स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान
हैलो दोस्तो शेयर बाजार के बारे में तो आप सभी ने जरूर सुना होगा। कुछ लोग तो शेयर बाजार के बारे में अच्छी तरह जानते ही होंगे। लेकिन आपको शेयर बाजार बारे में बहुत अच्छा जानकारी होना आवश्यक है। नही तो आपको शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे मे नही पता चलेगा। तो चलिए आज हम जानते है, शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे में।
शेयर बाजार के फायदे
1. कम समय में ज्यादा रिटर्न :- बांड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट्स जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट से तुलना की जाये तो शेयर बाजार निवेशकों को सही रूप से कम समय में अधिक रिटर्नदेता है। लेकिन आपको शेयर बाजार के नियमो को फॉलो करना पड़ेगा। और धैर्यवान होने से रिटर्न अच्छा मिलेगा।
2. कोई समय सीमा नहीं :- शेयर मार्किट एक सप्ताह के अन्दर 5 दिन और हर दिन 6 घंटे चलता है। और आप अपनी मर्जी के हिसाब से निवेश कर सकते है। बस आपके पास अच्छा इन्टरनेट होना चाहिए।
3. लाभ में हिस्सा :- कंपनी जितना ज्यादा लाभ कमाती है। उसके शेयर धारक को उसी हिसाब में रिटर्न के रूप में लाभांश देती है। इस तरीके से एक निवेशक को स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है शेयर से मिलने वाला सबसे बड़ा लाभ कंपनी के द्वारा लाभ में दिया जाने वाला हिस्सा है।
शेयर बाजार के नुकसान
1. शेयर बाजार ऊपर नीचे होना :- कभी शेयर बाजार ऊपर बढ़ता है, तो कभी अचानक नीचे गिरने लगता है। ऐसे में कितने दफा तो गिरावट की वजह से निवेशकों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है।
2. बिना सीखे निवेश करना :- शेयर बाजार में लोगो को नुकसान होने का पहला और सबसे बड़ा कारण है। जानकारी का अभाव कई बार लोग शेयर बाजार में निवेश से पहले शेयर बाजार के बारे में कुछ भी नहीं जानते, बिना ठीक से कुछ जाने निवेश कर देते है। और फिर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
3. निवेश का समय :- शेयर बाजार अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेश के बारे में जानना तो जरूरी है ही साथ ही किस समय पर निवेश करना है उसकी जानकारी भी होनी चाहिए। नही तो नुकसान का खतरा बना रहता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
( फायदे ) इंटरनेट के साथ साथ आनलाइन ट्रेडिंग की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और लाभ कमाना बहुत आसान हो गया है। आपको स्टॉक की भविष्यवाणी एक दिन के लिए करनी होती है जो आपको बेहतर गुणवत्ता प्रदान करती है।
( नुकसान ) लोग ऐसा मानते है कि इंट्राडे ट्रेड में खतरा अधिक होती है। जबकि खतरा सभी मे समन होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में समय न दे पाना इसे ज्यादे रिस्की बनाती है। यदि आप अपने शेयर के साथ समय बिताते हैं तो खतरा कम रहता है।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
( फायदे ) स्विंग ट्रेडर्स बहुत कम समय में मूल्य परिवर्तन से लाभ कमाने की कोशिश करते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के इस रूप में लगभग 5% से 10% तक का अच्छा रिटर्न मिलता है। दूसरी बात इसमें आपको पूरा दिन या लगातार अपने कंप्यूटर पर बैठने की आवश्यकता नहीं होती है।
( नुकसान ) स्विंग ट्रेडिंग मे यदि आप लोग अच्छे स्टॉक को नही चुन पाएंगे तो आपको लोस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बहुत जरूरी होता है। ताकी आप लोग ज्यादा दिन तक अच्छी तरह से शेयर मे निवेश कर सके।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
