विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत

क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा

क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा
दो साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?

अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?

विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है. अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है. इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है. यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर.

अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं. यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है.

इसे एक उदाहरण से समझें
अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में भारत के ज्यादातर बिजनेस डॉलर में होते हैं. आप अपनी जरूरत का कच्चा तेल (क्रूड), खाद्य पदार्थ (दाल, खाद्य तेल ) और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अधिक मात्रा में आयात करेंगे तो आपको ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. आपको सामान तो खरीदने में मदद मिलेगी, लेकिन आपका मुद्राभंडार घट जाएगा.

मान लें कि हम अमेरिका से कुछ कारोबार कर रहे हैं. अमेरिका के पास 68,000 रुपए हैं और हमारे पास 1000 डॉलर. अगर आज डॉलर का भाव 68 रुपये है तो दोनों के पास फिलहाल बराबर रकम क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा है. अब अगर हमें अमेरिका से भारत में कोई ऐसी चीज मंगानी है, जिसका भाव हमारी करेंसी के हिसाब से 6,800 रुपये है तो हमें इसके लिए 100 डॉलर चुकाने होंगे.

अब हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 900 डॉलर बचे हैं. अमेरिका के पास 74,800 रुपये. इस हिसाब से अमेरिका के विदेशी मुद्रा भंडार में भारत के जो 68,000 रुपए थे, वो तो हैं ही, लेकिन भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पड़े 100 डॉलर भी उसके पास पहुंच गए.

अगर भारत इतनी ही राशि यानी 100 डॉलर का सामान अमेरिका को दे देगा तो उसकी स्थिति ठीक हो जाएगी. यह स्थिति जब बड़े पैमाने पर होती है तो हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में मौजूद करेंसी में कमजोरी आती है. इस समय अगर हम अंतर्राष्ट्रीय बाजार से डॉलर खरीदना चाहते हैं, तो हमें उसके लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं.

कौन करता है मदद?
इस तरह की स्थितियों में देश का केंद्रीय बैंक RBI अपने भंडार और विदेश से खरीदकर बाजार में डॉलर की आपूर्ति सुनिश्चित करता है.

आप पर क्या असर?
भारत अपनी जरूरत का करीब 80% पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है. रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा. इस वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं.

डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई बढ़ सकती है. इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है. रुपये की कमजोरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं.

यह है सीधा असर
एक अनुमान के मुताबिक डॉलर के भाव में एक रुपये की वृद्धि से तेल कंपनियों पर 8,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है. इससे उन्हें पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ता है. पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में 10 फीसदी वृद्धि से महंगाई करीब 0.8 फीसदी बढ़ जाती है. इसका सीधा असर क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा खाने-पीने और परिवहन लागत पर पड़ता है.

हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिएयहां क्लिक करें

फोरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन

एक बाजार जो दैनिक मात्रा में लगभग $ 5.2 ट्रिलियन को आकर्षित करता है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े बाजार के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो विश्व स्तर पर 24 घंटे उपलब्ध है - बिल्कुल यही मुद्रा बाज़ार होता है। छोटी मार्जिन आवश्यकताओं और कम प्रवेश बाधाओं का लाभ इसे क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा खुदरा निवेशक के पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

  • फ्यूचर्स, ऑप्शन में ट्रेड
  • छोटी मार्जिन आवश्यकताएँ
  • नियंत्रित विनियमन
  • पोर्टफोलियो का विविधीकरण
  • जोखिम से बचाव
  • निवेश, व्यापार, बचाव, अनुमान लगाना

मुद्रा व्यापार के लिए हमें क्यों चुनें

  • लाभ -4 गुना एक्सपोजर
  • सुरक्षित व्यापार अनुभव
  • वैयक्तिकृत सूचना
  • कुशल जोखिम प्रबंधन
  • समर्पित सलाहकार दल

अभी डीमैट खाता खोलें!

Loading.

मुद्रा और विदेशी मुद्रा बाजार की अनुशंसाएं

No data at this time

Loading.

Latest Report

Currency Daily

Currency Daily

Currency Daily

Currency Daily

Loading.

