रुझान कितने समय तक चलते हैं

300 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल
लगातार 4 हफ्तों की तेजी पर लगा ब्रेक, 43 स्मॉलकैप स्टॉक 10-26% भागे
अलग-अलग सेक्टर पर नजर डालें तो पीएसयू बैंक इंडेक्स 2.3 फीसदी और निफ्टी बैंक इंडेक्स 0.7 फीसदी की बढ़त लेकर बंद हुए।
लगातार 4 हफ्तों की तेजी के बाद 18 नवंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में बाजार का जोश ठंडा होता रुझान कितने समय तक चलते हैं नजर आया और यह हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। 18 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में सेंसेक्स 131.56 अंक यानी 0.21 फीसदी की गिरावट के साथ 61,663.48 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 41 अंक यानी 0.22 फीसदी की गिरावट के साथ 18,307.7 के स्तर पर बंद हुआ।
अलग-अलग सेक्टर पर नजर डालें तो पीएसयू बैंक इंडेक्स 2.3 फीसदी और निफ्टी बैंक इंडेक्स 0.7 फीसदी की बढ़त रुझान कितने समय तक चलते हैं लेकर बंद हुए। वहीं दूसरी तरफ निफ्टी मीडिया इंडेक्स 5.3 फीसदी, ऑटो इंडेक्स में 2 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स में 2 फीसदी, एनर्जी इंडेक्स में 1.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। 18 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में एफआईआई ने भारतीय बाजारों में 349.2 करोड़ रुपये की खरीदारी की जबकि डीआईआई ने भी 2,274.97 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
Indonesia: भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 268, 151 अभी भी लापता
सियांजुर (इंडोनेशिया). इंडोनेशिया के जावा द्वीप में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 268 हो गई है. रेस्क्यू टीम ने ढही इमारतों रुझान कितने समय तक चलते हैं के मलबों से और शव निकाले, जबकि 151 लोग अभी भी लापता हैं. राष्ट्रीय आपदा राहत एजेंसी ने यह जानकारी दी है. एजेंसी के प्रमुख सुहरयांतो ने संवाददाताओं को बताया कि सियांजुर शहर के पास सोमवार दोपहर आए 5.6 तीव्रता के भूकंप में अन्य 1,083 लोग घायल हो गए हैं. भूकंप से भयभीत निवासी सड़कों पर निकल आए जिनमें से कुछ खून से लथपथ थे. भूकंप के चलते ग्रामीण क्षेत्र के आस-पास की इमारतें ढह गईं.
पर्तिनेम नाम की एक महिला ने बताया कि भूकंप का झटका महसूस होने पर वह अपने परिवार के साथ घर से बाहर आ गई. उसके कुछ ही देर बाद उसका मकान ढह गया. उन्होंने कहा, ‘मैं रो रही रुझान कितने समय तक चलते हैं थी. मैं फौरन अपने पति और बच्चों के साथ बाहर आ गई.’
Gold Outlook: इस बार धनतेरस से बड़ी उम्मीद, जानें क्या हैं गोल्ड के दाम और कैसा रह सकता है कारोबार
Gold Outlook this Diwali: आभूषण उद्योग को इस साल धनतेरस पर बढ़िया कारोबार की उम्मीद है, हालांकि वे सतर्क रुख के साथ चल रहे हैं, लेकिन कारोबार को लेकर उनका पॉजिटिव अप्रोच बना हुआ है.
आभूषण उद्योग को इस साल धनतेरस पर बढ़िया कारोबार की उम्मीद है, हालांकि वे सतर्क रुख के साथ चल रहे हैं, लेकिन कारोबार को लेकर उनका पॉजिटिव अप्रोच बना हुआ है. सतर्कता इसलिए है क्योंकि पिछले साल भी बिक्री अच्छी रही थी, इस साल महंगाई और रहन-सहन की लागत में बढ़ोतरी को लेकर चिंता है. इन चिंताओं के बावजूद उद्योग जगत के दिग्गजों का मानना है कि कारोबार पिछले साल के बराबर रह सकता है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन आशीष पेठे ने बताया कि सोने की कीमतों में नरमी के बावजूद उद्योग जगत सतर्क है. इस समय सोने की कीमत 47,000 - 49,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है और आमतौर पर उपभोक्ताओं का रुख सकारात्मक है.रुझान कितने समय तक चलते हैं
सोने में गिरावट पहुंचा सकती है फायदा
पेठे ने कहा कि इस साल तेज महंगाई, बढ़ती लागत और बेमौसम बारिश से कृषि गतिविधियां प्रभावित होने से उपभोक्ताओं की धारणा कमजोर हुई है. उन्होंने कहा, ''आमतौर पर दशहरे के दौरान शुरू होने वाली गहनों की प्री बुकिंग इस साल बहुत धीमी रही. हालांकि, सोने की कमजोर कीमत से इस क्षेत्र को फायदा होने की संभावना है.''
विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ''एक प्रतीक के रूप में सोने की खरीद से इन त्योहारों के आसपास सकारात्मकता बढ़ती है. इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों में हुई कमी से उपभोक्ताओं की भावना सकारात्मक लग रही है.'' उन्होंने हालांकि आशंका जताई कि महंगाई से सोने के आभूषणों की मांग पर तत्काल प्रभाव पड़ सकता है.
सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुवनकर सेन ने कहा कि कमजोर कीमतों से मांग पर बहुत अधिक असर नहीं होगा, क्योंकि कमजोर रुपये ने सोने की कीमतों में और गिरावट को रोक दिया है. कल्याण ज्वैलर्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक रमेश कल्याणरमन ने कहा कि ग्राहक असंगठित क्षेत्र के मुकाबले संगठित क्षेत्र को अधिक तरजीह दे रहे हैं और ऐसे में इस धनतेरस के दौरान संगठित कंपनियों को फायदा होगा.
रुझान कितने समय तक चलते हैं
ग्वार हुआ 7000 के पार, अब आगे क्या ? देखें ग्वार की सबसे सटीक तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियो ये हफ्ता ग्वार के किसानों के लिए किसी सपने से कम नहीं था। ईन 7 दिनों में ही ग्वार के भाव में 1500 के करीब तेजी आ चुकी है। नवंबर के महीने में ही ग्वार के भाव 2500 तक की तेजी दिखा चुके हैं। और ग्वार में लगभग पिछले साल जैसा रुझान बनता हुआ दिख रहा है। अगर आपको याद ही होगा कि पिछले साल 25 अगस्त को अफवाहों के चलते ग्वार का भाव 14800 तक चला गया था और बहुत सारे लोग इस अचानक आयी तेजी के जाल में फंस गए थे। हालांकि यह तेजी ज्यादा दिन तक नहीं टिक पायी और 2 दिन में रुझान कितने समय तक चलते हैं ही फिर से भाव 7500 के आसपास आ गए थे। उसके बाद फिर से मंदी का सिलसिला चालू हुआ और ग्वार के भाव 4000 के आसपास आ गए। लगभग समान रुझान ही फिर से ग्वार में बनने लगा रुझान कितने समय तक चलते हैं है। इस रिपोर्ट में हम ग्वार को लेकर चल रही खबरों पर चर्चा करेंगे और के भाव में बन रही संभावनाओं का विश्लेषण करेंगे। ग्वार के भाव की पिछले 3 हफ्ते की चाल आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं WhatsApp पे भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
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