किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं

Digital Rupee क्या है? इसके आने से कैसे बदलेगा India?
India में Digital किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं Rupee के पाइलेट प्रोजेक्ट को RBI ने 1 नवम्बर 2022 को लांच कर दिया है जिसको नाम दिया गया है CBDC यानि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ऑफ़ इंडिया. इंडिया में नेक्स्ट जनरेशन पेमेंट सिस्टम स्टेब्लिश करने में Digital Rupee एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करने वाला है. सिर्फ India ही नहीं दुनिया के और भी दिग्गज देश जैसे अमेरिका, स्वीटजरलैंड, चीन और फ्रांस हैं जो Digital Currency की रेस में लगे हुए हैं.
तो CBDC या Digital Rupee है क्या? और यह किस तरह से हमारे जीवन पर असर डालेगा? एक आम आदमी के लिए Digital Rupee के मायने क्या हैं और यह हमारे देश में मौजूद पेमेंट सिस्टम जो आलरेडी बेहतरीन ढंग से काम कर रहे हैं; उन पेमेंट सिस्टम से Digital Rupee कैसे अलग है? यह सब कुछ आज हम डिटेल में जानेंगे.
Digital Rupee क्या है?
CBDC या Digital Rupee हमारे देश की करेंसी का ही एक डिजिटल रूप है. दुसरे शब्दों में कहें तो Digital Rupee पैसों का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है जो फिजिकल नोट या सिक्कों की तरह न हो कर इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल फॉर्म में होता है जिसे सिर्फ कांटेक्टलेस ट्रांजेक्शन में ही इस्तेमाल किया जा सकता है. Digital Rupee सेंट्रल बैंक द्वारा जारी किया जाता है.
जिस प्रकार RBI द्वारा जारी किया गया फिजिकल नोट या करेंसी पूरे देश में एक लीगल टेंडर के रूप में काम करता है. यानी आपके पास अगर 500 रूपये का नोट है तो यह देश के हर कोने में उतना वैल्यू रखता है जितना कि आपके शहर या राज्य में. ठीक इसी तरह से Digital Rupee भी काम करेगा बस इसका स्वरुप थोडा सा अलग होगा.
क्या Digital Rupee और UPI एक ही जैसे हैं?
नहीं. एक कंज्यूमर के पर्सपेक्टिव से अगर हम देखें तो पायेंगे कि Digital Rupee और UPI ट्रांजेक्शन में ज्यादा फर्क नहीं हैं. लेकिन बैंकिंग या इंस्टीट्यूशन के नज़रिए से देखा जाए तो यह बिलकुल ही अलग है.
मौजूदा कांटेक्टलेस या डिजिटल ट्रांजेक्शन में होता ये है कि मान लीजिये आपने अपने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) के अकाउंट से किसी के अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर किये जिसका खाता एचडीऍफ़सी (HDFC) बैंक में हैं; तो आप दोनों पर्सन के बीच में पैसों का सेटलमेंट तो कुछ ही देर में हो जाता है लेकिन दोनों बैंकों के बीच सेटलमेंट होने में एक दिन या कभी-कभी एक हफ्ते से भी अधिक समय लग जाता है.
चलिए इसे किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं थोडा डिटेल में समझते हैं;
मान लीजिये पूरे देश में मौजूद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) के खाता धारकों ने एक दिन में एचडीऍफ़सी (HDFC) बैंक के कस्टमर्स को 400 करोड़ रूपये सेंड किये. जबकि एचडीऍफ़सी (HDFC) बैंक के खाता धारकों ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) के कस्टमर्स को 600 करोड़ रूपये सेंड किये. तो ऐसे में दोनों ही बैंक हर एक ट्रांजेक्शन को अपने सिस्टम में अपडेट नहीं करते बल्कि वे कस्टमर्स द्वारा पूरे दिन में किये गए ट्रांजेक्शन को दिन के अंत में सेटल करते हैं.
