सचाई यह है कि कम जोखिम के साथ बेहतरीन रिटर्न नहीं कमाया जा इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें सकता. वास्तव में जहां रिटर्न अधिक होगा, वहां जोखिम भी अधिक होगा.
निवेश के किसी विकल्प को चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न का मौका मिलता है.
निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.
इसे भी पढ़ें: कैसे ट्रांसफर करें PPF अकाउंट?
वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.
हम आपको यहां बता रहे हैं निवेश के शीर्ष 10 विकल्प:
शेयरों में निवेश
हर किसी के लिए शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है, इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है. निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शेयर में लंबी अवधि में रिटर्न देने की क्षमता सबसे अधिक होती है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी शेयरों में निवेश से ही रिटर्न कमाती है. सेबी के निर्देश के मुताबिक जो म्यूचुअल फंड स्कीम अपने फंड का 65% शेयरों में निवेश करती है, वह इक्विटी म्यूचुअल फंड कहलाती है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो पर्याप्त रिसर्च के बाद निवेश के लायक शेयर चुनता है और उसमें निवेश करता है.
इक्विटी स्कीम बाजार पूंजीकरण या सेक्टर के हिसाब से अलग हो सकती हैं. इस समय इक्विटी म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 15फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
डेट म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी उन निवेशकों के लिए सही है जो निवेश से गारंटीड रिटर्न कमाना चाहते हैं. ये म्यूचुअल फंड कॉरपोरेट बांड्स, सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर आदि में निवेश से रिटर्न कमाती है. इस समय डेट म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 6.5, 8 और 7.5 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम (nps) का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में अच्छा रहा है. बहुत कम फीस स्ट्रक्चर भी इसे निवेश का आकर्षक विकल्प बनाता है. बाजार से जुड़े उत्पादों में देश में यह सबसे कम खर्च वाला प्रोडक्ट है. निकासी संबंधी नियमों में बदलाव और अतिरिक्त टैक्स-छूट की वजह से भी यह निवेशक की पसंद में शामिल हो गया है.
एनपीएस बच्चों की शिक्षा, शादी, घर बनाने या किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आंशिक निकासी की सुविधा देता है. इसमें हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी आपको निवेश में बने रहना जरूरी होता है. यह वास्तव में शेयर, FD, कॉरपोरेट बांड, लिक्विड फंड और सरकारी निवेश विकल्प का मिला जुला रूप है.
इस समय NPS का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 9.5, 8.5 और 11 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
पीपीएफ
देश में निवेशकों के बीच पीपीएफ सर्वाधिक लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत किसी एक वित्त वर्ष में आप पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं.
निवेश के इस विकल्प की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको EEE (निवेश के वक्त करमुक्त, ब्याज पर करमुक्त, निवेश भुनाने पर करमुक्त) का लाभ देता है.
निवेश के इस विकल्प में सरकारी गारंटी इसकी लोकप्रियता को और बढ़ा देती है.
बैंक FD
बैंक या पोस्ट ऑफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग FD से आप निवेश के वक्त सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाला विकल्प है. इस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है.
डिपाजिट इंश्योरेंस एवं क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के हिसाब से आपकी एक लाख रुपये तक की जमा रकम बीमित है.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
पोस्ट ऑफिस की तरफ से बेस्टसेलर के रूप में यह स्कीम रिटायर्ड लोगों के लिए निवेश का पसंदीदा स्रोत है. यह सेवानिवृत लोगों के लिए आय का नियमित स्रोत भी है. इस स्कीम की अवधि पांच साल है जिसे तीन साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.
इसमें हालांकि प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा है. यह 60 साल से अधिक उम्र के निवेशकों के लिए ही खुली है, हालांकि सेना से रिटायर मेंट लेने वाले लोगों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन भर की बचत को पार्क करने और उस पर कमाई के हिसाब से यह स्कीम बेहतरीन है. यह सेवानिवृत लोगों की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है.
