प्रीमियम ब्रोकर्स

iv. IRDAI ने प्रस्ताव दिया है कि एक बीमाकर्ता इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीधे खरीदी गई पॉलिसियों के प्रीमियम पर छूट दे सकता है।
भारत की श्रेष्ठ बीमा ब्रोकिंग कम्पनी स्क़वायर इंस्योरेंस ब्रोकर्स का राँची में आगमन
राँची ( प्रीमियम ब्रोकर्स संस्कार सृजन) राँची में युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और यहाँ के उद्योगों , सरकारी उपक्रमों, होटल्स, स्कूल, यूनवर्सटीज़ व व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अच्छी बीमा सर्विस व अधिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु स्क्वेयर इंस्योरेंस राँची में 10 फरवरी को अपना ब्रांच ऑफ़िस आरम्भ कर रही है।
कम्पनी के एमडी राकेश कुमार ने मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन से मुलाक़ात कर बताया की अभी कम्पनी के दस राज्यों में 20,000 से ज़्यादा पीओएस हैं इसी तरह झारखंड में भी युवाओं को प्रशिक्षित कर उनको रोज़गार उपलब्ध कराए जाएँगे साथ ही राज्य में व्यापार बढ़ने से सरकार के रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी ।
कम्पनी के एडवाईजरी बोर्ड के अध्यक्ष और युवाओं के स्किल डेवलोपमेंट में सिध्दहस्त राजस्थान एम्प्लॉयर्स एसो. के अध्यक्ष एन. के. जैन ने बताया कि हमें लाइफ़ और नोन लाइफ़ इंस्योरेंस में IRDA से लाईसेंस प्राप्त है और अपने उपभोक्ताओं को श्रेष्ठ सर्विस देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है | SIPL के सलाहकार मंडल के सदस्य बब्बन सिंह ने मीडिया से रुबरु होते हुए बताया झारखंड के युवाओं को रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने भी एक मुलाक़ात में कम्पनी के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं |
लाइफ इंश्योरेंस पर लोन लेने के फायदे
प्रोबस इंश्योरेंस ब्रोकर्स के डायरेक्टर राकेश गोयल ने बताया कि इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लेने के कुछ फायदे हैं। इनमें ब्याज दर कम होती है और लोन भी आसानी से मिल जाता है।
इंश्योरेंस पॉलिसी पर अधिकतम लोन मिलना इंश्योरेंस कंपनियों के अपने नियमों पर निर्भर करता है। अमूमन पॉलिसीधारक को पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू के 80-90 फीसदी के बराबर लोन मिल सकता है। सरेंडर वैल्यू पॉलिसी की वह वैल्यू है जो आपके स्वेच्छा से पॉलिसी बंद कराने पर आपको मिलती है। गोयल ने कहा, 'अगर आपके पास 50 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर है और उसकी सरेंडर वैल्यू 20 लाख रुपये है, तो इस पर 18-19 लाख रुपये तक लोन मिल सकता है।'
कम ब्याज दर पर लोन
इंश्योरेंस पॉलिसी पर लिए जा रहे लोन पर बीमा कंपनियों की ब्याज दर पर्सनल लोन की दरों के मुकाबले कम होती है। पॉलिसी बाजारडॉटकॉम में टर्म लाइफ इंश्योरेंस के हेड अक्षय वैद्य ने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन की ब्याज दर चुकाए गए प्रीमियम और इनकी संख्या पर निर्भर करती है। प्रीमियम का भुगतान जितना ज्यादा हो चुका है, ब्याज दर उतनी ही कम होगी।
ये लोन सिक्यॉर्ड होते हैं और स्क्रूटनी की सीमित जरूरत पड़ती है। अन्य मामलों में अक्सर कर्जदाता क्रेडिट स्कोर देखता है। इस स्कोर के आधार पर ब्याज की दरें तय की जाती हैं। डिफॉल्ट की स्थिति में लोन के रीपेमेंट के लिए सिक्यॉरिटी के तौर पर इंश्योरेंस पॉलिसी को गिरवी रखा जाता है। इसलिए आपको कम ब्याज दरों पर लोन मिलता है।
इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लेने के क्या हैं नुकसान?
