कमीशन और फैलता है

नीति आयोग से आप क्या समझते है?
इसे सुनेंरोकेंनीति आयोग भारत सरकार का प्रमुख नीतिगत ‘थिंक टैंक’ है, जो दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करता है। नीति आयोग, भारत सरकार के लिए कार्यनीतिक और दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों को अभिकल्पित करने के साथ-साथ केंद्र और राज्यों को प्रासंगिक तकनीकी सलाह भी प्रदान करता है।
नीति आयोग का मुख्य कार्य क्या है?
इसे सुनेंरोकेंनीति आयोग राज्यों की सलाह से देश के विकास का एजेंडा तैयार करेगा और नेशनल एजेंडा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को सौंपेगा। आयोग मजबूत राज्य, मजबूत देश के सिद्धांत पर काम करेगा। आयोग ऐसी कमीशन और फैलता है व्यवस्था तैयार करेगा जिससे योजनाओं को जिला स्तर से लेकर केंद्र स्तर तक लागू किया जा सके।
नीति आयोग कौन सा निकाय है?
इसे सुनेंरोकेंनीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) भारत सरकार द्वारा गठित एक नया संस्थान है जिसे योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया है।
नीति आयोग के पदेन सदस्य कौन कौन हैं?
- श्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
- श्री अमित शाह, गृह मंत्री
- श्रीमती निर्मला सीतारमण, वित्त कमीशन और फैलता है मंत्री और कॉरपोरेट कार्य मंत्री
- श्री नरेन्द्र सिंह तोमर; कृषि और किसान कल्याण मंत्री; ग्रामीण विकास मंत्री; पंचायती राज मंत्री।
नीति आयोग से पहले कौन सा आयोग था?
इसे सुनेंरोकेंभारत में योजना आयोग के संबंध में कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। 15 मार्च 1950 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव के द्वारा योजना की स्थापना की गई थी। योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। 13 अगस्त 2014 को योजना आयोग खत्म कर दिया गया और इसके जगह पर नीति आयोग का गठन हुआ।
वर्तमान में नीति आयोग का उपाध्यक्ष कौन है?
इसे सुनेंरोकेंडॉ. राजीव कुमार ने 01 सितंबर, 2017 को नीति आयोग में कमीशन और फैलता है कमीशन और फैलता है उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।
योजना आयोग और नीति आयोग क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारत का योजना आयोग, भारत सरकार की एक संस्था थी जिसका प्रमुख कार्य पंचवर्षीय योजनायें बनाना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने पहले स्वतंत्र दिवस के भाषण में यह कहा कि उनका इरादा योजना कमीशन को भंग करना है। 2014 में इस संस्था का नाम बदलकर नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) किया गया।
नीति कमीशन और फैलता है आयोग के सचिव कौन है?
इसे सुनेंरोकेंश्री अमिताभ कांत वर्तमान में राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (नीति आयोग) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।
नीति आयोग के प्रथम CEO कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंसिंधुश्री खुल्लर नीति आयोग की पूर्व मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष हैं। इससे पहले भारत के योजना आयोग में सचिव के पद पर रह चुकी खुल्लर की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 9 जनवरी 2015 को नव-निर्मित राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (नीति आयोग) के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी॰ई॰ओ॰) के रूप में की गयी।
Current Affairs – 23 May 2022 | Monkeypox और Smallpox में मुख्य अंतर
Current Affairs 23 May 2022 in Hindi for All Competitive Examination | UPSC CSE Daily Current Affairs in Hindi | Read Current News in Hindi in short | GKToday Current Affairs in Hindi.
