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बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

क्या भारत में बिटकॉइन वैध है?

किसी भी देश में बिटकॉइन की वैधता का पता लगाना बहुत मुश्किल है। लेकिन जब आप पहली बार इसमें कदम रख रहे हों तो कुछ ऐसे काम होते हैं जो इसमें कोई भी निवेश करने से पहले किए जाना जरूरी है। हो सकता है ये आपके देश में कानूनी हो, लेकिन मुद्दा केवल बिटकॉइन के वैद्य होने का नहीं है, बल्की यह भी पता होना चाहिए कि आपके देश में बिटकॉइन को कौन से नियम नियंत्रित करते हैं।

नीचे कुछ अहम प्रश्न दिए गए हैं जो भारत में बिटकॉइन के व्यापार से संबंधित हैं:

क्या बिटकॉइन भारत में वैद्य/legal है?

भारत में बिटकॉइन का विनियमन उद्यमियों और निवेशकों के लिए अभी भी एक संदिग्ध क्षेत्र है। लेकिन यह सच है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने नागरिकों को बिटकॉइन में लेनदेन करने पर चेतावनी दे रखी है। इसने आगाह क्या है कि बिटकॉइन या कोई अन्य आभासी मुद्रा कानूनी निविदा नहीं है और इसे एक मुद्रा के रूप में संचालित करने के लिए कोई नियामक अनुमति नहीं है।

क्या आप भारत में बिटकॉइन खरीद सकते हैं?

यदि आप भारत में बिटकॉइन खरीदना चाहते हैं, तो आपको बिटकॉइन एक्सचेंज पर अपना पंजीकरण कराना होगा। ये एक्सचेंज आपको भारतीय रुपये के साथ बिटकॉइन खरीदने/बेचने की अनुमति देते हैं।

अभी तक, WazirX सबसे लोकप्रिय एक्सचेंजों में से एक है जहाँ आप INR के साथ बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।

भारत में बिटकॉइन बेचने का क्या तारीका है?

यदि आप भारत में बिटकॉइन बेचना चाहते हैं, तो आपको अपने बिटकॉइन को बिटकॉइन एक्सचेंज पर जमा करके इसे INR में परिवर्तित करना होगा। ऐसा करने के लिए आप रूपया अपने बैंक खाते में भी जमा कर सकते हैं।

क्या भारत में Bitcoin ATM मौजूद है?

भारत में बिटकॉइन ATM के बारे में जानकारी के लिए ज्यादा विश्वसनीय स्रोत नहीं मिलते। लेकिन यह कहना सुरक्षित होगा कि अभी तक ऐसे कोई ATM यहाँ मौजूद नहीं हैं।

क्या भारत में बिटकॉइन खरीदना या बेचना सुरक्षित है?

हालांकि बिटकॉइन का समर्थन करने वाला कोई प्राधिकरण नहीं है, बिटकॉइन का व्यापार करने के लिए किसी भी तारीके का उपयोग करने से पहले उस पर शोध करना चाहिए और सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपके ऑनलाइन खाते पर किसी भी हैकिंग घटना के लिए एक्सचेंज जिम्मेदार नहीं होगा।

अगर इसके लिए कानून हैं, तो उन्हें लागू कौन करता है?

एक नई वास्तविकता होने के नाते अभी तके बिटकॉइन को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है।

बिटकॉइन पर करों या कानूनी निविदा के बारे में खबर क्या है?

हालांकि बिटकॉइन के लिए कोई कानूनी निविदा नहीं है, आप जो लाभ कमाएं, उस पर आपको कर देना होगा। इसके अलावा, हमें बिटकॉइन को पूंजीगत संपत्ति के रूप में देखना चाहिए, जिसपे विभिन्न देशों में अलग-अलग कर लगाया जा सकता है।

चूंकि RBI ने सार्वजनिक रूप से घोषित किया है कि किसी भी एक्सचेंज या आभासी मुद्राओं के व्यापारियों को संचालन के लिए कोई नियामक अनुमति या license नहीं दिए गऐ हैं, इस वक्त किसी के लिए भी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कर चुकाना बहुत मुश्किल होगा।

क्या भारत में बिटकॉइन एक्सचेंज हैं?

भारत में कुछ शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंज हैं – WazirX, Zebpay, CoinDCX, Coinswitch Kuber और Unocoin– उपयोगकर्ताओं को अपने केवाईसी के साथ साइन अप करना होगा, ऐप डाउनलोड करना होगा और क्रिप्टोकरेंसी खरीदना होगा।

ध्यान रहे कि बिटकॉइन बहुत जोखिम भरे और अस्थिर आभासी वस्तुएं हैं जो भारत में अनियमित हैं।

आइये कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करते हैं:

1. भारत में बिटकॉइन कानूनी निविदा नहीं हैं। यह किसी भी कर प्राधिकरण या बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है।

2. बिटकॉइन एक अनियमित मुद्रा है जिसका RBI जैसी किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा बीमा नहीं किया जाता है। इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

3. किसी भी बैंक के प्राधिकारी का क्रिप्टो मार्केट में आने वाले पैसे पर कोई नियंत्रण नहीं होता है।

4. RBI ने चेतावनी दी है की बिटकॉइन उनके या किसी वित्तीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं है। यह बिटकॉइन के व्यापार में शामिल लोगों के लिए एक जोखिम होगा।

5. हालांकी RBI ने हमें 2018 से पहले से कई बार इसके बारे में चेतावनी दी है, इसके बावजूद भारत में अभी तक निजी मुद्राओं के संबंध में कोई कानून नहीं है।

6. भारत सरकार ने 2017 से अबतक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि बिटकॉइन भारत में वैध है या अवैध।

7. भारत के किसी भी जगह बिटकॉइन के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

8. भारत में कोई भी व्यक्ति किसी भी विकेंद्रीकृत मुद्रा के साथ या उसके बिना बिटकॉइन का उपयोग कर सकता है।

9. हाल की खबरों के अनुसार, भारती सरकार बिटकॉइन को विनियमित करने के लिए कुछ सटीक नियमों की तलाश कर रही है। इस पर अभी विभिन्न सरकारी अधिकारियों के बीच कई बैठकें हो रही हैं।

10. सरकार अभी भी इस बात से चिंतित है कि अपराधी अपना धन शोधन करने के लिए कई तारीकों से बिटकॉइन का उपयोग कर सकते हैं।

11. इस के बावजूद कि आपको भारत में बिटकॉइन खरीदने या बेचने की अनुमति नहीं है, उन्हें एक्सचेंज के माध्यम के रूप में उपयोग करना अवैध नहीं है।

12. भारत में बिटकॉइन को कानूनी रूप से प्राप्त करने का एकमात्र तरीका क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के माध्यम से है। कई कंपनियां ऐसी सेवाएं प्रदान करती हैं जैसे आपकी स्थानीय मुद्रा को बिटकॉइन में परिवर्तित करना, अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ विनिमय करना या इन डिजिटल मुद्राओं का उपयोग करके बैंकिंग की सेवाएं प्रदान करना।

13. धन शोधन और आतंकवादियों की मदद के लिए बिटकॉइन का उपयोग होना शायद जल्द ही सरकार के बिटकॉइन दृष्टिकोण को बदल देगा।

निष्कर्ष

ऐसे कई देश हैं जिन्होंने अभी तक बिटकॉइन के बारे में कोई बयान नहीं दिया है। वे अभी भी इस पर सोच विचार कर रहे हैं। इसका उपयोग करने वाले लोग भी अभी ज्यादा नहीं हैं। लेकिन आने वाले दिनों में यह और अधिक लोकप्रिय होगा, इसलिए भी की इसे कुछ देशों में वैधीकरण हासिल हो चुकी है। किसी भी संजीदा निवेश करने से पहले अपने देश के कानूनों के बारे में सब कुछ जानना महत्वपूर्ण है।

बिटकॉइन कैसे काम करता है, इसके बारे में अधिक पढ़ने के लिए आप यह लेख देख सकते हैं । आशा है कि पाठक अब इसकी वैधता के साथ स्पष्ट हैं। और अगर आप बिटकॉइन में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार होगा।

Author

रोहित कुमार onastore.in के लेखक और संस्थापक हैं। इन्हे इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारियों के बारे में लिखना अच्छा लगता है। जब वह अपने कंप्यूटर पर नहीं होते हैं, तो वह बैंक में नौकरी कर रहे होते हैं। वैकल्पिक रूप से [email protected] पर उनके ईमेल पर संपर्क करने की कोशिश करें।

क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत

Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.

Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?

वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

कब से लगेगा नया टैक्स?

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

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अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?

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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।

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इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन

दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।

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वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है

कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।

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इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी

अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।

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वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध

कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।

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क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?

आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही है।

“भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध है या नहीं?, नियमों को स्पष्ट करे केंद्र सरकार” – सुप्रीम कोर्ट

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Supreme Court on Cryptocurrency (Bitcoin): इस साल बजट 2022 के बाद से ही देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तमाम अटकलें और आशंकाओं के दौर शुरू हो चुके हैं। और अब देश की सर्वोच्च अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने भारत सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख़ स्पष्ट रूप से देश के सामने पेश करने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिए गए कि वह ये साफ़ करे कि बिटकॉइन (Bitcoin) भारत में वैध है या नहीं?

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बता दें जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने बिटकॉइन में कारोबार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को ये निर्देश दिए और भारत सरकार से इस मामले में एक हलफनामा दायर करने को कहा है।

इतना ही नहीं सरकार से ये भी कहा गया है कि वह अपने हलफ़नामे में क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन आदि) कारोबार से जुड़े नियमों के बारे में भी पूरी जानकारी साझा करे।

Supreme Court on Cryptocurrency: अदालत में क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने ये सुनवाई अजय भारद्वाज और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ़ निवेशको को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बिटकॉइन (Bitcoin) के कारोबार से जोड़ने से संबंधित मामले को लेकर की है। असल में इस मामले में कथित आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज कई आईएफ़आर को निरस्त करने की अपील की है।

इस पर सरकार की तरफ से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि देश भर में आरोपी के खिलाफ 47 FIR दर्ज हैं, लेकिन इसके बाद भी वह जाँच में सहयोग नहीं कर रहा है।

दिलचस्प रूप से तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ शुरू में इस घोटाले का आकार ₹2000 करोड़ तक अनुमानित था, जो बिटकॉइन के वर्तमान मूल्य के हिसाब से अब ₹20,000 करोड़ का हो गया है। सामने ये आया है कि यह मामला असल में 87,000 Bitcoins से सम्बंधित है।

वैसे इस बीच सरकार को दिए गए निर्देश को लेकर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को ये आश्वासन दिया कि सरकार जल्द क्रिप्टोकरेंसी कारोबार की वैधता पर एक हलफनामा दायर करेंगी।

Supreme Court on Cryptocurrency (Bitcoin): क्यों सुर्ख़ियों में है क्रिप्टोकरेंसी?

ग़ौर करने वाली बात ये है कि इस बार के बजट 2022 में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया तो देश में डिजिटल एसेट्स के क़ानूनी भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं।

ये कहा जाने लगा था कि सरकार इसको क़ानूनी मान्यता देने का मन बना रही है। लेकिन इसके बाद ख़ुद वित्त मंत्री की ओर से इन अटकलों का खंडन कर दिया गया, और बताया गया कि टैक्स लगाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार इसको आधिकारिक रूप से मान्यता दे रही है।

इसके साथ ही कुछ ही दिनों पहले, भारत के वित्त सचिव, टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जा सकता।

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और हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया था।

ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी कुछ साफ़ तौर पर कह पाना मुश्किल सा ही नज़र आ रहा है, लेकिन इतना ज़रूर है कि इसको अभी तक पूरी तरह से नकारा भी नहीं गया है।

साथ ही आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) जैसे – क्रिप्टोकरेंसी, एनएफ़टी आदि से संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।

जानकारो के अनुसार, केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए बिल के प्रावधानों को तैयार कर रही है।

Bitcoin जैसी Crypto currency में पैसा करते हैं निवेश तो बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं हो जाएं सावधान, कभी भी हो सकता है तगड़ा घाटा

Budget 2022 को लेकर लोगों में कई तरह की चर्चा हो रही हैं, जिनमें क्रिप्टो करेंसी से कमाई पर लगने वाला 30 प्रतिशत टैक्स अहम है, वहीं वित्त मंत्री ने भारत की अपनी Digital currency की लॉन्च को लेकर घोषणा भी की। जिसके बाद आज वित्त सचिव ने इन करेंसी को एक लेकर नया बयान दिया है, जिसमें कहा गया, कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी रूप से देश में नहीं अपनाई जाएंगी। यानी बात साफ हैं, आप कितना भी क्रिप्टो में निवेश कर लिजिए, केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी डिजिटल रुपया को भारत में लीगल माना जाएगा।

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एएनआई से बात करते हुए, वित्त सचिव ने कहा, "डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा, जो कभी भी डिफ़ॉल्ट नहीं होगा। यह पैसा आरबीआई का होगा लेकिन डिजिटल होगा। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त होगा। "बाकी सभी भारत में legal tender नहीं हैं, और ना ही होंगे। उनके मुताबिक बिटकॉइन, एथेरियम, या अभिनेता की एनएफटी बनने वाली कोई भी तस्वीर कभी भी देश में legal tender नहीं बन पाएगी।" बताते चलें, कि भारत में बिटकॉइन की कीमत आज 6:49 बजे 30.84 लाख रुपये है, जबकि भारत में एथेरियम की कीमत 2.23 लाख रुपये है।

निवेश के सफल होने की नहीं है गारंटी

वित्त सचिव सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा। निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।

अवैध नहीं है Crypto

वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। सोमनाथन ने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि बिटकॉइन या एथेरियम अवैध है, लेकिन यह वैध भी नहीं है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं यह legal नहीं होगी।" विनियमन केवाईसी, विक्रेता के लाइसेंस की मांग कर सकता है, लेकिन सरकार द्वारा बाद में हितधारकों के साथ परामर्श से निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम यह भी देखेंगे कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है।

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