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ऑडी कार में चालक से बचने की गुहार लगाने वाली युवती का यू-टर्न : कार चालक को बताया भाई
05-11-2022 : 09:32 pm ||
सवाल पूछने से झल्लाकर मीडियाकर्मी पर किया हमला
खुलासा यू-टर्न मॉडल फर्स्ट… इंदौर
कल तक ऑडी कार में सवार होकर यू-टर्न मॉडल जिस चालक के साथ युवती घूम रही थी। उसकी हरकतों से बचने के लिए चिल्लाकर मदद की गुहार लगा रही थी। आज उसी मॉडल युवती ने सोशल मीडिया पर वीडियो सार्वजनिक होने के बाद यू-टर्न ले लिया। युवती ने कार चालक को ना केवल अपना भाई बताया बल्कि मामले में सवाल पूछे जाने पर मीडियाकर्मी पर हमला कर दिया। खास बात यहां यू-टर्न मॉडल कि मामले में पुलिस ने भी पल्ला झाड़ते हुए मीडियाकर्मी से महज आवेदन ही लिया है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को एक पाठक ने एक वीडियो उपलब्ध कराया था, जिसमें तंग कपड़े पहनी और नशे में धूत ऑडी कार एमपी 09 डब्ल्यूसी 9336 में सवार यू-टर्न मॉडल एक युवती बचाओ-बचाओ छोड़ दो, छोड़ दो मुझे, कहते हुए मदद की पुकार लगा रही थी। इसे लेकर खुलासा फर्स्ट ने रईसजादे की गंदी हरकत, सुनसान जगह पर कार रोककर युवती को बंधक बनाने का किया प्रयास शीर्षक से प्रथम पृष्ठ पर खबर प्रकाशित की थी। खास बात यह कि खुलासा फर्स्ट ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के तहत कानूनी पक्ष को ध्यान में रखते हुए युवती की पहचान का खुलासा नहीं किया। वही जानकारी जुटाने पर कार स्कीम-51 संगम नगर निवासी मोहित अर्गल के नाम से रजिस्टर्ड होना पाई गई। मोहित से संपर्क करने पर उसने खुद को पाक साफ बताते हुए कार को करीब साल भर पहले ही ऑडी कंपनी को कार सेल करना बताई।
वैक्सीनेशन पर मोदी सरकार के ‘यू-टर्न’ का जश्न मन रहा, क्या कृषि कानूनों पर भी ऐसा कुछ होगा
राष्ट्र को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | फोटो: ट्विटर
पूरी दुनिया में शायद मोदी सरकार ही ऐसी है जो अपने पूर्व में लिए गए निर्णय को पलट कर भी जश्न मनाती है. यानि नरेंद्र मोदी एक यू-टर्न मॉडल ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके द्वारा लिया गया हर फैसला सही होता है. महत्वपूर्ण यह नहीं कि फैसले क्या हैं, बल्कि यह है कि फैसला ‘मोदी जी ‘ ने लिया है.
7 जून को शाम पांच बजे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ही पूर्व के फैसले को पलटते हुए राज्यों को फ्री वैक्सीन देने की घोषणा की. मालूम हो कि कांग्रेस समेत गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने काफी पहले से ही मुफ्त वैक्सीन देने की मांग की थी.
यू-टर्न नीति
इन सारी परिस्थितियों के मद्देनज़र मोदी सरकार टीका नीति पर यू टर्न मारती है.
लोगों को भले ही ऐसा लगे कि यह फैसला विपक्षी दलों तथा सुप्रीम कोर्ट यू-टर्न मॉडल के दबाव में लिया गया है लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा शमा बांधा है कि इस यू-टर्न नीति का भी जश्न ज़ोर शोर से मनाया जा रहा है. इस यू-टर्न नीति की घोषणा का प्रचार-प्रसार ऐसा किया जा रहा है कि मानो यह पीएम मोदी की कोई ‘क्रांतिकारी नीति’ हो.
और भला हो भी क्यों ना! यू-टर्न की नीति तो अपने आप में ‘क्रांतिकारी’ श्रेणी में आती ही है.
फेसबूक से लेकर ‘व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी’ तक चहूं ओर पीएम मोदी की मुफ्त वैक्सीन की घोषणा का ही स्वर सुनाई दे रहा है. इस जश्न के चकाचौंध में लोग यह भूल जाते हैं कि सरकारें जो कुछ भी देती हैं वो चीज़ फ्री नहीं बल्कि जनता के टैक्स का पैसा ही होता है. लोग यह भी नहीं पूछ रहे हैं कि इतनी ‘क्रांतिकारी नीति’ को पहले क्यों नहीं किया गया?
पहले भी लिए जा चुके हैं ‘यू-टर्न’
इसी तरह लॉकडाउन को लेकर भी मोदी सरकार के फैसले में ज़मीन आसमान का फर्क देखने को मिलता है. जहां पहला लॉकडाउन बिना किसी योजना के मनमाना और एक तरफा लिया गया निर्णय था वहीं कोविड की दूसरी लहर में मोदी ने लॉकडाउन का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ दिया.
हालांकि यह कोई पहली दफा नहीं हुआ है जब पीएम मोदी ने अपने फैसले को पलटकर जश्न का माहौल बना दिया.
चीन के साथ सीमा विवाद के समय बुलाए गए सर्वदलीय बैठक मे प्रधानमंत्री ने कहा– ‘न कोई हमारी सीमा में घुसा, न ही कोई पोस्ट किसी के कब्ज़े मे है’. लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद भारत और चीन के बातचीत मे डिसइनगेजमेंट यानि दोनों देशों की सेना की वापसी यू-टर्न मॉडल पर सहमति बनी. इसके बाद तमाम इलेक्ट्रॉनिक चैनल ने इसे भारत के विजय के रूप में दिखाना शुरू कर दिया. डिसइनगेजमेंट की इस प्रक्रिया का ऐसा जश्न मनाया गया मानो भारत ने ही चीन की सीमा का अतिक्रमण कर लिया था!
क्या कृषि कानूनों पर भी यू-टर्न लेंगे मोदी?
यू-टर्न के इस ट्रेंड को देखते हुए क्या किसान भी यह उम्मीद कर सकते हैं कि हालिया तीन कृषि कानून को किसी यू-टर्न मॉडल दिन मोदी निरस्त कर जश्न मनाएंगे?
क्या शिक्षक और विद्यार्थी भी यह उम्मीद करें कि किसी दिन मोदी सरकार शिक्षा के बाज़ारीकरण और निजीकरण के अपने फैसले यू-टर्न मॉडल यू-टर्न मॉडल को पलट देगी? क्या बैंक कर्मी भी यह उम्मीद कर सकते हैं कि बैंकों के निजीकरण के फैसले भी बदले जा सकते हैं?
क्या आम आदमी भी यह उम्मीद कर सकता है कि मोदी सरकार यू-टर्न मारते हुए महंगाई समेत अन्य ‘जनविरोधी’ नीतियों को पलट देगी?
(लेखक दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. व्यक्त विचार निजी हैं)