एडुएम.ओ वीडियो

गहन, विस्तृत अध्याय। आसानी से सीखने के लिए वीडियो और ब्लॉग। मजेदार, प्रभावी और सहायक

ब्लॉग्स

Earn Profit Without Taking Any Risks in Currency Trading

Which Currency Offers the Best Trading Returns

What You Need to Know About Currency Exchange

मुद्रा संबंधी एफ.ए.क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा क्यू

व्यापार डेरिवेटिव के लिए न्यूनतम निवेश कितना है?

यह कदम तब आया जब बाज़ार नियामक सेबी ने छोटे निवेशकों को उच्च जोखिम वाले उत्पादों से बचाने के प्रयास में वर्तमान में किसी भी इक्विटी डेरिवेटिव उत्पाद के लिए न्यूनतम निवेश आकार में 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की बढ़ोतरी की।

करेंसी ट्रेडिंग इन इंडिया क्या है और मैं मुद्रा व्यापार कैसे शुरु करूँ?

विदेशी मुद्रा व्यापार, एक मुद्रा का दूसरे में रूपांतरण है। यह दुनिया के सबसे सक्रिय रूप से कारोबार किए जाने वाले बाज़ारों क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा में से एक है, जिसमें औसत दैनिक व्यापार की मात्रा 5 ट्रिलियन डॉलर है।

मैं ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग कैसे कर सकता हूँ?

सभी मुद्रा व्यापार जोड़े में किया जाता है। शेयर बाज़ार के विपरीत, जहाँ आप एकल स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं, आपको एक मुद्रा खरीदनी होगी और दूसरी मुद्रा को विदेशी मुद्रा बाज़ार में बेचना होगा। इसके बाद, लगभग सभी मुद्राओं का मूल्य चौथे दशमलव बिंदु तक होगा। बिंदु में प्रतिशत व्यापार की सबसे छोटी वृद्धि है।

भारत में मुद्रा का व्यापार कैसे कर सकता हूँ?

सभी मुद्रा व्यापार जोड़े में किया जाता है। शेयर बाज़ार के विपरीत, जहाँ आप एकल स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं, आपको एक मुद्रा खरीदनी होगी और दूसरी मुद्रा को विदेशी मुद्रा बाज़ार में बेचना होगा। इसके बाद, लगभग सभी मुद्राओं का मूल्य चौथे दशमलव बिंदु तक होगा। बिंदु में प्रतिशत व्यापार की सबसे छोटी वृद्धि है।

विदेशी मुद्रा व्यापार से लाभ प्राप्त कैसे करें?

विदेशी मुद्रा व्यापार आपको मुनाफ़ा दे सकती है यदि आप असामान्य रूप से कुशल मुद्रा व्यापारी के साथ धनराशि को छुपा कर रखते हैं। हालांकि इसका अर्थ यह लगाया जा सकता है कि मुद्राओं में व्यापार करते समय तीन में से एक व्यापारी का पैसा नहीं डूबता, लेकिन यह समृद्ध व्यापार विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के समान नहीं है।

क्या विदेशी मुद्रा व्यापार में कोई जोखिम कारक शामिल है?

विदेशी मुद्रा व्यापार में मुद्रा जोड़े का व्यापार शामिल है। कोई भी निवेश जो संभावित लाभ प्रदान करने का प्रस्ताव रखता है उसमें भी मार्जिन पर व्यापार करते समय अपने लेनदेन के मूल्य से बहुत अधिक खोने के बिंदु तक डाउनसाइड जोखिम होता है।

भारतीय विदेशी मुद्रा क्या है?

भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 में कहा गया कि भारत 750 बिलियन यू.एस डॉलर से 1 ट्रिलियन डॉलर तक के विदेशी मुद्रा भंडार को लक्षित कर सकता है। दिसंबर 2019 तक, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से यू.एस सरकारी बॉन्ड और संस्थागत बॉन्ड के रूप में यू.एस डॉलर के साथ सोने में लगभग 6% विदेशी संचय से बने हैं ।

फेरा और फेमा में क्या अंतर होता है?

सन 1973 में विदेशी विनिमय नियमन अधिनियम(FERA)पारित किया गया, जिसका मुख्य उद्येश्य विदेशी मुद्रा का सदुपयोग सुनिश्चित करना था. लेकिन यह कानून देश के विकास में बाधक बन गया था इस कारण दिसम्बर 1999 में संसद के दोनों सदनों द्वारा फेमा प्रस्तावित किया गया था. राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद 1999 में फेमा प्रभाव में आ गया.