Monkeypox मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरस संक्रमण है। यह पहली बार वर्ष 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। Monkeypox से संक्रमण का पहला मामला वर्ष 1970 में दर्ज किया गया था। मुख्य रूप से यह रोग मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है। Monkeypox एक दुर्लभ जूनोटिक बीमारी है, जो monkeypox वायरस के संक्रमण के कारण होती है। यह वायरस पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक की बीमारी पैदा करने वाले वायरस भी शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह रोग आमतौर पर बुखार, दाने और गाँठ के जरिए उभरता है। आमतौर पर इस रोग के लक्षण 2-4 सप्ताह तक दिखते है, जो धीरे-धीरे समाप्त होते चले जाते है। इस रोग के मामले गंभीर भी हो सकते है। यह रोग किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। Monkeypox चेचक की तुलना में कम संक्रामक है।
Monkeypox और Smallpox में मुख्य अंतर
मंकीपॉक्स, स्मॉलपॉक्स यानी चेचक से काफी समानता रखता है। जिस प्रकार के लक्षण स्मॉलपॉक में दिखाई देते है ठीक वैसे ही लक्षण मंकीपॉक्स में भी दिखाई देते है। जैसे की बुखार, सिरदर्द, दाने और फ्लू।
Monkeypox और Smallpox दोनों एक ही ग्रुप के वायरस ऑर्थोपॉक्स वायरस से संबंधित है। इन दोनो में बड़ी समानता है लेकिन कुछ मामलों में बिल्कुल भिन्न है। Monkeypox में Smallpox के सिम्पटम के अलावा एक मेजर लक्षण lymph nodes या glands का बढ़ जाना है।
लसिका ग्रंथियों में आई सूजन से ही इस बात का पता लगाया जा सकता है की किसी व्यक्ति को smallpox नहीं बल्कि MonkeyPox हुआ है। Smallpox की तुलना में MonkeyPox अधिक माइल्ड होता है।
Monkeypox वायरस इंसानों में बंदरों, गिलहरियों आदि से फैलता है। यह वायरस संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता है। यह मनुष्यों से मनुष्यों में भी फैलता है लेकिन आमतौर पर नहीं।
करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी – 23 मई 2022
1). मई 2022 में, एंथनी अल्बनीज किस देश के प्रधानमंत्री बने है ?
2). हाल ही में “द ग्रेट गामा” की 144वीं जयंती कब मनाई गई है ?
3). नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी ने विभिन्न मौसम संबंधी घटनाओं को स्वचालित रूप से मापने के लिए माउंट एवरेस्ट पर कितनी ऊंचाई पर “दुनिया का सबसे ऊंचा मौसम स्टेशन” स्थापित किया है ?
उत्तर – 8,830 मीटर
4). हाल ही में राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस कब मनाया गया है ?
5). प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस कब मनाया जाता है ?
6). हाल ही में चर्चा में रहा सिरपूरकर जांच कमीशन किससे संबंधित है ?
उत्तर – दिशा रेप एनकाउंटर केस
7). महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022 में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली 5वीं भारतीय महिला मुक्केबाज कौन बनीं है ?
उत्तर – निकहत जरीन
8). “एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल” किस मंत्रालय की योजना है ?
उत्तर – जनजातीय मामलों के मंत्रालय
9). भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारतीय मध्यस्थता परिषद की स्थापना के लिए आधार प्रदान करता है ?
उत्तर – अनुच्छेद 51
10). डीआरडीओ द्वारा स्वदेश में विकसित “नौसेना रोधी मिसाइल” किस प्रकार की मिसाइल है ?
JNI NEWS
यक्ष प्रश्न- कमीशन और चन्दे में क्या अन्तर है?
यक्ष- सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?
युधिष्ठिर – हर अधिकारी भ्रष्ट है किन्तु हर अधिकारी केवल अपने को ईमानदार और दूसरों को भ्रष्ट कहता व मानता है। इससे बड़ा आश्चर्य और क्या हो सकता है?
यक्ष- भ्रष्टाचार की परिभाषा क्या है?
युधिष्ठिर- ’’बिनु पग चलै सुनै बिनु काना’’।
’’कर बिनु कर्म करै विधि नाना’’।।
यह भ्रष्टाचार की परिभाषा है। यह सर्वत्र है, अनन्त है, यह सत्यं शिवं सुन्दरम् है। इसे देश काल की सीमा बांध नहीं सकती, इसीलिए यह अजर व अमर है, यही कमीशन और फैलता है ब्रम्हा है। माया से आच्छादित प्रत्येक अधिकारी की आत्मा में यह प्रतिबिंबित, प्रकाशित व विद्यमान है। अधिकारी भ्रष्टाचार रूपी ईश्वर का अंश है- ’’ईश्वर अंश भ्रष्ट अधिकारी’’।
यक्ष – भ्रष्टाचार कितने प्रकार का होता है?
युधिष्ठिर- यह चार प्रकार का होता है- नैतिक भ्रष्टाचार, अनैतिक भ्रष्टाचार, परानैतिक भ्रष्टाचार व अध्यात्मिक भ्रष्टाचार।
यक्ष – इसकी व्याख्या करो युधिष्ठिर।
युधिष्ठिर- भ्रष्टाचार पूर्वी- पश्चिमी सभी देशों में व्याप्त है। पश्चिमी देशों में भ्रष्टाचार फल में है, किन्तु हमारे पूर्वी देश में भ्रष्टाचार बीज (कर्म) में है। उदाहरणार्थ- अगर कोई व्यक्ति एक किलो चना बो कर उससे सौ किलो चना पैदा करता है तो पश्चिमी देश का आदमी सौ किलो उत्पाद में एक किलो की चोरी करता अथवा खाता है और अपने देश के लिए 99 किलो चना छोड़ देता है, जबकि भारत का आदमी एक किलो बीज ही खा जाता है, जिससे देश व समाज को कुछ भी नहीं बचता है। दोनो एक-एक किलो खा रहे हैं, किन्तु पश्चिम का आदमी खाकर भी देश की सेवा कर रहा है, अतः भ्रष्टाचार नैतिक भ्रष्टाचार है। हमारे देश का आदमी जब खाता है तो देश व समाज को कुछ नहीं बचने देता, इसलिए यह अनैतिक भ्रष्टाचार है। हम भारत के लोग फल इसलिए नहीं खाते क्योंकि हम फल में विश्वास ही नहीं करते, अपितु कर्म (बीज) में विश्वास करते हैं। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी आशय का उपदेश हमें दिया है कि- ‘‘कर्मण्येवाधिकारस्ते, मा फलेषु कदाचन्’’।
जो भ्रष्टाचार न नैतिक है और न अनैतिक, उसे परानैतिक भ्रष्टाचार कहते हैं। जैसे घूस लेकर मुकदमें में सही फैसला कर देना, मरे हुए रिश्तेदारों की बदबूदार लाशों को सरकारी वाहनों से शमशान घाट तक ले जाना और सरकारी खजाने से तेल भरवाना। इसके अतिरिक्त जातिवाद, भाई- भतीजावाद, क्षेत्रवाद के उन्माद में किये गये समस्त कर्म भी इस परानैतिक भ्रष्टाचार की परिधि में आते हैं।
अन्तिम श्रेणी का भ्रष्टाचार अत्यन्त सुखकर और कई जन्मों तक समृद्वि प्रदान करने वाला है, जो समाज के अग्रणी और परम समर्थ लोगों को शोभा देता है। इसका सर्वसुलभ उदाहरण है- विदेशी बैंकों, विशेष रूप से स्विज बैंक में जमा करना, ताकि अचानक मृत्यु होने पर नरक में वह पैसा काम आये। इस नीयत से जो अन्य ज्ञात/अज्ञात दुस्साहसपूर्ण कार्य किए जाते हैं, उसे अध्यात्मिक भ्रष्टाचार कहते हैं।
यक्ष- कमीशन और चन्दे में क्या अन्तर है?
युधिष्ठिर- अधिकारी कमीशन से नियुक्त कमीशन और फैलता है होकर आता है, इसीलिए अधिकारी जब घूस लेता है तो कमीशन कहते हैं, और नेता चूंकि चुनकर आता है इसलिए जब नेता घूस लेता है तो उसे चन्दा कहते हैं।
यक्ष- वसुधैव कुटुम्बकम् क्या है?
युधिष्ठिर- विश्व बैंक से पोषित विभागों में पोस्टिंग कराकर अधिकारी द्वारा उदार दिल से कुटुम्बवत् जो सेवा की जाती है उसे वसुधैव कुटुम्बकम् कहते हैं। विभागों में अधिकारी कुटुम्ब का मुखिया होता है और कमीशन और फैलता है वह कुटुम्ब के प्रत्येक सदस्य से बन्दर बांट करके जब खाता है तो कुटुम्ब भी सुखी और वह भी सुखी रहता है। यही हमारी भारतीय संस्कृति है कि ऊपर से नीचे तक सब लोग मिलकर शान्तिपूर्वक खायें।
यक्ष- जवाहर ग्राम समृद्वि योजना व सम्पूर्ण रोजगार योजना क्या है?
युधिष्ठिर – यह भ्रष्टाचार का विकेन्द्रीकरण है। शासन के सामने कई दशक तक यह विवाद लम्बित रहा कि राष्ट्रीय हित में अधिकारी को खाने का अधिकार होना चाहिए या पंचायत प्रधानों को ही खाने का अधिकार दिया जाना उचित है। जब अधिकारी खाता है तो वह पैसा महानगरों में विनियोजित होता है क्योंकि वह राज प्रसाद बनवाता है तथा शराब, शवाब, तस्करी, विदेशी मुद्रा, शेयरों में पैसा लगता है। इस प्रकार अधिकारी के खाने से भ्रष्टाचार का गांव से शहर की ओर पलायन (माइग्रेशन) होता है। परिणाम स्वरूप शहरों में प्रदूषण फैलता है। दूसरी ओर जब प्रधान पकाता- खाता है तो वह उससे ट्रैक्टर खरीदता है, भैंस खरीदता है, गांव में ट्यूबवेल लगवाता है, खाद, बीज खरीदता है, गांव में घर बनवाता है। इस प्रकार अनजाने ही वह गांव का विकास करता है। यह विकास कार्य पंचायत प्रधान भले ही कमीशन के पैसे से करें, किन्तु उसका यह कर्म शासन की मंशा के अनुरूप ठहरता है, यही योजनाओं का उद्देश्य भी है जाहिर है कि पंचायत प्रधान का खाना विकास परक है, जबकि अधिकारी का खाना विनाश परक है।
पंचायत प्रधान के खाने से गांव का पैसा गांव में व जिले का पैसा जिले में रहता है और अधिकारी के खाने से जिले व गांव दोनो का पैसा दिल्ली, बम्बई, न्यूयार्क, स्विटजरलैण्ड, इग्लैण्ड चला जाता है।
सम्पूर्ण रोजगार योजना में, 50 प्रतिशत धनराशि ग्राम पंचायतों को 30 प्रतिशत धनराशि क्षेत्र पंचायतों का 20 प्रतिशत धनराशि जिला पंचायतों को आवंटित की जाती है। चूकि जनपद में ग्राम पंचायतों की संख्या सबसे अधिक होती है तथा उसके बाद क्षेत्र पंचायतों की संख्या कमीशन और फैलता है होती है तथा एक जिला पंचायत होती है। संख्या/जनसंख्या के आधार पर तीनों पंचायतों को खाने के लिए उसी क्रम व अनुपात में 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत की धनराशि की जाती है। यह कारनामा विश्व के दुर्लभ आर्थिक आरक्षण का भी अच्छा उदाहरण है।
यक्ष- भ्रष्टाचार का आकार क्या है?
युधिष्ठिर- यह नाना प्रकार हैं, किन्तु व्याप्ति इसका निश्चित धर्म है। जिस प्रकार तेजस्वी सूर्य समुद्र में, नदी में, तालाब में, बाल्टी के पानी में, सभी जगह दिखाई पड़ता है उसी प्रकार विकास के समस्त आकार प्रकार में भ्रष्टाचार दिखाई पड़ता है। यह आकाश की तरह अनन्त है। आकाश जिस तरह घड़े के भीतर घड़ाकार, गिलास के भीतर गिलासकार और लोटे के भीतर लोटाकार दिखाई पड़ता है उसी प्रकार विभाग व व्यक्ति के अनुरूप भ्रष्टाचार छोटे से छोटा व बड़े से बड़ा रूप धारण कर कमीशन और फैलता है लेता है।
यक्ष- युधिष्ठिर मैं तुमसे प्रसन्न हुआ। वर मांगो।
युधिष्ठिर- मुझे अगले जन्म में अधिकारी बना दिया जाय।
यक्ष- तथास्तु!
अधिकारी होने के समस्त गुण तुझमें विद्यमान हैं युधिष्ठिर। जुआ खेलने में तुम माहिर हो। कमीशन और फैलता है अपनी पत्नी तक को दांव में लगाने का तुझमें नैतिक साहस है। पत्नी का चीर हरण देख करके भी तुम्हारी मरी हुई आत्मा का सड़ा हुआ संयम व लालची विवेक पूर्ववत् स्थिर रहता है, लिप्सा से सनी हुई तुम्हारे धैर्य की सीमा कभी नहीं टूटती है। झूठ बोलने में भी दक्ष हो। शंख ध्वनि के राजनैतिक प्रदूषण में ‘‘अश्वत्थामा हतो हत:, नरो वा कुंजरो’’ जैसा झूठ बोलकर धूर्ततापूर्वक अपने गुरु द्रोणाचार्य का वध भी करा सकते हो। बहुरुपिया बनकर छद्मवेश में राजा विराट के यहां नौकरी भी कर सकते हो। बालू (माइन्स) से भी तेल निकालने में तुम दक्ष हो। तुम उपभोगवादी संस्कृति के पोषक हो। एक नारी को मिलकर सामूहिक भोग करने के तुम अनुयायी हो। चालाक भी हो। कंटकाकीर्ण जटिल समस्याओं के चक्रव्यूह में तुम कभी नहीं फंसते। अबोध अभिमन्यु को उस चक्रव्यूह में फंसाकर उसका वध करा देते हो। इस प्रकार संवेदनहीन होते हुए भी टैक्टफुल हो। अपने स्वार्थ, अपने निजी सुख, अपनी सुविधा, अपने पद के लिए तुम अपने भाई, गुरू, बन्धु-बान्धवों किसी को भी बलि का बकरा बना सकते हो। निकृष्ट होते हुए एवं सारे दुर्गुणों की खान होते हुए भी स्वार्थवश, भयवश अज्ञानतावश लोग तुम्हें ‘‘धर्मराज’’ कहते हैं। इसलिए तुम्हें तत्काल अधिकारी बनाने का आदेश पारित किया जाता है।
नोट- महाकाव्य महाभारत में ‘यक्ष-युधिष्ठिर संवाद’ नाम से एक पर्याप्त चर्चित प्रकरण है। यहां पर दिये गये व्यंग का मूल प्रकरण से कोई संबंध नहीं है। वर्तमान में सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर यह एक व्यंगात्मक चोट है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह व्यंग लेख फर्रुखाबाद जनपद में तैनात रहे और वर्तमान में प्रदेश में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत एक अधिकारी द्वारा उनकी तत्कालीन तैनाती के दौरान लिखा गया था। जवाहर ग्राम समृद्वि योजना व सम्पूर्ण रोजगार योजना उस समय की काफी चर्चित योजनायें थीं।
8th Pay Commission में कितनी होगी केंद्रीय कर्मियों की सैलरी? यहां जानिए पूरा गणित
8th Pay Commission: सांतवे वेतन आयोग के तहत डीए हाइक की खबरों के बीच 8th Pay Commission वेतन आयोग की भी चर्चा होने लगी है. यदि यह वेतनमान लागू हुआ तो कितनी हो जाएगी कर्मचारियों की सैलरी, आइए जानते हैं.
8th Pay Commission Latest News: अगर आप या आपके परिवार का कोई शख्स केंद्र सरकार का कर्मचारी है तो उनके लिए अच्छी खबर है. पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही है कि सरकारी महकमों में 8वें वेतन आयोग पर बात चल रही है. 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा उछाल आएगा. अभी लागू सांतवे वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (न्यूनतम वेतन की सीमा) 18,000 रुपये है.
फिटमेंट फैक्टर को रिवाइज करने की मांग
आपको बता दें सैलरी निर्धारण कमीशन और फैलता है में फिटमेंट फैक्टर का बड़ा रोल होता है. सरकारी कर्मचारियों की तरफ से पिछले काफी समय से फिटमेंट फैक्टर को रिवाइज करने की मांग हो रही है. फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन होती है और नया वेतन तय होता है. वेतन आयोग की रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर महत्वपूर्ण सिफारिश होती है. इसी आधार पर वेतन वृद्धि तय होती है.
18 हजार से बढ़कर 26,000 हो जाएगा न्यूनतम वेतन!
7th Pay Commission के अनुसार केंद्रीय कर्मियों का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.57 गुना रखा गया है. इसके आधार पर कर्मचारियों की सैलरी को रिवाइज किया गया. आंकड़ों पर नजर डालें तो 7वें वेतन आयोग में अब तक सबसे कम सैलरी हाइक मिला है. इसमें न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपये हो गई है. अब सरकारी महकमों में चर्चा हो रही है कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर यदि 3.68 गुना किया गया तो न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो सकता है.
वेतन आयोग और सैलरी हाइक
4th Pay Commission Fitment Factor
वेतन वृद्धि: 27.6%
न्यूनतम वेतनमान: 750 रुपये
5th Pay Commission Fitment Factor
वेतन वृद्धि: 31%
न्यूनतम वेतनमान: 2,550 रुपये
6th Pay Commission Fitment Factor
फिटमेंट फैक्टर: 1.86 गुना
वेतन वृद्धि: 54%
न्यूनतम वेतनमान: 7,000 रुपए
7th Pay Commission Fitment Factor
फिटमेंट फैक्टर: 2.57 गुना
वेतन वृद्धि: 14.29%
न्यूनतम वेतनमान: 18,000 रुपये
8th Pay Commission Fitment Factor
फिटमेंट फैक्टर:?
वेतन वृद्धि:?
न्यूनतम वेतनमान:?
8वें वेतन आयोग पर अलग-अलग राय
सांतवे वेतन आयोग के बाद आठवें वेतन आयोग को लेकर पहले मीडिया रिपोटर्स में दावा किया जा रहा था कि यह नहीं आएगा. लेकिन अब सहयोगी वेबसाइट जी बिजनेस के अनुसार 8th Pay Commission को लेकर अलग-अलग वर्गों की दो अलग सोच हैं. सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार अगले पे-कमिशन पर विचार नहीं करेगी. वहीं, जानकारों का कहना है कि ऐसा होना संभव नहीं है. यह एक सिस्टम बना है, उसे अचानक खत्म नहीं किया जा सकता. दूसरी बड़ी वजह यह है कि 8वें वेतन आयोग के आने में अभी वक्त है. 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में कोई भी राजनीतिक दल केंद्रीय कर्मचारियों को नाराज करने का रिस्क नहीं लेगा. इसलिए अगला वेतन आयोग आएगा और 1 जनवरी 2026 से इसे लागू माना जाएगा.
बेसिक सैलरी में 8000 रुपये का इजाफा संभव
पे-लेवल मैट्रिक्स 1 से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये से शुरू हो सकती है. इसके अनुसार ही पे-मैट्रिक्स लेवल-18 तक सैलरी में वृद्धि होगी. वेतन आयोग का पिछला ट्रेंड देखें तो हर 8-10 साल के बीच इसे लागू किया जाता है. अब 8th Pay Commission के 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की बात कही जा रही है.
Current Affairs – 23 May 2022 | Monkeypox और Smallpox में मुख्य अंतर
Current Affairs 23 May 2022 in Hindi for All Competitive Examination | UPSC CSE Daily Current Affairs in Hindi | Read Current News in Hindi in short | GKToday Current Affairs in Hindi.
Monkeypox मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरस संक्रमण है। यह पहली बार वर्ष 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। Monkeypox से संक्रमण का पहला मामला वर्ष 1970 में दर्ज किया गया था। मुख्य रूप से यह रोग मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है। Monkeypox एक दुर्लभ जूनोटिक बीमारी है, जो monkeypox वायरस के संक्रमण के कारण होती है। यह वायरस पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक की बीमारी पैदा करने वाले वायरस भी शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह रोग आमतौर पर बुखार, दाने और गाँठ के जरिए उभरता है। आमतौर पर इस रोग के लक्षण 2-4 सप्ताह तक दिखते है, जो धीरे-धीरे समाप्त होते चले जाते है। इस रोग के मामले गंभीर भी हो सकते है। यह रोग किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। Monkeypox चेचक की तुलना में कम संक्रामक है।
Monkeypox और Smallpox में मुख्य अंतर
मंकीपॉक्स, स्मॉलपॉक्स यानी चेचक से काफी समानता रखता है। जिस प्रकार के लक्षण स्मॉलपॉक में दिखाई देते है ठीक वैसे ही लक्षण मंकीपॉक्स में भी दिखाई देते है। जैसे की बुखार, सिरदर्द, दाने और फ्लू।
Monkeypox और Smallpox दोनों एक ही ग्रुप के वायरस ऑर्थोपॉक्स वायरस से संबंधित है। इन दोनो में बड़ी समानता है लेकिन कुछ मामलों में बिल्कुल भिन्न है। Monkeypox में Smallpox के सिम्पटम के अलावा एक मेजर लक्षण lymph nodes या glands का बढ़ जाना है।
लसिका ग्रंथियों में आई सूजन से ही इस बात का पता लगाया जा सकता है की किसी व्यक्ति को smallpox नहीं बल्कि MonkeyPox हुआ है। Smallpox की तुलना में MonkeyPox अधिक माइल्ड होता है।
Monkeypox वायरस इंसानों में बंदरों, गिलहरियों आदि से फैलता है। यह वायरस संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता है। यह मनुष्यों से मनुष्यों में भी फैलता है लेकिन आमतौर पर नहीं।
करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी – 23 मई 2022
1). मई 2022 में, एंथनी अल्बनीज किस देश के प्रधानमंत्री बने है ?
2). हाल ही में “द ग्रेट गामा” की 144वीं जयंती कब मनाई गई है ?
3). नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी ने विभिन्न मौसम संबंधी घटनाओं को स्वचालित रूप से मापने के लिए माउंट एवरेस्ट पर कितनी ऊंचाई पर “दुनिया का सबसे ऊंचा मौसम स्टेशन” स्थापित किया है ?
उत्तर – 8,830 मीटर
4). हाल ही में राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस कब मनाया गया है ?
5). प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस कब मनाया जाता है ?
6). हाल ही में चर्चा में रहा सिरपूरकर जांच कमीशन किससे संबंधित है ?
उत्तर – दिशा रेप एनकाउंटर केस
7). महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022 में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली 5वीं भारतीय महिला मुक्केबाज कौन बनीं है ?
उत्तर – निकहत जरीन
8). “एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल” किस मंत्रालय की योजना है ?
उत्तर – जनजातीय मामलों के मंत्रालय
9). भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारतीय मध्यस्थता परिषद की स्थापना के लिए आधार प्रदान करता है ?
उत्तर – अनुच्छेद 51
10). डीआरडीओ द्वारा स्वदेश में विकसित “नौसेना रोधी मिसाइल” किस प्रकार की मिसाइल है ?