रिजर्व बैंक के टैक्सेबल बांड्स
पहले इस स्कीम में आठ फीसदी सालाना का ब्याज मिलता था जिसे सरकार ने बदल कर अब 7.75 फीसदी ब्याज वाला विकल्प बना दिया है. इस बांड में पांच साल के लिए निवेश किया जा सकता है.
रियल एस्टेट
खुद के रहने के हिसाब से घर खरीदना अब निवेश के लिहाज से भी आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है. अगर आपको रहने की जरूरत नहीं है तो आप निवेश के हिसाब से भी दूसरा घर खरीद सकते हैं. निवेश के इस विकल्प में आपको सिर्फ प्रॉपर्टी की लोकेशन और वहां मौजूद सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है.
इसमें निवेश से आप पूंजी में इजाफा और किराये से आमदनी, दो तरीके से रिटर्न कमा सकते हैं.
सोना
निवेश का यह विकल्प सदियों से भारतीयों की पसंद में शामिल है, पहनने के लिए खरीदी जाने वाली ज्वेलरी से लेकर निवेश के रूप में खरीदे गए सिक्के और बार तक, सोना बिना किसी संदेह के भारतीयों की पसंद में सबसे ऊपर है. अब आप पेपर गोल्ड के रूप में भी सोने में निवेश कर सकते हैं.
गोल्ड ETF में निवेश करना और भुनाना दोनों ही शेयर बाजार के जरिये होता है.
आप क्या करें
निवेश के कुछ विकल्प शेयर बाजार से संबद्ध हैं तो कुछ निश्चित ब्याज वाले हैं. आप जोखिम लेने की अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिटर्न की उम्मीद रखें.
हिन्दी में शेयर बाजार और पर्सनल फाइनेंस पर नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. पेज लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें
इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें
डबल टैक्सेशन एवॉइडेंस एग्रीमेंट(DTAA): लाभ और दरें
भारत में टैक्स ऑडिटिंग और इसके प्रकार
बिक्री कर - लेटेस्ट बिक्री कर कलेक्शन के बारे में जानें
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर कैसे भिन्न होते हैं? विस्तार से जानें
आयकर अधिनियम की धारा 206AB के बारे में विस्तार से जानें
फ्रिंज बेनिफिट टैक्स के बारे में सभी जानकारी
TAN ऐप्लीकेशन प्रोसेस के बारे में पूरी जानकारी
डबल टैक्सेशन एवॉइडेंस एग्रीमेंट(DTAA): लाभ और दरें
भारत में टैक्स ऑडिटिंग और इसके प्रकार
बिक्री कर - लेटेस्ट बिक्री कर कलेक्शन के बारे में जानें
अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
We'd love to hear from you
We are always available to address the needs of our users.
+91-9606800800
पैसे से पैसा बनाने के 10 टिप्स! फॉलो करें, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान
अनजाने में की गईं गलतियां मेहनत से कमाया पैसा डुबा सकती हैं.
आज के दौर में कई लोग अपने पैसों को घर में या बैंक अकांउट में यूं ही पड़ा रहने के बजाय उसे इन्वेस्ट करना बेहतर समझते हैं.
हर कोई चाहता है कि उसके पास एक अच्छा-खासा फंड हो ताकि जिंदगी की जरूरतों को आराम से पूरा किया जा सके. इसके लिए आज के दौर में कई लोग अपने पैसों को घर में या बैंक अकांउट में यूं ही पड़ा रहने के बजाय उसे इन्वेस्ट करना बेहतर समझते हैं. लेकिन इन्वेस्टमेंट करते वक्त भी कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है क्योंकि अनजाने में की गईं गलतियां मेहनत से कमाया पैसा डुबा सकती हैं. आइए आपको बताते हैं ऐसी ही 10 बातों के बारे में-
1. निवेश के उद्देश्य को लेकर हों स्पष्ट
कहीं भी पैसा लगाने से पहले यह इस बात को लेकर स्पष्ट हो जाना चाहिए कि आप किस उद्देश्य से इन्वेस्ट करना चाहते हैं. क्या यह होम लोन की जरूरत को लेकर है या फिर भविष्य के खर्चों की पूर्ति के लिए? अगर इन्वेस्टर एक बार अपने निवेश उद्देश्य को लेकर स्पष्ट हो जाए तो वह टार्गेट रिटर्न, टाइम हॉरिजन और जोखिम जैसे अन्य महत्वपूर्ण फैक्टर्स के बीच चुनाव ज्यादा अच्छे से कर सकता है.
