विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत

विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट

विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट
आरबीआई के अर्थशास्त्रियों ने अपने विश्लेषण में अनुमान लगाया था कि जुलाई अंत तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 56 अरब डॉलर घट गया था, साथ ही उल्लेख किया कि इसमें से 20 अरब डॉलर स्वैप सेल के कारण घटे थे—जिसका मतलब है कि यह मुद्रा आरबीआई के पास वापस लौट आनी थी. मौजूदा समय में अगर स्वैप सेल को हटा दिया जाए तो भी वास्तविक गिरावट 63 अरब डॉलर से कुछ अधिक हो सकती है.

Graphic: Ramandeep Kaur | ThePrint

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.8 अरब डॉलर की बड़ी गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, देश विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट का विदेशी मुद्रा भंडार 15 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में 1.839 अरब डॉलर घटकर 584.242 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले 8 जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 586.082 अरब डॉलर था।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति (एफसीए), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ देश की आरक्षित स्थिति (रिजर्व पोजिशन) शामिल है।

रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में एफसीए 28.4 करोड़ डॉलर घटकर 541.507 अरब डॉलर रह गई है।

इसके अलावा देश विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट के स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.534 अरब डॉलर घटकर 36.06 अरब डॉलर रह गया है।

देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष आहरण अधिकार 40 लाख डॉलर घटकर 1.512 अरब डॉलर रह गया है।

Forex reserve news: तेजी से घट रहा है विदेशी मुद्रा भंडार, इतना तो 2008 में भी नहीं गिरा था

देश का विदेशी मुद्रा भंडार (forex reserve) हाल में काफी तेजी से गिरा है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 16 सितंबर को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 545.65 अरब डॉलर रह गया जो इसका करीब दो साल का न्यूनतम स्तर है। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 85.88 अरब डॉलर की गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि डॉलर के मजबूत होने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। लेकिन इसकी बड़ी वजह यह है कि आरबीआई ने करेंसी मार्केट में डॉलर की काफी बिक्री की है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस बार 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में ज्यादा तेजी से गिरा है।

बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2008 से मार्च 2009 के बीच देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 57.7 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। इस दौरान रुपये की कीमत में 19.विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट 22 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके चार साल बाद यानी 2013 में रुपये में इस बार से ज्यादा गिरावट आई थी। तब फेड रिजर्व ने मॉनीटरी पॉलिसी में सख्ती के संकेत दिए थे और दुनियाभर के मार्केट्स में हड़कंप मच गया था। तब एक मई से तीन सितंबर के बीच रुपये की कीमत में 20.6 फीसदी गिरावट आई थी। उस दौरान अप्रैल से सितंबर के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में 21.56 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। लेकिन इस बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार ज्यादा तेजी से घटा है। पिछले साल दिसंबर से अब तक रुपये में 8.20 फीसदी गिरावट विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट आई है।

‘रुपये को बचाने की कीमत’- हर हफ्ते $3.6 बिलियन गंवाए, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक दशक में सबसे बड़ी गिरावट दिखी

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साप्ताहिक स्टेटिस्टिकल सप्लीमेंट के मुताबिक, 9 सितंबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 550.8 अरब डॉलर था. ये 2020 के बाद सबसे कम है, जब यह आंकड़ा 580 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.

जनवरी के पहले सप्ताह में भारत के पास 633 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जिसका मतलब है कि इस कैलेंडर वर्ष में अब तक 82 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है जो कि पिछले एक दशक में सबसे अधिक है.

एक दशक में सबसे ज्यादा कमी

पिछले 10 सालों की तुलना में यह कमी भारत में अब तक की सबसे तेज गिरावट है. कैलेंडर वर्ष 2011 (0.6 अरब डॉलर), 2012 (1.7 अरब डॉलर), 2013 (विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट 1.8 अरब डॉलर) और 2018 (13.28 अरब डॉलर) भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के घटने के गवाह हैं—लेकिन यह गिरावट उनके आकार की तुलना में मामूली थी.

बाकी सालों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज की गई है और इसमें से वर्ष 2020—जब सारी दुनिया कोविड-19 महामारी से प्रभावित रही—सबसे अधिक लाभकारी रहा. उस साल भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति में करीब 119 अरब डॉलर (2019 के अंत में 461 अरब डॉलर से बढ़कर 2020 के अंत तक 580 बिलियन डॉलर) की वृद्धि दर्ज की गई. 2021 के अंत तक, आंकड़ा 52 अरब डॉलर बढ़कर 633 अरब डॉलर पर पहुंच गया. पिछले साल 3 सितंबर को भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को 642.45 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर देखा था.

ऐसा क्यों हुआ?

विदेशी मुद्रा में कमी का मतलब है कि आरबीआई रुपये के गिरते मूल्य पर काबू पाने के लिए डॉलर बेच रहा है, जो जुलाई में 80 रुपये प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था.

ऐसा होने का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व ने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची मुद्रास्फीति पर लगाम कसने के लिए प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि कर दी है. इस साल, यूएस फेड ने अब तक चार मौकों पर कर्ज पर ब्याज की दर बढ़ाई है—यह अगस्त में 2.25-2.5 प्रतिशत रही, जो मार्च में 0.25-0.5 प्रतिशत थी.

ऋण दर में बढ़ोतरी करके यूएस फेड दरअसल मुद्रा के तौर पर डॉलर का उपयोग करने वाले लोगों की क्रय शक्ति सीमित करना चाहता है. और जैसा इकोनॉमिक टाइम्स का एक विश्लेषण बताता है, इसका नतीजा यह हुआ कि भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले एक साल में 39 अरब डॉलर से अधिक की निकासी की.

विदेशी मुद्रा भंडार 94.2 करोड़ डॉलर घटकर 393.52 अरब डॉलर पर

विदेशी मुद्रा भंडार 94.2 करोड़ डॉलर घटकर 393.52 अरब डॉलर पर

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में, कुल भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां 92.24 करोड़ डॉलर घटकर 369.076 अरब डॉलर रह गईं. अमेरिकी डॉलर में विदेशी मुद्रा आस्तियां, देश के मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्राओं की मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल करता है.

13 अप्रैल, 2018 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 426.028 अरब डॉलर के रेकॉर्ड उच्च स्तर तक पहुंच गया था. तब से, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है और अब तक इसमें 31 अरब डॉलर की कमी आई है. आंकड़ों विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार 20.52 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा.

विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर

विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर |_40.1

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले दिनों देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) में गिरावट का रुख देखा गया। इससे पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार 3.84 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया था। एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया था।

देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपए की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट के अनुसार, 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 5.77 अरब डॉलर बढ़कर 470.84 अरब डॉलर हो गई। डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट्स में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है।

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