हमारे केश में SBI के कस्टमर्स ने HDFC बैंक के कस्टमर्स को 400 करोड़ रूपये सेंड किये थे और HDFC बैंक के कस्टमर्स ने SBI के कस्टमर्स को 600 रूपये सेंड किये थे. तो ऐसे में दोनों बैंकों के बीच सेटलमेंट करने के लिए SBI को HDFC बैंक में 200 करोड़ रूपये ट्रान्सफर करने होंगे.
Digital Rupee द्वारा किया गया ट्रांजेक्शन UPI से बिलकुल अलग होगा. चूँकि Digital Rupee द्वारा किये गए सभी ट्रांजेक्शन RBI के लेज़र में होंगे इसलिए इनका सेटलमेंट भी इंस्टेंटली होगा. तो इसके फायदे क्या हैं? और Digital Rupee हमारे लिए क्यूँ इतना ज़रूरी हैं. इन सब के बारे में आगे हम और भी डिटेल में समझेंगे.
Digital Rupee के फायदे क्या हैं?
CBDC के पायलट प्रोजेक्ट में फिलहाल देश के 9 बैंकों ने पार्टीसिपेट किया है. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ़ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, Yes Bank, HSBC, IDFC फर्स्ट बैंक.
Digital Rupee एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो पूरी दुनिया में पेमेंट्स सिस्टम को ट्रांसफॉर्म करने की ताकत रखती हैं. एक आम आदमी से लेकर बड़े इंस्टीट्यूशन तक सभी को Digital Rupee के आने से फायदा होगा.
- नो बैंक अकाउंट: नो बैंक अकाउंट? नो प्रॉब्लम. Digital Rupee में ट्रांजेक्शन करने के लिए आपको किसी बैंक अकाउंट की भी ज़रुरत नहीं होगी.
- पारदर्शिता: RBI के डाटा के अनुसार 2018 से लेकर 2020 तक फ्रॉड या धोखाधड़ी की वजह से बैंकों नें 5000 करोड़ से भी अधिक पैसे गवाएं हैं. अभी तक हमारा सिस्टम खामियों को पकड़ने के लिए CA ऑडिट और स्टेटमेंट्स पर ही निर्भर था. Digital Rupee के आने से फ्रॉड करना मुस्किल हो जाएगा क्यूंकि Digital Rupee द्वारा किया गया हर एक ट्रांजेक्शन RBI की नज़र में होगा और उसे बड़े ही आसानी से ट्रेस भी किया जा सकेगा.
- रियल टाइम ट्रान्सफर: Digital Rupee में किया गया ट्रांजेक्शन बिलकुल रियल टाइम में सेटल होगा. यानि पेमेंट करने या पाने के लिए इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा.
- महाबचत: चूंकि Digital Rupee इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में इशू किया जाएगा इसलिए इसे प्रिंट करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी और यह बाकि पेमेंट मेथड से किफायती भी होगा. क्यूंकि यह फिजिकल फॉर्म में नहीं होगा इसलिए इसे न खोने का डर होगा न ही कहीं छुपा के रखने कि झंझट.
- वैश्विक स्वीकृति: वैश्विक स्वीकृति यानि ग्लोबल एक्सेप्टेन्स. Digital Rupee सिर्फ India तक ही सिमित नहीं रहेगा, इसे ग्लोबली एक्सेप्ट किया जाएगा. Digital Rupee के आने से क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन करना बेहद आसान हो जाएगा. अभी तक क्रॉस बॉर्डर पेमेंट करने में 3-5 दिन का समय लगता है ऊपर से 2-3% चार्ज भी देना पड़ता है लेकिन Digital Rupee के आने से इतना चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा.