2. इन्वेस्टमेंट प्लान की सही समझ जरूरी
इन्वेस्टमेंट एक झटके में नहीं होता है. इसके लिए सही प्लानिंग और अनुशासन भरी कोशिश की जरूरत होती है. अच्छा रिटर्न पाने के लिए यह मायने नहीं रखता कि कोई कितना बड़ा या छोटा अमाउंट इन्वेस्ट कर रहा है, बल्कि मुख्य जरूरत होती है कि जिस प्लान में इन्वेस्ट करना चाहते हैं उसकी स्पष्ट समझ हासिल की जाए. इसलिए निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें और उन प्लान्स पर टिके रहें, जो आपको पूरी तरह स्पष्ट हों.
Car Insurance Portability: क्या है कार इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी फीचर, पॉलिसी पोर्ट कराते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान
Car Insurance: फेस्टिव सीजन में खरीदनी है नई कार, इंश्योरेंस में बरतें ये सावधानियां, हजारों रुपये की होगी बचत
Best Pension Schemes: रिटायरमेंट के लिए ये हैं तीन बेस्ट विकल्प, प्रीमियम भुगतान के तुरंत बाद शुरू हो जाती है पेंशन
3. एक ही प्लान में न लगाएं सारा फंड
इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के मामले में विभाजन कामयाबी का मंत्र है. किसी को भी अपना पूरा फंड एक ही प्लान में नहीं लगा देना चाहिए. इन्वेस्टर को निवेश किए जा सकने वाले विभिन्न सेक्टर्स की स्टडी करनी चाहिए और उसके बाद विभिन्न आॅप्शंस में अपने फंड का एक निश्चित हिस्सा इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें लगाना चाहिए. डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो पूरा पैसा डूबने के जोखिम को कम कर देता है.
4. केवल सुनी हुई बातों पर यकीन कर न करें इन्वेस्ट
ट्रेडिंग मार्केट में सच से ज्यादा प्रचार चलता है. लोग दूसरों के कहे पर यकीन कर बिना पूरी रिसर्च किए प्लान्स में इन्वेस्ट कर देते हैं. जबकि सही तो यह है कि किसी के भी कहे—सुने पर यकीन करने के बजाय प्लान्स के बारे में रिसर्च की जाए और अफवाहों व प्रचारों को लेकर अलर्ट रहा जाए.
5. कोई नहीं जान सकता मार्केट की टाइमिंग
स्टॉक मार्केट अस्थिर है, इसमें उतार—चढ़ाव लगा रहता है और कोई भी इसके बारे में सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता. हालांकि कुछ लोग सही अंदाज लगा लेते हैं लेकिन ऐसा केवल एक या दो बार सही हो सकता है, हर बार नहीं. ज्यादातर इन्वेस्टर्स मानते हैं कि वे सही समय पर मार्केट के उतार—चढ़ाव का सही और वक्त पर पता लगा सकते हें लेकिन मार्केट की टाइमिंग का पता रहना केवल एक मिथ है.
