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लाभ और रोक

लाभ और रोक
अपीलकर्ता ने तर्क दिया कि राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 20 के अनुसार, यदि परिसर को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किराए पर दिया जाता है, तो मासिक लाभ की अधिकतम राशि मानक किराए का तीन गुना देय हो सकती है।

मनरेगा मजदूरों के लाभ पर लगी रोक हटाओ, लाभ और रोक वरना होंगे ताबड़तोड़ प्रदर्शन: सीटू

मनरेगा मजदूरों के लाभ पर लगी रोक हटाओ, वरना होंगे ताबड़तोड़ प्रदर्शन: सीटू

Update: Sunday, September 25, 2022 @ 5:45 PM

शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड (Himachal Pradesh State Workers Welfare Board) ने पंजीकृत मनरेगा मजदूरों को मिलने वाले लाभ स्वीकृत करने पर अघोषित तौर पर रोक लगा दी है। इसका सीटू से सबंधित मनरेगा व निर्माण मजदूर फेडरेशन ने कड़ा विरोध किया है। फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष जोगिंदर कुमार और महासचिव भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार और कल्याण बोर्ड का प्रबंधन (Himachal Government and Management of Welfare Board) मनरेगा मजदूरों के खिलाफ काम कर रहा है।

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ये दोनों निरंतर निर्माण व मनरेगा मजदूरों के खिलाफ फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में यूपीए-2 की सरकार ने मनरेगा में एक साल में 50 दिन काम करने वाले मनरेगा मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्डों में सदस्य बनने का अधिकार दिया था, लेकिन 2017 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने पंजीकरण के लिए दिनों की शर्त 50 से बढ़ाकर 90 दिन कर दी थी। अब मनरेगा मजदूरों को बोर्ड का सदस्य बनने पर ही रोक लगा दी है। इससे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के चार लाख मजदूर सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इसमें सबसे अधिक प्रभाव सीएम के गृह जिला मंडी (Mandi) में पड़ेगा, जहां पर अभी तक 80 हजार मजदूर बोर्ड से पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 52 हजार मनरेगा मजदूर हैं। राज्य अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्य जोगिंदर कुमार ने बताया कि 20 सितंबर को मंडी में श्रम व रोजगार मंत्री विक्रम सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड की मीटिंग हुई है।

MP news: पांच आईपीएस अधिकारियों को सिलेक्शन ग्रेड का लाभ देने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक, जल्द होगी अंतिम सुनवाई

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

प्रदेश कैडर के पांच आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने एक जनवरी 2008 से सिलेक्शन ग्रेड का लाभ दिए जाने के आदेश पारित किए थे। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में लाभ और रोक याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विषाल मिश्रा की युगलपीठ के आदेश पर स्थगन आदेश पारित किया है। साथ ही याचिका पर अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किए हैं।

मध्य प्रदेश कैडर 1995 के आईपीएस अधिकारी जयदीप प्रसाद, चंचल शेखर, मीनाक्षी शर्मा, योगेश देशमुख और वेंकटेश्वर राव की तरफ से कैट में याचिका की गई। इसमें कहा गया था कि 13 साल की सर्विस पूर्ण करने पर आईपीएस अधिकारी को सिलेक्शन ग्रेड दिया जाता है। उन्हें सेलेक्शन ग्रेड का लाभ 1 जनवरी 2010 में दिया लाभ और रोक गया, जबकि उन्हे यह लाभ 1 जनवरी 2008 से मिलना चाहिए था। इस संबंध में उन्होंने सरकार को अभ्यावेदन भी दिया था। सरकार ने काफी देरी से किसी भी कारण कर उल्लेख न करते हुए अभ्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पद रिक्त नहीं थे।

विस्तार

प्रदेश कैडर के पांच आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने एक जनवरी 2008 से सिलेक्शन ग्रेड का लाभ दिए जाने के आदेश पारित किए थे। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व लाभ और रोक जस्टिस विषाल मिश्रा की युगलपीठ के आदेश पर स्थगन आदेश पारित किया है। साथ ही याचिका पर अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किए हैं।

मध्य प्रदेश कैडर 1995 के आईपीएस अधिकारी जयदीप प्रसाद, चंचल शेखर, मीनाक्षी शर्मा, योगेश देशमुख और वेंकटेश्वर राव की तरफ से कैट में याचिका की गई। इसमें कहा गया था कि 13 साल की सर्विस पूर्ण करने पर आईपीएस अधिकारी को सिलेक्शन ग्रेड दिया जाता है। उन्हें सेलेक्शन ग्रेड का लाभ 1 जनवरी 2010 में दिया गया, जबकि उन्हे यह लाभ 1 जनवरी 2008 से मिलना चाहिए था। इस संबंध में उन्होंने सरकार को अभ्यावेदन भी दिया था। सरकार ने काफी देरी से किसी भी कारण कर उल्लेख न करते हुए अभ्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पद रिक्त नहीं थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अगर किरायेदार के बेदखली आदेश पर रोक लगाई जाती है तो मकान मालिक, किरायेदार से मध्यवर्ती लाभ का हकदार-

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सर्वोच्च न्यायलय Supreme Court ने दोहराया है कि एक बार बेदखली के लिए एक डिक्री पर रोक लगाने के बाद, अपीलीय अदालत के लिए यह आवश्यक है कि परिसर का कब्जा जारी रखने के लिए किरायेदार द्वारा मकान मालिक को भुगतान किए जाने वाले मध्यवर्ती मुनाफे को तय किया जाए।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने सर्वश्री मार्टिन एंड हैरिस प्राइवेट लिमिटेड बनाम राजेंद्र मेहता के मामले में कहा की “इस प्रकार, बेदखली का फरमान पारित करने के बाद किरायेदारी समाप्त हो जाती लाभ और रोक है और उक्त तिथि से मकान मालिक को परिसर के लाभ और रोक उपयोग से वंचित होने के मुआवजे या मध्यवर्ती लाभ का हकदार होता है।”

एपीडा प्रमुख ने कहा- गेहूं निर्यात पर रोक लगाकर किसानों की आय की रक्षा कर रही सरकार, लाभ देने की हो रही कोशिश

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लाभ और रोक सरकार ने 13 मई को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाले एपीडा के प्रमुख ने कहा है कि सरकार ने किसानों की आय की रक्षा करने के लिए गेहूं निर्यात (Wheat Export) पर रोक लगा दिया था. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश किसानों को अधिक से अधिक लाभ देने की रही है. इस बार किसानों ने बहुत अधिक मात्रा में गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक कीमत पर की है. उन्होंने कहा कि लाभ और रोक निर्यात पर प्रतिबंध घरेलू मांग को पूरा करने पर केंद्रित है.

मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए सरकारी बयान के मुताबिक, एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु ने कहा कि पिछले महीने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद भारत ने उन विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने गेहूं निर्यात के विकल्प खुले रखे हैं, जिन्होंने भारत से गेहूं से आयात का अनुरोध किया है. भारत से गेहूं आयात करने के लिए कई देशों के अनुरोधों पर सरकारी स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.

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