FERA vs FEMA

ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में विदशी मुद्रा बहुत ही सीमित मात्रा में होती थी; इस कारण सरकार देश में इसके आवागमन पर नजर रखती थी. सन 1973 में विदेशी विनिमय नियमन अधिनियम (FERA) पारित किया गया, जिसका मुख्य उद्येश्य विदेशी मुद्रा का सदुपयोग सुनिश्चित करना था. लेकिन यह कानून देश के विकास में बाधक बन गया था इस कारण सन 1997-98 के बजट में सरकार ने फेरा-1973 के स्थान पर फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) को लाने का प्रस्ताव रखा था. दिसम्बर 1999 में संसद के दोनों सदनों द्वारा फेमा पास किया गया था. राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद जून 1, 2000 को फेमा प्रभाव में आ गया था.
फेरा क्या है?
फेरा कानून का मुख्य कार्य विदेशी भुगतान पर नियंत्रण लगाना, पूँजी बाजार में काले धन पर नजर रखना, विदेशी मुद्रा के आयात और निर्यात पर नजर रखना और विदेशियों द्वारा अचल संपत्तियों की खरीद को नियंत्रित करना था. इस कानून को देश में तब लागू किया गया था जब देश का विदेशी पूँजी भंडार बहुत ही ख़राब हालत में था. इसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा के संरक्षण और अर्थव्यवस्था के विकास में उसका सही उपयोग करना था.
फेमा क्या है?
फेमा का महत्वपूर्ण लक्ष्य विदेशी मुद्रा से संबंधित सभी कानूनों का संशोधन और एकीकरण करना है. इसके अलावा फेमा का लक्ष्य देश में विदेशी भुगतान और व्यापार को बढ़ावा देना, विदेशी पूँजी और निवेश को देश में बढ़ावा देना ताकि औद्योगिक विकास और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके. फेमा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के रखरखाव और सुधार को प्रोत्साहित करता है.
फेमा भारत में रहने वाले एक व्यक्ति को पूरी स्वतंत्रता प्रदान करता है कि वह भारत के बाहर संपत्ति को खरीद सकता है मालिक बन सकता है और उसका मालिकाना हक़ भी किसी और को दे सकता है.
आइये जानते हैं कि फेरा और फेमा में क्या अंतर है.

क्रम संख्या

फेरा

फेमा

इसे संसद ने 1973 में मंजूरी दी थी

इसे संसद ने 1999 में मंजूरी दी थी

यह वर्तमान में लागू नही है

यह वर्तमान में लागू है

इसमें अनुभागों (sections) की संख्या 81 है

इसमें अनुभागों (sections) की संख्या 49 है

इसे भारत में विदेशी भुगतानों पर नियंत्रण क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा लगाने और विदेशी मुद्रा का सदुपयोग करने के लिया बनाया गया था.

इसका उद्येश्य विदेशी व्यापार और विदेशी भुगतानों को बढ़ावा देना और देश में विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना

इसमें भारत का नागरिक उसी व्यक्ति को माना जाता था जो भारत का नागरिक हो

इसमें भारत का नागरिक उस व्यक्ति को मान लिया जाता है जो 6 महीने से भारत में रह रहा हो.

इसमें अपराध को क्रिमिनल अपराध की श्रेणी में रखा जाता था

इसमें अपराध को दीवानी अपराध की श्रेणी में रखा जाता है

इसके दोषी पाए जाने क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा पर सीधे सजा का प्रावधान था

इसमें दोषी पाए जाने पर सजा तभी होगी जबकि व्यक्ति नोटिस की तिथि से 90 दिन के भीतर निर्धारित अर्थदंड जमा न करे

इसके तहत मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी दोषी माना जाता था और उसे ही यह साबित करना होता था कि वह दोषी नही है

इसमें किसी गुनाह के सम्बन्ध में सबूत देने का बोझ आरोपी पर नही बल्कि फेमा लागू करने वाले अधिकारी पर होता है

उम्मीद है कि ऊपर दिए गए अंतरों के आधार पर आप समझ गए होंगे कि फेरा और फेमा में क्या अंतर है और फेरा की जगह पर फेमा को क्यों लागू किया गया था?

फोरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन

एक बाजार जो दैनिक मात्रा में लगभग $ 5.2 ट्रिलियन को आकर्षित करता है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े बाजार के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो विश्व स्तर पर 24 घंटे उपलब्ध है - बिल्कुल यही मुद्रा बाज़ार होता है। छोटी मार्जिन आवश्यकताओं और कम प्रवेश बाधाओं का लाभ इसे खुदरा निवेशक के पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

  • फ्यूचर्स, ऑप्शन में ट्रेड
  • छोटी मार्जिन आवश्यकताएँ
  • नियंत्रित विनियमन
  • पोर्टफोलियो का विविधीकरण
  • जोखिम से बचाव
  • निवेश, व्यापार, बचाव, अनुमान लगाना

मुद्रा व्यापार के लिए हमें क्यों चुनें

  • लाभ -4 गुना एक्सपोजर
  • सुरक्षित व्यापार अनुभव
  • वैयक्तिकृत सूचना
  • कुशल जोखिम प्रबंधन
  • समर्पित सलाहकार दल

अभी डीमैट खाता खोलें!

Loading.

मुद्रा और विदेशी मुद्रा बाजार की अनुशंसाएं

No data at this time

Loading.

Latest Report

Currency Daily

Currency Daily

Currency Daily

Currency Daily

Loading.

एडुएम.ओ वीडियो

गहन, विस्तृत अध्याय। आसानी से सीखने के लिए वीडियो और ब्लॉग। मजेदार, प्रभावी और सहायक

ब्लॉग्स

Earn Profit Without Taking Any Risks in Currency Trading

Which Currency Offers the Best Trading Returns

What You Need to Know About Currency Exchange

मुद्रा संबंधी एफ.ए.क्यू

व्यापार डेरिवेटिव के लिए न्यूनतम निवेश कितना है?

यह कदम तब आया जब बाज़ार नियामक सेबी ने छोटे निवेशकों को उच्च जोखिम वाले उत्पादों से बचाने के प्रयास में वर्तमान में किसी भी इक्विटी डेरिवेटिव उत्पाद के लिए न्यूनतम निवेश आकार में 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की बढ़ोतरी की।

करेंसी ट्रेडिंग इन इंडिया क्या है और मैं मुद्रा व्यापार कैसे शुरु करूँ?

विदेशी मुद्रा व्यापार, एक मुद्रा का दूसरे में रूपांतरण है। यह दुनिया के सबसे सक्रिय रूप से कारोबार किए जाने वाले बाज़ारों में से एक है, जिसमें औसत दैनिक व्यापार की मात्रा 5 ट्रिलियन डॉलर है।

मैं ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग कैसे कर सकता हूँ?

सभी मुद्रा व्यापार जोड़े में किया जाता है। शेयर बाज़ार के विपरीत, जहाँ आप एकल स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं, आपको एक मुद्रा खरीदनी होगी और दूसरी मुद्रा को विदेशी मुद्रा बाज़ार में बेचना होगा। इसके बाद, लगभग सभी मुद्राओं का मूल्य चौथे दशमलव बिंदु तक होगा। बिंदु में प्रतिशत व्यापार की सबसे छोटी वृद्धि है।

भारत में मुद्रा का व्यापार कैसे कर सकता हूँ?

सभी मुद्रा व्यापार जोड़े में किया जाता है। शेयर बाज़ार के विपरीत, जहाँ आप एकल स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं, आपको एक मुद्रा खरीदनी होगी और दूसरी मुद्रा को विदेशी मुद्रा बाज़ार में बेचना होगा। इसके बाद, लगभग सभी मुद्राओं का मूल्य चौथे दशमलव बिंदु तक होगा। बिंदु में प्रतिशत व्यापार की सबसे छोटी वृद्धि है।

विदेशी मुद्रा व्यापार से लाभ प्राप्त कैसे करें?

विदेशी मुद्रा व्यापार आपको मुनाफ़ा दे सकती है यदि आप असामान्य रूप से कुशल मुद्रा व्यापारी के साथ धनराशि को छुपा कर रखते हैं। हालांकि इसका अर्थ यह लगाया जा सकता है कि मुद्राओं में व्यापार करते समय तीन में से एक व्यापारी का पैसा नहीं डूबता, लेकिन यह समृद्ध व्यापार विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के समान नहीं है।

क्या विदेशी मुद्रा व्यापार में कोई जोखिम कारक शामिल है?