( फायदे ) वैसे तो शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे अगर आप पुरी स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है जानकारी के साथ शेयर में निवेश करेंगे और सही कंपनी स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को अच्छी तरह से देख पाएंगे।
( नुकसान ) शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग को अगर आप किसीके कहने पर या विज्ञापन देखकर किसी शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होने वाला है। क्युकी आप जिस किसी भी शेयर को खरीदते है, तो उस कंपनी के बारे पूरी जानकारी नहीं जान पाते।
लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
( फायदे ) लॉंग टर्म ट्रेडिंग मे अगर आप कोई अच्छा शेयर रिसर्च करके सिलेक्ट करेंगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है। इसके लिए आपको शेयर बाजार के बारे मे सभी जानकारी होनी चाहिए तब आप अच्छा लाभ उठा सकते हो।
( नुकसान ) लॉंग टर्म ट्रेडिंग मे अगर आप कोई अच्छा शेयर रिसर्च करके नही सिलेक्ट करेंगे तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस लिए सही जानकारी के साथ ही लॉंग टर्म ट्रेडिंग में निवेश कीजिए गा।
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स
A. अपने निवेश का रिस्क मैनेजमेंट करे।
B. शेयर बाजार में अच्छे शेयरों का चुनाव करें।
C. निवेश करने से पहले कंपनी को अच्छी तरीके से जान लें।
D. पारिवारिक और आर्थिक स्थिति को जोखिम में ना डालें।
E. लोन लेकर या किसी से उधर लेकर कभी शेयर बाजार में निवेश ना करें।
F. निवेश करने से पहले शेयर बाजार को सीखने की कोशिश करें।
G. शेयर बाजार में पैसे भले ही कम लेकिन समय ज्यादा निवेश करें।
H. शेयर बाजार मे अधिक समय के लिए निवेश करें।
निष्कर्ष :-
शेयर बाजार के अंदर निवेशक, बजट और उससे जुड़ी खबरों का कंपनियों पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है। कई बार कुछ शेयर लोगो की अपवाहो पर ही अपनी प्रतिक्रिया दे ते हैं। केवल पूर्वानुमानों पर शेयरों में निवेश करने पर खतरनाक साबित हो सकता है।
नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है आपको इस website पर शेयर मार्केट, म्यूचल फंड, शेयर प्राइस टारगेट, इन्वेस्टमेंट,से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी रिसर्च के साथ हिंदी मे दी जाएगी
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? | How to Select Stocks for Swing Trading in Hindi?
शेयर मार्केट में ट्रैडिंग के कई विकल्प है, जिन्हे निवेशकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार चुन सकता है। जैसे दीर्घकालिक, मध्यकालिक या फिर एक दिन में सम्पन्न होने वाले लेन देन या स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)। दीर्घकालिक के लिए किए गए निवेशों में लाभ का प्रतिशत तो अधिक होता है परन्तु काफी लम्बे समय का इंतज़ार भी करना पड़ता है, कई बार ये अवधि 5 वर्ष या उससे भी अधिक की हो सकती है| इन निवेशों में जोखिम (Risk) तो काफी कम होता हैं लेकिन निवेश के लिए ज्यादा पूंजी (Corpus) की आवश्यकता होती है। अगर बात करे इंट्राडे ट्रेडिंग कि तो उसमे बाजार के बंद होने से पहले ही खरीद-बेच का सौदा कर दिया जाता है, इसमे जोखिम ज्यादा होता है पर ट्रैडिंग के लिए कम पूंजी कि जरूरत होती है। अब चाहे लंबे समय के लिए होने वाले ट्रैडिंग कि बात करे या एक दिन में पूरी होने वाली इंट्राडे ट्रेडिंग की सभी के अपने नफा नुकसान है। इन सबसे थोड़ा सा अलग एक अन्य ट्रैडिंग विकल्प भी है जिसे स्विंग ट्रैडिंग (Swing Trading) कहा जाता है।
स्विंग ट्रैडिंग क्या है? | What is Swing Trading?