6. इन्वेस्टमेंट में भी अनुशासन जरूरी
जिस तरह जिंदगी में अनुशासन होना जरूरी है, उसी तरह इन्वेस्टमेंट में भी अनुशासन मायने रखता है. अच्छा रिटर्न देने के बावजूद स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने वालों की कमी है, जिसकी वजह इसका उतार—चढ़ाव है. हालांकि जिन इन्वेस्टर्स ने सिस्टेमेटिक अप्रोच के साथ पैसा लगाया है, इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें उन्हें वक्त के साथ सही रिटर्न मिला है. इसलिए जरूरी है कि लॉन्ग टर्म सिनेरियो को ध्यान में रखने के अलावा धैर्य के साथ अनुशासनात्मक इन्वेस्टमेंट अप्रोच को फॉलो किया जाए.
7. फैसलों पर इमोशंस को न होने दें हावी
स्टॉक मार्केट में इमोशंस के लिए जगह नहीं है, विशेषकर डर और लालच के लिए. ऐसे कई मामले हुए, जब इमोशंस पर कंट्रोल न कर पाने के चलते कई इन्वेस्टर्स को मोटा नुकसान उठाना पड़ा. यह सच है कि कम समय में छोटे इन्वेस्टमेंट का बड़ा रिटर्न पाने की कहानियां सुनने के बाद एक झटके में पैसा बनाने की ललक से दूर नहीं रहा जा सकता है. इसके चलते इन्वेस्टर्स बिना ज्यादा सोचे अनजान शेयरों को खरीद लेते हैं और बाद में मार्केट का रुख बदलते ही उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि अच्छा रिटर्न पाने के लिए इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें अटकलों को न मानकर सही रिसर्च के साथ स्टॉक चुने जाएं.
8. अव्यावहारिक रिटर्न की न रखें चाहत
निवेश से अच्छा रिटर्न पाने की चाहत गलत नहीं है लेकिन जो संभव न हो यानी अव्यावहारिक रिटर्न पाने की आशा गलत है. कई स्टॉक मार्केट स्टडीज दर्शाती हैं कि 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न अलार्म है कि आगे मार्केट गिरने वाला है. ऐसे में होने वाला नुकसान अर्निंग से कहीं ज्यादा होगा.
9. कभी न लगाएं जरूरत का पैसा
इन्वेस्टमेंट के लिए कभी भी अपनी जरूरत का पैसा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हमेशा अतिरिक्त पैसे को ही इन्वेस्ट करना चाहिए. स्टॉक मार्केट के मामले में यह जरूरी नहीं है कि अगर आज नुकसान नहीं हो रहा है तो आगे भी कभी नहीं होगा. इसलिए सलाह दी जाती है कि अतिरिक्त फंड ही इन्वेस्ट करें ताकि अगर कभी नुकसान उठाना पड़े तो भी आपकी जिंदगी सही तरीके से चलती रहे. हालांकि नुकसान के बजाय प्रॉफिट भी हो सकता है, इसलिए जोखिम लें लेकिन संभलकर.
10. अपडेट रहना और मार्केट पर नजर रखना जरूरी
आज के दौर में विश्व के सभी राष्ट्रों के मार्केट इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें अपनी-अपनी बाउंड्री तोड़कर एक साथ आ रहे हैं और मिलकर एक ग्लोबल विलेज तैयार कर रहे हैं. ऐसे में विश्व के किसी भी हिस्से में घटित कोई भी घटना या कोई भी महत्वपूर्ण ईवेंट, हर देश इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें के फाइनेंशियल मार्केट को काफी ज्यादा प्रभावित करता है. इसलिए जरूरी है कि सभी ग्लोबल ईवेंट्स को लेकर अपडेट रहा जाए और पोर्टफोलियो को लगातार मॉनिटर किया जाए. अगर आप खुद से पोर्टफोलियो का रिव्यू नहीं कर सकते तो अच्छा रहेगा कि किसी फाइनेंशियल एडवायजर या प्लानर को हायर कर लिया जाए.
(लेखक रचित चावला रजिस्टर्ड नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी Finway के CEO हैं.)
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.