प्रोबस इंश्योरेंस ब्रोकर्स के डायरेक्टर राकेश गोयल ने बताया कि इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लेने के कुछ नुक्सान भी हैं। कंपनी केवल सरेंडर वैल्यू मंजूर करती है। इसलिए आसान नहीं। कई सारी परेशानियां एवं नियम हैं।
माना जाता है कि पॉलिसी की बीमित राशि पर इस तरह का लोन मिलता है। हालांकि, यह सच नहीं है। आपका लोन केवल पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू पर मंजूर होता है। चूंकि अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक को कैश वैल्यू/सरेंडर वैल्यू जुटाने में काफी साल लगते हैं। लिहाजा, पॉलिसी के शुरुआती सालों में प्लान पर लोन सीमित होता है।
माईलोनकेयर के संस्थापक और सीईओ गौरव गुप्ता ने कहा, 'सबसे पहले आपको अपनी बीमा कंपनी से यह पूछना चाहिए कि आपकी पॉलिसी लोन के लिए पात्र है या नहीं। वैसे तो सरेंडर वैल्यू के करीब 85-90 फीसदी तक अधिकतम लोन मिलता है लेकिन, पॉलिसी के तहत ठीकठाक सरेंडर वैल्यू जुटाने में कई साल लगते हैं। लिहाजा, लोन की रकम कम हो सकती है।'
हर तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन नहीं
लोन केवल ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर मिलता है। टर्म प्लान पर यह नहीं मिलता है। ट्रेडिशनल प्लान में एंडोमेंट पॉलिसी, मनी-बैक प्लान, होल लाइफ प्लान आदि शामिल हैं। इनमें रिटर्न की गारंटी होती है। हालांकि, कई बीमा कंपनियां यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान पर भी लोन देती हैं। पॉलिसी खरीदते ही आप इस पर लोन लेने के हकदार नहीं बन जाते हैं। इसमें करीब तीन साल प्रीमियम ब्रोकर्स का वेटिंग पीरियड होता है।
लोन के रीपेमेंट में डिफॉल्ट या भविष्य के प्रीमियम का भुगतान करने में चूक की स्थिति में इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स हो जाएगी। पॉलिसीधारक को पॉलिसी पर लिए गए लोन पर ब्याज के अलावा प्रीमियम का भी भुगतान करना होगा। बीमा कंपनी पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू से मूल और बकाया ब्याज की रकम वसूलने का अधिकार रखती है।
प्रीमियम ब्रोकर्स
IRDAI ने ‘बीमा सुगम’ पोर्टल को मंजूरी दी; सामान्य बीमा कंपनियों को अधिक लचीलापन प्रदान
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एक ऑनलाइन बाज़ार, बीमा सुगम के शुभारंभ को मंजूरी दी, जो 1 जनवरी, 2023 से एक ही मंच पर जीवन और गैर-जीवन बीमा बेचने वाली सभी कंपनियों को रखेगी।
बीमा सुगम पोर्टल के बारे में:
i .यह सभी बीमा जरूरतों और बीमा पॉलिसियों को खरीदने, सुवाह्यता सुविधाओं, बीमा एजेंटों के परिवर्तन और दावों के निपटान जैसी प्रीमियम ब्रोकर्स सेवाओं के लिए एक व्यापक पोर्टल होगा।
ii. यह पॉलिसीधारकों को एक ई-बीमा खाते (E-IA) के साथ ये सभी सुविधाएं प्रदान करेगा जिसमें वे अपनी नीतियों को देख प्रीमियम ब्रोकर्स सकते हैं और दावा दायर कर सकते हैं।
प्रीमियम ब्रोकर्स
IRDAI ने ‘बीमा सुगम’ पोर्टल को मंजूरी दी; सामान्य बीमा कंपनियों को अधिक लचीलापन प्रदान