स्विंग ट्रैडिंग का उद्देश स्टॉक के मूल्य में गिरावट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजिसन को होल्ड करने से है, ये अवधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है ।
जहां लंबी अवधि के निवेशों में लाभ अर्जित करने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है, स्विंग ट्रेडिंग के जरिए निवेशक छोटे-छोटे लाभों को अर्जित कर कम समयावधि में अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है ।
बाजार और शेयर के सही अनुमान लगाने के लिए ट्रैडर कई टेक्निकल सूचक (Indicator) का प्रयोग भी करते है जो शेयर के सही स्थिति के अनुमान लगाने में सहायक होते है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? | How to Do Swing Trading?
ट्रैडिंग अकाउंट स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है खोले: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको सर्वप्रथम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की जरूरत होगी| आजकल कई ट्रेडिंग कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग को आसानी से समझ पाते हैं और लाइव ट्रैडिंग से पहले अभ्यास कर सकते है ।
बाजार का आंकलन करे: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के पश्चात आपको बाजार विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी, इस पर मदद के लिए कई वित्तीय टूल उपलब्ध हैं जो उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं।
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर चुने: जब आप बाजार को अच्छे से समझ लिए हैं और अपनी जरूरत के अनुसार जोखिम के लिए तैयार हैं, अब जरूरत है आपको ऐसे स्टॉक या एजेंट की जो आपकी जरूरत के अनुसार फिट बैठता हो।
जोखिम प्रबंधन करे: ट्रेडिंग में यह आवश्यक नहीं है कि आपके द्वारा लिए गए निर्णय हमेशा सही हो और आपको हमेशा लाभ ही प्राप्त हो, कई बार सही बाजार आंकलन और रणनीति के बाद भी अप्रत्याशित हानि उठानी पड़ती है| आपको अपनी वित्तीय जोखिम के अनुसार लाभ या हानि हर तरह के जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए।
अपनी ऐसेट को मॉनिटर करे: अपनी ऐसेट को मॉनिटर करते रहें, देखें कि क्या वह आपकी आशा के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रहा है या नही। सही समय पर बाहर निकलना बेहतर विकल्प हो सकता है, लाभ के साथ यहाँ कभी-कभी हानि के साथ भी हमें बाहर निकलना पड़ता है।
How to Select Stock for Swing Trading? | स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
बाजार की दिशा: ट्रैड करते समय कुछ ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार भी स्टॉक को चुनते हैं इसके लिए कंपनी के स्तिथि, उससे संबधित खबरों पर नजर स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है रखनी चाहिए| कोशिश करे कि बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्टॉक को ही चुना जाएI
तरलता या लिक्विडिटी: तरलता स्विंग ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकती हैं, अच्छी लिक्विडिटी का अर्थ है ऐसे स्टॉक जोकि ट्रेड मार्केट में बहुत बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाते हैं, ये प्रदर्शित करते है कि स्टॉक कि मांग बाजार में अच्छी है, अच्छे तरलता वाले स्टॉक अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ आते हैI
अन्य स्टॉक के साथ तुलना: इसमें स्टॉक की तुलना उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के प्रदर्शन के साथ की जाती है ताकि अधिकतम प्रभावशाली या बेहतर प्रदर्शन वाले स्टॉक को चुना जा सके।
स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न: स्टॉक के पुराने ट्रेडिंग पैटर्न को देखकर ही भविष्य के लिए उस स्टॉक के लिए अनुमान लगाए जाते है, अतः जो स्टॉक एक निश्चित उतार-चढ़ाव को दोहराते हो वो अच्छे विक्लप हो सकते है।
