ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है

Option Contract Types | Option Contract Basics India 2022 F&O (Futures and Options) क्या होता है ? यह हमने पिछले पोस्ट में देखा है | Options Trading किस segment में कर सकते है ? Stock Option जो (F&O) में शामिल है Nifty 50 index , BankNifty Index Important Terms in Option Contract […]
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दोस्तों शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है . और शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग का ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है दायरा बहुत बड़ा है . और इसे संक्षिप्त में समझना आसान नहीं होगा, फिर भी हम कोशिश करेंगे की बहुत ही संक्षिप्त में हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में ज्यादा से ज्यादा बता सके .
ऑप्शन ट्रेडिंग की परिभाषा
ऑप्शन ट्रेडिंग में स्टॉक नहीं ट्रेड होता बल्कि उस स्टॉक का स्ट्राइक प्राइस ट्रेड होता है . जो कि कुछ fixed टेक्निकल प्वाइंट को आधार बनाकर उस स्ट्राइक प्राइस का भाव बना होता है.
और सभी उसे ट्रेड करते हैं उस स्टॉक के एक्चुअल भाव के ऊपरी तरफ जो strike price होते हैं उन्हें "कॉल ऑप्शन" कहते हैं . और स्टॉक के एक्चुअल भाव के नीचे की तरफ जो स्ट्राइक प्राइस होते हैं उन्हें "पुट ऑप्शन" कहते हैं.
options trading for beginners! ऑप्शन ट्रेडिंग नये लोगों के लिए
नमस्कार दोस्तों आज मैं आप लोगों को बताने वाला हूं ऑप्शन ट्रेडिंग है और इसके कितने प्रकार हैं और इसमें आप कमाई कैसे कर सकते हो ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देंगे आप यह पोस्ट पढ़ने के बाद दूसरी पोस्ट पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी
जितना अच्छा ऑप्शन ट्रेडिंग लगता है लेकिन आपको नहीं पता आप क्या कर रहे हो तो यहां रिस्की हो सकता है पर आपको पता है आप क्या कर रहे हो तो आप इसमें बहुत पैसा बनाने वाले हो ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत सारे लोगों को बहुत पसंद है तो आइए शुरू करते हैं
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? (What is Future Trading in Hindi?) –
फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading) एक पहले से निर्धारित समय पर एक निश्चित मूल्य पर किसी भी परिसंपत्ति (Assets ) को खरीदने या बेचने के लिए अनुबंध करना होता है। यदि कोई फ्यूचर कांट्रैक्ट खरीदता है तो इसका मतलब है कि वह किसी निश्चित समय पर उस वस्तु की कीमत पर भुगतान करने का वादा कर रहा है। यदि आप फ्यूचर कांट्रैक्ट को बेचते हैं तो खरीदार को किसी विशेष समय पर एक निश्चित कीमत पर परिसंपत्ति का हस्तांतरण करने का वादा करते हैं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आप X कंपनी के 100 शेयर को ₹100 प्रति शेयर की कीमत से फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (future contract) के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित करते हैं। कुछ समय बाद आपको पता चलता है कि फ्यूचर कांट्रैक्ट खत्म होने से पहले कंपनी X के शेयर के भाव ₹110 तक बढ़ गए हैं। लेकिन आपके लिए शेयर का भाव अब भी ₹100 प्रति शेयर रहेगा। फलस्वरुप आपको शेयर पर कुल ₹1000 का मुनाफा होगा। हालांकि शेयर के भाव गिर भी सकते हैं। यदि शेयर के भाव गिरकर ₹90 प्रति शेयर हो जाते हैं तो आपको 100 शेयर पर ₹1000 का नुकसान झेलना पड़ेगा। अतः हम कह सकते हैं कि फ्यूचर कांट्रैक्ट से एक क्रेता तभी मुनाफा कमा पाता है जब उसे इस बात की संभावना नजर आएगी शेयर के भाव ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है बढ़ने वाले हैं। शेयर की कीमत नीचे जाने पर विक्रेता को फायदा होता है।