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एक ऑनलाइन बाज़ार, बीमा सुगम के शुभारंभ को मंजूरी दी, जो 1 जनवरी, 2023 से एक ही मंच पर जीवन और गैर-जीवन बीमा बेचने वाली सभी कंपनियों को रखेगी।
बीमा सुगम पोर्टल के बारे में:
i .यह सभी बीमा जरूरतों और बीमा पॉलिसियों को खरीदने, सुवाह्यता सुविधाओं, बीमा एजेंटों के परिवर्तन और दावों के निपटान जैसी सेवाओं के लिए एक व्यापक पोर्टल होगा।
ii. यह पॉलिसीधारकों को एक ई-बीमा खाते (E-IA) के साथ ये सभी सुविधाएं प्रदान करेगा जिसमें वे अपनी नीतियों को देख सकते हैं और दावा दायर कर सकते हैं।
किसानों एवं पशुपालकों के लिए नवीन पशुधन बीमा योजना
कृषि कार्यों एवं दुग्ध उत्पादन में पशुओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसानों एवं पशुपालकों के पशुओं की दुर्घटनाएं बीमारी या अन्य कारणों से आकस्मिक मृत्यु होने पर उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
बालाघाट। कृषि कार्यों एवं दुग्ध उत्पादन में पशुओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसानों एवं पशुपालकों के पशुओं की दुर्घटनाएं बीमारी या अन्य कारणों से आकस्मिक मृत्यु होने पर उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसी तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए शासन द्वारा किसानों एवं पशुपालकों को उनके पशुओं के बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाए डॉ. पीके अतुलकर ने बताया कि बालाघाट जिले में राष्ट्रीय प्रीमियम ब्रोकर्स पशुधन मिशन अंतर्गत नवीन पशुधन बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना में पशुपालकों को पशु की मृत्यु होने पर हुई आर्थिक हानि में राहत मिलती है। भारत सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत पशुधन बीमा योजना जिले में अक्टूबर 2020 से लागू की गई है। योजना का क्रियान्वयन दि ओरियण्टल इश्योरेश कंपनी नई दिल्ली जो हिन्दुस्तान इंश्योरेश ब्रोकर्स लिमिटेड के माध्यम से सेवाए उपलब्ध कराएगी। डॉ. अतुलकर ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत समस्त पशुधन देशी एवं संकर दुधारू पशु, भारवाही पशु, जैसे घोड़ा, गधा, खच्चर, ऊंट, टटटू, सांड भैंस, पाठा अन्य पशु जैसे भेड़, बकरी, सूकर, खरगोश आदि शामिल किए गए है। योजना के अंतर्गत प्रति परिवार एक हितग्राही के अधिकतम पांच पशुओं का बीमा प्रीमियम अनुदान पर बीमा किया जा सकता है। परंतु इसमें भेड़, बकरी, सूअर, खरगोश के लिए 10 पशु संख्या को एक केटल इकाई माना गया है। इस प्रकार से भेड़, बकरी, सूअर, खरगोश के लिए बीमा प्रीमियम अनुदान पर प्रति परिवार एक हितग्राही के अधिकतम पांच केटल यूनिट तक बीमा किया जाना है। परिवार की परिभाषा मनरेगा ग्यारंटी अधिनियम 2005 के अनुसार रहेगी। पशुओं का बीमा एक वर्ष या तीन वर्ष के लिए किया जाना है। एक वर्ष के लिए बीमा प्रीमियम दर 2.92 प्रतिशत तथा तीन वर्ष के लिए 7.34 प्रतिशत निर्धारित की गई है। बीमा प्रीमियम पर एपीएल के लिए शासन से अनुदान 50 प्रतिशत, 50 प्रतिशत हितग्राही अंशदान एवं बीपीएल अजा अजजा के लिए शासन से अनुदान 70 प्रतिशत, 30 प्रतिशत हितग्राही अंशदान निर्धारित किया गया है।