कम बदलाव वाले स्टॉक: ट्रेडर्स ज्यादा जंपी स्टॉक को लेना पसंद नहीं करते हैं, वह उन्हीं स्टॉक में निवेश करते हैं जो कि तुलनात्मक स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है रूप से कम उछाल या गिरावट दिखाते हो ताकि उनके पैटर्न को अच्छे से समझा जा सकेI
Swing Traders | स्विंग ट्रेडर्स
स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग की एक तरीका है, जिसमे स्टॉक को कुछ समयावधि तक अपने पास रखा जाता है और एक निश्चित लाभ को प्राप्त के उदेश्य से सही समय पर बेच दिया जाता है, ये समयावधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है।
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी निवेश शैली है जिसमें स्टॉक को खरीद कर होल्ड कर दिया जाता है, ताकि सही समय देखकर उससे लाभ अर्जित किया जा सके| ये लाभ काफी कम हो सकता है पर संयुक्त रूप से देखने पर ये अच्छी राशि दे सकता है|
Swing Trading Kya Hai? Swing trading से पैसे कमाने की आसान स्ट्रैटेजी।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है इस post कि सहायता से हम ऐसी Trading Strategy (Swing Trading Kya Hai) को जानने वाले हैं, जिससे एक आम आदमी ,एक Common man दिन के 15 से 20 मिनट काम करके स्टॉक मार्केट से 5 से 10 दिनों में एक अच्छा खासा इनकम प्राप्त कर सकता है।
तो चलिए जानते हैं कि Swing Trading Kya Hai?
Table of Contents
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? Swing Trading Kya Hai? What Is Swing Trading?
स्टॉक मार्केट के खुलते ही जब किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर कुछ हफ्तों या कुछ दिनों के लिए अपने डिमैट या ट्रेडिंग अकाउंट पर रखते हैं तथा प्रॉफिट प्राप्त होने पर उसे बेच देते हैं स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।
स्टॉक मार्केट में 5 से 10 दिन की ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडिंग कहते है।
SWING TRADING KYA HAI
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें ?
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद आपको मार्केट को एनालाइज करना होगा तथा अच्छा स्टॉक चुनना होगा।
बाजार को अच्छी तरह समझने के बाद अपने कैपेसिटी के हिसाब से जोखिम लेना होता है क्योंकि कई बार स्टॉक मार्केट में सही रणनीति(Swing Trading Kya Hai) और सही स्ट्रैटेजी के बाद भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रेडिंग करने के लिए आपका रिस्क मैनेजमेंट होना बहुत ही जरूरी है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?
बाजार की दिशा,
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading Kya Hai) करने के लिए कुछ ट्रेलर मार्केट के Trend को फॉलो करते हैं ।
जो कि एक अच्छी बात है तथा ट्रेंड को फॉलो करने के साथ-साथ हमें कंपनी के परफॉर्मेंस उनकी खबरों को भी अपने नजर में रखना चाहिए ताकि कुछ गलत न्यूज़ आने से अपना प्रॉफिट स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है बुक कर सकें और अपना पोजीशन काट सकें।
तरलता या Liquidity
liquidity एक ट्रेडर के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकता है क्योंकि जिस शेयर में अधिक खरीदी बिक्री होती है वहां positions के फसने या नुकसान का chance बहुत ही कम होता है तथा हम अपने Share को आसानी से खरीद व बेच कर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं ।
अन्य स्टॉक के साथ तुलना,
स्टॉक की तुलना हम स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है जिस शेयर को खरीद रहे हैं उसके सेक्टर के अन्य स्टाक के साथ शेयर की तुलना करते हैं जिससे हमें सेक्टर के बेस्ट स्टॉक प्रात हो जाता है।
स्टॉक का ट्रेडिंग पैटर्न
कोई भी ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर को चुनने से पहले उसके प्रीवियस ट्रेडिंग पैटर्न को देखता है
वह उसके उतार चढ़ाव को देखता है कि वह भविष्य में यह stock कैसा position बना सकता है ताकि वह एक अच्छा स्टॉक का सिलेक्शन कर सके है।और अच्छा मुनाफा बना सके।
कम बदलाव वाले स्टॉक
, ज्यादातर ट्रेडर अधिक उतार-चढ़ाव वाले या जंपी स्टाक को पसंद नहीं करते है।
क्योंकि उसमें पोजीशन बनाना थोड़ा रिस्की हो जाता है इसीलिए हमें अपने स्विंग ट्रेडिंग के लिए कम जंपी स्टॉक का सलेक्सन करना चाहिए
ताकि हम उसके चार्ट पेटर्न को समझ सके और अच्छा प्रॉफिट बना सकें।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
अगर आप एक अच्छा ट्रेडर (Swing trading kya hai)बनना चाहते हैं तो आप अपनी ट्रेडिंग जर्नी में एक स्ट्रैटेजी को अच्छी तरह से फॉलो करें ।
ताकि आप अपने निवेशित राशि पर अच्छा अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त कर सकें ।
एक सही स्विंग ट्रेडिंग रणनीति से एक ट्रेडर 5 से 10 परसेंट रिटर्न एक स्टॉक से कुछ ही दिनों में प्राप्त कर सकता है।
देखने में यह बहुत छोटा मुनाफा हो सकता है लेकिन कुछ दिनों कुछ हफ्तों में इतना मुनाफा सही है।
इसी तरह बढ़ता हुआ लाभ लेने के लिये ट्रेडिंग के अन्य रूपों में 7-8 % की तुलना में स्टॉपलॉस 2-3% होना चाहिए इसका मतलब यह है कि risk riward resio 1:2 या 1:3 होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी निम्नलिखित है:-
चार्ट पेटर्न स्ट्रैटेजी
सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस
हेड एंड सोल्डर पैटर्न
डबल टॉप व ट्रिपल टॉप पैटर्न
डबल बॉटम व ट्रिपल बॉटम पैटर्न
इनवर्टेड हेड एंड सोल्डर
कप एंड हैंडल
असेंडिंग ट्रेंगल व डिसेंडिंग ट्रेंगल
स्विंग ट्रेडिंग इंडिकेटर
RSI
MACD
MOVING AVERAGE
BOLINGER BAND
SUPER TRED
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे व नुकसान
Swing Trading के फायदे
कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट होने की संभावना बढ़ जाती है।
स्टॉक में एंट्री करने के लिए स्टॉक के गिरने का इंतजार करना नहीं पड़ता।
स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभावना कम रहती है
यह एक कम तनाव वाली strategy है।
अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो इसको आप ट्राई कर सकते हैं।
Swing Trading के नुकसान
छोटे अवधि में ही स्टॉक से प्रॉफिट प्राप्त कर बाहर निकल जाने के कारण बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पाता है।
स्टॉक से जुड़ी रोजाना अच्छी व पूरी खबर आने के कारण स्टॉक में उतार-चढ़ाव व, गैप अप और गेप डाउन का खतरा रहता है।
ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक को पकड़ कर रखे रहने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आज हमने क्या सीखा ?
आज हमने सीखा कि Swing Trading Kya Hota Hai. और हम इसे कहां से और कैसे कर सकते हैं। स्विंग ट्रेडिंग करने के क्या फायदे और क्या नुकसान होते हैं।
मैं आशा करता हूं की आपको यह पोस्ट Swing Trading Kya Hota Hai पढ़कर Swing Trading से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे और मैंने पूरी कोशिश की है कि आपके मन में Swing trading से लेकर जो सवाल है वो सब इस स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुँचा सकूँ।
यदि आपके मन में कुछ सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते है मैं आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा और इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि सभी लोगों को स्टॉक मार्केट,व ट्रेडिंग और उससे जुड़ी सभी जानकारियां सभी तक पहुंचते रहें और सभी आप अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें।
जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या हैं इसके फायदे
Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.
कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न
भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.