विदेशी मुद्रा व्यापार में मुद्रा जोड़े का व्यापार शामिल है। कोई भी निवेश जो संभावित लाभ प्रदान करने का प्रस्ताव रखता है उसमें भी मार्जिन पर व्यापार करते समय अपने लेनदेन के मूल्य से बहुत अधिक खोने के बिंदु तक डाउनसाइड जोखिम होता है।

भारतीय विदेशी मुद्रा क्या है?

भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 में कहा गया कि भारत 750 बिलियन यू.एस डॉलर से 1 ट्रिलियन डॉलर तक के विदेशी मुद्रा भंडार को लक्षित कर सकता है। दिसंबर 2019 तक, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा मुख्य रूप से यू.एस सरकारी बॉन्ड और संस्थागत बॉन्ड के रूप में यू.एस डॉलर के साथ सोने में लगभग 6% विदेशी संचय से बने हैं ।

दो साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर होगा असर?

नवीनतम सप्ताह में गिरावट की मात्रा, 6.687 बिलियन डॉलर है, जो जुलाई के मध्य के बाद सबसे बड़ी थी।

दो साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर होगा असर?

दो साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों में सबसे निचले स्तर पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में जानकारी दी गई है। आरबीआई के अनुसार, रुपए 80 प्रति डॉलर के नीचे चला गया है, वहीं आरबीआई ने इसे ऊपर रखने के लिए काफी प्रयास किया था।

आरबीआई के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया, जो दो साल में सबसे कम और लगातार तीसरे सप्ताह में गिरावट है। नवीनतम सप्ताह में गिरावट की मात्रा, 6.687 बिलियन डॉलर है, जो जुलाई के मध्य के बाद सबसे बड़ी थी।

इससे पहले के सप्ताह में 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का आयात कवर 2.238 डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रह गया था। जुलाई के अंतिम सप्ताह में वृद्धि को छोड़कर, जो एक सांख्यिकीय ब्लिप की तरह लगता है, भारत के विदेशी मुद्रा में जुलाई की शुरुआत से हर एक सप्ताह में गिरावट आई है। फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह 26 सप्ताहों में से 20 में गिरावट हुई थी।

शनि देव ने मार्गी होकर बनाया ‘शश महापुरुष राजयोग’, इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, हर कार्य में सफलता के योग

ABP-C-Voter Survey: नोट पर हो लक्ष्मी-गणेश की फोटो, केजरीवाल की इस मांग पर हुआ सर्वे, आए चौंकाने वाले नतीजे

ABP-CVoter Survey: मध्य गुजरात को लेकर सी वोटर का सर्वे- क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा आप को झटका तो कांग्रेस को 10 से 14 सीटें, वहीं भाजपा का हाल देखिए

13 नवंबर तक तुला राशि में विराजमान रहेंगे बुध देव, इन 3 राशि वालों की धन- दौलत में अपार बढ़ोतरी के आसार

यूक्रेन संकट के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 67 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट और पिछले साल के उच्चतम स्तर से करीब 80 अरब डॉलर की गिरावट रुपए में लगभग 74 डॉलर प्रति डॉलर से 80 के करीब है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल के बढ़ते आयात के कारण, जिस पर देश अपनी तेल जरूरतों के 80 प्रतिशत से अधिक के लिए निर्भर करता है, भारत का व्यापार असंतुलन पिछले महीने बढ़कर 31 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे देश के चालू खाते को बनाए रखने की क्षमता के बारे में चिंता बढ़ गई।

वहीं आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, नवीनतम दर-निर्धारण बैठक के बाद जब केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार दरों में बढ़ोतरी की, तब भी भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा रहा है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि एक रिपोर्ट से पता चला है कि क्रेडिट योग्यता पर दबाव का सामना करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।

एक्‍सपर्ट के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में गिराावट के बाद देश की अर्थव्‍यवस्‍था में गिरावट आने की उम्‍मीद है। हालांकि आरबीआई की ओर से इसपर कोई जानकारी नहींं दी गई है।

रेटिंग: 4.19
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 81
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *