क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है

इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.
Cryptocurrency- क्रिप्टोकरेंसी
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सिक्योर्ड है जो इसे जाली बनाये जाने या दो बार खर्च किया जाना लगभग असंभव बना देती है। कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलाॅजी-कंप्यूटरों के एक डिपेरेट नेटवर्क द्वारा लागू एक वितरित लेजर-पर आधारित विकेंद्रित नेटवर्क है। क्रिप्टोकरेंसी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे किसी केंद्रीय प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए जाते जो उन्हें सैद्धांतिक रूप से सरकारी हस्तक्षेप या हेरफेर से प्रतिरक्षा प्रदान करती है।
प्रमुख बातें
- क्रिप्टोकरेंसी एक नेटवर्क पर आधारित डिजिटल एसेट का एक रूप है जो कंप्यूटरों की एक बड़ी संख्या के बीच वितरित है। यह विकेंद्रित संरचना उन्हें सरकारी और केंद्रीय प्राधिकारियों के नियंत्रण के बाहर अस्तित्व बनाये रखने में सक्षम बनाती है।
-‘क्रिप्टोकरेंसी' शब्द इनक्रिप्शन टेक्नीक से लिया गया है जिसका उपयोग नेटवर्क की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- ब्लॉकचेन, जो ट्रांजेक्शनल डाटा की इंटीग्रिटी सुनिश्चित करने के लिए संगठनात्मक पद्धति है, कई क्रिप्टोकरेंसी के अनिवार्य घटक होते हैं।
- कई विशेषज्ञों का विश्वास है कि ब्लॉकचेन एवं संबंधित टेक्नोलॉजी वित्त् एवं कानून सहित कई उद्योगों को बाधित कर देगी।
- क्रिप्टोकरेंसी की कई कारणों से आलोचना की जाती है जिसमें अवैध गतिविधियों के लिए उनका उपयोग, एक्सचेंज दर अस्थिरता और उनमें अंतर्निहित अवसंरचना शामिल हैं।
RBI ने 4 शहरों में लॉन्च किया Digital Rupee, जानें कैसे खरीदें और इस्तेमाल करें इस डिजिटल करेंसी को
Digital Rupee
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 02 दिसंबर 2022,
- (Updated 02 दिसंबर 2022, 11:09 AM IST)
डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरंसी से है अलग
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 4 शहरों में डिजिटल रुपी पायलट लॉन्च किया है. डिजिटल करेंसी का उद्देश्य धीरे-धीरे पेपर मनी को खत्म करना है. यह क्रिप्टोक्यूरेंसी या ब्लॉकचेन तकनीक से नहीं जुड़ा है.
डिजिटल रुपया क्या है?
डिजिटल रुपया या डिजिटल मुद्रा वर्चुअल मनी है जो फिजिकल मनी के समान उद्देश्य को पूरा करेगा. डिजिटल रुपये और पेपर मनी का मूल्य समान है: 1 डिजिटल रुपया 1 रुपये नकद के बराबर है. क्रिप्टो एक अस्थिर बाजार है और बाजार के अनुसार इसके मूल्य क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है में उतार-चढ़ाव होता है. डिजिटल रुपये का मूल्य कभी नहीं बदलता है और कागजी मुद्रा और सिक्कों के समान मूल्यवर्ग होता है.
इन शहरों में लॉन्च हुआ डिजिटल रुपया
भारत के केंद्रीय क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है बैंक ने मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर सहित चार शहरों में डिजिटल रुपये का पायलट शुरू किया है. शुरुआती टेस्टिंग के लिए, RBI ने चार बैंकों - भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक के साथ भागीदारी की.
Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है
अभिषेक मिश्रा
- नई दिल्ली,
- 01 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)
RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.
डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.
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क्या है डिजिटल रुपया?
इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.
इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.
यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.
क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत की अधिकारिक मुद्रा
डिजिटल करेंसी
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 फरवरी 2022,
- (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)
भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी
2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते हैं.
क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।