फाइनल वर्ड्स
Digital Rupee से होने वाले फायदे तो अनेक हैं लेकिन CBDC के आने से India और इंडियन गवर्नमेंट को जो फायदा होगा उसे इमैजिन करना शायद मुस्किल हैं क्यूंकि हमारे देश की आबादी का एक बहुत ही बड़ा हिस्सा ऐसा है जिनके पास अभी भी कोई भी बैंक अकाउंट नहीं है लेकिन फिर भी वो अपनी डेलीलाइफ में मोबाइल फ़ोन ज़रूर इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में इतनी बड़ी आबादी को फाइनेंसियल सिस्टम से जोड़ने के लिए CBDC के पास एक अच्छा मौका है.
जैसा की हम जान ही चुके हैं कि CBDC ट्रांजेक्शन के लिए बैंक अकाउंट का होना ज़रूरी नहीं है. बस एक मोबाइल नंबर और Aadhaar की मदत से छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा ट्रांजेक्शन किया जा सकता है.
आगरा: सुभाष बाजार में रोज जाम के हालात, दुकानों के आगे वाहनों की अवैध पार्किंग बनी कारण
आगरा: शहर के व्यस्ततम सुभाष बाजार में रविवार की शाम ट्रैफिक जाम से लोगों का हाल-बेहाल हो गया। राह चलते हुए लोग करीब आधे घंटे तक एक ही जगह पर फंसे रहे। खचाखच भीड़ के बीच लोगों को सांस लेना दूभर रहा था। छोटे बच्चे रोने लगे।
इधर से उधर निकलने के लिए लोग आपस में धक्का-मुक्की करते नजर आए। कुछ लोग तो जाम से बाहर निकलने के लिए भगवान को पुकारने लगे। एक ही स्थान पर खड़े रहने को मजबूर होकर महिला, बच्चे और बुजुर्गों का बुरा हाल हो गया।
थाना मंटोला के अंतर्गत सुभाष बाजार में पुलिस चौकी के पास 200 मीटर के दायरे में हजारों की भीड़ एकत्र हो गई। मार्ग पर किसी टेंपो फंसा दिया। इससे वाहनों का आवागमन रुक गया और लोगों भी भीड़ भी फंस कर रह गई। सड़क किनारे शोरूमों के आगे दोपहिया वाहन खड़े थे। बीच सड़क पर लोगों की भीड़ नजर आ रही थी। कुछ लोग अपने वाहन निकालने के लिए परेशान थे।
जाम में फंसे लोग पुलिस को कोस रहे थे। भीड़भाड़ वाले बाजार में पुलिस सक्रिय न होने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नजर आई। दुकानों के आगे वाहनों की अवैध पार्किंग को लेकर पुलिस आंखें फेर लेती है, इसलिए यहां आए दिन इस प्रकार का शाम को जाम लग जाता है। यह क्षेत्र थाना मंटोला सीमा के अंतर्गत आता है।
गलियों में वाहन पार्किंग
दूसरी तरफ अगर बात की जाए तो सुभाष बाजार चौकी के अंतर्गत आने वाले मनकामेश्वर गली पार्किंग में तब्दील होती जा रही है पूरी गली में अवैध वाहनों की पार्किंग लगती है। किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं आसपास व्यवसाय क्षेत्र होने के कारण वहां के दुकानदार मनकामेश्वर गली में अपने दोपहिया वाहनों को खड़ा करके चले जाते हैं इस कारण पूरी गली दोपहिया वाहनों से पटी किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं नजर आती है आगरा का प्रसिद्ध मंदिर होने के कारण मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत का सामना करना पड़ता है ।
आपको बताते चले कि कुछ दिन पहले सुभाष बाजार चौकी इंचार्ज ने सड़को पर खड़े वाहनो पर कड़ी कार्यवाई की थी जिससे इलाके में हड़कंप मच गया था । मगर अब पता नही किस कारण से मामला शांत हो गया है । सूत्रों ने बताया की व्यापारियों का छेत्र होने के कारण ऊपर से दबाव है अब देखना ये है कि इन वाहनों पर अब कार्यवाई कब होगी